हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपनी पहली सूची में रेवाड़ी और कोसली सीट पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी गई है। कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को रेवाड़ी सीट से उतारा गया हैं, जबकि कोसली में उनकी जगह केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के खास पूर्व जिला पार्षद अनिल डहीना को मौका दिया गया हैं। दोनों ही प्रत्याशियों की घोषणा के बाद पुराने भाजपाईयों में नाराजगी बढ़ गई है। रेवाड़ी से लंबे समय से तैयारी करने में लगे परिवार-पहचान-पत्र के स्टेट को-ऑर्डिनेटर डा. सतीश खोला ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया हैं। जबकि रेवाड़ी से पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव और प्रशांत उर्फ सन्नी यादव भी आज बड़ा निर्णय ले सकते हैं। तीनों ही नेता अपने समर्थकों से मीटिंग करेंगे। सतीश खोला करेंगे प्रेस कांफ्रेंस सतीश खोला सुबह 11 बजे अपने रेवाड़ी सेक्टर-1 स्थित कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। इस बार सतीश खोला के अलावा पर्यटन निगम के चेयरमैन डा. अरविंद यादव, पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास या उनके भतीजे मुकेश कापड़ीवास, पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव, पूर्व जिला पार्षद प्रशांत उर्फ सन्नी यादव टिकट की दावेदारी कर रहे थे। रणधीर सिंह कापड़ीवास, सतीश खोला और डा. अरविंद यादव संगठन के पुराने नेता हैं। ऐसे में उन्हें टिकट की सबसे ज्यादा आस थी। लेकिन पार्टी हाईकमान ने इस सीट पर संगठन और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह दोनों की पसंद से लक्ष्मण सिंह यादव को उतारा हैं। इसी तरह कोसली में पूर्व मंत्री विक्रम ठेकेदार, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के पीए अभिमन्यु यादव टिकट की दौड़ में थे। इन दोनों को दरकिनार करते हुए पार्टी ने राव इंद्रजीत सिंह के खास अनिल डहीना को टिकट दे दी। ऐसे में विक्रम ठेकेदार भी कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। 2019 में बगावत के चलते हार गई थी बीजेपी बता दें कि, 2019 के चुनाव में भी बीजेपी में टिकट वितरण के बाद बगावत हो गई थी। राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर सीटिंग MLA रणधीर सिंह कापड़ीवास की टिकट काटकर सुनील मुसेपुर को चुनावी मैदान में उतारा गया था। जिसके बाद रणधीर सिंह कापड़ीवास ने बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने से कांग्रेस प्रत्याशी चिरंजीव को फायदा मिला और वह जीत गए। हालांकि उस वक्त रणधीर सिंह कापड़ीवास के अलावा किसी दूसरे नेता ने बगावत नहीं की। कुछ इसी तरह के समीकरण इस बार भी बनते दिख रहे हैं। इस बार बगावत करने वालों की फेहरिस्त लंबी हो सकती हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए फिर से पांच साल पुरानी मुश्किल खड़ी हो सकती हैं। टिकट नहीं मिलने पर सतीश खोला ने कहा कि उन्होंने सालों तक पार्टी के लिए समर्पण भाव से काम किया हैं। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि पार्टी इस बार उन्हें टिकट जरूर देगी। लक्ष्मण सिंह यादव का हक कोसली में था। उन्हें रेवाड़ी से उतारना हम जैसे कार्यकर्ताओं के लिए निराशा भरा हैं। इसलिए मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है। वहीं डा. अरविंद यादव का कहना है कि हम उम्मीद कर रहे थे कि टिकट मिलेगी, लेकिन जैसा पार्टी का फैसला। वहीं सतीश यादव का कहना है कि हम निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। बाकी जनता जो फैसला करेगी उसके अनुरूप निर्णय लिया जाएगा। बावल सीट होल्ड पर रखी गई रेवाड़ी जिले की एक और सीट बावल में अभी बीजेपी की तरफ से किसी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई हैं। इस सीट पर सबसे मजबूत दावेदार कैबिनेट मंत्री डा. बनवारी लाल हैं। लेकिन इस बार उनकी भी टिकट की राह आसान नहीं दिख रही है। डा. बनवारी लाल केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के पुराने समर्थक हैं। लेकिन इस बार राव इंद्रजीत सिंह की उन्हें टिकट दिलाने के मूड में नहीं है। इसके पीछे का कारण डा. बनवारी लाल की राव इंद्रजीत सिंह से दूरिया और उनके विरोधी गुट में कहे जाने वाले नेताओं से नजदीकियां ज्यादा हो गई। यहीं कारण है कि राव इंद्रजीत सिंह बावल की टिकट बदलवाना चाहते हैं। डा. बनवारी लाल के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल पैरवी कर रहे हैं। पेंच फंसने के कारण बीजेपी ने इस सीट को अभी होल्ड पर कर दिया है। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपनी पहली सूची में रेवाड़ी और कोसली सीट पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी गई है। कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को रेवाड़ी सीट से उतारा गया हैं, जबकि कोसली में उनकी जगह केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के खास पूर्व जिला पार्षद अनिल डहीना को मौका दिया गया हैं। दोनों ही प्रत्याशियों की घोषणा के बाद पुराने भाजपाईयों में नाराजगी बढ़ गई है। रेवाड़ी से लंबे समय से तैयारी करने में लगे परिवार-पहचान-पत्र के स्टेट को-ऑर्डिनेटर डा. सतीश खोला ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया हैं। जबकि रेवाड़ी से पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव और प्रशांत उर्फ सन्नी यादव भी आज बड़ा निर्णय ले सकते हैं। तीनों ही नेता अपने समर्थकों से मीटिंग करेंगे। सतीश खोला करेंगे प्रेस कांफ्रेंस सतीश खोला सुबह 11 बजे अपने रेवाड़ी सेक्टर-1 स्थित कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। इस बार सतीश खोला के अलावा पर्यटन निगम के चेयरमैन डा. अरविंद यादव, पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास या उनके भतीजे मुकेश कापड़ीवास, पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव, पूर्व जिला पार्षद प्रशांत उर्फ सन्नी यादव टिकट की दावेदारी कर रहे थे। रणधीर सिंह कापड़ीवास, सतीश खोला और डा. अरविंद यादव संगठन के पुराने नेता हैं। ऐसे में उन्हें टिकट की सबसे ज्यादा आस थी। लेकिन पार्टी हाईकमान ने इस सीट पर संगठन और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह दोनों की पसंद से लक्ष्मण सिंह यादव को उतारा हैं। इसी तरह कोसली में पूर्व मंत्री विक्रम ठेकेदार, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के पीए अभिमन्यु यादव टिकट की दौड़ में थे। इन दोनों को दरकिनार करते हुए पार्टी ने राव इंद्रजीत सिंह के खास अनिल डहीना को टिकट दे दी। ऐसे में विक्रम ठेकेदार भी कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। 2019 में बगावत के चलते हार गई थी बीजेपी बता दें कि, 2019 के चुनाव में भी बीजेपी में टिकट वितरण के बाद बगावत हो गई थी। राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर सीटिंग MLA रणधीर सिंह कापड़ीवास की टिकट काटकर सुनील मुसेपुर को चुनावी मैदान में उतारा गया था। जिसके बाद रणधीर सिंह कापड़ीवास ने बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने से कांग्रेस प्रत्याशी चिरंजीव को फायदा मिला और वह जीत गए। हालांकि उस वक्त रणधीर सिंह कापड़ीवास के अलावा किसी दूसरे नेता ने बगावत नहीं की। कुछ इसी तरह के समीकरण इस बार भी बनते दिख रहे हैं। इस बार बगावत करने वालों की फेहरिस्त लंबी हो सकती हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए फिर से पांच साल पुरानी मुश्किल खड़ी हो सकती हैं। टिकट नहीं मिलने पर सतीश खोला ने कहा कि उन्होंने सालों तक पार्टी के लिए समर्पण भाव से काम किया हैं। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि पार्टी इस बार उन्हें टिकट जरूर देगी। लक्ष्मण सिंह यादव का हक कोसली में था। उन्हें रेवाड़ी से उतारना हम जैसे कार्यकर्ताओं के लिए निराशा भरा हैं। इसलिए मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है। वहीं डा. अरविंद यादव का कहना है कि हम उम्मीद कर रहे थे कि टिकट मिलेगी, लेकिन जैसा पार्टी का फैसला। वहीं सतीश यादव का कहना है कि हम निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। बाकी जनता जो फैसला करेगी उसके अनुरूप निर्णय लिया जाएगा। बावल सीट होल्ड पर रखी गई रेवाड़ी जिले की एक और सीट बावल में अभी बीजेपी की तरफ से किसी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई हैं। इस सीट पर सबसे मजबूत दावेदार कैबिनेट मंत्री डा. बनवारी लाल हैं। लेकिन इस बार उनकी भी टिकट की राह आसान नहीं दिख रही है। डा. बनवारी लाल केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के पुराने समर्थक हैं। लेकिन इस बार राव इंद्रजीत सिंह की उन्हें टिकट दिलाने के मूड में नहीं है। इसके पीछे का कारण डा. बनवारी लाल की राव इंद्रजीत सिंह से दूरिया और उनके विरोधी गुट में कहे जाने वाले नेताओं से नजदीकियां ज्यादा हो गई। यहीं कारण है कि राव इंद्रजीत सिंह बावल की टिकट बदलवाना चाहते हैं। डा. बनवारी लाल के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल पैरवी कर रहे हैं। पेंच फंसने के कारण बीजेपी ने इस सीट को अभी होल्ड पर कर दिया है। 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सुमित वह घडूआं स्थित CU में BBA का स्टूडेंट था। उसके साथियों आदित्य और वैभव ने बताया कि सुमित उनका दोस्त था, जो कुछ दिनों से पैसों के लेनदेन को लेकर परेशान था। सुमित ने पहले हाथ की नस काटी और फिर अचानक मॉर्डन सिटी सेंटर में बनी पानी की टंकी के ऊपर चढ़ गया। जैसे ही दोस्तों व आसपास के लोगों ने उसे टंकी पर चढ़ा देखा तो वे उसे रोकने की कोशिश में लगे। दो व्यक्ति उसे रोकने के लिए टंकी पर भी चढ़े, लेकिन सुमित ने उन्हें चढ़ता देख टंकी से छलांग लगा दी। युवक की हड्डियां बाहर आ गईं थी
युवक उसे सरकारी अस्पताल खरड़ ले आए। डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। जानकारी के मुताबिक युवक की दोनों टांगें टूटी हुई थीं। टांगों की हड्डियां बाहर दिखाई दे रही थी। पुलिस ने शव परिजनों को सौंपा
वह मॉर्डन वैली खानपुर के एक पीजी में अपने दोस्तों के साथ रहता था और वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। इस हादसे की सूचना मिलने के बाद मृतक के परिजन हरियाणा के बहादुरगढ़ से सरकारी अस्पताल खरड़ पहुंचे थे। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है।