हरियाणा के रेवाड़ी शहर में चोरों ने सूने मकान का ताला तोड़कर करीब 4 लाख रुपये के जेवरात व नकदी चोरी कर ली। घटना के समय घर पर कोई नहीं था। घर का मुखिया सर्वाइकल का ऑपरेशन कराने चंडीगढ़ गया हुआ था। पीछे से चोरों ने वारदात को अंजाम दिया। पड़ोसी ने मकान का ताला टूटा देखा तो इसकी सूचना दी। रामपुरा थाना पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज कर लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रेवाड़ी शहर के पुराना बिजली घर स्थित सुभाष बस्ती की गली नंबर-3 निवासी सूरजभान ने बताया कि उसका बेटा चंडीगढ़ में रहता है। उसे काफी समय से सर्वाइकल की समस्या थी। जिसके चलते बेटे ने उसे डेढ़ माह पहले सर्वाइकल का ऑपरेशन कराने के लिए चंडीगढ़ बुलाया था। तब से वह परिवार के साथ बेटे के घर पर ही था। रेवाड़ी स्थित मकान पर ताला लगा हुआ था। पड़ोसी ने बताया- टूटा हुआ है ताला मंगलवार को पड़ोसी ने बताया कि उसके घर का ताला टूटा हुआ है। इसके बाद सूरजभान तुरंत अपने परिवार के साथ रेवाड़ी लौट आया और जब घर आया तो ताले टूटे हुए मिले। कमरे में रखा सारा सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा था। जब उसने अलमारी चेक की तो उसमें रखी 4 सोने की अंगूठियां, 2 जोड़ी पायल, 1 जोड़ी टॉप्स, 2 चेन और 1 नथ के साथ ही 35000 रुपये की नकदी गायब मिली। 4 लाख के जेवरात और नकदी चोरी सूरजभान के अनुसार चोरी हुए सामान की कीमत करीब 4 लाख रुपये है। सूरजभान ने चोरी की सूचना तुरंत पुलिस को दी। सूचना के बाद सबसे पहले डायल-112 की टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद रामपुरा थाना पुलिस भी पहुंच गई। जांच के बाद पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस सुभाष बस्ती में सूरजभान के घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे भी चेक कर रही है, ताकि चोरों का सुराग मिल सके। हरियाणा के रेवाड़ी शहर में चोरों ने सूने मकान का ताला तोड़कर करीब 4 लाख रुपये के जेवरात व नकदी चोरी कर ली। घटना के समय घर पर कोई नहीं था। घर का मुखिया सर्वाइकल का ऑपरेशन कराने चंडीगढ़ गया हुआ था। पीछे से चोरों ने वारदात को अंजाम दिया। पड़ोसी ने मकान का ताला टूटा देखा तो इसकी सूचना दी। रामपुरा थाना पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज कर लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रेवाड़ी शहर के पुराना बिजली घर स्थित सुभाष बस्ती की गली नंबर-3 निवासी सूरजभान ने बताया कि उसका बेटा चंडीगढ़ में रहता है। उसे काफी समय से सर्वाइकल की समस्या थी। जिसके चलते बेटे ने उसे डेढ़ माह पहले सर्वाइकल का ऑपरेशन कराने के लिए चंडीगढ़ बुलाया था। तब से वह परिवार के साथ बेटे के घर पर ही था। रेवाड़ी स्थित मकान पर ताला लगा हुआ था। पड़ोसी ने बताया- टूटा हुआ है ताला मंगलवार को पड़ोसी ने बताया कि उसके घर का ताला टूटा हुआ है। इसके बाद सूरजभान तुरंत अपने परिवार के साथ रेवाड़ी लौट आया और जब घर आया तो ताले टूटे हुए मिले। कमरे में रखा सारा सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा था। जब उसने अलमारी चेक की तो उसमें रखी 4 सोने की अंगूठियां, 2 जोड़ी पायल, 1 जोड़ी टॉप्स, 2 चेन और 1 नथ के साथ ही 35000 रुपये की नकदी गायब मिली। 4 लाख के जेवरात और नकदी चोरी सूरजभान के अनुसार चोरी हुए सामान की कीमत करीब 4 लाख रुपये है। सूरजभान ने चोरी की सूचना तुरंत पुलिस को दी। सूचना के बाद सबसे पहले डायल-112 की टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद रामपुरा थाना पुलिस भी पहुंच गई। जांच के बाद पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस सुभाष बस्ती में सूरजभान के घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे भी चेक कर रही है, ताकि चोरों का सुराग मिल सके। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हांसी में पिस्तौल लेकर घर में घुसा पार्षद पति:वार्डवासी महिला ने पेयजल समस्या पर किया था मैसेज; आधी रात को हंगामा,FIR हरियाणा के हिसार के हांसी में एक पूर्व पार्षद व मौजूदा पार्षद प्रतिनिधि हाथ में पिस्तौल लेकर एक घर में घुस कर गाली गलौज व जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगे हैं। विवाद पानी समस्या को लेकर वार्ड की महिला पार्षद को मैसेज करने का है। पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। हांसी के मॉडल टाउन में रहने वाले सुरेंद्र बांगा ने पुलिस को शिकायत दी है कि उनके वार्ड मे पीने का पानी नहीं आ रहा था। इस पर उसकी पत्नी बिमला देवी ने पूर्व पार्षद सीमान्त चौधरी की पत्नी वार्ड पार्षद मौना चौधरी को व्हाट्सएप मैसेज कर दिया।उसने बताया कि उनके घर में पीने का पानी नहीं आ रहा है। इसी को लेकर पार्षद पति भड़क गया। गेट खोल अंदर घुसा, कमरे के दरवाजे पर मारी लातें सुरेंद्र बांगा ने बताया कि 9 व 10 जून की रात को करीब 12:45 बजे महिला पार्षद का पति सीमांत चौधरी अपने हाथ में रिवाल्वर लिए हुए उनके घर पहुंच गया। वह गेट के बाहर खड़ा होकर अपने मोबाइल फोन से उसे फोन पर गंदी-गंदी गालियां देने लगा। धमकी दी कि उसकी पत्नी को मैसेज करने पर आज उसे जान से मार दूंगा। बांगा ने डर के मारे घर का गेट नहीं खोला। वह गेट को लात मारकर अन्दर घुस गया और फोन पर ही उसको व उसकी पत्नी को गालियां देता रहा। डर के साये में रहा परिवार उसने बताया कि फिर वह कमरे के दरवाजे को लाते मारने लगा, लेकिन दरवाजा अन्दर से बन्द था। वह और उसके परिवार के अन्य सदस्य डर के मारे उसके सामने नहीं आए। सुरेंद्र ने बताया कि इसके बाद आरोपी निशांत चौधरी उनको जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से चला गया। सुरेंद्र बांगा ने बताया कि अगर हमारे घर का कोई भी सदस्य उसके सामने आ जाता तो वह उसे जान से मार देता, क्योंकि उसके हाथ में रिवाल्वर थी। घटना के बाद से उसका परिवार काफी डरा हुआ है।
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रोहतक में जीजा-साले को मोटरसाइकिल ने मारी टक्कर:2 बच्चों के पिता की मौत, 3 घायल, ससुराल आया था मृतक कार मैकेनिक रोहतक के गांव फरमाणा में सड़क किनारे बैठे जीजा-साले को मोटरसाइकिल ने टक्कर मार दी। इस एक्सीडेंट में जीजा-साले व मोटरसाइकिल सवार 2 युवकों को चोटें आई। जिन्हें घायल अवस्था में उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया। चिकित्सकों ने 2 बच्चों के पिता कार मैकेनिक को मृत घोषित कर दिया। मृतक सोनीपत के गांव बनवासा से अपनी पत्नी के साथ ससुराल आया हुआ था। रोहतक के गांव फरमाणा खास निवासी बंटी ने महम पुलिस थाने में एक्सीडेंट की शिकायत दी। शिकायत में बताया कि उसके चाचा की लड़की प्रवीण की शादी करीब 8 साल पहले सोनीपत के गांव बनवासा में हो रखी है। 11 जुलाई को उसके चाचा की लड़की प्रवीण अपने पति विजय के साथ अपने मायके में आई हुई थी। इसके बाद वह अपने जीजा विजय व चचेरे भाई नवीन के साथ तीनों गांव फरमाणा से सैमाण रोड की तरफ घूमने गए थे। इसी दौरान तीनों का कुएं पर नहाने का मन हुआ तो बंटी अपने जीजा विजय व चचेरे भाई नवीन को सैमाण रोड पर ही छोड़कर नहाने का समान लेने चला गया। रोड पर बैठे जीजा-साले को मारी टक्कर
बंटी ने बताया कि जब वह रात करीब साढ़े 8 बजे वापस आ रहा था तो देखा कि उसका भाई नवीन व जीजा विजय रोड के किनारे बैठे थे। इसी दौरान गांव सैमाण की तरफ से एक मोटरसाइकिल आई, जिस पर 2 युवक सवार थे। मोटरसाइकिल चालक ने तेज रफ्तार में लापरवाही से मोटरसाइकिल चलाते हुए नवीन व विजय को सीधी टक्कर मार दी। जिसके कारण विजय व नवीन को काफी चोटें लगी। वहीं मोटरसाइकिल सवार आगे चलकर गिर गए। जिसके कारण मोटरसाइकिल सवार दोनों युवक गांव फरमाणा निवासी जतिन व रोहित भी घायल हो गए। 2 बच्चों के पिता थे कार मैकेनिक
उन्होंने बताया कि प्राइवेट वाहन का इंतजाम करके चारों घायलों को उपचार के लिए महम अस्पताल में भर्ती करवाया। महम अस्पताल से विजय व नवीन को रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया। रोहतक पीजीआई में इलाज के दौरान शुक्रवार को उसके जीजा विजय ने दम तोड़ दिया। वहीं मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। उन्होंने बताया कि उसके जीजा विजय कार मैकेनिक थे और वे दो बच्चों के पिता थे। बड़ा लड़का करीब 6 साल का और छोटी बेटी करीब 2 साल की हैं। मोटरसाइकिल चालक के खिलाफ केस दर्ज
महम थाना के जांच अधिकारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि गांव फरमाणा में मोटरसाइकिल ने दो युवकों को टक्कर मार दी। इस हादसे में 4 लोग घायल हुए थे। जिनमें से एक की मौत हो गई। वहीं अन्य तीन लोगों को चोटें आई है। जिसके बाद मृतक विजय के साले बंटी की शिकायत के आधार पर मोटरसाइकिल चालक के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग
हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग भाजपा ने मोदी 3.0 सरकार में हरियाणा के 5 लोकसभा सांसदों में से 3 को मंत्री बनाकर सबको चौंका दिया। लोकसभा चुनाव में BJP राज्य की 10 में से 5 सीटें हार गई और 5 ही जीत पाई। इसके बावजूद केंद्रीय कैबिनेट में करनाल के सांसद मनोहर लाल खट्टर, गुरुग्राम के राव इंद्रजीत सिंह और फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर को जगह दी गई। ऐसे में सब जानना चाहते हैं कि आखिर BJP और नरेंद्र मोदी की क्या राजनीति है, जो हरियाणा में पार्टी की सीटें घटने के बावजूद पिछली टर्म के मुकाबले मंत्रियों की संख्या 2 से बढ़ाकर 3 कर दी गई। इसकी सबसे बड़ी वजह 5 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। 3 सांसदों को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल कर भाजपा ने हरियाणा के पंजाबी, अहीर व गुर्जर समुदाय के साथ-साथ जीटी रोड और अहीरवाल बेल्ट को साधते हुए 90 सीटों वाली विधानसभा में 46 के बहुमत वाले आंकड़े के जुगाड़ की कोशिश की है। पहले जानिए, हरियाणा से 3 मंत्री क्यों बनाए? 1. विधानसभा चुनाव की मजबूरी
भाजपा लोकसभा चुनाव में हरियाणा की 10 में से 5 सीटें ही जीत पाई। 2019 में पार्टी ने क्लीन स्वीप किया था। अब 5 महीने बाद, राज्य विधानसभा के चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों को विधानसभा चुनाव से पहले का ट्रेलर माना जा रहा है और इससे भाजपा डरी हुई है। लोकसभा चुनाव नतीजों का अगर विधानसभा सीटवाइज एनालिसिस करें तो राज्य की 90 सीटों में से 46 पर कांग्रेस और 44 पर BJP आगे रही। ऐसे में भाजपा नेतृत्व विधानसभा चुनाव को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। 2. क्षेत्रीय संतुलन साधा, नॉन जाट राजनीति बरकरार
मोदी 3.0 में BJP ने हरियाणा को लेकर क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशिश की है। खट्टर के जरिए जीटी रोड बेल्ट और राव इंद्रजीत के जरिए दक्षिण हरियाणा को साधने का प्रयास किया गया है। 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को इन्हीं दोनों बेल्ट से राज्य में सबसे ज्यादा सीटें मिली। इसके साथ ही BJP ने एक तरह से ये भी क्लियर कर दिया कि वह हरियाणा में अपनी नॉन-जाट की राजनीति के सहारे ही आगे बढ़ेगी। जाट बिरादरी से आने वाले BJP सांसद चौधरी धर्मबीर भी इस बार मंत्रिपद के दावेदार थे लेकिन लगातार तीसरी बार जीतने के बावजूद उन्हें मिनिस्टर नहीं बनाया गया। हरियाणा में गैरजाट की राजनीति की शुरुआत भाजपा ने 2014 में ही पंजाबी समुदाय के मनोहर लाल खट्टर को सीएम बनाकर कर दी थी। 2019 में भी खट्टर ही सीएम बने। 3. ओवर कॉन्फिडेंस से तौबा हरियाणा में BJP साढ़े 9 साल से सत्ता में है। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ओवर-कॉन्फिडेंस का शिकार थी और सभी 10 लोकसभा सीटें जीत लेने का दम भर रही थी। मगर, चुनाव नतीजे आए तो रोहतक और सिरसा सीट बड़े अंतर से हार गई। गुरुग्राम में राव इंद्रजीत और कुरुक्षेत्र में नवीन जिंदल आखिर तक करीबी मुकाबले में फंसे नजर आए। पांच सीटें पार्टी के हाथ से निकल गईं। जब रिजल्ट की समीक्षा की गई तो पता चला कि पार्टी ने अपने गढ़ रहे जीटी रोड बेल्ट और अहीरवाल जैसे इलाकों को कुछ समय में तरजीह देना बंद कर दिया था। यही कारण है कि भाजपा अब राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए अपने गढ़ को सुरक्षित कर लेने की कोशिश करती दिख रही है। 4. मोदी मैजिक दिखाने की तैयारी
लोकसभा चुनाव में भाजपा इस बार अपने बूते बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटें नहीं जीत पाई और 240 पर सिमट गई। ऐसे में न केवल केंद्र में JDU और TDP से गठबंधन मजबूरी बन गया बल्कि नरेंद्र मोदी की साख भी दांव पर लग गई। मोदी ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान अपने नाम पर वोट मांगे थे। अगर भाजपा 5 महीने बाद होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत जाती है तो फिर से माहौल बन सकेगा कि भले ही भाजपा को लोकसभा में बहुमत नहीं मिला लेकिन हिंदी बेल्ट में मोदी मैजिक बरकरार है। इससे गठबंधन में मोदी और पार्टी की पोजिशन मजबूत होगी। NDA में शामिल बाकी दलों के बीच यह संदेश पहुंच जाएगा कि अगर BJP का साथ छोड़ा तो आगे की राह मुश्किल हो सकती है। जानिए, कैसे 3 मंत्री बनाकर BJP हरियाणा विधानसभा में बहुमत का जुगाड़ करने की कोशिश करती नजर आई… 1. मनोहर लाल खट्टर के जरिये जीटी रोड बेल्ट की 30 सीटों पर आंख मनोहर लाल खट्टर पंजाबी समुदाय से आते हैं। उनकी करनाल लोकसभा सीट हरियाणा की जीटी रोड बेल्ट में आती है। इस बेल्ट में अंबाला, करनाल, पानीपत, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पंचकूला और कैथल जिलों की तकरीबन 30 विधानसभा सीटें आती हैं। यहां पंजाबी वोटरों के अलावा जनरल कैटेगरी का वोट-बैंक है जो अमूमन BJP के साथ रहता है। खट्टर को केंद्रीय मंत्री बनाने की यही बड़ी वजह है। अगर यह दांव कामयाब रहा तो पार्टी जीटी रोड बेल्ट में बढ़त मिलने की उम्मीद लगा सकती है। इसके अलावा रोहतक, रेवाड़ी, फरीदाबाद और गुरुग्राम के पंजाबी वोटरों में भी अच्छा संदेश जा सकता है। 2. राव इंद्रजीत से अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटों पर पकड़ बनाए रखने की कोशिश राव इंद्रजीत दक्षिण हरियाणा के बड़े नेता हैं। दक्षिण हरियाणा के अंदर आने वाली अहीरवाल बेल्ट में 14 विधानसभा सीटें हैं। इनमें 3 मुस्लिम बाहुल्य नूंह जिले की सीटें हैं, जहां कांग्रेस का दबदबा है। इन्हें छोड़ भी दें तो 2014 में भाजपा ने अहीरवाल बेल्ट की बची हुई सभी 11 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी। 2019 में भाजपा को अहीरवाल बेल्ट की 11 में से 8 सीटें मिली और तब 40 विधायक होने के कारण जजपा के 10 विधायकों की मदद से सरकार बनानी पड़ी। इस लोकसभा चुनाव में गुरुग्राम सीट पर कांग्रेस की ओर से पंजाबी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले राजबब्बर को उतारने के बाद यहां राव इंद्रजीत को जीतने में पसीने छूट गए। ऐसे में भाजपा ने लगातार दूसरी बार राव इंद्रजीत को मंत्री बनाकर अहीरवाल बेल्ट को अपने साथ जोड़े रखने की कोशिश की है। 3. कृष्णपाल गुर्जर के जरिए हरियाणा के अलावा यूपी-राजस्थान पर भी फोकस
फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर की गिनती अपने समुदाय के बड़े नेताओं में होती है। फरीदाबाद जिले की 4 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां गुर्जर समुदाय का वोट डिसाइडिंग फैक्टर है। इसके अलावा सोहना, रेवाड़ी, नांगल चौधरी और गुरुग्राम विधानसभा सीट पर भी गुर्जर वोटबैंक का अच्छा-खासा असर है। यही नहीं, फरीदाबाद से सटे वेस्ट यूपी के गाजियाबाद व नोएडा और राजस्थान से सटे इलाके भी गुर्जर बाहुल्य हैं। ऐसे में BJP ने कृष्णपाल गुर्जर को ड्रॉप करने का रिस्क न लेते हुए लगातार तीसरी बार उन्हें मंत्री बनाया है। अंत में.. 2019 के मुकाबले इस बार क्या अंतर
2019 की मोदी सरकार में BJP ने हरियाणा से 2 मंत्री बनाए थे। इनमें गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत और फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर शामिल थे। इस बार इन दोनों के अलावा पहली बार सांसद बने मनोहर लाल खट्टर को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। खास बात यह है कि BJP ने 2019 में हरियाणा की सभी 10 सीटें और 2014 में 10 में से 7 लोकसभा सीटें जीती थीं। इस बार सीटें घटने के बावजूद मंत्रियों की संख्या बढ़ गई है। मनोहर लाल खट्टर को PM नरेंद्र मोदी से करीबी का फायदा भी मिला। ये खबरें भी पढ़ें… शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा मोदी को बाइक पर घुमाने वाले खट्टर बने मंत्री:दिल्ली का दुकानदार पहले CM और अब केंद्रीय मंत्री बना, गरीबी के कारण नहीं बन पाए डॉक्टर हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी