राम रहीम की 6 बार सिफारिश करने वाले को टिकट:BJP ने जेल सुपरिंटेंडेंट सुनील सांगवान को दादरी से दिया टिकट, पूर्व मंत्री के बेटे

राम रहीम की 6 बार सिफारिश करने वाले को टिकट:BJP ने जेल सुपरिंटेंडेंट सुनील सांगवान को दादरी से दिया टिकट, पूर्व मंत्री के बेटे

रोहतक की सुनारिया जेल में रेप और हत्या के मामले में बंद राम रहीम को 6 बार पैरोल और फरलों की सिफारिश करने वाले को BJP ने अपना उम्मीदवार बनाया है। BJP ने दंगल गर्ल बबीता फोगाट का टिकट काटकर सुनील सांगवान को टिकट दिया है। सुनील सांगवान जेल सुपरिंटेंडेंट के पद से वीआरएस लेकर इसी सप्ताह भाजपा में आए थे और आते ही भाजपा ने उन पर मेहरबानी दिखाते हुए अपना उम्मीवार बना दिया। हरियाणा सदाचारी बंदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम जेल अधीक्षक को कैदियों को पैरोल या फरलो देने के लिए मामलों की सिफारिश जिला मजिस्ट्रेट से करने का अधिकार देता है। इसी अधिकार के तहत सुनील सांगवान ने 6 बार राम रहीम की सिफारिश कर रिहा करवाया। बता दें कि सुनील सांगवान का परिवार राजनीति से जुड़ा हुआ है। वह पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के पुत्र हैं। सतपाल सांगवान लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। सतपाल चरखी दादरी से पूर्व विधायक हैं। सुनील सांगवान 5 साल सुनारिया में तैनात रहे
सुनील सांगवान 22 साल से ज्यादा समय तक सरकारी सेवा में रहे हैं। वह 2002 में हरियाणा जेल विभाग में शामिल हुए थे। वह कई जेलों के अधीक्षक रह चुके हैं, जिनमें रोहतक की सुनारिया जेल भी शामिल है, जहां उन्होंने 5 साल तक सेवा प्रदान की। यह वही जेल है, जहां डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम सिंह अपनी 2 महिला अनुयायियों के साथ रेप और पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या के जुर्म में सजा काट रहा है। हाल ही में राम रहीम सुनारिया जेल से 21 दिन की फरलो पर आया था। वीरवार को राम रहीम की फरलो का समय पूरा हो गया और वह दोबारा जेल में चला गया है। राम रहीम को 10 मौकों पर पैरोल या फरलो मिली, उनमें से 6 बार सांगवान उस जेल के अधीक्षक थे जहां डेरा प्रमुख को हिरासत में रखा गया था। गुरुग्राम की भोंडसी जेल में तैनात थे
वर्तमान में सुनील सांगवान हरियाणा की गुरुग्राम भोंडसी जेल के अधीक्षक थे, जिससे उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन रविवार को सरकार को दिया था। उनके आवेदन को स्वीकार करने की प्रक्रिया में इस कदर तेजी लाई गई कि जेल महानिदेशक (डीजी) ने रविवार को राज्य के सभी जेल अधीक्षकों को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्हें उसी दिन ‘नो-ड्यू’ प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया गया। डीजी के पत्र में कहा गया, ‘गुरुग्राम जिला जेल के अधीक्षक सुनील सांगवान ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए अनुरोध किया है, इसलिए अनुरोध है कि उनके पक्ष में शाम 4 बजे तक नो-ड्यू प्रमाणपत्र जारी किया जाए’ पिता ने भी सरकारी पद से त्यागपत्र देकर चुनाव लड़ा
बता दें कि सुनील सांगवान के पिता सतपाल संगवान भी 1996 में राजनीति में आने से पहले दूरसंचार विभाग में उप-मंडल अधिकारी (एसडीओ) थे। बाद में वह पद से इस्तीफा देकर राजनीति में आए। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के उम्मीदवार के तौर पर चरखी दादरी सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, बाद में उन्होंने और भी चुनाव लड़े। 2009 में वह हरियाणा जनहित कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते और भूपिंदर हुड्डा सरकार में मंत्री भी बने। 2014 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। 2019 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो उन्होंने जननायक जनता पार्टी (जजपा) का दामन थाम लिया और चुनाव लड़ा, लेकिन फिर हार मिली। रोहतक की सुनारिया जेल में रेप और हत्या के मामले में बंद राम रहीम को 6 बार पैरोल और फरलों की सिफारिश करने वाले को BJP ने अपना उम्मीदवार बनाया है। BJP ने दंगल गर्ल बबीता फोगाट का टिकट काटकर सुनील सांगवान को टिकट दिया है। सुनील सांगवान जेल सुपरिंटेंडेंट के पद से वीआरएस लेकर इसी सप्ताह भाजपा में आए थे और आते ही भाजपा ने उन पर मेहरबानी दिखाते हुए अपना उम्मीवार बना दिया। हरियाणा सदाचारी बंदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम जेल अधीक्षक को कैदियों को पैरोल या फरलो देने के लिए मामलों की सिफारिश जिला मजिस्ट्रेट से करने का अधिकार देता है। इसी अधिकार के तहत सुनील सांगवान ने 6 बार राम रहीम की सिफारिश कर रिहा करवाया। बता दें कि सुनील सांगवान का परिवार राजनीति से जुड़ा हुआ है। वह पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के पुत्र हैं। सतपाल सांगवान लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। सतपाल चरखी दादरी से पूर्व विधायक हैं। सुनील सांगवान 5 साल सुनारिया में तैनात रहे
सुनील सांगवान 22 साल से ज्यादा समय तक सरकारी सेवा में रहे हैं। वह 2002 में हरियाणा जेल विभाग में शामिल हुए थे। वह कई जेलों के अधीक्षक रह चुके हैं, जिनमें रोहतक की सुनारिया जेल भी शामिल है, जहां उन्होंने 5 साल तक सेवा प्रदान की। यह वही जेल है, जहां डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम सिंह अपनी 2 महिला अनुयायियों के साथ रेप और पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या के जुर्म में सजा काट रहा है। हाल ही में राम रहीम सुनारिया जेल से 21 दिन की फरलो पर आया था। वीरवार को राम रहीम की फरलो का समय पूरा हो गया और वह दोबारा जेल में चला गया है। राम रहीम को 10 मौकों पर पैरोल या फरलो मिली, उनमें से 6 बार सांगवान उस जेल के अधीक्षक थे जहां डेरा प्रमुख को हिरासत में रखा गया था। गुरुग्राम की भोंडसी जेल में तैनात थे
वर्तमान में सुनील सांगवान हरियाणा की गुरुग्राम भोंडसी जेल के अधीक्षक थे, जिससे उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन रविवार को सरकार को दिया था। उनके आवेदन को स्वीकार करने की प्रक्रिया में इस कदर तेजी लाई गई कि जेल महानिदेशक (डीजी) ने रविवार को राज्य के सभी जेल अधीक्षकों को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्हें उसी दिन ‘नो-ड्यू’ प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया गया। डीजी के पत्र में कहा गया, ‘गुरुग्राम जिला जेल के अधीक्षक सुनील सांगवान ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए अनुरोध किया है, इसलिए अनुरोध है कि उनके पक्ष में शाम 4 बजे तक नो-ड्यू प्रमाणपत्र जारी किया जाए’ पिता ने भी सरकारी पद से त्यागपत्र देकर चुनाव लड़ा
बता दें कि सुनील सांगवान के पिता सतपाल संगवान भी 1996 में राजनीति में आने से पहले दूरसंचार विभाग में उप-मंडल अधिकारी (एसडीओ) थे। बाद में वह पद से इस्तीफा देकर राजनीति में आए। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के उम्मीदवार के तौर पर चरखी दादरी सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, बाद में उन्होंने और भी चुनाव लड़े। 2009 में वह हरियाणा जनहित कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते और भूपिंदर हुड्डा सरकार में मंत्री भी बने। 2014 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। 2019 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो उन्होंने जननायक जनता पार्टी (जजपा) का दामन थाम लिया और चुनाव लड़ा, लेकिन फिर हार मिली।   हरियाणा | दैनिक भास्कर