रेलवे के चीफ इंजीनियर और उनके भाई के ठिकानों पर रेड, 70 लाख नकद, एक किलो सोना बरामद

रेलवे के चीफ इंजीनियर और उनके भाई के ठिकानों पर रेड, 70 लाख नकद, एक किलो सोना बरामद

<p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand CBI Raids:</strong> केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य अभियंता विशाल आनंद और उनके भाई कुणाल आनंद के रांची, बिलासपुर और दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी कर लगभग 70 लाख रुपये नकद और एक किलोग्राम सोना जब्त किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीबीआई ने 25 अप्रैल को रांची में चीफ इंजीनियर विशाल आनंद के भाई कुणाल आनंद को एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी से 32 लाख रुपये रिश्वत लेते पकड़ा था. इसके बाद बिलासपुर में चीफ इंजीनियर और घूस देने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी के एमडी सुशील झारझरिया और उनके कर्मचारी मनोज पाठक को भी गिरफ्तार किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एजेंसी ने पिछले तीन दिन में रेलवे अधिकारी के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की. बताया गया है कि रांची स्थित कुणाल आनंद के आवास से 20 लाख रुपये नकद और एक किलोग्राम सोना बरामद हुआ, जबकि बिलासपुर में विशाल आनंद के घर से लगभग 18 लाख रुपये नकद जब्त किए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीबीआई को शिकायत मिली थी कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में अंडरब्रिज और रेलवे ओवरब्रिज के ठेके में निजी कंपनी से पैसा लेकर फायदा पहुंचाया जा रहा है. एजेंसी को सटीक सूचना थी कि चीफ इंजीनियर विशाल आनंद और झारझरिया कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रतिनिधियों के बीच रेलवे ओवरब्रिज और अंडरपास निर्माण कार्य को लेकर रिश्वत की रकम की लेनदेन होनी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विशाल आनंद ने कंपनी के लोगों को अपने भाई कुणाल आनंद को रांची में रिश्वत की रकम सौंपने का निर्देश दिया था. एजेंसी ने मौके पर छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिस निजी कंपनी से यह रिश्वत ली गई, वह दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कई बड़े निर्माण कार्य कर रही है. इनमें रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी), अंडरब्रिज (आरयूबी), ट्रैक लाइनिंग, क्षमता वृद्धि के काम और छोटे-बड़े पुलों का निर्माण शामिल है. अब सीबीआई कंपनी की ओर से पहले हासिल किए गए ठेकों की भी जांच शुरू करेगी कि क्या ये ठेके भी रिश्वत देकर हासिल किए गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/jharkhand-minister-hafizul-hasan-accused-of-having-fake-phd-degree-bjp-demands-investigation-ranchi-2934019″>झारखंड: मंत्री हफीजुल हसन विवादों में घिरे, PhD डिग्री मिलने पर BJP ने की जांच की मांग</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand CBI Raids:</strong> केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य अभियंता विशाल आनंद और उनके भाई कुणाल आनंद के रांची, बिलासपुर और दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी कर लगभग 70 लाख रुपये नकद और एक किलोग्राम सोना जब्त किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीबीआई ने 25 अप्रैल को रांची में चीफ इंजीनियर विशाल आनंद के भाई कुणाल आनंद को एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी से 32 लाख रुपये रिश्वत लेते पकड़ा था. इसके बाद बिलासपुर में चीफ इंजीनियर और घूस देने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी के एमडी सुशील झारझरिया और उनके कर्मचारी मनोज पाठक को भी गिरफ्तार किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एजेंसी ने पिछले तीन दिन में रेलवे अधिकारी के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की. बताया गया है कि रांची स्थित कुणाल आनंद के आवास से 20 लाख रुपये नकद और एक किलोग्राम सोना बरामद हुआ, जबकि बिलासपुर में विशाल आनंद के घर से लगभग 18 लाख रुपये नकद जब्त किए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीबीआई को शिकायत मिली थी कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में अंडरब्रिज और रेलवे ओवरब्रिज के ठेके में निजी कंपनी से पैसा लेकर फायदा पहुंचाया जा रहा है. एजेंसी को सटीक सूचना थी कि चीफ इंजीनियर विशाल आनंद और झारझरिया कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रतिनिधियों के बीच रेलवे ओवरब्रिज और अंडरपास निर्माण कार्य को लेकर रिश्वत की रकम की लेनदेन होनी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विशाल आनंद ने कंपनी के लोगों को अपने भाई कुणाल आनंद को रांची में रिश्वत की रकम सौंपने का निर्देश दिया था. एजेंसी ने मौके पर छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिस निजी कंपनी से यह रिश्वत ली गई, वह दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कई बड़े निर्माण कार्य कर रही है. इनमें रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी), अंडरब्रिज (आरयूबी), ट्रैक लाइनिंग, क्षमता वृद्धि के काम और छोटे-बड़े पुलों का निर्माण शामिल है. अब सीबीआई कंपनी की ओर से पहले हासिल किए गए ठेकों की भी जांच शुरू करेगी कि क्या ये ठेके भी रिश्वत देकर हासिल किए गए थे.</p>
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