सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रभात पांडेय के पिता दीपक से बात की। राहुल ने प्रभात की मौत पर दुख जताया। राहुल की आवाज सुनते ही दीपक पांडेय फूट-फूटकर रोने लगे। कांग्रेस सांसद ने दिलासा जताते हुए कहा कि आप हिम्मत रखिए। कोई भी जरूरत हो तो हमसे या कांग्रेस पार्टी से बताइयेगा। पिता दीपक ने कहा कि हमारे तो बुढ़ापे का सहारा ही चला गया। राहुल ने पीड़ित पिता से 3 मिनट 29 सेकेंड बात की। 28 साल के प्रभात की बुधवार को कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई थी। वह मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले थे। डेढ़ साल से लखनऊ में रह रहे थे। प्रभात यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव रह चुके थे। मृतक के चाचा मनीष पांडेय ने लखनऊ के हुसैनगंज थाने में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। अब राहुल और दीपक पांडेय की बातचीत पढ़िए… राहुल: हैलो… दीपक जी नमस्कार, मैं राहुल बोल रहा हूं… बहुत सॉरी फोन उठाते ही दीपक फफक कर रोने लगे… राहुल : मेरा आपको और आपके पूरे परिवार को प्यार। किसी भी चीज की जरूरत हो तो हमको या पार्टी वालों को बता देना आप।
दीपक : हम क्या बताएं? हमारा तो परिवार ही खत्म हो गया। कमाई-धमाई का साधन और बुढ़ापे का सहारा सब खत्म हो गया। अब क्या बचा है मेरे पास? राहुल : हम सब हैं आपके पास। आप घबराइये मत। यह हुआ कैसे?
दीपक : मैं नहीं बता सकता, कुछ जानकारी नहीं है मुझे। अचानक फोन आया। फोन क्या आया… एक बजे से 5 बजे के बीच मां फोन कर रही थी। फोन रिसीव नहीं हुआ। उसके बाद 5 बजे उठा। किसी दूसरे ने फोन उठाया। तो बताया गया कि वह (प्रभात) बेहोश पड़े हैं। उसके बाद कार्यालय का नाम लिया। फिर फोन कट गया। हम लोग फोन करते रह गए, फोन भी नहीं उठा। इसकी जानकारी हमने अपने पत्रकार भाई मनीष पांडेय को दी। इसके बाद वह मौके पर पहुंचे और बेटे को सिविल अस्पताल लेकर गए। वहां से हमको बुरी खबर सुनने को मिली। राहुल : सॉरी… बहुत दुख की बात है। मगर हम सब हैं आपके लिए, आप घबराइए मत। माता जी और आपको पूरे परिवार को हमारा प्यार है। ग्राम प्रधान के मोबाइल पर आया फोन
देईपार के ग्राम प्रधान चंद्रभूषण पांडेय शुक्रवार की शाम दीपक पांडेय के घर पर ही थे। शाम करीब 6.15 बजे राहुल का उनके मोबाइल पर फोन आया। उन्होंने प्रभात के पिता से बात कराने को कहा। तुरंत फोन दीपक पांडेय को दे दिया। उन्होंने पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। राहुल ने परिवार का साथ देने का भरोसा दिया। इसके बाद से गांव और क्षेत्र में उनके प्रभात के परिजनों से मिलने के लिए गोरखपुर आने की संभावना जताई जा रही है। प्रभात पांडेय 18 दिसंबर को लखनऊ के कांग्रेस कार्यालय में बेसुध पड़े मिले थे। जब शाम 5 बजे के करीब प्रभात को अस्पताल ले जाया गया, तो चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद इसे लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीति शुरू हो गई। गुरुवार को जब मृतक प्रभात पाण्डेय का शव गांव लाया गया तो अंतिम संस्कार के दौरान मोक्षधाम पर भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए और प्रदर्शन करने लगे। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय के अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि देने के लिए कालेसर मोक्ष धाम पर पहुंचते ही भाजपा कार्यकर्ता उन पर हत्या का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ उनकी झड़प हो गई। पुलिस ने स्थिति संभाली। इधर, लखनऊ पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय में उस जगह को सील कर दिया है, जहां प्रभात बेसुध मिले थे। अजय राय समेत 10 को नोटिस
मामले की जांच कर रहे एसीपी हजरतगंज विनीत जायसवाल और विवेचक इंस्पेक्टर शेर बहादुर सिंह प्रभात के चाचा मनीष पांडेय के साथ शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेश कार्यालय पहुंचे। एसीपी ने सील किया गया कमरा नंबर-30 को खुलवाकर निरीक्षण किया। इस दौरान पुलिस को एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का डिब्बा मिला है, जिसे पुलिस ने कब्जे में लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया। पुलिस ने कार्यालय के सहायक स्थाई मंत्री एवं युवा कांग्रेस कार्यालय इंचार्ज द्वारिका शुक्ला से पूछताछ की। मनीष पांडेय ने भी उनसे कुछ सवाल पूछे। पुलिस ने उस कमरे की बारीकी से जांच की जहां प्रभात का शव मिला था। एसीपी विनीत जयसवाल ने बताया कि कुछ लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। पुलिस बयान के लिए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत 10 लोगों को नोटिस भेजी जा चुकी है। ————————– यह खबर भी पढ़िए… हम शादी की तैयारी करते रह गए, वह चला गया:कांग्रेस के प्रदर्शन में जान गंवाने वाले युवक की मां बोली- पॉलिटिक्स छोड़ने वाला था जिस पॉलिटिक्स के चक्कर में प्रभात की जान गई। वह उसको छोड़ना चाहता था। कहता था, मां अब नौकरी ही करूंगा। तेरे पास रहूंगा। बहू लाने के सपने देखते-देखते मैं कही की नहीं रही।’ रुंधे गले से सुबकते हुए यह बात प्रभात की मां ने कही। वह कभी चीखते हुए रो पड़ती है, कभी बेसुध-सी हो जाती हैं। कभी हाथ जमीन पर जोर से मारने लगती है। पूरे घर में गमगीन माहौल है। पढ़ें पूरी खबर… सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रभात पांडेय के पिता दीपक से बात की। राहुल ने प्रभात की मौत पर दुख जताया। राहुल की आवाज सुनते ही दीपक पांडेय फूट-फूटकर रोने लगे। कांग्रेस सांसद ने दिलासा जताते हुए कहा कि आप हिम्मत रखिए। कोई भी जरूरत हो तो हमसे या कांग्रेस पार्टी से बताइयेगा। पिता दीपक ने कहा कि हमारे तो बुढ़ापे का सहारा ही चला गया। राहुल ने पीड़ित पिता से 3 मिनट 29 सेकेंड बात की। 28 साल के प्रभात की बुधवार को कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई थी। वह मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले थे। डेढ़ साल से लखनऊ में रह रहे थे। प्रभात यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव रह चुके थे। मृतक के चाचा मनीष पांडेय ने लखनऊ के हुसैनगंज थाने में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। अब राहुल और दीपक पांडेय की बातचीत पढ़िए… राहुल: हैलो… दीपक जी नमस्कार, मैं राहुल बोल रहा हूं… बहुत सॉरी फोन उठाते ही दीपक फफक कर रोने लगे… राहुल : मेरा आपको और आपके पूरे परिवार को प्यार। किसी भी चीज की जरूरत हो तो हमको या पार्टी वालों को बता देना आप।
दीपक : हम क्या बताएं? हमारा तो परिवार ही खत्म हो गया। कमाई-धमाई का साधन और बुढ़ापे का सहारा सब खत्म हो गया। अब क्या बचा है मेरे पास? राहुल : हम सब हैं आपके पास। आप घबराइये मत। यह हुआ कैसे?
दीपक : मैं नहीं बता सकता, कुछ जानकारी नहीं है मुझे। अचानक फोन आया। फोन क्या आया… एक बजे से 5 बजे के बीच मां फोन कर रही थी। फोन रिसीव नहीं हुआ। उसके बाद 5 बजे उठा। किसी दूसरे ने फोन उठाया। तो बताया गया कि वह (प्रभात) बेहोश पड़े हैं। उसके बाद कार्यालय का नाम लिया। फिर फोन कट गया। हम लोग फोन करते रह गए, फोन भी नहीं उठा। इसकी जानकारी हमने अपने पत्रकार भाई मनीष पांडेय को दी। इसके बाद वह मौके पर पहुंचे और बेटे को सिविल अस्पताल लेकर गए। वहां से हमको बुरी खबर सुनने को मिली। राहुल : सॉरी… बहुत दुख की बात है। मगर हम सब हैं आपके लिए, आप घबराइए मत। माता जी और आपको पूरे परिवार को हमारा प्यार है। ग्राम प्रधान के मोबाइल पर आया फोन
देईपार के ग्राम प्रधान चंद्रभूषण पांडेय शुक्रवार की शाम दीपक पांडेय के घर पर ही थे। शाम करीब 6.15 बजे राहुल का उनके मोबाइल पर फोन आया। उन्होंने प्रभात के पिता से बात कराने को कहा। तुरंत फोन दीपक पांडेय को दे दिया। उन्होंने पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। राहुल ने परिवार का साथ देने का भरोसा दिया। इसके बाद से गांव और क्षेत्र में उनके प्रभात के परिजनों से मिलने के लिए गोरखपुर आने की संभावना जताई जा रही है। प्रभात पांडेय 18 दिसंबर को लखनऊ के कांग्रेस कार्यालय में बेसुध पड़े मिले थे। जब शाम 5 बजे के करीब प्रभात को अस्पताल ले जाया गया, तो चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद इसे लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीति शुरू हो गई। गुरुवार को जब मृतक प्रभात पाण्डेय का शव गांव लाया गया तो अंतिम संस्कार के दौरान मोक्षधाम पर भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए और प्रदर्शन करने लगे। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय के अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि देने के लिए कालेसर मोक्ष धाम पर पहुंचते ही भाजपा कार्यकर्ता उन पर हत्या का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ उनकी झड़प हो गई। पुलिस ने स्थिति संभाली। इधर, लखनऊ पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय में उस जगह को सील कर दिया है, जहां प्रभात बेसुध मिले थे। अजय राय समेत 10 को नोटिस
मामले की जांच कर रहे एसीपी हजरतगंज विनीत जायसवाल और विवेचक इंस्पेक्टर शेर बहादुर सिंह प्रभात के चाचा मनीष पांडेय के साथ शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेश कार्यालय पहुंचे। एसीपी ने सील किया गया कमरा नंबर-30 को खुलवाकर निरीक्षण किया। इस दौरान पुलिस को एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का डिब्बा मिला है, जिसे पुलिस ने कब्जे में लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया। पुलिस ने कार्यालय के सहायक स्थाई मंत्री एवं युवा कांग्रेस कार्यालय इंचार्ज द्वारिका शुक्ला से पूछताछ की। मनीष पांडेय ने भी उनसे कुछ सवाल पूछे। पुलिस ने उस कमरे की बारीकी से जांच की जहां प्रभात का शव मिला था। एसीपी विनीत जयसवाल ने बताया कि कुछ लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। पुलिस बयान के लिए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत 10 लोगों को नोटिस भेजी जा चुकी है। ————————– यह खबर भी पढ़िए… हम शादी की तैयारी करते रह गए, वह चला गया:कांग्रेस के प्रदर्शन में जान गंवाने वाले युवक की मां बोली- पॉलिटिक्स छोड़ने वाला था जिस पॉलिटिक्स के चक्कर में प्रभात की जान गई। वह उसको छोड़ना चाहता था। कहता था, मां अब नौकरी ही करूंगा। तेरे पास रहूंगा। बहू लाने के सपने देखते-देखते मैं कही की नहीं रही।’ रुंधे गले से सुबकते हुए यह बात प्रभात की मां ने कही। वह कभी चीखते हुए रो पड़ती है, कभी बेसुध-सी हो जाती हैं। कभी हाथ जमीन पर जोर से मारने लगती है। पूरे घर में गमगीन माहौल है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर