राजस्थान पुलिस में उर्दू-फारसी के इस्तेमाल को लेकर होने वाला है बड़ा फैसला? मंत्री ने DGP को दिए ये निर्देश

राजस्थान पुलिस में उर्दू-फारसी के इस्तेमाल को लेकर होने वाला है बड़ा फैसला? मंत्री ने DGP को दिए ये निर्देश

<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Police:</strong> राजस्थान में पुलिस महकमे में होने वाले कामकाज में उर्दू और फारसी भाषा के शब्दों के इस्तेमाल पर अब पाबंदी लगेगी. राज्य में अब सिर्फ हिंदी भाषा के शब्दों का ही इस्तेमाल किया जाएगा. सूबे के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने पत्र जारी किया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>राजस्थान के डीजीपी रवि प्रकाश मेहरड़ा को भेजे गए पत्र में इस बारे में प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है. पत्र में कहा गया है कि उर्दू और फारसी भाषा का प्रयोग मुगलों के राज में किया जाता था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’उर्दू और फारसी भाषा की पढ़ाई नहीं करते'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मुगलों के वक्त में उर्दू और फारसी भाषा के इस्तेमाल को जरूरी किया गया था. उस वक्त ज्यादातर लोग उर्दू और फारसी भाषा का ज्ञान रखते थे, लेकिन मौजूदा वक्त में ज्यादातर पुलिसकर्मी उर्दू और फारसी भाषा की पढ़ाई नहीं करते हैं और ना ही उन्हें इसकी समझ होती है. ऐसे में कई बार अर्थ का अनर्थ हो जाता है. इसके चलते विभाग से लेकर आम नागरिकों तक को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, वहीं दूसरी तरफ हर कोई हिंदी भाषा को समझता और पढ़ता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पत्र में कहा गया है कि ऐसे में अब पुलिस विभाग के सभी कामकाज में उर्दू और फारसी भाषा का इस्तेमाल बंद होना चाहिए और कामकाज हिंदी में ही होने चाहिए. अगर इस पर अमल होता है तो पुलिस महकमे में कार्यवाहियों, लेटर्स, फाइल्स, कार्यालय फॉर्म, सूचना पट्ट व अन्य व्यावहारिक कामों में उर्दू और फारसी के इस्तेमाल पर पाबंदी लगेगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सभी भाषाओं का सम्मान है'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने राज्य के डीजीपी से इस बारे में जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार करने को कहा है. उनका कहना है कि तैयार किए गए प्रस्ताव के आधार पर अंतिम तौर पर फैसला लिया जाएगा. हालांकि पत्र में यह भी कहा गया है कि सभी भाषाओं का सम्मान है और यह फैसला सिर्फ व्यावहारिक दिक्कतों के चलते लिया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम का यह लेटर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इसे लेकर लोग तरह तरह के कमेंट्स कर रहे हैं. कुछ लोग इस पहल को पूरी तरह सही बता रहे हैं और समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए पब्लिसिटी स्टंट के तौर पर यह शिगूफा छोड़ा गया है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Police:</strong> राजस्थान में पुलिस महकमे में होने वाले कामकाज में उर्दू और फारसी भाषा के शब्दों के इस्तेमाल पर अब पाबंदी लगेगी. राज्य में अब सिर्फ हिंदी भाषा के शब्दों का ही इस्तेमाल किया जाएगा. सूबे के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने पत्र जारी किया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>राजस्थान के डीजीपी रवि प्रकाश मेहरड़ा को भेजे गए पत्र में इस बारे में प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है. पत्र में कहा गया है कि उर्दू और फारसी भाषा का प्रयोग मुगलों के राज में किया जाता था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’उर्दू और फारसी भाषा की पढ़ाई नहीं करते'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मुगलों के वक्त में उर्दू और फारसी भाषा के इस्तेमाल को जरूरी किया गया था. उस वक्त ज्यादातर लोग उर्दू और फारसी भाषा का ज्ञान रखते थे, लेकिन मौजूदा वक्त में ज्यादातर पुलिसकर्मी उर्दू और फारसी भाषा की पढ़ाई नहीं करते हैं और ना ही उन्हें इसकी समझ होती है. ऐसे में कई बार अर्थ का अनर्थ हो जाता है. इसके चलते विभाग से लेकर आम नागरिकों तक को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, वहीं दूसरी तरफ हर कोई हिंदी भाषा को समझता और पढ़ता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पत्र में कहा गया है कि ऐसे में अब पुलिस विभाग के सभी कामकाज में उर्दू और फारसी भाषा का इस्तेमाल बंद होना चाहिए और कामकाज हिंदी में ही होने चाहिए. अगर इस पर अमल होता है तो पुलिस महकमे में कार्यवाहियों, लेटर्स, फाइल्स, कार्यालय फॉर्म, सूचना पट्ट व अन्य व्यावहारिक कामों में उर्दू और फारसी के इस्तेमाल पर पाबंदी लगेगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सभी भाषाओं का सम्मान है'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने राज्य के डीजीपी से इस बारे में जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार करने को कहा है. उनका कहना है कि तैयार किए गए प्रस्ताव के आधार पर अंतिम तौर पर फैसला लिया जाएगा. हालांकि पत्र में यह भी कहा गया है कि सभी भाषाओं का सम्मान है और यह फैसला सिर्फ व्यावहारिक दिक्कतों के चलते लिया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम का यह लेटर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इसे लेकर लोग तरह तरह के कमेंट्स कर रहे हैं. कुछ लोग इस पहल को पूरी तरह सही बता रहे हैं और समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए पब्लिसिटी स्टंट के तौर पर यह शिगूफा छोड़ा गया है.</p>  राजस्थान Kedarnath Helicopter Crash: तीन साल में दो बार इस कंपनी का हेलीकॉप्टर क्रैश, केदारनाथ हादसे में सरकार ने लिया बड़ा एक्शन