अयोध्या में राम मंदिर का शिखर दिसंबर, 2024 तक बनाने का दावा था। मगर खराब मौसम और स्किल्ड लेबर की कमी से काम की रफ्तार पर असर पड़ा है। भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के मुताबिक, अगर कंस्ट्रक्शन की आज की स्पीड बनाए रखी जाए, तब भी मंदिर का काम पूरा होने में 2 महीने और लगेंगे। वह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को देखने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मंदिर निर्माण को लेकर मीडिया से बात की। लक्ष्य दिसंबर, 2024 का, मगर 2 महीने लेट हो गया
मंदिर निर्माण कब तक पूरा होगा? जब नृपेंद्र मिश्रा से सवाल पूछे गए, तब उन्होंने कहा – मंदिर निर्माण की समीक्षा चल रही है। हमारा लक्ष्य दिसंबर, 2024 का है। सबसे बड़ी चुनौती शिखर निर्माण कराने की है। शिखर तभी बन सकेगा, जब द्वितीय फ्लोर बन जाए। मैं समझता हूं कि आज की स्पीड से काम कराए जाएं, तब 2 महीने का विलंब होगा। लार्सन एंड टूब्रो को कहा गया है कि सब कांन्ट्रेक्टर और लेबर बढ़ाए। सिर्फ 1 या 2 सब कांन्ट्रेक्टर पर निर्भर न रहे। कुछ और तकनीकी मुश्किलों पर भी निर्णय लिए गए हैं। निश्चित तौर पर पिछले 3 महीने में कंस्ट्रक्शन स्पीड कम हुई है। आपको भी पता है कि जिस तरह का मौसम था, गर्मी ज्यादा थी। लेबर यहां से चले गए। उनका दोबारा यहां लाने में लार्सन टूब्रो को परेशानी हो रही है। ऐसा नहीं है कि सफलता नहीं मिल रही है। हम यह नहीं कह सकते है कि दिसंबर तक शिखर बनना, असंभव नहीं है। मगर स्पीड के लिए गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। अगर 200-250 मजदूर और नहीं जोड़े गए, तब काम पूरा होना मुश्किल होगा। फसाड लाइट लगेंगी या नहीं, ये बैठक में तय होगा
क्या राम मंदिर पर फसाड लाइट लगेंगी? उन्होंने बताया – देश-विदेश की 5 कंपनियों के साथ फसाड लाइट के लिए मीटिंग की गई। फसाड लाइट किस प्रकार की होंगी? उन्हें परकोटे की छत पर लगाया जाना है। आज इस संदर्भ में चर्चा होगी। बता दें कि आज मंदिर निर्माण की समीक्षा का दूसरा दिन है। रविवार को उन्होंने फर्स्ट फ्लोर पर नृत्य मंडप व गूढ़ मंडप के वृत्ताकार परिधि में दो-ढाई फीट की दीवार बनी है, उनका कहना है कि यह दीवार पर्याप्त नहीं है। यहां से कोई बच्चा अगर ताक-झांक करता है, तो दुर्घटना का खतरा है। इस कारण मंडपों के खुले हिस्से को जाली से पूरी तरह से सुरक्षित किया जाएगा। अब 3 स्लाइड में मंदिर की बनावट को समझें: यह भी पढ़ें :- दैनिक भास्कर अयोध्या दर्शन गाइड:क्या आप अयोध्या जाने का प्लान कर रहे हैं? तो ये गाइड आपके सबसे काम की है, इसे बिना पढ़े न जाएं क्या आप भी अयोध्या जाने का प्लान कर रहे हैं, तो दैनिक भास्कर की इस ‘अयोध्या ई-गाइड’ में आपको मिलेगी पूरी जानकारी। 18 पेज की इस गाइड में सभी काम की सूचनाएं एक जगह की गई हैं। ये अयोध्या पहुंचने से लेकर ठहरने तक और रामलला के दर्शन से लेकर शहर में घूमने तक में आपकी मदद करेगा। इसे पढ़ने में महज 2 से 3 मिनट लगने वाला है। पढ़िए पूरी खबर… अयोध्या में राम मंदिर का शिखर दिसंबर, 2024 तक बनाने का दावा था। मगर खराब मौसम और स्किल्ड लेबर की कमी से काम की रफ्तार पर असर पड़ा है। भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के मुताबिक, अगर कंस्ट्रक्शन की आज की स्पीड बनाए रखी जाए, तब भी मंदिर का काम पूरा होने में 2 महीने और लगेंगे। वह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को देखने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मंदिर निर्माण को लेकर मीडिया से बात की। लक्ष्य दिसंबर, 2024 का, मगर 2 महीने लेट हो गया
मंदिर निर्माण कब तक पूरा होगा? जब नृपेंद्र मिश्रा से सवाल पूछे गए, तब उन्होंने कहा – मंदिर निर्माण की समीक्षा चल रही है। हमारा लक्ष्य दिसंबर, 2024 का है। सबसे बड़ी चुनौती शिखर निर्माण कराने की है। शिखर तभी बन सकेगा, जब द्वितीय फ्लोर बन जाए। मैं समझता हूं कि आज की स्पीड से काम कराए जाएं, तब 2 महीने का विलंब होगा। लार्सन एंड टूब्रो को कहा गया है कि सब कांन्ट्रेक्टर और लेबर बढ़ाए। सिर्फ 1 या 2 सब कांन्ट्रेक्टर पर निर्भर न रहे। कुछ और तकनीकी मुश्किलों पर भी निर्णय लिए गए हैं। निश्चित तौर पर पिछले 3 महीने में कंस्ट्रक्शन स्पीड कम हुई है। आपको भी पता है कि जिस तरह का मौसम था, गर्मी ज्यादा थी। लेबर यहां से चले गए। उनका दोबारा यहां लाने में लार्सन टूब्रो को परेशानी हो रही है। ऐसा नहीं है कि सफलता नहीं मिल रही है। हम यह नहीं कह सकते है कि दिसंबर तक शिखर बनना, असंभव नहीं है। मगर स्पीड के लिए गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। अगर 200-250 मजदूर और नहीं जोड़े गए, तब काम पूरा होना मुश्किल होगा। फसाड लाइट लगेंगी या नहीं, ये बैठक में तय होगा
क्या राम मंदिर पर फसाड लाइट लगेंगी? उन्होंने बताया – देश-विदेश की 5 कंपनियों के साथ फसाड लाइट के लिए मीटिंग की गई। फसाड लाइट किस प्रकार की होंगी? उन्हें परकोटे की छत पर लगाया जाना है। आज इस संदर्भ में चर्चा होगी। बता दें कि आज मंदिर निर्माण की समीक्षा का दूसरा दिन है। रविवार को उन्होंने फर्स्ट फ्लोर पर नृत्य मंडप व गूढ़ मंडप के वृत्ताकार परिधि में दो-ढाई फीट की दीवार बनी है, उनका कहना है कि यह दीवार पर्याप्त नहीं है। यहां से कोई बच्चा अगर ताक-झांक करता है, तो दुर्घटना का खतरा है। इस कारण मंडपों के खुले हिस्से को जाली से पूरी तरह से सुरक्षित किया जाएगा। अब 3 स्लाइड में मंदिर की बनावट को समझें: यह भी पढ़ें :- दैनिक भास्कर अयोध्या दर्शन गाइड:क्या आप अयोध्या जाने का प्लान कर रहे हैं? तो ये गाइड आपके सबसे काम की है, इसे बिना पढ़े न जाएं क्या आप भी अयोध्या जाने का प्लान कर रहे हैं, तो दैनिक भास्कर की इस ‘अयोध्या ई-गाइड’ में आपको मिलेगी पूरी जानकारी। 18 पेज की इस गाइड में सभी काम की सूचनाएं एक जगह की गई हैं। ये अयोध्या पहुंचने से लेकर ठहरने तक और रामलला के दर्शन से लेकर शहर में घूमने तक में आपकी मदद करेगा। इसे पढ़ने में महज 2 से 3 मिनट लगने वाला है। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर