रानियां में आचार संहिता लागू होने के बाद नगर पालिका ने शहर से पॉलिटिकल पोस्टर हटाने में लग गए है। पालिका ने होर्डिंग को हटाने के लिए टीम का गठन किया। नगर पालिका के कार्यवाहक सचिव गिरधारी लाल ने तुरंत प्रभाव से आदेश जारी करते हुए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के होर्डिंग उतारने के लिए टीम को भेजी । टीम के इंचार्ज मेजर सिंह ने बताया कि नगर पालिका की स्ट्रीट लाइट और बिजली के पोलो पर काफी होर्डिंग लगे हुए हैं, जिन्हें उतार कर नगर पालिका कब्जे में ले रही हैं। नगर पालिका प्रशासन की ओर से जारी किए गए आदेशों के अनुसार विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के होर्डिंग बैनर, पम्पलेट और झंडे लगाने पर पाबंदी रहेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार निर्धारित की गई जगह पर अनुमति लेकर होर्डिंग लगाए जाने की अनुमति दी जाएगी । रानियां में आचार संहिता लागू होने के बाद नगर पालिका ने शहर से पॉलिटिकल पोस्टर हटाने में लग गए है। पालिका ने होर्डिंग को हटाने के लिए टीम का गठन किया। नगर पालिका के कार्यवाहक सचिव गिरधारी लाल ने तुरंत प्रभाव से आदेश जारी करते हुए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के होर्डिंग उतारने के लिए टीम को भेजी । टीम के इंचार्ज मेजर सिंह ने बताया कि नगर पालिका की स्ट्रीट लाइट और बिजली के पोलो पर काफी होर्डिंग लगे हुए हैं, जिन्हें उतार कर नगर पालिका कब्जे में ले रही हैं। नगर पालिका प्रशासन की ओर से जारी किए गए आदेशों के अनुसार विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के होर्डिंग बैनर, पम्पलेट और झंडे लगाने पर पाबंदी रहेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार निर्धारित की गई जगह पर अनुमति लेकर होर्डिंग लगाए जाने की अनुमति दी जाएगी । हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में अर्धनग्न अवस्था में मिला युवक का शव:शव पर मिले चोट के निशान, परिजनों ने दोस्तों पर लगाया हत्या का आरोप
करनाल में अर्धनग्न अवस्था में मिला युवक का शव:शव पर मिले चोट के निशान, परिजनों ने दोस्तों पर लगाया हत्या का आरोप हरियाणा के करनाल के मोहरी जागीर गांव में एक युवक का शव अर्धनग्न हालत में मिला है। शव निगदू रोड के पास धान के खेतों में मिला, जिसके बाद गांव में सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान सुनील कुमार के रूप में हुई है, जो दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। घटना के बाद से परिवार में मातम का माहौल है और परिजनों ने गांव के ही उसके दोस्तों पर हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। शव की हालत और हत्या की आशंका पत्नी पूजा का आरोप है कि सुनील की बेरहमी से हत्या की गई है। शव की हालत देखकर लग रहा है कि उसे अनगिनत डंडों से पीटा गया और धारदार हथियार का भी इस्तेमाल किया गया। मृतक की पत्नी ने बताया कि सुनील शाम 6 बजे घर से निकलकर अपने दोस्त के साथ गया था। वह अपना फोन भी घर पर ही छोड़ गया था और जाते समय उसने सिर्फ इतना कहा था कि दाल-चावल बना लो, मैं आकर खा लूंगा। लेकिन वह वापस नहीं लौटा। परिवार के आरोप और पुलिस कार्रवाई सुनील के भाई राम निवास का आरोप है कि उसके भाई की हत्या कुछ लोगों ने की है, जिनसे उसकी पहले दोस्ती थी, लेकिन बाद में किसी बात पर उनका विवाद हो गया। पुलिस ने मामले में एक युवक को हिरासत में भी लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। तीन बच्चों के सिर से उठा पिता का साया मृतक सुनील कुमार के परिवार में उनकी पत्नी और तीन बच्चे हैं। दो बेटियां और एक बेटा, जिसमें से बेटा बीमार रहता है। सुनील दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। अब उसकी मौत के बाद परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहा है। पुलिस जांच में जुटी निगदू थाना के SHO रमेश कुमार ने बताया कि प्राथमिक दृष्टि से मामला हत्या का प्रतीत हो रहा है। परिजनों के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा और दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाएगा।
करनाल के सीईवी में पहुंचा जापान का डेलीगेशन:जापान और भारत का जीका प्रोजेक्ट हुआ एमओयू साइन, दो चरणों में लागू होगा
करनाल के सीईवी में पहुंचा जापान का डेलीगेशन:जापान और भारत का जीका प्रोजेक्ट हुआ एमओयू साइन, दो चरणों में लागू होगा जापान की फूड एंड एग्रीकल्चर की फर्स्ट सैक्रेटरी मिस ओटा मासामी ने आज घरौंडा के इंडो-इजराइल प्रोजेक्ट सब्जी उत्कृष्टता केंद्र का दौरा किया। जहां उन्होंने केंद्र के कार्यों, बागवानी विभाग की गतिविधियों और कृषि क्षेत्र में जापान-भारत सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की। इस दौरान बागवानी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बिल्लु यादव ने उन्हें सिंचाई प्रणालियों और ऑर्गेनिक फार्मिंग के बारे में जानकारी दी। मिस ओटा ने जापान और हरियाणा के बीच कृषि सहयोग को और बढ़ाने की बात की और जीका प्रोजेक्ट के तहत भविष्य में और परियोजनाओं पर काम करने की संभावना जताई। इसके साथ ही जीका प्रोजेक्ट के तहत 2,700 करोड़ रुपए के आर्थिक समर्थन से किसानों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और फसल उत्पादन में नुकसान कम करने की योजना बनाई गई है। जो दो चरणों में लागू होगा। सेंटर में प्रयोग हो रही आधुनिक तकनीक पर चर्चा CEV में बागवानी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बिल्लु यादव ने जापानी डेलीगेशन को सेंटर के स्ट्रक्चर, पोली हाउस में उगाई जा रही बेमौसमी सब्जियों, सिंचाई प्रणालियों और ऑर्गेनिक फार्मिंग से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे सेंटर इजराइल के साथ मिलकर नई तकनीकों का उपयोग कर रहा है। जो भारत के किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती हैं। हरियाणा और जापान के बीच बढ़ते सहयोग के संकेत मीडिया से बातचीत में मिस ओटा मासामी ने कहा कि जापान की कई कंपनियां कृषि क्षेत्र में हरियाणा के साथ मिलकर काम कर रही हैं, और भविष्य में जापान हरियाणा सरकार के साथ मिलकर जीका प्रोजेक्ट के तहत और भी परियोजनाओं पर काम करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में हरियाणा के किसानों के लिए और अधिक सहयोग की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। जीका प्रोजेक्ट से मिलेगा हरियाणा के किसानों को फायदा डॉ. बिल्लु यादव ने बताया कि जीका प्रोजेक्ट के तहत भारत और जापान के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके माध्यम से किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कई योजनाएं तैयार की जा रही है। इसके अंतर्गत केंद्र ने यह भी जानकारी दी कि जापान द्वारा फाइनेंशियल सपोर्ट प्रदान किया जा रहा है और इस प्रोजेक्ट के जरिए राज्य में और अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। फसल उत्पादन में नुकसान को कम करने की योजना जीका प्रोजेक्ट पर वर्क कर रहे डॉ. सुधीर यादव ने बताया कि अक्सर किसानों को अपने उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में 25-30 प्रतिशत नुकसान का सामना करना पड़ता है। इस नुकसान को कम करने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। जिनमें 2700 करोड़ रुपए का एक प्रोजेक्ट भी शामिल है। जो भारत और हरियाणा सरकार द्वारा मंजूर किया गया है। दो चरणों में लागू होगा प्रोजेक्ट यह प्रोजेक्ट दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहला चरण 4 साल का होगा, जबकि दूसरा चरण 5 साल का रहेगा। पहले चरण के लिए 1172 करोड़ रुपए का लोन एग्रीमेंट भारत और जापान सरकार के बीच साइन किया जा चुका है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत किसानों के लिए सप्लाई चेन को मजबूत किया जाएगा। ताकि वे अपनी फसलों को सही तरीके से बेच सकें। इंटरनेशनल मार्केट के लिए तैयार होगी खेती की व्यवस्था इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य किसानों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है। ताकि वे अपनी फसलों को ग्रेडिंग, शॉर्टिंग और स्टोरेज के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्यात कर सकें। गन्नौर में बन रही इंटरनेशनल होर्टिकल्चर मार्केट की प्रक्रिया भी इस योजना का हिस्सा है। जो किसानों के लिए एक बड़ी जीवन रेखा साबित हो सकती है। जीका प्रोजेक्ट के तहत किसानों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा, जिससे खेती को और भी प्रभावी बनाया जाएगा। खासकर छोटे किसानों के लिए यह प्रोजेक्ट बेहद लाभकारी साबित होगा, क्योंकि इसमें 70 प्रतिशत छोटे ग्रुपों को शामिल किया जाएगा।
करनाल में डिवाइडर से टकरा कर पलटी स्कूल वैन:तेज रफ्तार बनी बच्चों की जान का खतरा, 5 स्टूडेंट थे सवार
करनाल में डिवाइडर से टकरा कर पलटी स्कूल वैन:तेज रफ्तार बनी बच्चों की जान का खतरा, 5 स्टूडेंट थे सवार करनाल के सेक्टर 14 में एक दर्दनाक हादसे में एक स्कूल वैन डिवाइडर से टकराकर सड़क पर पलट गई। वैन में पांच बच्चे सवार थे, जिनमें से एक के सिर में गंभीर चोट आईं। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। आसपास के लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े और वैन को सीधा कर बच्चों को बाहर निकाला। गनीमत यह रही कि सड़क पर उस समय कोई अन्य व्यक्ति वैन की चपेट में नहीं आया। बाइक पर बैठकर ड्राइवर फरार जानकारी के अनुसार हादसे का शिकार हुई वैन केंद्रीय विद्यालय की थी और पीले रंग की वैन नहीं थी, जो स्कूल वाहनों के लिए अनिवार्य होता है। यह घरेलू वाहन कॉमर्शियल उपयोग में लाया जा रहा था, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। हादसे के बाद मीडिया ने ड्राइवर से बात करनी चाही तो वह वहां से बाइक पर बैठकर फरार हो गया। पलटने के बाद काफी दूर तक घसीटती रही वैन हादसे के बाद घायल बच्चों ने बताया कि वैन का ड्राइवर टर्न लेते समय भी गाड़ी को बेहद तेज रफ्तार में चला रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वैन पलटने के बाद काफी दूर तक घसीटते हुए गई। वैन में सवार बच्चों और उनके परिजनों ने ड्राइवर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि ड्राइवर गाड़ी को मानो रौकेट की तरह दौड़ाता है और बच्चों की सुरक्षा के प्रति उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। ड्राइवर की तरफ से पूरी लापरवाही बरती गई है। प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल हादसे के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि घरेलू वाहनों का स्कूल वैन के रूप में उपयोग हो रहा है, लेकिन प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। सड़क पर बिखरे कांच और वैन की स्थिति ने हादसे की गंभीरता को और उजागर कर दिया है। महेंद्रगढ़ हादसे से सबक नहीं ले रहा प्रशासन लोगों का कहना है कि प्रशासन महेंद्रगढ़ में हुए स्कूल वैन हादसे से सबक नहीं ले रहा। ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। तेज रफ्तार और नियमों का उल्लंघन बच्चों की जान पर भारी पड़ रहा है।