राममंदिर के 6 दरवाजों पर 18Kg सोना मढ़ा जा रहा:मुख्य कलश और फर्स्ट फ्लोर के सिंहासन पर भी सोना लगेगा

राममंदिर के 6 दरवाजों पर 18Kg सोना मढ़ा जा रहा:मुख्य कलश और फर्स्ट फ्लोर के सिंहासन पर भी सोना लगेगा

राम मंदिर के दरवाजों पर सोना लगाए जाने की एक बार फिर शुरुआत हो गई है। अब फर्स्ट फ्लोर के 6 दरवाजों पर 18Kg सोना लगाया जा रहा है। राम दरबार का सिंहासन पर भी सोना लगाया जाएगा। अनुमान है कि इस पर 3 से 4kg सोना मढ़ा जाएगा। जून में श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, ट्रस्ट 3 दिन तक उत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है। इसमें क्या होगा? इसका शेड्यूल ट्रस्ट ने जारी नहीं किया है। सिंहासन पर विराजमान होंगे राम और सीता
फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार की प्रतिमाएं आ चुकी हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि राम और सीता सिंहासन पर विराजमान होंगे। लक्ष्मण और शत्रुघ्न पंखा डोलते हुए दिखेंगे। हनुमानजी और भरत की प्रतिमाएं चरणों में बैठे हुए होंगी। इन मूर्तियों को जयपुर में शिल्पकार सत्यनारायण पांडे ने तैयार किया है। इनको बनाने में सफेद संगमरमर का इस्तेमाल हुआ है। जबकि परकोटे में 6 मंदिर बन रहे हैं। इनमें भगवान सूर्य, गणेश, हनुमान, शिव, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा की मूर्ति स्थापित होंगी। जून में प्राण प्रतिष्ठा के लिए तिथि निश्चित की जा रही है। राम मंदिर में आज क्या हो रहा, ये जानिए फर्स्ट फ्लोर पर दरवाजे लगाकर, उन पर सोना मढ़ा जा रहा
राम मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर कुल 6 दरवाजे लगाए जा रहे हैं। यह महाराष्ट्र के चंद्रपुर से लाई गई सागौन लकड़ी से बनाया गया है। इस पर पहले तांबा की परत लगाई जा रही थी, अब सोने की परत चढ़ाई गई है। इन दरवाजों पर दो हाथी कमल के पुष्प पर जल की वर्षा करते दिख रहे हैं। दरवाजे के दोनों और जय विजय के प्रतीक बने हुए हैं। गुरुवार को फर्स्ट फ्लोर पर दरवाजे लगाने की शुरुआत की गई। राम मंदिर के 4 फीट के कलश पर सोना लगाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। अगले 3 दिनों में यह काम पूरा कर लिया जाएगा। राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर सोने के 14 दरवाजे लगाए गए थे। इनमें हर दरवाजे में करीब 3 किलो सोना लगाया गया था। 42 फुट ऊंचा ध्वज दंड स्थापित किया गया
इससे पहले मंगलवार को वैशाख तृतीया पर मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फुट ऊंचा ध्वज दंड स्थापित किया गया, जिससे मंदिर की कुल ऊंचाई अब 203 फुट हो गई है। महासचिव चंपत राय ने बताया कि ध्वज दंड को एल ऐंड टी और टीसीएस की इंजीनियरिंग टीम ने ट्रॉली और दो टावर क्रेन की मदद से 161 फुट ऊंचे शिखर तक पहुंचाकर स्थापित किया। सुबह 6:30 बजे शुरू होकर 8 बजे तक पूरी हो गई। ध्वज दंड का निर्माण गुजरात की भरत भाई कंपनी ने विशेष डिजाइन के साथ किया है, जोकि मंदिर की पवित्रता और भव्यता के अनुरूप है। ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि राम मंदिर का निर्माण 2020 में शुरू हुआ था। गर्भगृह का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है, जहां रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दर्शन शुरू हो चुके थे। अब मुख्य शिखर पर ध्वज दंड की स्थापना के साथ गर्भगृह का ऊपरी हिस्सा भी पूरा हो गया है। डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर परिसर में सप्त ऋषियों के सात मंदिर और परकोटा के छह देवी-देवताओं के मंदिरों का निर्माण कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। सप्त ऋषि मंदिरों में मूर्तियां स्थापित की जा चुकी हैं, जबकि परकोटा के मंदिरों में चार शिखर कलश लग चुके हैं। डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि 15 मई 2025 तक पूरे मंदिर परिसर का निर्माण कार्य और मूर्तियों की स्थापना पूरी कर दी जाएगी। ………………… यह भी पढ़ें : गर्भगृह में बाबा विश्वनाथ के लिए लगाई गई जलधारी, श्रावण पूर्णिमा तक गिरती रहेगी गंगा जलधार, लगभग 300 वर्ष पूरानी है परम्परा अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ के गर्भगृह में बाबा को गर्मी की तपिश से बचाने के लिए रजत जलधारी लग गया। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी वैशाख-ज्येष्ठ और आषाढ़ की तपिश गर्मी से काशी पुराधिपति को बचाने के लिए शिवभक्तो द्वारा बाबा के गर्भगृह में अरघे से ठीक ऊपर जलधारी लगाई गई। रजत जलधारी (फव्वारा) से लगातार गंगाजल, गुलाबजल, इत्र बाबा के शिवलिंग पर गिर रहा है। पढ़िए पूरी खबर… राम मंदिर के दरवाजों पर सोना लगाए जाने की एक बार फिर शुरुआत हो गई है। अब फर्स्ट फ्लोर के 6 दरवाजों पर 18Kg सोना लगाया जा रहा है। राम दरबार का सिंहासन पर भी सोना लगाया जाएगा। अनुमान है कि इस पर 3 से 4kg सोना मढ़ा जाएगा। जून में श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, ट्रस्ट 3 दिन तक उत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है। इसमें क्या होगा? इसका शेड्यूल ट्रस्ट ने जारी नहीं किया है। सिंहासन पर विराजमान होंगे राम और सीता
फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार की प्रतिमाएं आ चुकी हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि राम और सीता सिंहासन पर विराजमान होंगे। लक्ष्मण और शत्रुघ्न पंखा डोलते हुए दिखेंगे। हनुमानजी और भरत की प्रतिमाएं चरणों में बैठे हुए होंगी। इन मूर्तियों को जयपुर में शिल्पकार सत्यनारायण पांडे ने तैयार किया है। इनको बनाने में सफेद संगमरमर का इस्तेमाल हुआ है। जबकि परकोटे में 6 मंदिर बन रहे हैं। इनमें भगवान सूर्य, गणेश, हनुमान, शिव, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा की मूर्ति स्थापित होंगी। जून में प्राण प्रतिष्ठा के लिए तिथि निश्चित की जा रही है। राम मंदिर में आज क्या हो रहा, ये जानिए फर्स्ट फ्लोर पर दरवाजे लगाकर, उन पर सोना मढ़ा जा रहा
राम मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर कुल 6 दरवाजे लगाए जा रहे हैं। यह महाराष्ट्र के चंद्रपुर से लाई गई सागौन लकड़ी से बनाया गया है। इस पर पहले तांबा की परत लगाई जा रही थी, अब सोने की परत चढ़ाई गई है। इन दरवाजों पर दो हाथी कमल के पुष्प पर जल की वर्षा करते दिख रहे हैं। दरवाजे के दोनों और जय विजय के प्रतीक बने हुए हैं। गुरुवार को फर्स्ट फ्लोर पर दरवाजे लगाने की शुरुआत की गई। राम मंदिर के 4 फीट के कलश पर सोना लगाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। अगले 3 दिनों में यह काम पूरा कर लिया जाएगा। राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर सोने के 14 दरवाजे लगाए गए थे। इनमें हर दरवाजे में करीब 3 किलो सोना लगाया गया था। 42 फुट ऊंचा ध्वज दंड स्थापित किया गया
इससे पहले मंगलवार को वैशाख तृतीया पर मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फुट ऊंचा ध्वज दंड स्थापित किया गया, जिससे मंदिर की कुल ऊंचाई अब 203 फुट हो गई है। महासचिव चंपत राय ने बताया कि ध्वज दंड को एल ऐंड टी और टीसीएस की इंजीनियरिंग टीम ने ट्रॉली और दो टावर क्रेन की मदद से 161 फुट ऊंचे शिखर तक पहुंचाकर स्थापित किया। सुबह 6:30 बजे शुरू होकर 8 बजे तक पूरी हो गई। ध्वज दंड का निर्माण गुजरात की भरत भाई कंपनी ने विशेष डिजाइन के साथ किया है, जोकि मंदिर की पवित्रता और भव्यता के अनुरूप है। ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि राम मंदिर का निर्माण 2020 में शुरू हुआ था। गर्भगृह का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है, जहां रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दर्शन शुरू हो चुके थे। अब मुख्य शिखर पर ध्वज दंड की स्थापना के साथ गर्भगृह का ऊपरी हिस्सा भी पूरा हो गया है। डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर परिसर में सप्त ऋषियों के सात मंदिर और परकोटा के छह देवी-देवताओं के मंदिरों का निर्माण कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। सप्त ऋषि मंदिरों में मूर्तियां स्थापित की जा चुकी हैं, जबकि परकोटा के मंदिरों में चार शिखर कलश लग चुके हैं। डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि 15 मई 2025 तक पूरे मंदिर परिसर का निर्माण कार्य और मूर्तियों की स्थापना पूरी कर दी जाएगी। ………………… यह भी पढ़ें : गर्भगृह में बाबा विश्वनाथ के लिए लगाई गई जलधारी, श्रावण पूर्णिमा तक गिरती रहेगी गंगा जलधार, लगभग 300 वर्ष पूरानी है परम्परा अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ के गर्भगृह में बाबा को गर्मी की तपिश से बचाने के लिए रजत जलधारी लग गया। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी वैशाख-ज्येष्ठ और आषाढ़ की तपिश गर्मी से काशी पुराधिपति को बचाने के लिए शिवभक्तो द्वारा बाबा के गर्भगृह में अरघे से ठीक ऊपर जलधारी लगाई गई। रजत जलधारी (फव्वारा) से लगातार गंगाजल, गुलाबजल, इत्र बाबा के शिवलिंग पर गिर रहा है। पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर