हरियाणा के रेवाड़ी में एक रोडवेज की एक बस बुधवार की सुबह हादसे का शिकार होते-होते बच गई। 80 की स्पीड पर चल रही बस के अचानक ब्रेक डाउन हो गए। साथ ही गियर लगने भी बंद हो गए। चालक-परिचालक की सूझ-बूझ की वजह से बस को तुरंत रोका गया। चेक करने पर पिछले टायर के एक्सल निकल हुए मिले। कंडेक्टर ऋषिराज के मुताबिक, किलोमीटर स्कीम की बस सुबह साढ़े 5 बजे रेवाड़ी बस स्टैंड के चंडीगढ़ के लिए निकली थी। बस को वाया रोहतक होते हुए चंडीगढ़ जाना था। बस में तकरीबन 50 यात्री सवार थे। रोडवेज की बस जैसे ही डीघल से निकलते ही कारौथा गांव के समीप पहुंची तो पहले अचानक गियर लगने बंद हो गए। इसके बाद ब्रेक डाउन हुए। टायर के एक्सल निकले मिले चालक और परिचालक ने तुरंत सूझबूझ दिखाते हुए बस को रोका और यात्रियों को नीचे उतारकर बस के टायर चेक किए तो पिछले दोनों टायर के एक्सल निकले हुए थे। ड्राइवर ने तुरंत इसकी सूचना अधिकारियों को दी। इसके बाद दूसरी बस में सवारियों को बैठाकर चंडीगढ़ के लिए रवाना किया गया। दरअसल, किलोमीटर स्कीम की बसें आए दिन हादसे का शिकार हो रही है। समय पर मेंटिनेंस नहीं होने की वजह से भी हादसे बढ़ रहे है। किलोमीटर स्कीम की 70% बसें अनफिट बता दें कि किलोमीटर स्कीम की 70% बसें अनफिट हैं, लेकिन फिर भी उन बसों को रूटों पर बेधड़क दौड़ाया जा रहा है। इससे हादसा होने का खतरा है। इन बसों के कभी रूट पर दौड़ते समय ब्रेक फेल हो जाते हैं, तो कभी गियर खुल जाते हैं और बॉक्स से हट जाते हैं। इसके अलावा कभी टायर खुलकर गिर जाते हैं तो ड्राइवरों की योग्यता पर भी सवाल उठते रहते हैं, लेकिन फिर भी रोडवेज इन बसों को अपने बेड़े में जगह दे रही है। इतना सब होने के बावजूद रोडवेज प्रशासन द्वारा इन बसों की जांच तक नहीं की जाती, जबकि सभी बसें रोडवेज के बेड़े में शामिल हैं। रोडवेज जब अपनी बसों को रूट पर उतारती है तो एक-एक कड़ी की अच्छी तरह जांच करती है। जिसके बाद ही रूट पर बस को चलाया जाता है, लेकिन किलोमीटर स्कीम की सभी जांच प्राइवेट ठेकेदार को सौंप रखी हैं। जब किलोमीटर स्कीम की बस रूट पर जाती है तो रोडवेज के अधिकारी सिर्फ सफाई चेक करते हैं। बस में ब्रेक हैं या नहीं, गियर बॉक्स ठीक है या नहीं, बस चालू हालत में है या नहीं, इससे किसी को कोई मतलब नहीं है। यह सब ठेकेदार के भरोसे छोड़ रखा है। अधिकारियों का कहना है कि किलोमीटर स्कीम बसों के फिटनेस की जांच आरटीए द्वारा की जाती है, रोडवेज द्वारा नहीं। कब-कब हुए हादसे कुछ दिनों पहले रेवाड़ी में दिल्ली जयपुर हाइवे एनएच-48 पर हरियाणा रोडवेज की किलोमीटर स्कीम की एक बस रोड किनारे खड़े कंटेनर से टकरा गई। ड्राइवर ने बस को रोकने का भरसक प्रयास किया, लेकिन ब्रेक नहीं लग सके। कंटेनर से टकराने के बाद बस का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। बस में बैठी कई सवारियों को भी चोट आई है। बस का ड्राइवर और कंडक्टर हादसे में बाल बाल बच गए। बस का अगला हिस्सा दोनों तरफ से क्षतिग्रस्त हो गया। 18 अक्टूबर को रेवाड़ी से चंडीगढ़ रूट पर गई रोडवेज की किलोमीटर स्कीम की बस दादरी मोड पर अचानक खराब हो गई, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई। बस की जब ड्राइवर ने जांच की तो पता चला बस की लंबे समय से मेंटेनेंस नहीं हुई थी। जिसके कारण ही बस खराब हो गई। इससे पहले भी खाटूश्याम समेत कई रूट पर बस के गियर खराब होने की भी सूचनाएं मिलती रही हैं। लेकिन फिर भी रोडवेज के ठेकेदार इन बसों की समय पर मेंटेनेंस नहीं कराते, जो यात्रियों की जान को जोखिम में डाल रही हैं। हरियाणा के रेवाड़ी में एक रोडवेज की एक बस बुधवार की सुबह हादसे का शिकार होते-होते बच गई। 80 की स्पीड पर चल रही बस के अचानक ब्रेक डाउन हो गए। साथ ही गियर लगने भी बंद हो गए। चालक-परिचालक की सूझ-बूझ की वजह से बस को तुरंत रोका गया। चेक करने पर पिछले टायर के एक्सल निकल हुए मिले। कंडेक्टर ऋषिराज के मुताबिक, किलोमीटर स्कीम की बस सुबह साढ़े 5 बजे रेवाड़ी बस स्टैंड के चंडीगढ़ के लिए निकली थी। बस को वाया रोहतक होते हुए चंडीगढ़ जाना था। बस में तकरीबन 50 यात्री सवार थे। रोडवेज की बस जैसे ही डीघल से निकलते ही कारौथा गांव के समीप पहुंची तो पहले अचानक गियर लगने बंद हो गए। इसके बाद ब्रेक डाउन हुए। टायर के एक्सल निकले मिले चालक और परिचालक ने तुरंत सूझबूझ दिखाते हुए बस को रोका और यात्रियों को नीचे उतारकर बस के टायर चेक किए तो पिछले दोनों टायर के एक्सल निकले हुए थे। ड्राइवर ने तुरंत इसकी सूचना अधिकारियों को दी। इसके बाद दूसरी बस में सवारियों को बैठाकर चंडीगढ़ के लिए रवाना किया गया। दरअसल, किलोमीटर स्कीम की बसें आए दिन हादसे का शिकार हो रही है। समय पर मेंटिनेंस नहीं होने की वजह से भी हादसे बढ़ रहे है। किलोमीटर स्कीम की 70% बसें अनफिट बता दें कि किलोमीटर स्कीम की 70% बसें अनफिट हैं, लेकिन फिर भी उन बसों को रूटों पर बेधड़क दौड़ाया जा रहा है। इससे हादसा होने का खतरा है। इन बसों के कभी रूट पर दौड़ते समय ब्रेक फेल हो जाते हैं, तो कभी गियर खुल जाते हैं और बॉक्स से हट जाते हैं। इसके अलावा कभी टायर खुलकर गिर जाते हैं तो ड्राइवरों की योग्यता पर भी सवाल उठते रहते हैं, लेकिन फिर भी रोडवेज इन बसों को अपने बेड़े में जगह दे रही है। इतना सब होने के बावजूद रोडवेज प्रशासन द्वारा इन बसों की जांच तक नहीं की जाती, जबकि सभी बसें रोडवेज के बेड़े में शामिल हैं। रोडवेज जब अपनी बसों को रूट पर उतारती है तो एक-एक कड़ी की अच्छी तरह जांच करती है। जिसके बाद ही रूट पर बस को चलाया जाता है, लेकिन किलोमीटर स्कीम की सभी जांच प्राइवेट ठेकेदार को सौंप रखी हैं। जब किलोमीटर स्कीम की बस रूट पर जाती है तो रोडवेज के अधिकारी सिर्फ सफाई चेक करते हैं। बस में ब्रेक हैं या नहीं, गियर बॉक्स ठीक है या नहीं, बस चालू हालत में है या नहीं, इससे किसी को कोई मतलब नहीं है। यह सब ठेकेदार के भरोसे छोड़ रखा है। अधिकारियों का कहना है कि किलोमीटर स्कीम बसों के फिटनेस की जांच आरटीए द्वारा की जाती है, रोडवेज द्वारा नहीं। कब-कब हुए हादसे कुछ दिनों पहले रेवाड़ी में दिल्ली जयपुर हाइवे एनएच-48 पर हरियाणा रोडवेज की किलोमीटर स्कीम की एक बस रोड किनारे खड़े कंटेनर से टकरा गई। ड्राइवर ने बस को रोकने का भरसक प्रयास किया, लेकिन ब्रेक नहीं लग सके। कंटेनर से टकराने के बाद बस का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। बस में बैठी कई सवारियों को भी चोट आई है। बस का ड्राइवर और कंडक्टर हादसे में बाल बाल बच गए। बस का अगला हिस्सा दोनों तरफ से क्षतिग्रस्त हो गया। 18 अक्टूबर को रेवाड़ी से चंडीगढ़ रूट पर गई रोडवेज की किलोमीटर स्कीम की बस दादरी मोड पर अचानक खराब हो गई, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई। बस की जब ड्राइवर ने जांच की तो पता चला बस की लंबे समय से मेंटेनेंस नहीं हुई थी। जिसके कारण ही बस खराब हो गई। इससे पहले भी खाटूश्याम समेत कई रूट पर बस के गियर खराब होने की भी सूचनाएं मिलती रही हैं। लेकिन फिर भी रोडवेज के ठेकेदार इन बसों की समय पर मेंटेनेंस नहीं कराते, जो यात्रियों की जान को जोखिम में डाल रही हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा CM पर आज शाह मुहर लगाएंगे:BJP विधायक दल की मीटिंग बुलाई; नायब सैनी के चेहरे पर चुनाव लड़ा, 17 को शपथग्रहण हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के नाम पर आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मुहर लगाएंगे। पूर्ण बहुमत से चुनाव जीतने के बाद नई सरकार के गठन को लेकर BJP ने आज विधायक दल की मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में केंद्र की ओर से पर्यवेक्षक बनाकर भेजे गए अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव शामिल होंगे। इससे पहले अमित शाह को भाजपा हाईकमान ने 2022 में UP में ऑब्जर्वर बनाकर भेजा था। उनके साथ झारखंड के पूर्व CM रघुवर दास भी थे। भाजपा ने 2022 के UP विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार बहुमत हासिल किया था। अमित शाह की मौजूदगी में वहां योगी आदित्यनाथ का नाम लगातार दूसरी बार CM पद के लिए फाइनल किया गया था। सभी विधायक चंडीगढ़ पहुंचे
हरियाणा BJP अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने पार्टी के सभी विधायकों को 16 और 17 अक्टूबर को चंडीगढ़ में रहने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सभी विधायक चंडीगढ़ पहुंच गए हैं। 17 अक्टूबर को शपथग्रहण समारोह होगा। BJP में दो गुट
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BJP अनुशासित पार्टी मानी जाती है। आम तौर पर ऐसा देखने को मिलता है कि पार्टी ने अगर किसी नेता को चेहरा घोषित कर दिया तो उसके बाद अगले CM को लेकर डिबेट वहीं समाप्त हो जाती है। पार्टी के नेता भी खुलकर CM दावेदारी करने से परहेज करते हैं, लेकिन हरियाणा चुनाव में इसके उलट नजारा देखने को मिला। खुद अमित शाह ने ही यह ऐलान किया था कि नायब सैनी ही चुनाव में BJP का चेहरा होंगे, लेकिन राव इंद्रजीत से लेकर अनिल विज तक CM पद के लिए दावेदारियां लगातार करते रहे हैं। राव इंद्रजीत विधायक नहीं हैं, लेकिन CM के लिए अनिल विज के साथ उनकी दावेदारी ने BJP नेतृत्व की टेंशन बढ़ा दी है। BJP को सता रहा डर
BJP नेतृत्व नहीं चाहता कि फिर से वैसी नौबत आए और सरकार गठन से पहले ही किसी तरह का बखेड़ा खड़ा हो, पार्टी में गुटबाजी या विधायकों के बीच मतभेद की खबरें बाहर आएं। राव इंद्रजीत ने सरकार गठन की कवायद के बीच अहीरवाल रीजन के 8 विधायकों से मुलाकात की है, जिसे पार्टी आलाकमान को ताकत दिखाने जैसा बताया जा रहा है। राव इंद्रजीत ने अहीरवाल की 11 में से 8 सीटों पर अपनी बेटी समेत समर्थकों के लिए टिकट मांगा था। BJP ने राव इंद्रजीत की पसंद के उम्मीदवारों को तरजीह भी दी और ये सभी विधानसभा चुनाव जीत विधायक निर्वाचित होने में भी सफल रहे हैं।
हरियाणा के रेसलर ने करोड़ों के दावों की हवा निकाली:विनेश फोगाट के पति बोले- झूठ न फैलाएं, हमें कोई पैसा नहीं मिला
हरियाणा के रेसलर ने करोड़ों के दावों की हवा निकाली:विनेश फोगाट के पति बोले- झूठ न फैलाएं, हमें कोई पैसा नहीं मिला हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट का दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर उनके गांव बलाली तक स्वागत करने वालों की लिस्ट अब इनाम राशि के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि विनेश को विभिन्न संस्थाओं से करोड़ों रुपए का इनाम मिला है। इनमें कुछ नामी संस्थाओं से जुड़े लोग भी अपनी इनाम राशि को लेकर प्रचार प्रसार करने में लगे हैं। लेकिन, विनेश के पति सोमवीर राठी ने इन दावों की हवा निकाल दी है। उन्होंने कहा है कि उन्हें कोई इनाम नहीं मिला है। यह सस्ती लोकप्रियता पाने का साधन है। 125 किमी का रोड शो निकला
बता दें कि पेरिस ओलिंपिक से खेलकर स्वदेश लौटी विनेश फोगाट का शनिवार को भव्य स्वागत हुआ। दिल्ली एयरपोर्ट से उनके पैतृक गांव बलाली तक करीब 125 किलोमीटर का रोड शो निकाला गया। इसी बीच 100 से ज्यादा जगहों पर उनका स्वागत किया गया। हर जगह कार्यक्रम में विनेश को लोगों ने पुरस्कार स्वरूप नोटों की मालाएं, मेडल, गदा और अन्य उपहार दिए। बलाली पहुंचने पर भी सैकड़ों लोगों ने विनेश को कुछ न कुछ भेंट किया। इसके लिए विनेश सभी लोगों का धन्यवाद कर चुकी हैं। सोशल मीडिया पर लिस्ट वायरल हुई
इसके बाद रविवार को सोशल मीडिया पर एक लिस्ट वायरल हुई, जिसमें विनेश को करोड़ों रुपए की भारी भरकम इनाम राशि दिए जाने का दावा किया गया। X पर कई वेरिफाइड अकाउंट होल्डर भी इसे शेयर कर चुके। शाम होते-होते इस लिस्ट पर किसी तरह का कोई रिएक्शन एवं ऑब्जेक्शन न आने के चलते लोग इसे प्रमाणित समझ रहे थे। इसी बीच विनेश फोगाट के पति सोमवीर राठी ने इस लिस्ट का खंडन कर दिया। यह सोमवीर ने जवाब दिया
सोमवीर राठी ने X पर लिखा, ‘निम्नलिखित संस्थाओं, व्यापारियों, कंपनियों और पार्टियों द्वारा विनेश फोगाट को कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। आप सभी हमारे शुभ चिंतक लोग हैं। कृपया झूठी खबरें न फैलाएं। इससे हमारा नुकसान तो होगा ही, सामाजिक मूल्यों का भी नुकसान होगा। यह सस्ती लोकप्रियता पाने का साधन मात्र है।’ गांव वालों ने 100 रुपए से लेकर 21 हजार तक दिया इनाम
विनेश के गांव बलाली पहुंचने पर ग्रामीणों ने एकजुट होकर विनेश के लिए पुरस्कार की रकम जुटाई। छोटे-बड़े सभी ने इसमें बढ़-चढ़ कर अपनी ओर से योगदान दिया, जिसमें गांव के चौकीदार की ओर से 100 से लेकर फौजी भाईचारा समूह के सदस्यों की ओर से 21,000 तक की रकम शामिल था। कथित तौर पर दान देर रात में आया। गांव की सरपंच रीतिका सांगवान विनेश के स्वागत समारोह में शामिल नहीं हो सकीं और उन्होंने अपने पति से उनका स्वागत करने के लिए कहा। विनेश फोगाट मामले में अब तक क्या हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के बाद उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना खिलाया गया, जिससे उनका वजन 52.700 किग्रा तक बढ़ गया। 2. विनेश का वजन 2.7 किलो ज्यादा था भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक, विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट मिले, 100 ग्राम ज्यादा था बुधवार सुबह दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। इसके बाद नियमानुसार सिर्फ 15 मिनट मिले, लेकिन इतने कम समय में विनेश का वजन घटाकर 50KG तक नहीं लाया जा सका। लास्ट में जब वेट किया गया तो विनेश का वजन तय सीमा से 100 ग्राम अधिक निकला। ओलिंपिक कमेटी के फैसले के बाद विनेश की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल भर्ती करवाया। 4. डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ अपील भी की विनेश ने संन्यास के ऐलान से पहले बुधवार रात अपने डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ अपील दायर की है। उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स से मांग की कि उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए। विनेश ने पहले फाइनल खेलने की मांग भी की थी। फिर उन्होंने अपील बदली और अब संयुक्त रूप से सिल्वर दिए जाने की मांग की। 5. विनेश ने लिया संन्यास, सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट विनेश ने गुरुवार सुबह कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया (X) पर इसका ऐलान किया। विनेश ने 5 लाइनों की पोस्ट में लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।” 6. 14 अगस्त को अपील खारिज हुई 14 अगस्त को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स ने विनेश फोगाट की याचिका खारिज कर दी थी। विनेश फोगाट ने याचिका लगाकर सिल्वर मेडल की मांग की थी।
हरियाणा की 2 यूनिवर्सिटी के VC का इस्तीफा:राज्यपाल ने रिलीव भी किया; एक को डिप्टी CM रहते दुष्यंत चौटाला ने जॉइन कराया था
हरियाणा की 2 यूनिवर्सिटी के VC का इस्तीफा:राज्यपाल ने रिलीव भी किया; एक को डिप्टी CM रहते दुष्यंत चौटाला ने जॉइन कराया था हरियाणा में BJP की तीसरी बार सरकार बनने के बाद जींद में चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी (CRSU) और सिरसा में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय (CDLU) के कुलपतियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल अभी शेष था। माना जा रहा है कि दोनों से सरकार की ओर से इस्तीफा मांगा गया था। हालांकि कुलपतियों ने इस्तीफे के पीछे निजी कारण का हवाला दिया है। राज्यपाल की ओर से उनके इस्तीफे तुरंत प्रभाव से स्वीकार कर उनको कार्यभार से मुक्त कर दिया गया है। जानकारी अनुसार चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी में डॉ. रणपाल सिंह ने 10 जून 2022 को कुलपति के तौर पर जॉइन किया था। उनका कार्यकाल जून 2025 में समाप्त होना था, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। डॉ. रणपाल सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है। डॉ. रणपाल इससे पहले डीएवी कॉलेज यमुनानगर के प्राचार्य भी रह चुके हैं। दुष्यंत चौटाला समर्थक थे डॉ. रणपाल से पहले प्रो. आरबी सोलंकी चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी के वीसी थे। उनका कार्यकाल 22 जनवरी 2022 को समाप्त हो गया था। इसके बाद नई नियुक्ति तक कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी के वीसी को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी 2014 में अस्तित्व में आई थी। सूत्रों की मानें तो दुष्यंत चौटाला ने डिप्टी सीएम रहते डॉ. रणपाल को वीसी लगवाया था। उनको दुष्यंत समर्थक माना जा रहा था। अजमेर सिंह मलिक को मिला था एक्सटेंशन
दूसरी तरफ सिरसा में चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। उनका कार्यकाल 24 दिसंबर को पूर्ण होना था। 3 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने के बाद सरकार ने उनको एक साल का एक्सटेंशन दिया था। नियमानुसार नये कुलपति को लेकर प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने अपना त्याग पत्र दे दिया है। राज्यपाल ने इस्तीफा किया स्वीकार
इस बीच हरियाणा के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने सिरसा यूनिवर्सिटी के वीसी अजमेर सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उन्होंने 28 नवंबर को राज्यपाल को इस्तीफा भेजा था। राज्यपाल की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि हरियाणा सरकार की सिफारिश के परिणामस्वरूप, चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा अधिनियम, 2003 की धारा 11 की उपधारा (4) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते उनका इस्तीफा स्वीकार करते हैं। पत्र में लिखा गया है कि प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक को चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति के पद से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया गया है। उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, नए पदाधिकारी के कार्यभार ग्रहण करने तक अपने वर्तमान कर्तव्यों के अलावा, तुरंत प्रभाव से चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।