हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव धारण की ढाणी में दूल्हे ने शादी में दहेज में मिले कैश को वापस लौटा कर की मिसाल पेश की है। वर पक्ष ने लग्न मे 11 लाख रुपए लौटा कर शादी के शगुन में एक रुपया लिया है। दूल्हा बने युवक ने समाज में एक अच्छा संदेश दिया है। यह चर्चा रेवाड़ी नहीं बल्कि पूरे हरियाणा में है। जानकारी के अनुसार बावल क्षेत्र के धारण की ढाणी में सौरभ डागर का लगन महेंद्रगढ़ जिले के गांव कोथल खुर्द से आया था। 4 दिसंबर को लग्न में वधू पक्ष द्वारा स्वेच्छा से दिए गए 11 लाख 11 हजार 111 रुपए को वर पक्ष ने विनम्रता से लौटाते हुए मात्र 1 रुपया लेकर शादी करने का फैसला किया। 4 दिसंबर को लग्न के शुभ अवसर पर नत्थूराम ने अपनी बेटी की खुशी के लिए यह राशि सौरव की झोली में रखी। लेकिन वर पक्ष ने इसे लेने से इनकार कर दिया। पिता बोले- दहेज के खिलाफ एनजीओ चलाता है बेटा सौरव के पिता मुकेश पहलवान ने कहा कि हमारा बेटा ‘मां भारती फाउंडेशन’ नामक एनजीओ चलाता है, जो समाज में अच्छे कार्यों और दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए काम करता है। हम खुद इस सोच को बढ़ावा देते हैं, तो दहेज लेना हमारे मूल्यों के खिलाफ है। पिता मुकेश पहलवान ने कहा कि हमारा बेटा एनजीओ के जरिए समाज में अच्छे कार्यों और दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए काम करता है। उनका परिवार दहेज जैसी कुरीतियों के खिलाफ यह कदम उठाने में सक्षम हुआ। हर किसी लोगों को दहेज प्रथा के खिलाफ होना चाहिए, और समाज में लोगों को भी जागरूक करना चाहिए। जिससे समाज में दहेज प्रथा खत्म हो सकें। दूल्हा बोला- एक रुपया लेकर समाज को संदेश देने का प्रयास किया दूल्हे सौरभ डागर ने बताया कि वह गरीब असहायों के लिए एक सामाजिक एनजीओ चलाते हैं, और इन्होंने एनजीओ फाउंडर व उसके सदस्यों से सीखा था कि दहेज जैसी कुप्रथा एक सामाजिक अपराध और अभिशाप है। जिसे जड़ से खत्म करना हम सबका दायित्व है। इसी सोच के साथ इन्होंने अपने लगन में मात्र एक रुपया लेकर समाज को एक संदेश देने का प्रयास किया है। सौरभ ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि समग्र समाज इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने का प्रयास करेगा, ताकि लोग बेटियों को बोझ न समझें। हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव धारण की ढाणी में दूल्हे ने शादी में दहेज में मिले कैश को वापस लौटा कर की मिसाल पेश की है। वर पक्ष ने लग्न मे 11 लाख रुपए लौटा कर शादी के शगुन में एक रुपया लिया है। दूल्हा बने युवक ने समाज में एक अच्छा संदेश दिया है। यह चर्चा रेवाड़ी नहीं बल्कि पूरे हरियाणा में है। जानकारी के अनुसार बावल क्षेत्र के धारण की ढाणी में सौरभ डागर का लगन महेंद्रगढ़ जिले के गांव कोथल खुर्द से आया था। 4 दिसंबर को लग्न में वधू पक्ष द्वारा स्वेच्छा से दिए गए 11 लाख 11 हजार 111 रुपए को वर पक्ष ने विनम्रता से लौटाते हुए मात्र 1 रुपया लेकर शादी करने का फैसला किया। 4 दिसंबर को लग्न के शुभ अवसर पर नत्थूराम ने अपनी बेटी की खुशी के लिए यह राशि सौरव की झोली में रखी। लेकिन वर पक्ष ने इसे लेने से इनकार कर दिया। पिता बोले- दहेज के खिलाफ एनजीओ चलाता है बेटा सौरव के पिता मुकेश पहलवान ने कहा कि हमारा बेटा ‘मां भारती फाउंडेशन’ नामक एनजीओ चलाता है, जो समाज में अच्छे कार्यों और दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए काम करता है। हम खुद इस सोच को बढ़ावा देते हैं, तो दहेज लेना हमारे मूल्यों के खिलाफ है। पिता मुकेश पहलवान ने कहा कि हमारा बेटा एनजीओ के जरिए समाज में अच्छे कार्यों और दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए काम करता है। उनका परिवार दहेज जैसी कुरीतियों के खिलाफ यह कदम उठाने में सक्षम हुआ। हर किसी लोगों को दहेज प्रथा के खिलाफ होना चाहिए, और समाज में लोगों को भी जागरूक करना चाहिए। जिससे समाज में दहेज प्रथा खत्म हो सकें। दूल्हा बोला- एक रुपया लेकर समाज को संदेश देने का प्रयास किया दूल्हे सौरभ डागर ने बताया कि वह गरीब असहायों के लिए एक सामाजिक एनजीओ चलाते हैं, और इन्होंने एनजीओ फाउंडर व उसके सदस्यों से सीखा था कि दहेज जैसी कुप्रथा एक सामाजिक अपराध और अभिशाप है। जिसे जड़ से खत्म करना हम सबका दायित्व है। इसी सोच के साथ इन्होंने अपने लगन में मात्र एक रुपया लेकर समाज को एक संदेश देने का प्रयास किया है। सौरभ ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि समग्र समाज इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने का प्रयास करेगा, ताकि लोग बेटियों को बोझ न समझें। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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आज ही आदित्य के ताऊ रणजीत चौटाला ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दिया है। रणजीत ने समर्थकों की बैठक में यह खुलासा किया कि भाजपा डबवाली से उनको टिकट देना चाह रही थी। इसके थोड़े ही देर बाद आदित्य चौटाला का इस्तीफा आ गया। आदित्य का मानना है कि भाजपा ने सिंगल पैनल में होते हुए भी डबवाली की सीट रोकी है, जिससे संदेह पैदा हो रहा है। एक साल पहले बनाया था चेयरमैन
पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के पोते आदित्य चौटाला को करीब एक साल पहले मार्केटिंग बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पीएस वी उमाशंकर ने आदित्य चौटाला की नियुक्ति के आदेश जारी किए थे। आदित्य चौटाला की भारतीय जनता पार्टी की सरकार में एंट्री 2019 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले हुई थी। इस दौरान हरियाणा सरकार की ओर से उन्हें हरियाणा स्टेट कोऑपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक लिमिटेड (HSCARDB) का चेयरमैन बनाया था। 2014 में आदित्य भाजपा में शामिल हुए थे एवं 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्हें डबवाली से टिकट भी दिया गया था, लेकिन वह कांग्रेस के अमित सिहाग से हार गए थे। कांता चौटाला को हरा चुके हैं आदित्य
जनवरी 2016 में हुए पंचायत चुनाव में आदित्य चौटाला सिरसा जिला परिषद के जोन चार से जिला पार्षद बने थे। उन्होंने अपनी भाभी और विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला की पत्नी कांता चौटाला को हराया था। तब से आदित्य भाजपा की निगाहों में चढ़े हुए हैं। उन्होंने पिछले दिनों चौटाला के गढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जिए जवान-जिए किसान रैली का आयोजन भी करवाया था। JJP के खिलाफ रहे हैं आदित्य
आदित्य चौटाला हमेशा से JJP के खिलाफ रहे हैं। 2022 में उन्होंने जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला के खिलाफ बयान देकर माहौल गरमा दिया था। उन्होंने जजपा नेताओं के खिलाफ कहा था कि ये लोग जब भिवानी जाते हैं तो वहां कहते हैं कि भिवानी हमारी कर्मभूमि है। जब हिसार आते हैं तो कहते हैं ये हमारी कर्मभूमि है। डबवाली आकर कहते हैं कि ये हमारी जन्म भूमि है। दो-दो मिनट बाद हल्का बदल लेते हैं और तीन मिनट बाद दादा बदल लेते हैं। कभी रामकुमार गौतम को दादा बोलते हैं तो कभी ओम प्रकाश चौटाला को दादा बोलते हैं।