अंबाला छावनी के गणेश बिहार निवासी वेंकटेश शर्मा की पत्नी रुचि शर्मा को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वह पिछले 17 वर्षों से महिला कल्याण के कार्यों से जुड़ी हुई हैं। इसके साथ ही वह महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं। वह लगातार महिलाओं को समाज में आगे लाने के लिए काम कर रही हैं। अंबाला छावनी की बहू रुचि द्वारा किए गए कार्यों की ख्याति दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन तक पहुंच चुकी है। उन्हें वर्ष 2012-13 में राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। इसके बाद भी रुचि रुकी नहीं। वह एक के बाद एक महिला कल्याण के कार्य करती रहीं और कई पुरस्कारों से सम्मानित होती रहीं। कोरोना काल में खूब मिली तारीफ कोरोना काल में जब सब कुछ बंद था, रुचि ने महिलाओं के लिए कई काम किए। रुचि ने सोचा कि जिन महिलाओं का कोई नहीं है, वे कैसे गुजारा कर रही होंगी। इस पर उन्होंने लगातार दो महीने तक महिलाओं के घर राशन भिजवाया। इसके साथ ही उन्होंने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी कई काम किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने निर्भया कांड पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई। जिसे खूब तारीफ मिली। नेहरू युवा केंद्र से की शुरुआत रुचि शर्मा के अनुसार, वह महेंद्रगढ़ की रहने वाली हैं। उन्होंने वहीं से एमए तक की पढ़ाई की है। इसके बाद वह नेहरू युवा केंद्र से जुड़ गईं। वहीं से उन्होंने अपना सामाजिक कार्य शुरू किया। इसके बाद उन्होंने महिलाओं के लिए सिलाई केंद्र जैसे कई कैंप शुरू किए, जहां उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया। अब तक 15 अवॉर्ड मिल चुके रुचि के अनुसार, उन्हें अब तक सामाजिक कार्यों के लिए 15 से अधिक बड़े पुरस्कार मिल चुके हैं, जिनमें महिला सशक्तिकरण के लिए हरियाणा सरकार और भारत सरकार द्वारा दिया गया प्रमुख पुरस्कार शामिल है। अंबाला छावनी के गणेश बिहार निवासी वेंकटेश शर्मा की पत्नी रुचि शर्मा को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वह पिछले 17 वर्षों से महिला कल्याण के कार्यों से जुड़ी हुई हैं। इसके साथ ही वह महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं। वह लगातार महिलाओं को समाज में आगे लाने के लिए काम कर रही हैं। अंबाला छावनी की बहू रुचि द्वारा किए गए कार्यों की ख्याति दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन तक पहुंच चुकी है। उन्हें वर्ष 2012-13 में राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। इसके बाद भी रुचि रुकी नहीं। वह एक के बाद एक महिला कल्याण के कार्य करती रहीं और कई पुरस्कारों से सम्मानित होती रहीं। कोरोना काल में खूब मिली तारीफ कोरोना काल में जब सब कुछ बंद था, रुचि ने महिलाओं के लिए कई काम किए। रुचि ने सोचा कि जिन महिलाओं का कोई नहीं है, वे कैसे गुजारा कर रही होंगी। इस पर उन्होंने लगातार दो महीने तक महिलाओं के घर राशन भिजवाया। इसके साथ ही उन्होंने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी कई काम किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने निर्भया कांड पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई। जिसे खूब तारीफ मिली। नेहरू युवा केंद्र से की शुरुआत रुचि शर्मा के अनुसार, वह महेंद्रगढ़ की रहने वाली हैं। उन्होंने वहीं से एमए तक की पढ़ाई की है। इसके बाद वह नेहरू युवा केंद्र से जुड़ गईं। वहीं से उन्होंने अपना सामाजिक कार्य शुरू किया। इसके बाद उन्होंने महिलाओं के लिए सिलाई केंद्र जैसे कई कैंप शुरू किए, जहां उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया। अब तक 15 अवॉर्ड मिल चुके रुचि के अनुसार, उन्हें अब तक सामाजिक कार्यों के लिए 15 से अधिक बड़े पुरस्कार मिल चुके हैं, जिनमें महिला सशक्तिकरण के लिए हरियाणा सरकार और भारत सरकार द्वारा दिया गया प्रमुख पुरस्कार शामिल है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
