अगर आप रोजाना 5 हजार से ज्यादा कदम चलते हैं तो डिप्रेशन की संभावना काफी कम हो जाती है। इससे कम चलने वाले लोगों में डिप्रेशन होने का चांस ज्यादा है जबकि 7 हजार से ज्यादा कदम चलने वाले लोगों में डिप्रेशन होने की संभावना बिल्कुल कम हो जाती है। आजकल के दौर में लाइफ स्टाइल ऐसी है कि हर फैसिलिटी डोर स्टेप पर मौजूद है। ऐसे में यदि फिजिकल एक्सरसाइज के लिए समय नहीं निकाला तो यह गंभीर हेल्थ इश्यू पैदा करता है। इनमें मेंटल प्रॉब्लम भी शामिल है। ये कहना है KGMU के साइकेट्री विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुजीत कुमार कर का। उन्होंने बताया कि जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) साइकेट्री में इससे जुड़ा रिसर्च हाल ही में पब्लिश हुआ है। कैंपस@सीरीज के 84वें एपिसोड में यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU के मानसिक रोग विशेषज्ञ विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुजीत कुमार कर से खास बातचीत.. डॉ सुजीत कर ने कहा- आज के दौर में यंग वर्किंग प्रोफेशनल जैसे IT, फाइनेंस जैसे फील्ड के लोगों में जिन्हें लॉन्ग सिटिंग करनी पड़ती है। ऐसे सभी प्रोफेशनल को फिजिकल एक्सरसाइज के तौर पर वाक करना बेहतर ऑप्शन होगा। अगर आप रोजाना 5 हजार से ज्यादा कदम चलते हैं तो डिप्रेशन की संभावना काफी कम हो जाती है। इससे कम चलने वाले लोगों में डिप्रेशन होने का चांस ज्यादा है जबकि 7 हजार से ज्यादा कदम चलने वाले लोगों में डिप्रेशन होने की संभावना बिल्कुल कम हो जाती है। आजकल के दौर में लाइफ स्टाइल ऐसी है कि हर फैसिलिटी डोर स्टेप पर मौजूद है। ऐसे में यदि फिजिकल एक्सरसाइज के लिए समय नहीं निकाला तो यह गंभीर हेल्थ इश्यू पैदा करता है। इनमें मेंटल प्रॉब्लम भी शामिल है। ये कहना है KGMU के साइकेट्री विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुजीत कुमार कर का। उन्होंने बताया कि जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) साइकेट्री में इससे जुड़ा रिसर्च हाल ही में पब्लिश हुआ है। कैंपस@सीरीज के 84वें एपिसोड में यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU के मानसिक रोग विशेषज्ञ विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुजीत कुमार कर से खास बातचीत.. डॉ सुजीत कर ने कहा- आज के दौर में यंग वर्किंग प्रोफेशनल जैसे IT, फाइनेंस जैसे फील्ड के लोगों में जिन्हें लॉन्ग सिटिंग करनी पड़ती है। ऐसे सभी प्रोफेशनल को फिजिकल एक्सरसाइज के तौर पर वाक करना बेहतर ऑप्शन होगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ में आज किसानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस:14 फसलों पर MSP बढ़ाने का फैसला खारिज, मांगें माने जाने तक जारी रहेगा विरोध
चंडीगढ़ में आज किसानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस:14 फसलों पर MSP बढ़ाने का फैसला खारिज, मांगें माने जाने तक जारी रहेगा विरोध केंद्र सरकार की तरफ से 14 फसलों पर मिनिमम सेलिंग प्राइस (MSP) बढ़ाने के फैसले को किसानों ने मानने से मना कर दिया है। केंद्र की तरफ से फसलों की MSP बढ़ाए जाने के ऐलान के बाद किसानों ने चंडीगढ़ किसान भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला ली है। वहीं, ऐलान किया है कि मांगें ना माने जाने तक धरना जारी रहेगा। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि बीते दिन 14 फसलों पर MSP को बढ़ाया गया है। हर 6 महीने के बाद एमएसपी को बढ़ाया जा रहा है। लेकिन उस बढ़ाई गई MSP पर खरीद करवाना सबसे बड़ा मसला है। इसके लिए किसान लीगल गरंटी कानून की मांग कर रहे हैं। धान की खरीद पर 117 रुपए की बढ़ौतरी की गई, क्या किसान का इससे चल जाएगा। हम चर्चा का न्यौता दे रहे हैं कि हमारी लागत व खर्चा कितना है। पंधेर ने कहा कि नालंदा यूनिवर्सिटी में जाकर हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ख्वाब दिखाते हैं। वहीं दूसरी तरफ NEET की परीक्षा में धांधली चल रही है। अब तो वे आरोपी भी पकड़े जा चुके हैं। उनसे 2-2 करोड़ रुपए भी जब्त किए गए। हैरानी की बात है कि 24 लाख स्टूडेंट्स व उनके माता-पिता को अंधकार में फेंका जा रहा है। मांगें माने जाने तक धरना जारी सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि मांगें माने जाने तक धरना ऐसे ही जारी रहने वाला है। आज 12 बजे किसान भवन में दोनों फोरम किसान संयुक्त मोर्चा (गैर राजनैतिक) और किसान मजदूर संघर्ष कमेटी इसी पर चर्चा करेगी और प्रेस के सामने अपने अगले कार्यक्रम भी रखेगी। नहीं रुकेंगी आज ट्रेनें, बदनाम करने की साजिश पंधेर ने स्पष्ट कहा कि आज किसी भी किसानों की तरफ से ट्रेनों को नहीं रोका जाएगा। ये केंद्र एजेंसियों की तरफ से किसान संगठनों को बदनाम करने के लिए अफवाहें फैलाई जा रही हैं। किसानों के अगले कार्यक्रम आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किए जाएंगे।
हरियाणा BJP में आरती राव के नाम पर बगावत:पूर्व डिप्टी स्पीकर बोली- राजाशाही नहीं चलेगी; राव इंद्रजीत की बेटी अटेली से टिकट दावेदार
हरियाणा BJP में आरती राव के नाम पर बगावत:पूर्व डिप्टी स्पीकर बोली- राजाशाही नहीं चलेगी; राव इंद्रजीत की बेटी अटेली से टिकट दावेदार हरियाणा में भाजपा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट से पहले पार्टी में बगावत शुरू हो गई। केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव की महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विधानसभा से टिकट मिलने की संभावना से स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता और नेता नाराज हैं। पूर्व डिप्टी स्पीकर व BJP प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष यादव ने रविवार को नारनौल स्थित अपने आवास पर कार्यकर्ताओं की बैठक ली। यहां उन्होंने कहा कि अटेली की जनता अब राजशाही नहीं चाहती। यहां किसी भी तरह की राजशाही नहीं चलने दी जाएगी। बोलीं- पार्टी पर पूरा भरोसा
संतोष यादव ने कहा कि अभी कोई लिस्ट जारी नहीं हुई है। उन्हें शीर्ष नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। शीर्ष नेतृत्व को सब पता है, उनकी अनदेखी नहीं होगी। कार्यकर्ता टिकट कटने पर चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं। फिर भी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा । उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे अभी से उत्साहित न हों। कार्यकर्ताओं का कहना है कि 2019 में टिकट नहीं मिलने के बाद उनका मान नहीं रखा गया। इस बार ऐसा नहीं होगा तथा कार्यकर्ताओं का पूरा मान रखा जाएगा। कहा- कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं करेगी भाजपा
यादव ने कहा कि अटेली विधानसभा की जनता राजशाही नहीं चाहती। यहां की जनता विकसित अटेली चाहती है। इसलिए भाजपा भी कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं करेगी। आज की मीटिंग की चर्चा भी दिल्ली पहुंच गई है। लिस्ट आने तक इंतजार करना होगा। बेटी के लिए पहले भी 2 बार टिकट मांग चुके राव राव इंद्रजीत से जुड़े सूत्रों के मुताबिक 2014 कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने के बाद से ही वे आरती राव को चुनाव लड़वाना चाहते थे। इसके लिए पहले 2014 और फिर 2019 में उन्होंने आगे बढ़कर टिकट मांगी। हालांकि उनकी मांग को खारिज कर दिया। जिसकी वजह से आरती चुनाव लड़ने की पॉलिटिक्स में एंट्री नहीं कर पाईं। 11 सीटों पर मजबूत पकड़ राव इंद्रजीत सिंह की अहीरवाल की 11 सीटों पर खुद की पकड़ है, जिसके बलबूते राव 7 सीटों पर खुद के समर्थकों का हक जता रहे हैं। इसमें रेवाड़ी, कोसली, बावल, नारनौल, अटेली, पटौदी और गुरुग्राम सीट शामिल है। केंद्रीय नेतृत्व 5 सीट कोसली, अटेली, रेवाड़ी, पटौदी और बावल पर उनकी रजामंदी से कैंडिडेट उतारने के लिए तैयार है, लेकिन राव अपने उन राजनीतिक धुर विरोधियों को निपटाने के लिए कुछ और भी शर्तें रख रहे हैं। लिस्ट जारी होने से पहले कई जगह विवाद दिखा… सुनीता दुग्गल को टिकट की संभावना का विधायक ने विरोध किया रतिया विधानसभा सीट पर सिरसा से पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल के चुनाव लड़ने की चर्चा है। यहां BJP के लक्ष्मण नापा विधायक हैं। लक्ष्मण नापा और जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा ने स्थानीय वर्करों के साथ पिछले दिनों मीटिंग की। मीटिंग में निर्णय लिया गया है कि रतिया से स्थानीय नेता को ही टिकट दी जाए। यदि बाहरी उम्मीदवार को टिकट दी गई तो उसका खुलकर विरोध किया जाएगा। मीटिंग के बाद एक लेटर भी जारी किया गया है, जिसमें 3 स्थानीय नेताओं के नाम रखे गए। इन तीनों नेताओं को ही टिकट का दावेदार बताया गया है। इनमें विधायक लक्ष्मण नापा, जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा के साथ-साथ भाजपा नेता मुख्तार सिंह बाजीगर का नाम शामिल है। साथ ही इस पत्र पर तीनों नेताओं के हस्ताक्षर भी करवाए गए। डॉ. अरविंद शर्मा का भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुतला फूंका रोहतक से पूर्व भाजपा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा की गोहाना से चुनाव लड़ने की चर्चा है। उनके यहां से चुनाव लड़ने की चर्चा के बाद पिछले शुक्रवार को गोहाना में भाजपा वर्करों ने अरविंद शर्मा का पुतला फूंका। यही नहीं, कुछ नेता विरोध करने के लिए दिल्ली स्थित हरियाणा भाजपा के इंचार्ज केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के घर तक पहुंच गए। उनका कहना है कि गोहाना विधानसभा से लगातार बाहरी प्रत्याशियों को उम्मीदवार बनाने का नाम चल रहा है। इनमें राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, पूर्व सांसद रमेश कौशिक के भाई देवेंद्र कौशिक और पूर्व सांसद अरविंद शर्मा का नाम है।
हिमाचल में समेज स्कूल के 9 छात्र लापता:गांव का नामो-निशान मिटा, मगर पाठशाला के होनहार द्वारा जीती ट्राफी सुरक्षित, नेशनल वॉलीबॉल प्लेयर भी लापता
हिमाचल में समेज स्कूल के 9 छात्र लापता:गांव का नामो-निशान मिटा, मगर पाठशाला के होनहार द्वारा जीती ट्राफी सुरक्षित, नेशनल वॉलीबॉल प्लेयर भी लापता हिमाचल प्रदेश के समेज में कुदरत के कहर ने पूरे गांव का नामो निशान मिटा दिया। मगर इस स्कूल की होनहार बेटियों द्वारा कुछ दिन पहले ही बैडमिंटन में जीती ट्रॉफी स्कूल की क्षतिग्रस्त बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर सुरक्षित है। यह ट्रॉफी आपदा के बादसमेज पहुंच रहे हरेक व्यक्ति को स्कूल के 9 उन होनहार छात्रों की बार-बार याद दिला रही है, जो बुधवार आधी रात से लापता है। इस हादसे में समेज स्कूल में 10वीं क्लास में पढ़ने वाली जिया, राधिका, अदिती, अंजली और इनके सहपाठी अरुण भी लापता है। नौवीं कक्षा की स्टूडेंट आरुषि और छठी कक्षा की योगप्रिया का भी अब तक सुराग नहीं लग पाया। इनके परिजन व रिश्तेदारों की नजर डरावनी आवाज से बह रहे समेज खड्ड पर टिकी है। 36 लोगों के जिंदा होने की उम्मीदें कम होती जा रही परिजन इनके सुरक्षित मिलने को लेकर करिश्में की आस में बैठे हैं। मगर मलबे में दबे इन बच्चों समेत सभी 36 लोगों के जिंदा होने की उम्मीदें धीरे-धीरे दम तोड़ रही है,क्योंकि हादसा हुए लगभग 40 घंटा बीत गया है, लेकिन अब तक समेज में एक भी व्यक्ति का सुराग नहीं लग पाया। यहां पर केवल एक व्यक्ति के शरीर का एक कटा हुआ अंग मिला है। हालांकि रेस्क्यू टीम सर्च ऑपरेशन में जुटी हुई है। रामपुर के समेज से सुन्नी तक करीब 85 किलोमीटर एरिया में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। माना यह जा रहा है कि पानी के तेज बहाल में लोग बह गए है। इसलिए इनके समेज में मिलने की कम संभावना है।