गुरुग्राम से सांसद और केंद्र सरकार में स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह लगातार हरियाणा के अलग-अलग जिलों में धन्यवाद सम्मेलन कर रहे हैं। हिसार और महेंद्रगढ़ जिलों के बाद अब राव इंद्रजीत सिंह ने अपने गृह जिले रेवाड़ी में धन्यवाद सम्मेलन करना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को राव इंद्रजीत सिंह डहीना कस्बे में धन्यवाद सम्मेलन करने पहुंचेंगे। सुबह साढ़े दस बजे होने वाले इस सम्मेलन में उनकी बेटी आरती राव भी उनके साथ रहेंगी। इसके बाद राव इंद्रजीत 28 जुलाई को कोसली कस्बे में धन्यवाद सम्मेलन करेंगे। आपको बता दें कि राव इंद्रजीत सिंह इस बार छठी बार लोकसभा चुनाव जीते हैं। चौधरी धर्मबीर सिंह लगातार तीसरी बार भिवानी-महेंद्रगढ़ से जीते हैं। धर्मबीर की जीत में महेंद्रगढ़ जिले की अहम भूमिका चौधरी धर्मबीर सिंह की जीत में महेंद्रगढ़ जिले ने अहम भूमिका निभाई। जहां राव इंद्रजीत सिंह ने चौधरी धर्मबीर सिंह के समर्थन में जनसभाएं कीं। दरअसल, अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटें तीन अलग-अलग लोकसभा सीटों को कवर करती हैं। इनमें रोहतक, गुरुग्राम और भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीटें शामिल हैं। इन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का लंबे समय से दबदबा रहा है। गुरुग्राम से सांसद और केंद्र सरकार में स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह लगातार हरियाणा के अलग-अलग जिलों में धन्यवाद सम्मेलन कर रहे हैं। हिसार और महेंद्रगढ़ जिलों के बाद अब राव इंद्रजीत सिंह ने अपने गृह जिले रेवाड़ी में धन्यवाद सम्मेलन करना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को राव इंद्रजीत सिंह डहीना कस्बे में धन्यवाद सम्मेलन करने पहुंचेंगे। सुबह साढ़े दस बजे होने वाले इस सम्मेलन में उनकी बेटी आरती राव भी उनके साथ रहेंगी। इसके बाद राव इंद्रजीत 28 जुलाई को कोसली कस्बे में धन्यवाद सम्मेलन करेंगे। आपको बता दें कि राव इंद्रजीत सिंह इस बार छठी बार लोकसभा चुनाव जीते हैं। चौधरी धर्मबीर सिंह लगातार तीसरी बार भिवानी-महेंद्रगढ़ से जीते हैं। धर्मबीर की जीत में महेंद्रगढ़ जिले की अहम भूमिका चौधरी धर्मबीर सिंह की जीत में महेंद्रगढ़ जिले ने अहम भूमिका निभाई। जहां राव इंद्रजीत सिंह ने चौधरी धर्मबीर सिंह के समर्थन में जनसभाएं कीं। दरअसल, अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटें तीन अलग-अलग लोकसभा सीटों को कवर करती हैं। इनमें रोहतक, गुरुग्राम और भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीटें शामिल हैं। इन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का लंबे समय से दबदबा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की रबड़ फैक्ट्री में आग लगी, सिलेंडर फटे:कई कर्मचारी अंदर फंसे; 6 को झुलसी हालत में निकाला गया, अकाउंटेंट के हाथ जले हरियाणा के सोनीपत में बड़ा हादसा हुआ है। यहां राई औद्यौगिक क्षेत्र की एक फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। इससे फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारियों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला, जिससे वे उसी में फंसे रह गए। इस बीच सिलेंडर भी ब्लास्ट हुए, जिससे पूरा इलाका दहल गया। फैक्ट्री में फंसे कई कर्मचारियों को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन वे बुरी तरह से झुलस चुके थे। 5-6 कर्मियों को सिविल अस्पताल में लाया गया। उनकी हालत गंभीर है। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर हैं और आग पर काबू पाने में लगी हैं। रबड़ के कारण तेजी से आग फैली
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, राई औद्यौगिक क्षेत्र में शाम करीब 4 बजे के रबड़ की एक फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। फैक्ट्री में लंच के बाद कर्मचारी काम कर रहे थे। रबड़ भरे होने की वजह से आग इतनी तेजी से फैली कि वहां काम कर रहे 7-8 कर्मचारी बाहर ही नहीं निकल पाए। इस बीच फैक्ट्री में रखे सिलेंडरों में भी ब्लास्ट होना शुरू हो गए। इससे पूरा क्षेत्र दहल उठा। धमाकों की आवाज सुनकर आसपास की फैक्ट्रियों में काम कर रहे लोग भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने अंदर फंसे लोगों को निकालने में मदद की। बचाव कार्य में जले अकाउंटेंट के हाथ
आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीमें भी मौके पर पहुंचीं। काफी मशक्कत के बाद अंदर फंसे कर्मियों को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। इसमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस दौरान कुछ लोगों ने आग की परवाह न करते हुए कर्मियों की जान बचाई। बचाव कार्य में लगे फैक्ट्री के अकाउंटेंट के हाथ भी जल गए।
वर्क वीजा के नाम पर 20 लाख रुपये की ठगी, मामला दर्ज
वर्क वीजा के नाम पर 20 लाख रुपये की ठगी, मामला दर्ज भास्कर न्यूज | फतेहाबाद साइबर थाना पुलिस ने मॉडल टाउन में रहने वाले एक व्यक्ति की शिकायत पर गुजरात के अहमदाबाद निवासी तरुण कुमार चक्रबेदी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। पुलिस को दी गई शिकायत मॉडल टाउन निवासी भवजीत सिंह ने बताया कि उसके रिश्तेदार सतेंदर कौर निवासी जगाधरी का वर्क वीजा लगवाना था। उसकी किसी जानकार के माध्यम से आरोपी तरूण कुमार चक्रवेदी से फोन पर बातचीत हुई। बातचीत के बाद उसने सतेंदर कौर के तमाम कागजात वीजा के लिए तरुण को उसके बताए नंबर पर भेज दिए और 12 दिसंबर 2023 को तरुण के बैंक खाते में पहले 1 लाख 99 हजार रुपये डाल दिए। आरोप है कि 10 जनवरी 2024 को उसने एक नंबर से वर्क परमिट का स्क्रीन शॉट उसके पास भेजा। आरोप है कि इसके बाद तरुण ने उसके पास अपने एक व्यक्ति को भेजा, जिसका नाम अमरेंद्र पूरी था। जिसे तरुण से हुई बातचीत के अनुसार 18 लाख रुपये दे दिए, लेकिन जब वर्क वीजा को चेक करवाया तो वह फर्जी निकला। इस पर तरुण से उसके पते पर जाकर बातचीत की और पंचायत में यह समझौता हुआ कि वह हर महीने 2 लाख रुपये उसे दे देगा, लेकिन तय बातचीत के बाद उसने फोन उठाना बंद कर दिया। अब साइबर थाना पुलिस को मामले की शिकायत दी। जिसमें आरोपी तरुण पर 20 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने अब आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा में फिर राजनीति के ट्रेजेडी किंग साबित हुए बीरेंद्र:सिंह ने कहा था- 75% वोटर BJP विरोधी; भाजपा बहुमत ले आई, उनका बेटा हारा
हरियाणा में फिर राजनीति के ट्रेजेडी किंग साबित हुए बीरेंद्र:सिंह ने कहा था- 75% वोटर BJP विरोधी; भाजपा बहुमत ले आई, उनका बेटा हारा तारीख: 12 जुलाई 2024 स्थान: कांग्रेस भवन, चंडीगढ़ कांग्रेस हरियाणा चुनाव के लिए कैंपेन लॉन्च करने जा रही थी। मंच पर पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान बैठे थे। यहीं पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा- ”मैं एक्टिव पॉलिटिशियन के तौर पर कह रहा हूं, मेरा अपना असेसमेंट है कि हरियाणा में आज के दिन 70 से 75% मतदाता BJP का विरोधी है। BJP नंबर 2 पर भी नहीं रहेगी” तारीख: 8 अक्टूबर हरियाणा चुनाव के नतीजे आए। BJP 48 सीटें जीतकर नंबर वन पार्टी बनी। 39.94% वोट शेयर मिला। पार्टी भी सत्ता में आ गई। बीरेंद्र सिंह के पूर्व सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह भी जींद की उचाना सीट से चुनाव हार गए। ऊपर लिखी बातें इसलिए अहम हैं क्योंकि बीरेंद्र सिंह हरियाणा से लेकर देश की राजनीति तक को जानने का दावा करते हैं। हालांकि हरियाणा चुनाव में उनका असेसमेंट इतना उल्टा पड़ा कि न कांग्रेस जीती और न ही उनका बेटा। इससे अब बीरेंद्र के BJP छोड़कर कांग्रेस में जाने की वजह से सियासी समझ-बूझ पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस ने लोकसभा टिकट नहीं दी, विधानसभा हार गए
पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे 2019 में हिसार लोकसभा सीट से BJP की टिकट पर सांसद चुने गए। इस बार लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली। वह हिसार और सोनीपत सीट से लोकसभा टिकट की दावेदारी जताते रहे। हालांकि हिसार में जयप्रकाश जेपी और सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट दे दी। इसके बाद बीरेंद्र के बेटे को उचाना से विधानसभा की टिकट दी गई लेकिन वह भाजपा के देवेंद्र अत्री से चुनाव हार गए। 43 साल कांग्रेस और 10 साल भाजपा में रहे
बीरेंद्र सिंह 43 साल तक कांग्रेस में रहे। 16 अगस्त 2014 को बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस छोड़कर BJP का दामन थाम लिया। जींद में अमित शाह की रैली के दौरान वे BJP में शामिल हो गए। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल किया। 2016 में BJP ने बीरेंद्र सिंह को राज्यसभा भेजा। उनकी पत्नी प्रेमलता उचाना कलां सीट से दुष्यंत चौटाला को हराकर विधायक बनीं। हालांकि, 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीरेंद्र सिंह ने सक्रिय राजनीति से दूर होकर अपने IAS बेटे बृजेंद्र सिंह को हिसार सीट से चुनाव में उतारा। बृजेंद्र सिंह जीत गए। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में JJP के दुष्यंत चौटाला ने उचाना सीट पर बीरेंद्र सिंह की पत्नी को हरा दिया। BJP को पूर्ण बहुमत न मिलने से 10 सीट जीतने वाली JJP से गठबंधन करना पड़ा। यहीं से बीरेंद्र सिंह की BJP से खटपट शुरू हो गई। बीरेंद्र सिंह को अपनी मजबूत पकड़ वाले इलाके बांगर बेल्ट में JJP की सेंधमारी रास नहीं आ रही थी। इसके चलते वे JJP के खिलाफ खुलकर बयानबाजी करते रहे। आखिरकार 2024 लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में उनके बेटे बृजेंद्र सिंह ने BJP छोड़ कांग्रेस जॉइन कर ली। इसी के साथ बीरेंद्र सिंह के भी कांग्रेस में वापसी का रास्ता साफ हो गया। कुछ दिनों बाद बीरेंद्र भी कांग्रेस में शामिल हो गए। इन 2 वजहों से राजनीति के ट्रेजेडी किंग बने बीरेंद्र सिंह 1. CM बनना तय था, राजीव गांधी की हत्या हो गई
बीरेंद्र सिंह के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए वर्ष 1991 में हरियाणा विधानसभा के चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया। बीरेंद्र सिंह का CM बनना तय था लेकिन उसी समय राजीव गांधी की हत्या हो गई। इसके साथ ही बीरेंद्र सिंह के सितारे गर्दिश में चले गए और कांग्रेस हाईकमान ने 23 जुलाई 1991 को उनकी जगह भजनलाल को CM बना दिया। 2. केंद्रीय मंत्री बनना तय था, सूट भी सिलवाया लेकिन लिस्ट से नाम कट गया
इसके अलावा बीरेंद्र सिंह खुद अपने इंटरव्यू में कई बार कह चुके हैं कि उनका 2009 में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए-2 सरकार में मंत्री बनना तय हो चुका था। उन्हें पार्टी का ऑफिशियली इन्विटेशन भी मिल गया कि कल सुबह मंत्रिपद की शपथ लेनी है। उन्होंने नया सूट सिलवा लिया लेकिन सुबह पता चला कि केंद्रीय मंत्रियों वाली लिस्ट से उनका नाम कट चुका है। 1991 में हुड्डा को अपनी गारंटी पर सीधे राजीव गांधी से दिलवाया टिकट
बीरेंद्र सिंह बेशक खुद कभी हरियाणा का CM नहीं बन पाए लेकिन कई नेताओं को उनके शुरुआती करियर में आगे बढ़ाने में उनका अहम रोल रहा। ऐसा ही एक किस्सा भूपेंद्र सिंह हुड्डा से जुड़ा है। वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव के समय बीरेंद्र सिंह कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे और भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी के उभरते हुए नेता थे। बीरेंद्र सिंह ने सीधे राजीव गांधी से पैरवी करके हुड्डा को रोहतक लोकसभा सीट से टिकट दिलवाया। बीरेंद्र सिंह ने उस समय कांग्रेस हाईकमान से यहां तक कह दिया कि रोहतक से हुड्डा को जितवाने की गारंटी वह खुद लेते है। वो हुड्डा के सियासी करियर का पहला ही बड़ा इलेक्शन था और वह साढ़े 30 हजार से ज्यादा वोटों से जीते (बीरेंद्र सिंह के ट्रेजेडी किंग के किस्से पढ़ें)