‘शिक्षा विभाग से नोटिस मिला है। साहब…हम कहां से इतना पैसा भरें। मैं रिक्शा चलाता हूं। देख लीजिए…हाथ में छालों के निशान पड़े हैं। हम अपने बच्चों को कैसे रखते हैं, हम ही जानते हैं। कहां से किस्त भरें। जब से नोटिस मिला है, तब से हमने खाना नहीं खाया। नोटिस लेकर इधर-उधर भाग रहे हैं।’ यह दर्द है श्रावस्ती के उस उस रिक्शा चालक का, जिसे शिक्षा विभाग ने फर्जी शिक्षक बताते हुए 51 लाख रुपए का रिकवरी नोटिस भेजा। नोटिस देखकर गरीब रिक्शा चालक के हाथ-पैर फूल गए। उसने रोते हुए कहा, ‘रिक्शा चलाकर हाथ में छाले पड़ गए हैं। हम 51 लाख रुपए भला कैसे देंगे?’ अब विस्तार से जानिए पूरा मामला… पूरा मामला श्रावस्ती जिले के भिनगा कोतवाली के गौड़पुरवा का है। गांव निवासी मनोहर यादव दिल्ली में रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। इन दिनों वह गांव आया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार की तरफ से 12 दिसंबर को जारी एक लेटर उसे मिला। लेटर प्रधान ने मनोहर को रिसीव कराया। मनोहर को जब आरोपों का पता चला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। नोटिस में दावा किया गया कि मनोहर यादव ने फर्जी तरीके से शिक्षक बनकर नौकरी की। 51 लाख 63 हजार 53 रुपए वेतन के रूप में अवैध तरीके से लिया है। यह रकम एक हफ्ते में वापस ना जमा होने पर कुर्की जैसी कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने शिक्षा विभाग से कराई जांच पीड़ित मनोहर का वीडियो वायरल हुआ और वह कलेक्ट्रेट भी पहुंचा। मनोहर ने डीएम से पूरे मामले की शिकायत की। दलील सुनने के बाद डीएम के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने जांच की। आरोपी के फोटो के साथ मनोहर की फोटो का मिलान किया। पाया गया कि दोनों अलग-अलग व्यक्तियों की फोटो हैं। इसके बाद विभाग ने नोटिस को निरस्त कर दिया। जांच में पता चला कि अंबेडकरनगर के एक फर्जी शिक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह की बजाय विभागीय लापरवाही के चलते यह नोटिस गलती से श्रावस्ती के रिक्शा चालक मनोहर लाल यादव को चली गई थी। लापरवाही उजागर होने के बाद विभाग ने आनन-फानन में नोटिस को निरस्त किया और प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए स्पष्टीकरण भी दिया। सुरेंद्र प्रताप उर्फ देवमणि निकला फर्जी शिक्षक बीएसए के अनुसार, सुरेंद्र प्रताप सिंह नामक व्यक्ति, जो अंबेडकर नगर का निवासी है, वह नव्वा पुरवा उच्च प्राथमिक विद्यालय में जून 2020 तक शिक्षक के पद पर तैनात था। इस दौरान उसने 51 लाख 63 हजार 53 रुपए वेतन के रूप में लिए। जांच के बाद शिक्षा विभाग ने सुरेंद्र प्रताप सिंह के नाम 51 लाख 63 हजार 53 रुपए की रिकवरी का नोटिस जारी किया। लेकिन, क्लर्क की गलती के कारण यह नोटिस श्रावस्ती के मूल निवासी मनोहर लाल यादव के पते पर चला गया। जांच में यह भी पता चला कि सुरेंद्र प्रताप का असली नाम देवमणि है। साथी शिक्षक ने मामले से जताई अनभिज्ञता इधर, इस पूरे मामले पर नव्वा पुरवा उच्च प्राथमिक विद्यालय में 2020 के बाद तैनात वर्तमान शिक्षक जनार्दन यादव का कहना है कि उन्हें फर्जी शिक्षक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वे सितंबर 2020 में इस विद्यालय में नियुक्त हुए थे। फर्जी शिक्षक से जुड़े कोई भी दस्तावेज विद्यालय में मौजूद नहीं हैं। ————————— ये भी पढ़ें…. योगी महाकुंभ की तैयारियां देख नाराज हुए:अफसरों से कहा- 8 दिन में काम पूरा हो; लोग पहली बार देखेंगे गंगा रिवर फ्रंट महाकुंभ के कामों का जायजा लेने के लिए सीएम योगी सोमवार दोपहर करीब 1 बजे प्रयागराज पहुंचे। योगी ने सबसे पहले अरैल में बन रही टेंट सिटी का निरीक्षण किया। काम में देरी को लेकर अफसरों से नाराजगी जाहिर की। 8 दिन के अंदर यानी 1 जनवरी 2025 से पहले काम पूरा करने का निर्देश दिया। अरैल से योगी दारागंज में दशाश्वमेध घाट पहुंचे। यहां गंगा की पूजा कर आरती की। दूध से गंगा का अभिषेक किया। इसके बाद मेला कार्यालय पहुंचे। यहां अधिकारियों के साथ महाकुंभ के कामों की समीक्षा बैठक की। पढ़ें पूरी खबर… ‘शिक्षा विभाग से नोटिस मिला है। साहब…हम कहां से इतना पैसा भरें। मैं रिक्शा चलाता हूं। देख लीजिए…हाथ में छालों के निशान पड़े हैं। हम अपने बच्चों को कैसे रखते हैं, हम ही जानते हैं। कहां से किस्त भरें। जब से नोटिस मिला है, तब से हमने खाना नहीं खाया। नोटिस लेकर इधर-उधर भाग रहे हैं।’ यह दर्द है श्रावस्ती के उस उस रिक्शा चालक का, जिसे शिक्षा विभाग ने फर्जी शिक्षक बताते हुए 51 लाख रुपए का रिकवरी नोटिस भेजा। नोटिस देखकर गरीब रिक्शा चालक के हाथ-पैर फूल गए। उसने रोते हुए कहा, ‘रिक्शा चलाकर हाथ में छाले पड़ गए हैं। हम 51 लाख रुपए भला कैसे देंगे?’ अब विस्तार से जानिए पूरा मामला… पूरा मामला श्रावस्ती जिले के भिनगा कोतवाली के गौड़पुरवा का है। गांव निवासी मनोहर यादव दिल्ली में रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। इन दिनों वह गांव आया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार की तरफ से 12 दिसंबर को जारी एक लेटर उसे मिला। लेटर प्रधान ने मनोहर को रिसीव कराया। मनोहर को जब आरोपों का पता चला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। नोटिस में दावा किया गया कि मनोहर यादव ने फर्जी तरीके से शिक्षक बनकर नौकरी की। 51 लाख 63 हजार 53 रुपए वेतन के रूप में अवैध तरीके से लिया है। यह रकम एक हफ्ते में वापस ना जमा होने पर कुर्की जैसी कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने शिक्षा विभाग से कराई जांच पीड़ित मनोहर का वीडियो वायरल हुआ और वह कलेक्ट्रेट भी पहुंचा। मनोहर ने डीएम से पूरे मामले की शिकायत की। दलील सुनने के बाद डीएम के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने जांच की। आरोपी के फोटो के साथ मनोहर की फोटो का मिलान किया। पाया गया कि दोनों अलग-अलग व्यक्तियों की फोटो हैं। इसके बाद विभाग ने नोटिस को निरस्त कर दिया। जांच में पता चला कि अंबेडकरनगर के एक फर्जी शिक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह की बजाय विभागीय लापरवाही के चलते यह नोटिस गलती से श्रावस्ती के रिक्शा चालक मनोहर लाल यादव को चली गई थी। लापरवाही उजागर होने के बाद विभाग ने आनन-फानन में नोटिस को निरस्त किया और प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए स्पष्टीकरण भी दिया। सुरेंद्र प्रताप उर्फ देवमणि निकला फर्जी शिक्षक बीएसए के अनुसार, सुरेंद्र प्रताप सिंह नामक व्यक्ति, जो अंबेडकर नगर का निवासी है, वह नव्वा पुरवा उच्च प्राथमिक विद्यालय में जून 2020 तक शिक्षक के पद पर तैनात था। इस दौरान उसने 51 लाख 63 हजार 53 रुपए वेतन के रूप में लिए। जांच के बाद शिक्षा विभाग ने सुरेंद्र प्रताप सिंह के नाम 51 लाख 63 हजार 53 रुपए की रिकवरी का नोटिस जारी किया। लेकिन, क्लर्क की गलती के कारण यह नोटिस श्रावस्ती के मूल निवासी मनोहर लाल यादव के पते पर चला गया। जांच में यह भी पता चला कि सुरेंद्र प्रताप का असली नाम देवमणि है। साथी शिक्षक ने मामले से जताई अनभिज्ञता इधर, इस पूरे मामले पर नव्वा पुरवा उच्च प्राथमिक विद्यालय में 2020 के बाद तैनात वर्तमान शिक्षक जनार्दन यादव का कहना है कि उन्हें फर्जी शिक्षक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वे सितंबर 2020 में इस विद्यालय में नियुक्त हुए थे। फर्जी शिक्षक से जुड़े कोई भी दस्तावेज विद्यालय में मौजूद नहीं हैं। ————————— ये भी पढ़ें…. योगी महाकुंभ की तैयारियां देख नाराज हुए:अफसरों से कहा- 8 दिन में काम पूरा हो; लोग पहली बार देखेंगे गंगा रिवर फ्रंट महाकुंभ के कामों का जायजा लेने के लिए सीएम योगी सोमवार दोपहर करीब 1 बजे प्रयागराज पहुंचे। योगी ने सबसे पहले अरैल में बन रही टेंट सिटी का निरीक्षण किया। काम में देरी को लेकर अफसरों से नाराजगी जाहिर की। 8 दिन के अंदर यानी 1 जनवरी 2025 से पहले काम पूरा करने का निर्देश दिया। अरैल से योगी दारागंज में दशाश्वमेध घाट पहुंचे। यहां गंगा की पूजा कर आरती की। दूध से गंगा का अभिषेक किया। इसके बाद मेला कार्यालय पहुंचे। यहां अधिकारियों के साथ महाकुंभ के कामों की समीक्षा बैठक की। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
UP Bypoll: ‘संघ क्या करेगा जो चुपके-चुपके छुपकर..’, यूपी उपचुनाव पर बोले अखिलेश यादव
UP Bypoll: ‘संघ क्या करेगा जो चुपके-चुपके छुपकर..’, यूपी उपचुनाव पर बोले अखिलेश यादव <p style=”text-align: justify;”><strong>Akhilesh Yadav on Bypoll:</strong> उत्तर प्रदेश उपचुनाव में जीत के लिए भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ साथ मिलकर रणनीति तैयार कर रही है. संघ के कार्यकर्ता भी बीजेपी के साथ मिलकर बूथ स्तर पर काम करने में जुटे हैं. जिस पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अखिलेश यादव ने दावा किया कि उपचुनाव में यूपी की जनता अब समाजवादी पार्टी के साथ है. इसलिए संघ के मैदान में आने से इन चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. सपा अध्यक्ष ने दावा किया कि उन्होंने कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का फैसला कर लिया हैं और उन्हें इसकी जानकारी भी दे दी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संघ के सवाल पर बोले अखिलेश यादव</strong><br />सपा अध्यक्ष ने यूपी उपचुनाव को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि- “यूपी उपचुनाव में जनता समाजवादियों के संग हैं और जब जनता संग है तो वो संघ क्या करेगा जो चुपके-चुपके छुपकर रणनीति बना रहा है.” अखिलेश यादव कहा कि हमने बहुत सारे नाम जो फाइनल कर लिए हैं मैं उन्हें बोल भी चुका हूं कि वो अपना काम जमीन पर शुरू करें.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>[tw]https://x.com/samajwadiparty/status/1827978173230776699[/tw]</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि रविवार को लखनऊ में सपा अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बैठक भी बुलाई थी. इस बैठक में उपचुनाव की तैयारियों को लेकर दिशा निर्देश दिए गए. इस चुनाव में सपा और बीजेपी दोनों की नजर अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर है. बताया जा रहा है कि बैठक में मिल्कीपुर सीट के लिए सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद का नाम तय हो गया है. हालाँकि इसे लेकर अभी तक आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके साथ ही इस बैठक में अन्य दावेदारों के साथ भी अखिलेश यादव ने तमाम गिले शिकवे दूर किए और सभी को मिलकर चुनाव में उतरने का आह्वान किया है. अखिलेश यादव ने ये भी साफ किया वो कई दूसरी सीटों पर भी नाम फाइनल कर चुके हैं. आपको बता दें जल्द ही यूपी में दस विधानसभा सीटों मिल्कीपुर, करहल, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर में उपचुनाव होने हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bsp-chief-mayawati-may-increased-akash-anand-responsibility-of-elections-in-four-states-2769186″>आकाश आनंद को लेकर मायावती का बड़ा प्लान, बसपा में बढ़ेगा सियासी कद, मिलेगी अहम जिम्मेदारी!</a></strong> <br /><br /></p>
बरनाला में नेता विपक्ष ने AAP सरकार को घेरा:प्रताप सिंह बाजवा बोले- BJP से मिले हुए सीएम मान, निभाएंगे एकनाथ शिंदे वाली भूमिका
बरनाला में नेता विपक्ष ने AAP सरकार को घेरा:प्रताप सिंह बाजवा बोले- BJP से मिले हुए सीएम मान, निभाएंगे एकनाथ शिंदे वाली भूमिका पंजाब के बरनाला में आज कांग्रेस पार्टी ने विभिन्न मुद्दों पर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी को घेरा। प्रताप सिंह बाजवा और अन्य कांग्रेसी नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और किसान की समस्या, कानून व्यवस्था सहित अन्य मामलों पर सरकार पर सवाल खडे़ किए। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान बीजेपी के साथ मिले हुए हैं। भगवंत मान, रवनीत बिट्टू के माध्यम से गृह विभाग से सीधे संपर्क में हैं। यही वजह है कि पंजाब का धान लुढ़क गया है। उन्होंने कहा कि जिस दिन भाजपा का विमान मोहाली में उतरेगा, उसमें चढ़ने वाले पहले यात्री भगवंत मान होंगे और वह मुंबई की तरह एकनाथ शिंदे की भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 60 सालों से धान और गेहूं खरीदा जा रहा है। भाजपा द्वारा सोची-समझी साजिश के तहत पंजाब को आर्थिक रूप से कमजोर किया जा रहा है। AAP सरकार ने दी हरियाणा को जमीन – बाजवा उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पिछले 10 वर्षों से बंद कर रखी है। इस अंतरराष्ट्रीय सीमा के माध्यम से मध्य एशिया और अन्य देशों के साथ व्यापार होगा, जिसका सीधा फायदा पंजाब और उसके किसानों को होगा। उन्होंने कहा कि AAP सरकार ने हरियाणा की अलग विधानसभा के लिए 10 एकड़ जमीन दी है और आगे हाईकोर्ट के लिए चंडीगढ़ में जमीन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का दावा मजबूत करने में पूरी तरह से बीजेपी की साजिश है, जिसमें पंजाब सरकार भी शामिल है। उन्होंने कहा कि, कल अरविंद केजरीवाल ने बरनाला में दावा किया कि हमने लोगों को ऐसी नौकरियां दीं कि कोई टंकी पर नहीं चढ़ा। जबकि केजरीवाल की बहन बनीं सिप्पी शर्मा आज भी पानी की टंकी पर चढी हुई है। पंजाब सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली का वादा किया था, लेकिन यह वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है, जबकि हिमाचल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने यह वादा पूरा किया है। पंजाब के किसान कर रहे आत्महत्या उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल दावा करते थे कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर पंजाब में कोई किसान आत्महत्या नहीं करेगा, लेकिन इस महीने की पांच तारीख को संगरूर जिले के नदामपुर गांव में किसान बलविंदर सिंह ने दस दिनों तक धान की फसल बाजार में नहीं बिकने के कारण आत्महत्या कर ली। लेकिन अभी तक सरकार के किसी भी नुमाइंदे ने उनकी सार-संभाल नहीं ली है। मुख्यमंत्री भगवंत मान, तीन मंत्री, संगरूर जिले से संबंधित सांसद मीत हेयर अभी तक किसान के घर नहीं गए हैं। बाजवा ने कहा कि पंजाब में किसानों, मजदूरों, आढ़तियों और शैलर मालिकों के हालात बहुत खराब हैं। भगवंत मान ने अपने विधानसभा क्षेत्र धूरी की मंडी में किसानों की सार तक नहीं ली। उन्होंने कहा कि पंजाब में गैंगस्टरों का राज चल रहा है। भगवंत मान के कहने पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू लिया गया, जबकि एसपी डीएसपी रैंक के अधिकारी फंसा दिए गए। बाजवा ने कहा कि बरनाला जिले की कुल आबादी 7 से 8 लाख है, उनकी सुरक्षा के लिए पूरे जिले में 900 पुलिस कर्मचारी तैनात हैं। जबकि मुख्यमंत्री भगवंत मान के परिवार के पांच सदस्यों की सुरक्षा में 1200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इसी कारण से मुख्यमंत्री भगवंत मान को महाराजा सतोज की उपाधि दी गई है। उन्होंने कहा कि बरनाला के हंडियाया में एक मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल लाया गया है। बलवीर सिंह सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे, जिन्होंने इस अस्पताल को बरनाला के लोगों तक पहुंचाया। लेकिन बीजेपी प्रत्याशी झूठा दावा कर रहे हैं। पंथक वोट बीजेपी को देने की तैयारी – नेता विपक्ष सुखबीर सिंह बादल के इस्तीफे पर प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल, अकाली दल के विरोधी गुट, पंथक सुधार आंदोलन और डिब्रूगढ़ समूह ने चुनाव नहीं लड़ा। ये सभी पंथक वोट बीजेपी को देने की तैयारी है। सुखबीर बादल का इस्तीफा भी इसी कड़ी का हिस्सा है। अगर पंथक वोट बीजेपी को गया तो अकाली दल का हाल भी वही होगा जो हरियाणा में चौटाला का हरियाणा में हुआ था। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि बरनाला जिला कांग्रेस सरकार ने बनाया था, जबकि दावा बीजेपी उम्मीदवार की ओर से किया जा रहा है। किसी एक व्यक्ति के कहने पर जिला नहीं बनाया जाता, इसलिए सरकार जमीनी हकीकत और जरूरत के हिसाब से जिला बनाती है। उस समय पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया, उन्होंने बरनाला की सभी परिस्थितियों को देखते हुए सरकार को एक रिपोर्ट दी। जिसके बाद बरनाला को जिला बनाया, किसी नेता ने नहीं बल्कि कांग्रेस सरकार ने करवाया था।
सुखबीर बादल पर पूरी प्लानिंग से की फायरिंग:3 दिन से गोल्डन टेंपल आ रहा था खालिस्तानी आतंकी चौड़ा; लगातार फोन पर बात कर रहा था
सुखबीर बादल पर पूरी प्लानिंग से की फायरिंग:3 दिन से गोल्डन टेंपल आ रहा था खालिस्तानी आतंकी चौड़ा; लगातार फोन पर बात कर रहा था पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल पर फायरिंग करने वाले खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने पूरी प्लानिंग से वारदात को अंजाम दिया। वह पिछले 3 दिन से गोल्डन टेंपल आ रहा था। पुलिस ने हमले के बाद गोल्डन टेंपल में लगे सीसीटीवी खंगाले और वहां तैनात सेवादारों से भी बात की। जिसमें उसके 4 दिसंबर के सीसीटीवी फुटेज हमें मिले। आतंकी चौड़ा गोल्डन टेंपल परिसर में घूमते हुए दिखा। हालांकि तब उसके पास हथियार था या नहीं, इसका पता नहीं लगा है। चौड़ा ने बुधवार को गोल्डन टेंपल के बाहर गेट पर अकाल तख्त की ओर से दी गई सेवादार की सजा भुगत रहे सुखबीर बादल की हत्या की कोशिश की। हालांकि सुखबीर की सुरक्षा में तैनात ASI जसबीर सिंह ने उसे देख लिया और पिस्टल का मुंह ऊपर को कर दिया, जिससे सुखबीर की जान बच गई। चौड़ा की गिरफ्तारी के बाद भी कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिसमें वह फायरिंग के बाद मुस्कुराते हुए नजर आया। इससे साफ है कि उसे न तो पकड़े जाने का डर था और न ही इस घटना को लेकर कोई पछतावा हो रहा था। खास बात यह भी है कि चौड़ा पाकिस्तान में हथियारों की ट्रेनिंग ले चुका था। उसने बम बनाने और चलाने से लेकर इंपोर्टेड हथियारों तक की ट्रेनिंग ली है। हालांकि, सुरक्षाकर्मी की मुस्तैदी से उसका सुखबीर बादल को मारने का प्लान फेल हो गया। गोल्डन टेंपल में लगे CCTV कैमरों में 3 जगह दिखा आतंकी चौड़ा… सुखबीर बादल पर हमले से पहले चौड़ा से जुड़ी 5 अहम बातें… 1. सुबह 9.11 बजे गोल्डन टेंपल पहुंच गया था चौड़ा
नारायण चौड़ा सुबह 9.11 बजे गोल्डन टेंपल परिसर में आ गया था। उसने श्री अकाल तख्त सचिवालय से गोल्डन टेंपल के अंदर एंट्री की थी। वे पहले बाहर सेवादार बन सेवा कर रहे सुखबीर बादल के पास नहीं गया था। उसने पहले गोल्डन टेंपल के अंदर रेकी की थी और सही जगह तलाशी, जहां से वह घटना को अंजाम दे सकता था। सुबह 9.13 बजे नारायण चौड़ा परिक्रमा में बुड्ढ़ा बेर के पास दिखा था। इसके बाद वह दर्शनी ड्योढ़ी के नीचे बनी सीढ़ियों से ऊपर जाता सीसीटीवी में कैद हुआ था। सुबह 9.26 बजे उसने सुखबीर बादल पर फायर कर दिया। 2. फोन पर कर रहा था किसी से बातचीत
नारायण चौड़ा का फोन इस समय पुलिस की कस्टडी में है। लेकिन जब वह सुबह 9.11 बजे गोल्डन टेंपल परिसर में आया तो लगातार फोन पर किसी से बातचीत कर रहा था। अनुमान लगाया जा रहा है कि वह देश-विदेश में बैठे आतंकियों से इंस्ट्रक्शंस हासिल कर रहा था। फिलहाल उसके फोन की फोरेंसिक जांच चल रही है। 3. तीन दिन से लगातार आ रहा था गोल्डन टेंपल
सुखबीर बादल को 2 दिसंबर को सजा सुनाई गई थी। तब और उसके बाद 3 दिसंबर को भी चौड़ा गोल्डन टेंपल में आया था। पुलिस अधिकारियों ने भी यह माना है कि चौड़ा के रोजाना इन दिनों गोल्डन टेंपल आने की जानकारी मिली थी। इसके चलते वे सतर्क भी थे और इस तथ्य की गंभीरता से जांच भी की जा रही है। 4. 6.15 बजे निकला था घर से
नारायण चौड़ा तकरीबन 6.15 बजे अपने घर से निकला था। उसकी पत्नी जसमीत कौर ने यह जानकारी साझा की। डेरा बाबा नानक से अमृतसर पहुंचने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है। 9.11 बजे वह गोल्डन टेंपल में दाखिल हुआ। जांच का विषय है कि वह एक-डेढ़ घंटा कहां रहा और किस-किस से मुलाकात की। ऐसे में यह शक है कि वह किसी से या अपने ठिकाने से हथियार लेने गया था। चौड़ा ने US मेड 9mm स्टार पिस्टल से सुखबीर बादल पर फायर किया था। यह गैर-लाइसेंसी पिस्टल है। शुरुआती जांच में यही सामने आ रहा है कि यह पिस्टल चौड़ा तक सरहद पार से आई थी। पुलिस इसे कब्जे में ले चुकी है। पंजाब पुलिस 3 एंगल पर कर रही फायरिंग की जांच… विदेशी एजेंसी या खालिस्तानी संगठन?
गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक में गांव चौड़ा का रहने वाला नारायण सिंह चौड़ा खालिस्तानी आतंकी रहा है। इस वक्त भी वह खालिस्तान यानी सिखों के लिए भारत से अलग देश की मांग का समर्थक है। ऐसे में पड़ताल की जा रही है कि उसने यह कदम क्यों उठाया? उसके पीछे किसी विदेशी एजेंसी या खालिस्तानी संगठन का हाथ तो नहीं है? पॉलिटिकल दुश्मनी तो नहीं?
सुखबीर बादल अकाली दल के प्रधान हैं। हालांकि फिलहाल वे इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन वह मंजूर नहीं हुआ है। 2 दिन पहले ही उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब पर अपनी गलतियां भी कबूलीं। उन्हें किसी पॉलीटिकल दुश्मनी के कारण निशाना तो नहीं बनाया गया? विदेशी फंडिंग या सुखबीर के प्रति सहानुभूति तो नहीं?
इसके अलावा पुलिस सहानुभूति के एंगल पर भी जांच कर रही है। सहानुभूति का यह एंगल नारायण चौड़ा और सुखबीर बादल, दोनों की तरफ घूमता है। नारायण चौड़ा ने कहीं विदेशी फंडिंग के लिए तो ऐसा नहीं किया या फिर राजनीतिक हाशिए पर पहुंचे सुखबीर बादल से जोड़कर भी पुलिस इसे देख रही है। पुलिस के दावों पर अकाली नेताओं ने उठाए सवाल
सुखबीर बादल पर हुए हमले के बाद अकाली दल के नेताओं ने लगातार पंजाब सरकार, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। सुखबीर बादल की सांसद पत्नी हरसिमरत कौर बादल के भाई पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम मजीठिया ने कहा कि नारायण चौड़ा आतंकी संगठनों से जुड़ा रहा। वह आपराधिक किस्म का है। वह 3 दिन से गोल्डन टेंपल में घूम रहा था। इंटेलिजेंस को उसके गोल्डन टेंपल आने की सूचना थी। इसके बावजूद न उस पर नजर रखी गई और न ही उसकी हरकतों को ट्रैक किया गया। 4 दिसंबर के वीडियो फुटेज में साफ है कि वह लगातार सुखबीर बादल को निशाना बनाने की तैयारी में था और अपने साथ हथियार लेकर घूम रहा था। इसके बावजूद पुलिस ने उसे न रोका और न ही उसकी जांच की। अगर उसकी जांच की जाती तो उससे हथियार पहले ही मिल जाता और यह घटना न होती। SGPC का प्रचारक रहा, ISI से ट्रेनिंग ले चुका चौड़ा
नारायण चौड़ा एक समय शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) में प्रचारक रह चुका है। 1982 में उसने अकाल फेडरेशन जॉइन कर ली थी। चौड़ा ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान भी गया। ISI से उसने हर तरह की पिस्टल, रिवाल्वर, गन चलाने की ट्रेनिंग ली। चौड़ा इतना शातिर है कि खुद बम बनाने से लेकर उसे प्लांट और ब्लास्ट करने का माहिर है। गुरिल्ला वॉर में माहिर चौड़ा ने इस पर एक किताब भी लिखी थी। तकरीबन 6 साल तक वह पाकिस्तान में रहा था और 1990 में उसने वापसी की। इसके बाद उसने अपनी खालिस्तान नेशनल फोर्स बना ली। ********************* सुखबीर बादल पर फायरिंग से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल पर फायरिंग: बाल-बाल बचे, गोल्डन टेंपल के बाहर सेवा कर रहे थे; हमलावर खालिस्तानी आतंकी गिरफ्तार अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में बुधवार को पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर खालिस्तानी आतंकी ने फायरिंग की। सुखबीर बादल गोल्डन टेंपल के गेट पर सेवादार बनकर बैठे थे (पढ़ें पूरी खबर…) खालिस्तानी आतंकी चौड़ा की हिटलिस्ट में था बादल परिवार:इसने पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारों को जेल से भगाया, अपनी आर्मी भी बनाई नारायण सिंह चौड़ा की हिटलिस्ट में बादल परिवार पहले से था। वह बादल परिवार को सिख पंथ का गद्दार मानता है। चौड़ा आतंकियों के साथ जेल काट चुका है और खुद भी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है (पढ़ें पूरी खबर…) सुखबीर बादल के हमलावर संग नहीं रहते वकील बेटे:गांव में 2 मंजिला मकान, पत्नी बोली- गोल्डन टेंपल में बरसी की बात कह निकला था गांव चौड़ा में सुखबीर बादल पर हमले का पता चलने के बाद कोई भी ग्रामीण ऑन कैमरा बात करने को राजी नहीं हुआ। उन्होंने इतना जरूर बताया कि नारायण के 2 बेटे हैं। दोनों ही वकील हैं। वह गांव में ही रहते हैं (पढ़ें पूरी खबर…)