हरियाणा के रोहतक जिले में सुनारियां कलां निवासी रवि के ब्लाइंड मर्डर केस में सीआईए-2 टीम ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। प्रभारी थाना सीआईए-2 स्टाफ उप निरीक्षक सतीश कुमार ने बताया कि 8 जुलाई 2024 को सूचना मिली कि अग्रसेन बैकेंट हॉल के पीछे एक लाश पड़ी हुई है। पुलिस टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरु की पुलिस को मौके से 6 खोल, ईट, मोटरसाइकिल मिली। मृतक के शरीर पर गोलियों के निशान मिले। मृतक युवक की पहचान रवि निवासी सुनारियां कला के रुप में हुई। थाना शिवाजी कॉलोनी में केस दर्ज किया गया। फाइनेंस का काम करता था मृतक मृतक रवि फाइनेंस का काम करता था। 8 जुलाई 2024 दोपहर करीब 2 बजे रवि अपनी मोटरसाइकिल लेकर घर से निकला था। करीब 5:30 बजे देवेन्द्र को सूचना मिली कि उसके बेटे रवि की लाश खून से लथपथ अग्रसेन बैंकेट हॉल के पीछे खाली प्लॉट मे पड़ी हुई है। इसके बाद परिजन मौके पर पहुंचे थे। हत्या के मामले में 5 आरोपी पहले हो चुके गिरफ्तार हत्या के मामले की जांच सीआईए-2 स्टाफ में तैनात दिनेश कुमार द्वारा अमल में लाई गई। जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी दीपक उर्फ हुटर निवासी बोहर व हिमांशु निवासी बोहर को गिरफ्तार किया। वारदात में शामिल 5 आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। हरियाणा के रोहतक जिले में सुनारियां कलां निवासी रवि के ब्लाइंड मर्डर केस में सीआईए-2 टीम ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। प्रभारी थाना सीआईए-2 स्टाफ उप निरीक्षक सतीश कुमार ने बताया कि 8 जुलाई 2024 को सूचना मिली कि अग्रसेन बैकेंट हॉल के पीछे एक लाश पड़ी हुई है। पुलिस टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरु की पुलिस को मौके से 6 खोल, ईट, मोटरसाइकिल मिली। मृतक के शरीर पर गोलियों के निशान मिले। मृतक युवक की पहचान रवि निवासी सुनारियां कला के रुप में हुई। थाना शिवाजी कॉलोनी में केस दर्ज किया गया। फाइनेंस का काम करता था मृतक मृतक रवि फाइनेंस का काम करता था। 8 जुलाई 2024 दोपहर करीब 2 बजे रवि अपनी मोटरसाइकिल लेकर घर से निकला था। करीब 5:30 बजे देवेन्द्र को सूचना मिली कि उसके बेटे रवि की लाश खून से लथपथ अग्रसेन बैंकेट हॉल के पीछे खाली प्लॉट मे पड़ी हुई है। इसके बाद परिजन मौके पर पहुंचे थे। हत्या के मामले में 5 आरोपी पहले हो चुके गिरफ्तार हत्या के मामले की जांच सीआईए-2 स्टाफ में तैनात दिनेश कुमार द्वारा अमल में लाई गई। जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी दीपक उर्फ हुटर निवासी बोहर व हिमांशु निवासी बोहर को गिरफ्तार किया। वारदात में शामिल 5 आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में निगम के XEN-JE सस्पेंड:मीटिंग में शिकायतें सुन भड़के मंत्री; बोले- ये AC में बैठकर सोते हैं, काम करें या घर जाएं
हरियाणा में निगम के XEN-JE सस्पेंड:मीटिंग में शिकायतें सुन भड़के मंत्री; बोले- ये AC में बैठकर सोते हैं, काम करें या घर जाएं हरियाणा के अंबाला में शुक्रवार को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा ने बड़ा एक्शन लिया। मंत्री सुधा ने बैठक में कड़े तेवर दिखाते हुए नगर निगम के एक्सईएन व JE को मौके पर ही सस्पेंड करने के आदेश दे दिए। बैठक में कुल 15 शिकायतों की सुनवाई की गई, जिनमें से अधिकतर शिकायतें नगर निगम से संबंधित थीं। बैठक में अधिकतर शिकायतें आने और स्थानीय पार्षदों द्वारा निगम अधिकारियों के रवैये को लेकर की गई शिकायतों पर मंत्री सुभाष सुधा का पारा चढ़ गया। उन्होंने तुरंत नगर निगम के XEN महेंद्र व JE संजीव दलाल को मौके पर ही सस्पेंड करने के आदेश दे दिए। पूर्व सरपंच के खिलाफ FIR करवाने के निर्देश
बैठक में तलहेड़ी रांगड़ान के गुरदीप ने पूर्व सरपंच पर वाल्मीकि चौपाल की ग्रांट हड़पने का आरोप लगाया। इस पर मंत्री सुभाष सुधा ने आरोपी सरपंच के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए। बैठक के दौरान रतनहेड़ी गांव की निर्मला देवी ने आनंदपुर गांव में एक प्लॉट को 2 बार बेचे जाने की शिकायत की। इस पर मंत्री सुभाष सुधा ने तत्काल एफआईआर करने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने और पीड़िता को प्लॉट या उसके पैसे दिलवाने के निर्देश दिए। उन्होंने एक शिकायत पर स्वामित्व योजना के अंतर्गत सुपर, आदर्श और दुर्गा मार्केट में 150 दुकानों पर ब्याज माफी करवाने के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया। अधिकारियों को चेतावनी- काम करें, नहीं तो घर जाएं
कष्ट निवारण समिति के दौरान पिछले लगभग 5 सालों से पेंडिंग चली आ रही डेयरी कॉम्प्लेक्स से संबंधित शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मंत्री सुधा खुद डेयरी कॉम्प्लेक्स का दौरा भी करने पहुंचे। मीटिंग को बातचीत करते हुए मंत्री सुभाष सुधा ने सख्त लहजे में अधिकारियों को निर्देश दिए कि अधिकारी ऐसी कमरों में न बैठकर फील्ड उतरकर जनता के काम करें। उन्होंने कहा कि आज XEN और JE के विरुद्ध शिकायत मिली थी और दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही मंत्री ने अधिकारियों को बरसाती मौसम से पहले शहर में नालों की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। मंत्री ने अधिकारियों को साफ शब्दों में चेताया कि अब सड़कों पर निकलना पड़ेगा। काम करें नहीं तो अपने घर जाएं। डेयरी कॉम्प्लेक्स के हालात सुधारने के निर्देश डेयरी कॉम्प्लेक्स के दयनीय हालात देखकर मंत्री भी हैरान रह गए। मंत्री अधिकारियों पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ये अधिकारी अपने AC कमरों में सोते हैं, लेकिन अब इन्हें फील्ड में निकलकर काम करना होगा। मंत्री ने डेयरी कॉम्प्लेक्स में फैली गंदगी को लेकर अंबाला नगर निगम के अधिकारियों को दो दिन में हालात सुधारने के आदेश दिए।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में खट्टर का UPS का दांव:2.5 लाख सरकारी कर्मचारी; OPS को मुद्दा बना रही कांग्रेस, IAS खेमका साथ आए
हरियाणा विधानसभा चुनाव में खट्टर का UPS का दांव:2.5 लाख सरकारी कर्मचारी; OPS को मुद्दा बना रही कांग्रेस, IAS खेमका साथ आए हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार BJP नए दांव खेल रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर नाराज चल रहे कर्मचारियों को लेकर बड़ा दांव खेल दिया है। उन्होंने संकेत दे दिया कि यदि हरियाणा में BJP तीसरी बार सत्ता में आती है तो कर्मचारियों के हित में केंद्र की यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) स्कीम को लागू करेंगे। बीजेपी अपने मेनिफेस्टो में भी नई स्कीम को लागू करने का वादा करेगी। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस OPS को प्रदेश में लागू करने का वादा कर रही है। इस बीच केंद्र की UPS पर हरियाणा के एक सीनियर IAS अशोक खेमका ने भी अपना समर्थन दिया है। अब पढ़िए बीजेपी के ऐलान के पीछे की 3 वजह हरियाणा में ढाई लाख सरकारी कर्मचारी
हरियाणा में चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस दांव को चलने की खास वजह प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारी हैं। ये कर्मचारी OPS को लेकर पिछले एक साल से आंदोलनरत हैं। इसके लिए कर्मचारियों के एक गुट ने OPS संघर्ष मोर्चा भी बनाया हुआ है। लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को कर्मचारियों की नाराजगी का सामना करना पड़ा था। खट्टर ने इस बड़े सरकारी कर्मचारी वर्ग को साधने के लिए ये दांव चला है। 40 हजार कर्मचारी केंद्र में कर रहे नौकरी
हरियाणा के 2.5 लाख कर्मचारियों में 40 हजार कर्मचारी केंद्र सरकार में काम कर रहे हैं। हालांकि ये हरियाणा के ही वोटर हैं, केंद्र की UPS का केंद्रीय कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा। ये प्रदेश में चुनाव के दौरान यूपीएस के पक्ष में माहौल बनाने में पार्टी की अच्छी मदद कर सकते हैं। राज्य में 90 हजार कर्मचारी ऐसे हैं, जो 2004 के पहले से काम कर रहे हैं। हिमाचल में दिखा था OPS का असर
हिमाचल प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को ओपीएस के चक्कर में ही करारी हार का सामना करना पड़ा था। हिमाचल हरियाणा का सीमावर्ती स्टेट है, इसलिए भाजपा नहीं चाहती कि वहां का कोई भी मुद्दा हरियाणा में प्रभावी हो। यही वजह है कि खट्टर कर्मचारियों की नाराजगी को दूर करने में लगे हुए हैं। अब यहां समझिए UPS क्या है? कब से लागू होगी
दिसंबर 2003 तक सरकारी कर्मचारियों के लिए OPS लागू थी। जनवरी 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार इसे हटाकर न्यू पेंशन स्कीम यानी NPS लाई। NPS पर कई तरह के सवाल उठ रहे थे। मोदी सरकार ने अप्रैल 2023 में टीवी सोमनाथन की अगुआई में एक कमेटी बनाई। इस कमेटी ने हर राज्य के वित्तीय सचिव, नेताओं, सैकड़ों कर्मचारी यूनियन के साथ चर्चा की। उसके बाद कमेटी ने कैबिनेट को न्यू पेंशन स्कीम में बदलाव के लिए कुछ सिफारिशें कीं। 24 अगस्त 2024 को मोदी सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS को मंजूरी दी है। इसे अगले वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा। यहां पढ़िए यूपीएस और ओपीएस में क्या हैं 3 बड़े अंतर… UPS-OPS में पेंशन कैलकुलेट करने का अलग तरीका यूपीएस और ओपीएस दोनों ही पेंशन स्कीमों में सरकारी कर्मचारियों को एश्योर्ड पेंशन देने का प्रावधान है। लेकिन पेंशन की गणना करने के तौर तरीकों में बड़ा अंतर है। ओपीएस में सरकारी कर्मचारी के रिटायरमेंट से ठीक पहले की आखिरी बेसिक सैलेरी और महंगाई भत्ता का 50% पेंशन के तौर पर दिया जाता है। जबकि यूनिफाइड पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट से पहले की 12 महीने की बेसिक सैलेरी और डीए का जो औसत बनेगा वही एश्योर्ड पेंशन के तौर पर दिया जाएगा। UPS में योगदान जरूरी, OPS में ये प्रावधान नहीं यूपीएस में कर्मचारियों को यूपीएस में अपने बेसिक पे और डीए का 10 फीसदी पेंशन फंड में देना होगा जैसे वे एनपीएस में करते आए हैं। सरकार, कर्मचारी के लिए पेंशन फंड में अपनी तरफ से 18.5% का योगदान करेगी जिसकी लिमिट एनपीएस में 14 फीसदी थी। ओपीएस में कर्मचारियों को अपनी ओर से पेंशन फंड में कोई योगदान नहीं करना पड़ता था। पेंशन पाने के लिए OPS में 20 साल, UPS में 25 साल जरूरी यूपीएस में कम से कम 25 वर्षों तक के सर्विस के बाद ही तय फॉर्मूले के तहत सरकारी कर्मचारी एश्योर्ड पेंशन पाने का हकदार होंगे। ओपीएस में नियम कुछ और था। ओल्ड पेंशन स्कीम में केंद्रीय कर्मचारी 20 साल की नौकरी के बाद ही पेंशन पाने का हकदार हो जाते थे। यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम में एश्योर्ड पेंशन के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम से 5 साल ज्यादा लंबे समय तक सर्विस करना होगा। यूपीएस पर हरियाणा में इन वजहों से फंस रहा पेंच 1. एक अप्रैल 2025 से लागू होने वाली यूपीएस के लिए 25 वर्ष की सेवा को अनिवार्य किया गया है। इससे पहले ओपीएस में सिर्फ 20 वर्ष की नौकरी का प्रावधान था। हरियाणा के कर्मचारियों को सरकार का यह बाध्यता ठीक नहीं लग रही है। 2. एक आंकड़े के तहत प्रदेश में काफी संख्या में लोग 40 वर्ष के बाद नौकरी में आते हैं। इस तरह से करीब आधे कर्मचारी इस योजना में शामिल ही नहीं हो सकते हैं। वहीं कर्मचारियों के वेतन से जो 10 फीसदी पैसा कटेगा उसे उसे सरकार अपने पास रखेगी। सेवानिवृत्त के बाद कर्मचारियों को इसमें से कुछ भी नहीं मिलेगा। 3. यूपीएस में मेडिकल व डीए की बात नहीं की गई है। कर्मचारियों को सेवानिवृत्त के समय महज 6 महीने का वेतन ही दिया जाएगा। हालांकि इसमें सरकार अपना शेयर 14 से 18.5 फीसदी करने जा रही है, लेकिन कर्मचारी इसमें अपना कोई लाभ नहीं देख रहे हैं। 4. हरियाणा के कर्मचारी संगठनों का कहना है कि पहले केंद्र सरकार एनपीएस में कमी नहीं मान रही थी। लेकिन जब उसे कमी महसूस हुई तो यूपीएस बनाने के लिए एक बार भी केंद्र सरकार ने उन्हें सुझाव के लिए नहीं बुलाया। पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि हमारी मांग ओपीएस बहाली की थी और ओपीएस बहाली तक ही आंदोलन जारी रहेगा। IAS अशोक खेमका समर्थन में आए हरियाणा के चर्चित आईएएस अधिकारी एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अशोक खेमका ने केंद्र सरकार की ओर से घोषित यूपीएस योजना का समर्थन किया है। सोशल प्लेटफार्म X पर लिखी पोस्ट में खेमका ने कहा कि 2004 के बाद के केंद्रीय कर्मचारियों को यूपीएस योजना की घोषणा से बड़ी राहत मिली है। मुझे आशा है कि जल्द ही राज्यों द्वारा बिना देरी किए इसे लागू किया लाएगा। वहीं प्रदेश के कई अन्य आईएएस अफसरों ने भी यूपीएस को एनपीएस से बेहतर बताया है।
हरियाणा में दिग्गज वोटिंग कराने में पिछड़े:इनमें खट्टर का भी नाम, राज्यमंत्री की स्थिति सबसे खराब; जेपी दलाल, विज सबसे बेहतर
हरियाणा में दिग्गज वोटिंग कराने में पिछड़े:इनमें खट्टर का भी नाम, राज्यमंत्री की स्थिति सबसे खराब; जेपी दलाल, विज सबसे बेहतर हरियाणा में लोकसभा चुनाव में दिग्गजों के विधानसभा हलकों में वोटरों ने वोट करने में ज्यादा रूचि नहीं दिखाई। यहीं कारण रहा कि इनकी विधानसभाओं में 5 से 18% तक वोटिंग प्रतिशत में गिरावट आई है। हालांकि कुछ ऐसे भी मंत्री और विधायक हैं, जिनके यहां 2019 के मुकाबले स्थिति बेहतर रही है। इनमें कैबिनेट मंत्री जेपी दलाल, पूर्व गृह मंत्री अनिल विज का नाम शामिल हैं। वहीं 2019 के मुकाबले राज्य मंत्री अभय यादव की विधानसभा में 18% वोटिंग घटी है। कैबिनेट मंत्री जेपी दलाल के लोहारू और अनिल विज के अंबाला कैंट में सबसे कम सिर्फ 0.40 % मतदान घटा है। कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारी लाल की विधानसभा बावल में 12%से कम वोटिंग हुई है। राज्यमंत्री संजय सिंह की विधानसभा सोहना, बिशंभर वाल्मीकि की सीट बवानीखेड़ा, कमल गुप्ता की सीट हिसार, महिपाल ढांडा की पानीपत ग्रामीण, सुभाष सुधा की थानेसर सीट पर भी 5 प्रतिशत के करीब वोटिंग कम हुई है। जबकि खुद लोकसभा चुनाव लड़ रहे बिजली मंत्री रणजीत सिंह के रानियां हलके में 6.60 % मतदान घटा है। विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के क्षेत्र पंचकूला में 6% कम मतदान हुआ है। सरकार से संगठन करेगा समीक्षा
दिग्गजों के यहां गिरे वोटिंग प्रतिशत को लेकर सरकार के साथ भाजपा संगठन भी चिंतित है। इसके लिए सरकार के साथ ही संगठन स्तर पर रिव्यू मीटिंग बुलाई गई है। इस लोकसभा चुनाव में भाजपा की चुनाव प्रबंधन समिति के चेयरमैन और राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने कहा है कि इसको लेकर जल्द ही रिव्यू मीटिंग बुलाई जाएगी। हालांकि कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि हम हरियाणा के लोगों के द्वारा की गई वोटिंग प्रतिशत को लेकर संतुष्ट हैं, हालांकि हम एक रिव्यू मीटिंग कर चुके हैं, जल्द ही चंडीगढ़ में दूसरी मीटिंग बुलाई जाएगी। वोटिंग में 6 विधायक पिछड़े
हरियाणा में भाजपा की 40 सीटें हैं। इनमें 11 सीटों पर 65% से अधिक मतदान हुआ हैं। हालांकि 6 विधानसभा सीटें ऐसी भी हैं, जिन पर 55 % भी वोटिंग नहीं हुई है। वहीं कांग्रेस पार्टी के पास 30 विधानसभा सीटें हैं। इनमें 8 सीटों पर 65% से अधिक तो 3 पर 55 % से कम मतदान हुआ। वहीं जजपा की 10 में से 2, निर्दलीयों की 3, इनेलो की 1 सीट पर 65% से ज्यादा वोटिंग हुई है। जजपा MLA बबली की विधानसभा में हाल खराब
मंत्रियों, विधायकों के बाद हरियाणा क दूसरे दिग्गज नेताओं के यहां भी वोटिंग का बुरा हाल रहा। जजपा विधायक देवेंद्र बबली के हलके टोहाना में 17% वोटिंग प्रतिशत गिरा। भाजपा विधायक कमलेश ढांडा के कलायत में 15%, अनूप धानक की उकलाना विधानसभा में 10.80%, भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई की आदमपुर 9.90 %, पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह के पिहोवा में 8.80%, पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के उचाना में 7.80%, पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के किलोई में 7.55%, सीएम नायब सैनी के नारायणगढ़ में 5.58%, ओपी यादव के नारनौल में 4.65%, अभय चौटाला के ऐलनाबाद में 4% अनिल विज के अंबाला कैंट 0.40% कम वोटिंग हुई है।