राजस्व केस निस्तारण में लखनऊ अव्वल:जौनपुर दूसरे और प्रयागराज तीसरे स्थान पर

राजस्व केस निस्तारण में लखनऊ अव्वल:जौनपुर दूसरे और प्रयागराज तीसरे स्थान पर

राजस्व मामलों के त्वरित निस्तारण में लखनऊ प्रदेश में अव्वल रहा है। वहीं जौनपुर दूसरे और प्रयागराज तीसरे स्थान पर रहा है। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से की गई समीक्षा में यह सामने आया है। राजस्व परिषद की आरसीसीएमएस की मई की रिपोर्ट के अनुसार मई में पूरे प्रदेश में कुल 3,20,719 राजस्व मामलों में सबसे अधिक राजधानी लखनऊ में 15,137 मामले निस्तारित किये गये, जो पूरे प्रदेश में सबसे अधिक है। इसके बाद जौनपुर कुल 9,945 मामलों को निस्तारित कर पूरे प्रदेश में दूसरे, प्रयागराज 9,525 मामलों को निस्तारित कर तीसरे स्थान पर है। जौनपुर डीएम डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार राजस्व मामलों को निस्तारित किया जा रहा है। बोर्ड ऑफ रेवन्यू की मई माह की राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) की रिपोर्ट के अनुसार जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के निर्धारित मानक निस्तारण से अधिक मामलों का निस्तारण किया है। जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के प्रति माह निस्तारण के मानक 250 के सापेक्ष 563 मामलों का निस्तारण किया है। इसका प्रतिशत 225.20 है। जनपदीय न्यायालय में राजस्व मामलों के निस्तारण में प्रदेश में जौनपुर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है जबकि 549 मामलों को निस्तारण कर दूसरे स्थान पर सुल्तानपुर और 262 मामले निस्तारित कर तीसरे स्थान पर गाजीपुर है। इसी तरह मई में अयोध्या के जिलाधिकारी न्यायालय ने निर्धारित 30 मामलों के मानक के मुकाबले 69 मामलों का निस्तारण कर 230 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की, जो की प्रदेश भर में सबसे अधिक है और अयोध्या प्रदेश भर में पहले स्थान पर है। वहीं जौनपुर के जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा 66 मामले निस्तारित किए गए। वहीं मऊ के जिलाधिकारी न्यायालय ने 65 मामले निस्तारित किए गए। इसी तरह जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा निस्तारित किये गये मामलों में क्रमश: जौनपुर दूसरे और मऊ तीसरे स्थान पर है। भू राजस्व संबंधित मामलों के निस्तारण में भी जौनपुर अव्वल इसी प्रकार अपर जिलाधिकारी भू राजस्व जौनपुर निर्धारित मानक 50 के सापेक्ष कुल 208 वादों का निस्तारण कर प्रदेश में प्रथम स्थान पर हैं। वहीं अपर जिलाधिकारी भू एवं राजस्व गाजीपुर कुल 61 वादों का निस्तारण कर दूसरे स्थान पर हैं तथा अपर जिलाधिकारी भू एवं राजस्व मीरजापुर कुल 24 वादों का निस्तारण कर तीसरे स्थान पर हैं। इसके साथ ही अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने 50 के मानक के मुकाबले 146 मामलों का निस्तारण कर 292 प्रतिशत हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया है जबकि 138 मामले निस्तारित कर बाराबंकी दूसरे और 114 मामले निस्तारित कर तीसरे स्थान पर है। इसके अलावा अतिरिक्त उपजिलाधिकारी प्रथम जौनपुर अपने मानक 60 के सापेक्ष कुल 80 राजस्व वादों निस्तारण कर सूची में 37वें स्थान पर है, जबकि अतिरिक्त उपजिलाधिकारी द्वितीय जौनपुर अपने मानक 60 के सापेक्ष कुल 63 राजस्व वादों का निस्तारण कर सूची में 37वें स्थान राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त समीक्षा का असर साफ नजर आ रहा है। सीएम योगी खुद हर माह जिलावार मामलों की समीक्षा भी करते रहते हैं। राजस्व मामलों के त्वरित निस्तारण में लखनऊ प्रदेश में अव्वल रहा है। वहीं जौनपुर दूसरे और प्रयागराज तीसरे स्थान पर रहा है। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से की गई समीक्षा में यह सामने आया है। राजस्व परिषद की आरसीसीएमएस की मई की रिपोर्ट के अनुसार मई में पूरे प्रदेश में कुल 3,20,719 राजस्व मामलों में सबसे अधिक राजधानी लखनऊ में 15,137 मामले निस्तारित किये गये, जो पूरे प्रदेश में सबसे अधिक है। इसके बाद जौनपुर कुल 9,945 मामलों को निस्तारित कर पूरे प्रदेश में दूसरे, प्रयागराज 9,525 मामलों को निस्तारित कर तीसरे स्थान पर है। जौनपुर डीएम डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार राजस्व मामलों को निस्तारित किया जा रहा है। बोर्ड ऑफ रेवन्यू की मई माह की राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) की रिपोर्ट के अनुसार जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के निर्धारित मानक निस्तारण से अधिक मामलों का निस्तारण किया है। जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के प्रति माह निस्तारण के मानक 250 के सापेक्ष 563 मामलों का निस्तारण किया है। इसका प्रतिशत 225.20 है। जनपदीय न्यायालय में राजस्व मामलों के निस्तारण में प्रदेश में जौनपुर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है जबकि 549 मामलों को निस्तारण कर दूसरे स्थान पर सुल्तानपुर और 262 मामले निस्तारित कर तीसरे स्थान पर गाजीपुर है। इसी तरह मई में अयोध्या के जिलाधिकारी न्यायालय ने निर्धारित 30 मामलों के मानक के मुकाबले 69 मामलों का निस्तारण कर 230 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की, जो की प्रदेश भर में सबसे अधिक है और अयोध्या प्रदेश भर में पहले स्थान पर है। वहीं जौनपुर के जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा 66 मामले निस्तारित किए गए। वहीं मऊ के जिलाधिकारी न्यायालय ने 65 मामले निस्तारित किए गए। इसी तरह जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा निस्तारित किये गये मामलों में क्रमश: जौनपुर दूसरे और मऊ तीसरे स्थान पर है। भू राजस्व संबंधित मामलों के निस्तारण में भी जौनपुर अव्वल इसी प्रकार अपर जिलाधिकारी भू राजस्व जौनपुर निर्धारित मानक 50 के सापेक्ष कुल 208 वादों का निस्तारण कर प्रदेश में प्रथम स्थान पर हैं। वहीं अपर जिलाधिकारी भू एवं राजस्व गाजीपुर कुल 61 वादों का निस्तारण कर दूसरे स्थान पर हैं तथा अपर जिलाधिकारी भू एवं राजस्व मीरजापुर कुल 24 वादों का निस्तारण कर तीसरे स्थान पर हैं। इसके साथ ही अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने 50 के मानक के मुकाबले 146 मामलों का निस्तारण कर 292 प्रतिशत हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया है जबकि 138 मामले निस्तारित कर बाराबंकी दूसरे और 114 मामले निस्तारित कर तीसरे स्थान पर है। इसके अलावा अतिरिक्त उपजिलाधिकारी प्रथम जौनपुर अपने मानक 60 के सापेक्ष कुल 80 राजस्व वादों निस्तारण कर सूची में 37वें स्थान पर है, जबकि अतिरिक्त उपजिलाधिकारी द्वितीय जौनपुर अपने मानक 60 के सापेक्ष कुल 63 राजस्व वादों का निस्तारण कर सूची में 37वें स्थान राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त समीक्षा का असर साफ नजर आ रहा है। सीएम योगी खुद हर माह जिलावार मामलों की समीक्षा भी करते रहते हैं।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर