राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ेंगे, रायबरेली से बने रहेंगे सांसद:2 घंटे की बैठक के बाद खड़गे का ऐलान; प्रियंका वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी

राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ेंगे, रायबरेली से बने रहेंगे सांसद:2 घंटे की बैठक के बाद खड़गे का ऐलान; प्रियंका वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से इस्तीफा देंगे और रायबरेली से सांसद बने रहेंगे। वायनाड से प्रियंका गांधी उपचुनाव लडेंगी। सोमवार को कांग्रेस की 2 घंटे की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया।
राहुल ने भी रिजल्ट के दिन (4 जून) पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका संकेत दिया था। उन्होंने UP को स्पेशल थैंक्यू बोला था। मगर, 12 जून को जब राहुल वायनाड में मतदाताओं का आभार जताने पहुंचे, तब उन्होंने कहा था- मैं दुविधा में हूं। मैं कौन-सी सीट रखूं और कौन-सी छोड़ दूं। मुझे उम्मीद है, जो भी फैसला लूंगा, उससे सभी खुश होंगे। अमेठी से सांसद बोले- राहुल को रायबरेली सीट रखनी चाहिए
अमेठी से कांग्रेस सांसद केएल शर्मा ने कहा- मेरी राय है कि उन्हें (राहुल गांधी) रायबरेली की सीट रखनी चाहिए। उनके पिता और मां दोनों ने यहां से चुनाव लड़ा था। राहुल गांधी तो पूरे हिंदुस्तान से चुनाव लड़ सकते थे। लेकिन लोकतंत्र में व्यक्ति के पास एक ही सीट रह सकती है। क्या है नियम?
संविधान के तहत कोई व्यक्ति एक साथ संसद के दोनों सदनों या संसद और राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं हो सकता। न ही एक सदन में एक से ज्यादा सीटों का प्रतिनिधित्व कर सकता है। संविधान के अनुच्छेद 101 (1) में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 68 (1) के तहत अगर कोई जनप्रतिनिधि दो सीटों से चुनाव जीतता है, तो उसे रिजल्ट घोषित होने के 14 दिन के भीतर एक सीट छोड़नी होती है। अगर एक सीट नहीं छोड़ता है, तो उसकी दोनों सीटें रिक्त हो जाती हैं। 8 पॉइंट, क्यों रायबरेली सीट चुनेंगे राहुल प्रियंका का खेमा चाहता था राहुल वायनाड नहीं छोड़ें
सूत्र बताते हैं, प्रियंका गांधी के खेमे के कुछ लोग चाहते थे कि राहुल वायनाड में ही रहें और प्रियंका रायबरेली से उपचुनाव लड़ें। कांग्रेस के खराब समय में दक्षिण ने हमेशा साथ दिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था। अमेठी से चुनाव हार गए थे, वायनाड से जीत दर्ज की थी। राहुल का यूपी में रहना जरूरी
प्रतापगढ़ में रामपुर खास सीट से कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने बताया- चुनाव परिणाम आने के बाद हुई बैठक में हम लोगों की तरफ से यही कहा गया है कि राहुल गांधी रायबरेली लोकसभा सीट पर बने रहें। इससे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और भी ज्यादा मजबूत होगी। 2027 में यूपी में विधानसभा चुनाव भी है। ऐसे में राहुल गांधी का यहां बने रहना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। वैसे भी रायबरेली सिर्फ सीट नहीं है, उससे उत्तर प्रदेश की जनता की भावनाएं कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हैं। लोकसभा सीट छोड़ने के यह हैं नियम…
• अगर कोई सदस्य लोकसभा या किसी सीट से इस्तीफा देना चाहता है तो उसे सदन के स्पीकर को इस्तीफा भेजना होता है। • नई संसद के गठन में अगर स्पीकर या डिप्टी स्पीकर नहीं है तो ऐसी स्थिति में प्रत्याशी के द्वारा इलेक्शन कमीशन को त्यागपत्र सौंपा जाता है। • इसके बाद इलेक्शन कमीशन के द्वारा रेजिग्नेशन लेटर की एक कॉपी सदन के सचिव को भेज दी जाती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से इस्तीफा देंगे और रायबरेली से सांसद बने रहेंगे। वायनाड से प्रियंका गांधी उपचुनाव लडेंगी। सोमवार को कांग्रेस की 2 घंटे की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया।
राहुल ने भी रिजल्ट के दिन (4 जून) पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका संकेत दिया था। उन्होंने UP को स्पेशल थैंक्यू बोला था। मगर, 12 जून को जब राहुल वायनाड में मतदाताओं का आभार जताने पहुंचे, तब उन्होंने कहा था- मैं दुविधा में हूं। मैं कौन-सी सीट रखूं और कौन-सी छोड़ दूं। मुझे उम्मीद है, जो भी फैसला लूंगा, उससे सभी खुश होंगे। अमेठी से सांसद बोले- राहुल को रायबरेली सीट रखनी चाहिए
अमेठी से कांग्रेस सांसद केएल शर्मा ने कहा- मेरी राय है कि उन्हें (राहुल गांधी) रायबरेली की सीट रखनी चाहिए। उनके पिता और मां दोनों ने यहां से चुनाव लड़ा था। राहुल गांधी तो पूरे हिंदुस्तान से चुनाव लड़ सकते थे। लेकिन लोकतंत्र में व्यक्ति के पास एक ही सीट रह सकती है। क्या है नियम?
संविधान के तहत कोई व्यक्ति एक साथ संसद के दोनों सदनों या संसद और राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं हो सकता। न ही एक सदन में एक से ज्यादा सीटों का प्रतिनिधित्व कर सकता है। संविधान के अनुच्छेद 101 (1) में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 68 (1) के तहत अगर कोई जनप्रतिनिधि दो सीटों से चुनाव जीतता है, तो उसे रिजल्ट घोषित होने के 14 दिन के भीतर एक सीट छोड़नी होती है। अगर एक सीट नहीं छोड़ता है, तो उसकी दोनों सीटें रिक्त हो जाती हैं। 8 पॉइंट, क्यों रायबरेली सीट चुनेंगे राहुल प्रियंका का खेमा चाहता था राहुल वायनाड नहीं छोड़ें
सूत्र बताते हैं, प्रियंका गांधी के खेमे के कुछ लोग चाहते थे कि राहुल वायनाड में ही रहें और प्रियंका रायबरेली से उपचुनाव लड़ें। कांग्रेस के खराब समय में दक्षिण ने हमेशा साथ दिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था। अमेठी से चुनाव हार गए थे, वायनाड से जीत दर्ज की थी। राहुल का यूपी में रहना जरूरी
प्रतापगढ़ में रामपुर खास सीट से कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने बताया- चुनाव परिणाम आने के बाद हुई बैठक में हम लोगों की तरफ से यही कहा गया है कि राहुल गांधी रायबरेली लोकसभा सीट पर बने रहें। इससे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और भी ज्यादा मजबूत होगी। 2027 में यूपी में विधानसभा चुनाव भी है। ऐसे में राहुल गांधी का यहां बने रहना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। वैसे भी रायबरेली सिर्फ सीट नहीं है, उससे उत्तर प्रदेश की जनता की भावनाएं कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हैं। लोकसभा सीट छोड़ने के यह हैं नियम…
• अगर कोई सदस्य लोकसभा या किसी सीट से इस्तीफा देना चाहता है तो उसे सदन के स्पीकर को इस्तीफा भेजना होता है। • नई संसद के गठन में अगर स्पीकर या डिप्टी स्पीकर नहीं है तो ऐसी स्थिति में प्रत्याशी के द्वारा इलेक्शन कमीशन को त्यागपत्र सौंपा जाता है। • इसके बाद इलेक्शन कमीशन के द्वारा रेजिग्नेशन लेटर की एक कॉपी सदन के सचिव को भेज दी जाती है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर