रोहतक में उन्नति सेल्फ हेल्प ग्रुप ने दिया 300 रोजगार:महिलाओं ने काम के दम पर बनाई पहचान, PM कर चुके तारीफ, हरियाणा में पहली हेंड ब्लॉक प्रिंटिंग

रोहतक में उन्नति सेल्फ हेल्प ग्रुप ने दिया 300 रोजगार:महिलाओं ने काम के दम पर बनाई पहचान, PM कर चुके तारीफ, हरियाणा में पहली हेंड ब्लॉक प्रिंटिंग

रोहतक की महिलाओं ने अपने काम के दम पर अपनी अलग पहचान बनाई है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इनकी तारीफ कर चुके हैं। रोहतक के उन्नति स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कपड़ों पर हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग करती हैं। हरियाणा में ऐसा पहली बार हुआ है। उन्नति स्वयं सहायता समूह प्रदेश का पहला समूह है, जिसने प्रशिक्षण लेकर हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग शुरू की है। उन्नति स्वयं सहायता समूह की सदस्य ममता ने बताया कि उन्होंने 2016 में इस समूह की शुरुआत की थी। उस समय 35 महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया था, लेकिन उनमें से सिर्फ 10 ने ही मिलकर काम शुरू किया। शुरुआत में उन्होंने अपना काम शुरू करने के लिए 40 हजार रुपये का लोन भी लिया। उस पैसे से उन्होंने काम शुरू किया। जैसे-जैसे ऑर्डर आते हैं, वह दूसरी महिलाओं को भी जोड़ती हैं और घर बैठे महिलाओं को काम देती हैं। उन्होंने बताया कि वह तैयार माल को मेलों और प्रदर्शनियों में भी ले जाती हैं, जहां काफी मांग होती है। उन्होंने ऑनलाइन काम भी शुरू कर दिया है। पीएम मोदी ने की थी तारीफ बता दें कि 28 जुलाई को मन की बात कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहतक में महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे उन्नति स्वयं सहायता समूह का जिक्र किया था। जिसमें पीएम मोदी ने हथकरघा उद्योग की तारीफ करते हुए कहा था कि रोहतक की महिलाएं आज आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी पर मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि आइए ऐसे रंगों की बात करें, जिसने रोहतक की 250 से अधिक महिलाओं के जीवन में खुशहाली के रंग भर दिए। हथकरघा उद्योग से जुड़ी ये महिलाएं पहले छोटी-छोटी दुकानें चलाकर और छोटा-मोटा काम करके अपना गुजारा करती थीं। लेकिन आगे बढ़ने की चाहत सभी में होती है। इसलिए उन्होंने उन्नति स्वयं सहायता समूह से जुड़ने का फैसला किया। इस समूह से जुड़कर उन्होंने ब्लॉक प्रिंटिंग और रंगाई का प्रशिक्षण प्राप्त किया। कपड़ों पर रंगों का जादू बिखेरने वाली ये महिलाएं आज लाखों रुपये कमा रही हैं। इनके द्वारा बनाए गए बेड कवर, साड़ियां और दुपट्टों की बाजार में काफी मांग है। रोहतक की इन महिलाओं की तरह देश के विभिन्न भागों में काम करने वाली अन्य महिलाएं भी हथकरघा को लोकप्रिय बनाने में लगी हुई हैं। हरियाणा में पहली बार हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग ममता ने बताया कि उन्होंने पूरे हरियाणा में हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग की शुरुआत की है। उन्नति स्वयं सहायता समूह ही एकमात्र ऐसा समूह है जो हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग करता है। इसके अलावा यह शैली राजस्थान में भी पाई जाती है। इसके तहत सामान्य कपड़ा लिया जाता है। हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग के जरिए उस पर प्रिंट या डिजाइन लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि संस्था से जुड़ी महिलाएं आसानी से 8-10 हजार रुपये महीना कमा लेती हैं। संस्था हर महीने 6-7 लाख रुपये का सामान बेचती है। पीएम के मन की बात में जिक्र करने के बाद मिली अलग पहचान उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में उनकी तारीफ करने के बाद उन्हें अलग पहचान मिली है। अब हर कोई यही कहता है कि ये वही महिलाएं हैं जिनकी पीएम मोदी ने तारीफ की थी। साथ ही काम भी ज्यादा मिल रहा है। इसके बाद सीएम नायब सैनी ने कोठालिया बनाने की जिम्मेदारी भी दी। हरियाणा ही नहीं बल्कि दिल्ली आदि जगहों से भी ऑर्डर आ रहे हैं। लकड़ी के ढांचे के ज़रिए कपड़ों पर छपाई उन्होंने बताया कि हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग में लकड़ी का ढांचा बनाया जाता है। उस लकड़ी के ढांचे पर ज़रूरी डिज़ाइन को छापा जाता है। इसके बाद वह उस डिज़ाइन को कपड़े पर छापती हैं। वह मुख्य रूप से साड़ी, सूट, दुपट्टे, बेडशीट आदि पर छपाई करती हैं। वह कपड़े को रंगती भी हैं। करीब 275 महिलाओं को मिला रोजगार उन्नति स्वयं सहायता समूह की सदस्य ममता ने बताया कि वर्तमान में समूह द्वारा 250-300 महिलाओं को रोजगार दिया गया है। जिसमें से करीब 20-25 महिलाएं हैंड ब्लॉक प्रिंट और टाई डाई का काम करती हैं। 250 से अधिक महिलाएं सिलाई का काम करती हैं। जो महिलाएं पहले घर पर बैठी रहती थीं, अब उन्हें घर से ही काम दिया जा रहा है। ताकि महिलाएं परिवार के लिए पैसे कमा सकें और उसका इस्तेमाल घर का खर्च चलाने में किया जा सके। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। उनके समूह से लाखन माजरा ब्लॉक के 10 गांवों (गांव खरैटी, मदीना, बैंसी, खरक, गुगाहेड़ी, चांदी, इंद्रगढ़ और चिड़ी आदि) की महिलाएं जुड़ी हैं। उन्होंने पहला स्टॉल दिल्ली के प्रगति मैदान में लगाया था। रोहतक की महिलाओं ने अपने काम के दम पर अपनी अलग पहचान बनाई है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इनकी तारीफ कर चुके हैं। रोहतक के उन्नति स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कपड़ों पर हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग करती हैं। हरियाणा में ऐसा पहली बार हुआ है। उन्नति स्वयं सहायता समूह प्रदेश का पहला समूह है, जिसने प्रशिक्षण लेकर हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग शुरू की है। उन्नति स्वयं सहायता समूह की सदस्य ममता ने बताया कि उन्होंने 2016 में इस समूह की शुरुआत की थी। उस समय 35 महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया था, लेकिन उनमें से सिर्फ 10 ने ही मिलकर काम शुरू किया। शुरुआत में उन्होंने अपना काम शुरू करने के लिए 40 हजार रुपये का लोन भी लिया। उस पैसे से उन्होंने काम शुरू किया। जैसे-जैसे ऑर्डर आते हैं, वह दूसरी महिलाओं को भी जोड़ती हैं और घर बैठे महिलाओं को काम देती हैं। उन्होंने बताया कि वह तैयार माल को मेलों और प्रदर्शनियों में भी ले जाती हैं, जहां काफी मांग होती है। उन्होंने ऑनलाइन काम भी शुरू कर दिया है। पीएम मोदी ने की थी तारीफ बता दें कि 28 जुलाई को मन की बात कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहतक में महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे उन्नति स्वयं सहायता समूह का जिक्र किया था। जिसमें पीएम मोदी ने हथकरघा उद्योग की तारीफ करते हुए कहा था कि रोहतक की महिलाएं आज आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी पर मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि आइए ऐसे रंगों की बात करें, जिसने रोहतक की 250 से अधिक महिलाओं के जीवन में खुशहाली के रंग भर दिए। हथकरघा उद्योग से जुड़ी ये महिलाएं पहले छोटी-छोटी दुकानें चलाकर और छोटा-मोटा काम करके अपना गुजारा करती थीं। लेकिन आगे बढ़ने की चाहत सभी में होती है। इसलिए उन्होंने उन्नति स्वयं सहायता समूह से जुड़ने का फैसला किया। इस समूह से जुड़कर उन्होंने ब्लॉक प्रिंटिंग और रंगाई का प्रशिक्षण प्राप्त किया। कपड़ों पर रंगों का जादू बिखेरने वाली ये महिलाएं आज लाखों रुपये कमा रही हैं। इनके द्वारा बनाए गए बेड कवर, साड़ियां और दुपट्टों की बाजार में काफी मांग है। रोहतक की इन महिलाओं की तरह देश के विभिन्न भागों में काम करने वाली अन्य महिलाएं भी हथकरघा को लोकप्रिय बनाने में लगी हुई हैं। हरियाणा में पहली बार हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग ममता ने बताया कि उन्होंने पूरे हरियाणा में हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग की शुरुआत की है। उन्नति स्वयं सहायता समूह ही एकमात्र ऐसा समूह है जो हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग करता है। इसके अलावा यह शैली राजस्थान में भी पाई जाती है। इसके तहत सामान्य कपड़ा लिया जाता है। हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग के जरिए उस पर प्रिंट या डिजाइन लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि संस्था से जुड़ी महिलाएं आसानी से 8-10 हजार रुपये महीना कमा लेती हैं। संस्था हर महीने 6-7 लाख रुपये का सामान बेचती है। पीएम के मन की बात में जिक्र करने के बाद मिली अलग पहचान उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में उनकी तारीफ करने के बाद उन्हें अलग पहचान मिली है। अब हर कोई यही कहता है कि ये वही महिलाएं हैं जिनकी पीएम मोदी ने तारीफ की थी। साथ ही काम भी ज्यादा मिल रहा है। इसके बाद सीएम नायब सैनी ने कोठालिया बनाने की जिम्मेदारी भी दी। हरियाणा ही नहीं बल्कि दिल्ली आदि जगहों से भी ऑर्डर आ रहे हैं। लकड़ी के ढांचे के ज़रिए कपड़ों पर छपाई उन्होंने बताया कि हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग में लकड़ी का ढांचा बनाया जाता है। उस लकड़ी के ढांचे पर ज़रूरी डिज़ाइन को छापा जाता है। इसके बाद वह उस डिज़ाइन को कपड़े पर छापती हैं। वह मुख्य रूप से साड़ी, सूट, दुपट्टे, बेडशीट आदि पर छपाई करती हैं। वह कपड़े को रंगती भी हैं। करीब 275 महिलाओं को मिला रोजगार उन्नति स्वयं सहायता समूह की सदस्य ममता ने बताया कि वर्तमान में समूह द्वारा 250-300 महिलाओं को रोजगार दिया गया है। जिसमें से करीब 20-25 महिलाएं हैंड ब्लॉक प्रिंट और टाई डाई का काम करती हैं। 250 से अधिक महिलाएं सिलाई का काम करती हैं। जो महिलाएं पहले घर पर बैठी रहती थीं, अब उन्हें घर से ही काम दिया जा रहा है। ताकि महिलाएं परिवार के लिए पैसे कमा सकें और उसका इस्तेमाल घर का खर्च चलाने में किया जा सके। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। उनके समूह से लाखन माजरा ब्लॉक के 10 गांवों (गांव खरैटी, मदीना, बैंसी, खरक, गुगाहेड़ी, चांदी, इंद्रगढ़ और चिड़ी आदि) की महिलाएं जुड़ी हैं। उन्होंने पहला स्टॉल दिल्ली के प्रगति मैदान में लगाया था।   हरियाणा | दैनिक भास्कर