आलमबाग क्षेत्र स्थित कॉलोनी के क्वार्टर में राजस्थान निवासी रेलवे टेक्नीशियन का शव मिला। दुर्गंध आने पर पड़ोसियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना स्थल की जांच की। शव दो दिन पुराना बताया जा रहा है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में करंट से मौत होने की पुष्टि हुई है। इंस्पेक्टर शिव शंकर महादेवन के मुताबिक, मूलत: राजस्थान के भरतपुर निवासी स्वरूप जाटव रेलवे विभाग में डीजल शेड में टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत थे। वह क्षेत्र में रेलवे की बीजी काॅलोनी के क्वार्टर में अकेले रहते थे। गुरुवार देर शाम दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मी दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे तो उनका शव फर्श पर मिला। पास में ही हीटर व केबल मिला। पुलिस ने प्रथम दृष्टया करंट से मौत होने की आशंका जताई है। शव दो दिन पुराना बताया जा रहा है। सूचना पर पहुंचे परिजन से पूछताछ के बाद पुलिस ने पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। परिवार में पत्नी सुनीता व दो बेटे गौरव और धनंजय हैं। पोस्टमार्टम हाउस सूत्रों के अनुसार करंट रिपोर्ट में करंट से मौत हाेने की बात सामने आई है। आलमबाग क्षेत्र स्थित कॉलोनी के क्वार्टर में राजस्थान निवासी रेलवे टेक्नीशियन का शव मिला। दुर्गंध आने पर पड़ोसियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना स्थल की जांच की। शव दो दिन पुराना बताया जा रहा है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में करंट से मौत होने की पुष्टि हुई है। इंस्पेक्टर शिव शंकर महादेवन के मुताबिक, मूलत: राजस्थान के भरतपुर निवासी स्वरूप जाटव रेलवे विभाग में डीजल शेड में टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत थे। वह क्षेत्र में रेलवे की बीजी काॅलोनी के क्वार्टर में अकेले रहते थे। गुरुवार देर शाम दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मी दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे तो उनका शव फर्श पर मिला। पास में ही हीटर व केबल मिला। पुलिस ने प्रथम दृष्टया करंट से मौत होने की आशंका जताई है। शव दो दिन पुराना बताया जा रहा है। सूचना पर पहुंचे परिजन से पूछताछ के बाद पुलिस ने पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। परिवार में पत्नी सुनीता व दो बेटे गौरव और धनंजय हैं। पोस्टमार्टम हाउस सूत्रों के अनुसार करंट रिपोर्ट में करंट से मौत हाेने की बात सामने आई है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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69,000 Vacancy मामले में बड़ी खबर, 9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, बेंच में होंगे CJI <p>उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के आंदोलित अभ्यर्थी पिछले चार दिनों से भाजपा के ओबीसी नेताओं और गठबंधन सहयोगियों के आवासों के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे पहले अभ्यर्थियों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल और यूपी भाजपा प्रमुख भूपेंद्र चौधरी के घरों के बाहर भी प्रदर्शन किया था.</p>
<p>9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट इस मामले से जुड़ी पहली याचिका पर सुनवाई करने वाला है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की तीन-न्यायाधीशों की पीठ करेगी.</p>
<p>सामान्य वर्ग से चयनित अभ्यर्थियों द्वारा दायर याचिका में भर्ती प्रक्रिया से जुड़ी शिकायतों के समाधान के लिए न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की गई है. इस सुनवाई को चल रहे विवादों को सुलझाने और अभ्यर्थियों की चिंताओं को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.</p>
दांतों-हडि्डयों की जांच से तय होती है उम्र:POCSO केस में अहम होती है मेडिकल रिपोर्ट, जानिए डॉक्टर कैसे तय करते हैं उम्र?
दांतों-हडि्डयों की जांच से तय होती है उम्र:POCSO केस में अहम होती है मेडिकल रिपोर्ट, जानिए डॉक्टर कैसे तय करते हैं उम्र? ‘पॉक्सो एक्ट के तहत पीड़िता की उम्र का निर्धारण करने वाले डॉक्टरों को बकायदा इसकी ट्रेनिंग दी जाए।’ पीड़िता की उम्र की पुष्टि के लिए तैयार की गई मेडिकल रिपोर्ट में खामियां मिलने से खफा इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये निर्देश यूपी सरकार को दिए। ऐसे में सवाल है कि डॉक्टर किस आधार पर पॉक्सो पीड़ित या पीड़िता की उम्र तय करते हैं। मौजूदा पॉक्सो कानून क्या है? कितनी सजा होती है? किसी केस में पीड़ित की उम्र तय करते समय चूक का केस पर क्या असर पड़ सकता है? भास्कर एक्सप्लेनर में इन सवालों के जवाब जानेंगे… पहले जानिए हाईकोर्ट ने किस मामले में सरकार से कहा- ट्रेनिंग जरूरी
एटा के थाना-कोतवाली देहात में एक व्यक्ति के खिलाफ पॉक्सो और रेप का मुकदमा दर्ज कराया गया था। वह 7 दिसंबर, 2023 से जेल में है। उसने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की। सुनवाई के दौरान उसके वकील का कहना था, FIR में पीड़िता की उम्र 15 साल बताई गई है। उसकी उम्र बताने वाले स्कूल रिकॉर्ड भी अविश्वसनीय हैं। मेडिकल रिपोर्ट में उसे 13 साल का बताया गया। ऐसे में रिकॉर्ड में पीड़िता की उम्र का कोई वैधानिक आधार नहीं है। दोनों की सहमति से संबंध बने थे, शादी भी हुई थी। FIR में कम उम्र लिखाने का मकसद पॉक्सो के कड़े प्रावधानों के तहत झूठा फंसाया जाना था। कोर्ट ने आरोपी की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि पीड़िता की उम्र के बारे में भौतिक विरोधाभास (Physical paradox) है। आरोपी का दावा है कि जब संबंध बने, तब वह बालिग थी। कोर्ट ने आरोपी के वकील की इस दलील को भी गंभीरता से लिया कि मेडिकल रिपोर्ट सही नहीं है। कोर्ट ने कहा, इस मामले में आयु कॉलम केवल भरा गया है। उम्र के संबंध में निष्कर्ष का कॉलम खाली है। मतलब, फाइनल रिपोर्ट नहीं है। ऐसी रिपोर्ट अमान्य है। पीड़ित की उम्र के निर्धारण में निष्कर्ष चिकित्सा और वैज्ञानिक मानदंडों पर हो। सरकार की तरफ से डॉक्टरों को इसकी ट्रेनिंग दी जाए। पॉक्सो मामलों में क्यों जरूरी है मेडिकल रिपोर्ट?
पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज होने के बाद संबंधित पुलिस अधिकारी या विवेचक के लिए पीड़ित या पीड़िता की मेडिकल जांच करानी जरूरी है। कोर्ट की गाइडलाइन है, पॉक्सो पीड़ित का मेडिकल और उम्र निर्धारित करने वाली जांच तुरंत करानी चाहिए। रिपोर्ट धारा 164-ए के तहत बिना देरी कोर्ट में पेश की जानी चाहिए। डॉक्टर कैसे तय करते हैं पीड़ित या आरोपी की उम्र?
डॉक्टर दांत और हडि्डयों की जांच कर किसी भी व्यक्ति की सही उम्र का पता लगा सकते हैं। कई मामलों में DNA जांच से भी इसका पता लगाया जाता है। 1- दांतों की जांच: मुंह में कितने दांत हैं, इससे उम्र का पता चल जाता है। अगर किसी के मुंह में दूध का एक भी दांत है, तो उसकी उम्र 14 साल तक है। जिसके मुंह में दाढ़ आ गई है, वह 18 के करीब है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, दांतों की संख्या (अधिकतम 32) भी बढ़ती है। 2- हडि्डयों की जांच: आयु वर्ग के हिसाब से महिला-पुरुष की हड्डियों की लंबाई-चौड़ाई भी अलग-अलग होती है। किसी भी व्यक्ति की उम्र हडि्डयों के सीटी स्कैन से पता की जा सकती है। पैर और कमर की हडि्डयों का सीटी स्कैन किया जाता है। इससे 70 से 80 साल तक के बुजुर्ग की भी सही उम्र का पता किया जा सकता है। उम्र का पता शरीर की किसी भी बड़ी हड्डी का एक्स-रे कर लगाया जा सकता है। 3- DNA जांच: सही उम्र का पता DNA जांच से भी किया जाता है। इसे DNA मिथाइलेशन प्रक्रिया कहते हैं। उम्र के साथ DNA से मिथाइल समूह टैग चिपक जाते हैं। इनका पैटर्न सही आयु बता देता है। हालांकि आतंकी अजमल कसाब के मामले में DNA जांच पर भरोसा नहीं किया गया था। किन हालात में पॉक्सो एक्ट के केस में मेडिकल रिपोर्ट की छूट?
इलाहाबाद हाईकोर्ट की गाइडलाइन है कि पॉक्सो एक्ट में दर्ज हर मामले में संबंधित पुलिस अधिकारी या विवेचक पीड़िता की आयु निर्धारण के लिए मेडिकल रिपोर्ट जरूर तैयार करेंगे। इसमें छूट सिर्फ तभी दी जा सकती है, जब ऐसा करना पीड़ित या पीड़िता के स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालने वाला हो। कोर्ट ने कहा, मेडिकल रिपोर्ट कानून में निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप तैयार की जाए। यह नवीनतम वैज्ञानिक मानकों और मेडिकल प्रोटोकॉल के तहत होनी चाहिए। मेडिकल रिपोर्ट को बिना किसी देरी के कोर्ट में दाखिल किया जाए। उम्र तय करने में चूक का असर क्या पड़ता है?
पॉक्सो के तहत कड़ी सजा का प्रावधान है। अगर किसी भी व्यक्ति पर नाबालिग के यौन शोषण का केस दर्ज होता है, तो उसे किसी भी तरह से जमानत नहीं दी जा सकती। कानून में बदलाव से पहले अग्रिम जमानत ली जा सकती थी। ऐसे में FIR या मेडिकल रिपोर्ट में अगर पीड़िता की उम्र 18 से ज्यादा दिखाई जाती है तो आरोपी पॉक्सो के तहत आने वाली कड़ी सजा के प्रावधान से बच जाते हैं। यही वजह है, उम्र निर्धारण करते समय डॉक्टरों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। नाबालिग साबित करने के लिए कभी भी कर सकते हैं अपील
कानून के जानकार बताते हैं- पॉक्सो एक्ट के तहत पेनिट्रेटिव यौन हमले और गंभीर पेनेट्रेटिव यौन हमला (जबरन किसी चीज से बच्चों के निजी अंगों से छेड़छाड़) केस महिलाओं के खिलाफ भी चलाया जा सकता है। ऐसे मामलों में जेंडर कोई ढाल नहीं है। आरोपी या पीड़ित नाबालिग है, ये मुद्दा केस के किसी भी स्टेज पर उठाया जा सकता है। केस का फैसला अगर निचली अदालत से आ चुका है, हाईकोर्ट से भी आ चुका है तो सुप्रीम कोर्ट में इसे उठाया जा सकता है। आमतौर पर कोर्ट में हाईस्कूल के प्रमाणपत्र पर लिखी उम्र को सबूत के तौर पर पेश किया जाता है। लेकिन, मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर इसे साबित करना आसान है। कोर्ट भी मेडिकल जांच के आधार पर तय की गई उम्र मानता है। अब स्लाइड के जरिए पॉक्सो एक्ट और सजा के बारे में जनिए… ————————————- ये खबर भी पढ़ें… बाबा सिद्दीकी को गोली मारने वाले 2 शूटर बहराइच के:दोनों पड़ोसी, उम्र 18-19 साल; SP बोलीं-कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं मुंबई में NCP नेता बाबा सिद्दीकी को गोली मारकर हत्या करने वाले 2 हमलावर यूपी के बहराइच के हैं। इसकी पुष्टि बहराइच SP वृंदा शुक्ला ने की है। उन्होंने बताया- एक आरोपी का नाम धर्मराज कश्यप है। दूसरा शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा है। शिवा फरार है जबकि धर्मराज को मुंबई पुलिस ने पकड़ लिया है। दोनों एक ही गांव गंडारा के रहने वाले हैं। घर अगल-बगल है। उम्र करीब 18-19 साल है। दोनों पुणे में कबाड़ का काम करते थे। इनका अभी तक कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं मिला है। पढ़ें पूरी खबर…
Congress Candidates List: जम्मू कश्मीर चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी, बारामूला से किसे मिला टिकट?
Congress Candidates List: जम्मू कश्मीर चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी, बारामूला से किसे मिला टिकट? <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir Assembly Election 2024:</strong> जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में पांच प्रत्याशियों के नाम हैं. कांग्रेस ने बारामूला से मीर इकबाल को टिकट दिया है. बांदीपोरा सीट से निजामुद्दीन भट्ट को प्रत्याशी बनाया गया है. वहीं सुचेतगढ़ (SC) से भूषण डोगरा को मौका मिला है. अखनूर (SC) सीट से अशोक भगत और चांब से तारा चंद को उम्मीदवार बनाया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस ने इससे पहले सोमवार को 19 और उम्मीदवार घोषित किए थे, जिसमें पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह को बसोहली से और एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष नीरज कुंदन बिशनाह से उम्मीदवार घोषित किए गए थे. उससे पहले कांग्रेस दो लिस्ट में 15 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुकी है. इसमें रियासी से मुमताज खान को टिकट दिया गया. राजौरी से इफ्तार अहमद, श्री माता वैष्णो देवी से भूपेंद्र जामवाल को मौका मिला.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>Congress releases its fourth list of candidates for the upcoming Jammu & Kashmir legislative assembly elections <a href=”https://t.co/qhVCNxFlWX”>pic.twitter.com/qhVCNxFlWX</a></p>
— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1833929144482119721?ref_src=twsrc%5Etfw”>September 11, 2024</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
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</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जम्मू में 10 साल बाद हो रहे हैं चुनाव</strong><br />जम्म-कश्मीर में धारा 370 खत्म होने के साथ ही 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में चुनाव तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होगा और आठ अक्टूबर को मतों की गिनती होगी. बता दें जम्मू-कश्मीर में कुल 114 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन राज्य में विधानसभा सीटों के डिलीमिटेशन के बाद चुनाव केवल 90 सीटों पर ही होंगे. बाकी 24 सीटें POK यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आती हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>
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