रोहतक के गांव सुनारिया कलां में शुक्रवार को नाई की दुकान पर दो पक्षों में झगड़ा हो गया। इस झगड़े में उन्होंने वहां रखे तेजधार हथियारों से एक दूसरे पर हमला कर दिया। जिसमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया। जहां एक युवक को मृत घोषित कर दिया गया। अन्य दो युवकों का उपचार चल रहा है। उधर, घटना की सूचना मिलने पर पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई और जांच शुरू कर दी। मृतक की पहचान गांव सुनारिया कलां निवासी 30 वर्षीय परमजीत के रूप में हुई है। इस झगड़े में गांव सुनारिया कलां निवासी 40 वर्षीय सुनील और 37 वर्षीय अजीत घायल हो गए। तीनों के बीच हुई थी कहासुनी पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार सुनील की नाई की दुकान है। शुक्रवार को सुनील अपनी दुकान पर था और उसका दोस्त परमजीत भी उसके पास वाली दुकान पर आया था। दोनों दोस्त दुकान पर बैठे थे। इसी दौरान सुनारिया कलां निवासी अजीत वहां आ गया। तीनों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। झगड़ा इतना बढ़ गया कि उन्होंने दुकान में रखे तेजधार हथियारों से एक-दूसरे पर हमला कर दिया। जिसमें तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें उपचार के लिए रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया। जिसमें से परमजीत को मृत घोषित कर दिया गया। मामले की सूचना मिलने पर पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। रोहतक के गांव सुनारिया कलां में शुक्रवार को नाई की दुकान पर दो पक्षों में झगड़ा हो गया। इस झगड़े में उन्होंने वहां रखे तेजधार हथियारों से एक दूसरे पर हमला कर दिया। जिसमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया। जहां एक युवक को मृत घोषित कर दिया गया। अन्य दो युवकों का उपचार चल रहा है। उधर, घटना की सूचना मिलने पर पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई और जांच शुरू कर दी। मृतक की पहचान गांव सुनारिया कलां निवासी 30 वर्षीय परमजीत के रूप में हुई है। इस झगड़े में गांव सुनारिया कलां निवासी 40 वर्षीय सुनील और 37 वर्षीय अजीत घायल हो गए। तीनों के बीच हुई थी कहासुनी पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार सुनील की नाई की दुकान है। शुक्रवार को सुनील अपनी दुकान पर था और उसका दोस्त परमजीत भी उसके पास वाली दुकान पर आया था। दोनों दोस्त दुकान पर बैठे थे। इसी दौरान सुनारिया कलां निवासी अजीत वहां आ गया। तीनों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। झगड़ा इतना बढ़ गया कि उन्होंने दुकान में रखे तेजधार हथियारों से एक-दूसरे पर हमला कर दिया। जिसमें तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें उपचार के लिए रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया। जिसमें से परमजीत को मृत घोषित कर दिया गया। मामले की सूचना मिलने पर पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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चौधरी भजनलाल की 13वीं पुण्यतिथि:हिसार में कुलदीप बिश्नोई ने प्रतिमा के छुए पैर, कहा- आपके लिए क्या लिखूं, आपने तो खुद मुझे लिखा
चौधरी भजनलाल की 13वीं पुण्यतिथि:हिसार में कुलदीप बिश्नोई ने प्रतिमा के छुए पैर, कहा- आपके लिए क्या लिखूं, आपने तो खुद मुझे लिखा हिसार के बिश्नोई मंदिर में स्व. चौधरी भजनलाल की 13वीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई पहुंचे और पिता की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इतना ही नहीं कुलदीप बिश्नोई ने अपने पिता की प्रतिमा के पैर भी छुए। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई आदमपुर पहुंचे और पिता की समाधि स्थल जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। हर साल कुलदीप बिश्नोई पिता की पुण्यतिथि पर बिश्नोई मंदिर में पहुंचते हैं। यहां वह सबसे पहले बिश्नोई मंदिर में पहुंचकर हवन यज्ञ में आहुति डालते हैं और प्रतिमा पर फूल चढ़ाते हैं। इसके बाद वह आदमपुर में चौधरी भजनलाल की समाधि पर जाकर पुष्प अर्पित करते हैं। कुलदीप ने पिता को याद कर x पर की पोस्ट वहीं कुलदीप बिश्नोई ने इससे पहले X पर पिता भजनलाल को याद करते हुए भावुक पोस्ट लिखी। कुलदीप बिश्नोई ने लिखा ” आपके लिए क्या लिखूं, आपने तो खुद मुझे लिखा है। मेरे पिता जी, मेरे भगवान”। वहीं भव्य बिश्नोई ने भी अपने दादा को याद करते हुए उनके राजनीतिक जीवन का परिचय करवाते हुए श्रद्धांजलि दी। भव्य ने लिखा “हरियाणा के 3 बार मुख्यमंत्री रहे, भारत सरकार में कृषि एवं पर्यावरण मंत्री रहे, 9 बार विधायक रहे, 3 बार लोक सभा सदस्य और राज्य सभा सदस्य रहे, आधुनिक हरियाणा के निर्माता, 36 बिरादरी के हृदय में बसने वाले, युगपुरुष “बिश्नोई रत्न ” स्व. चौ. भजन लाल जी के महान व्यक्तित्व और स्वर्णिम काल को हम आज भी याद करते हैं। उनकी 13वीं पुण्यतिथि पर उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन”। मनोहर लाल ने किया था प्रतिमा का अनावरण पिछले साल जन्माष्टमी महोत्सव पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हिसार के बिश्नोई मंदिर में आयोजित गुरु जंभेश्वर महाराज के 573वें अवतार दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की थी। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भजनलाल की प्रतिमा का अनावरण किया था। वहीं पिछले साल ही राजस्थान के जांभा में भी भजनलाल की मूर्ति का अनावरण किया गया था। इस मूर्ति अनावरण समारोह में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। जांभा राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित है और यह बिश्नोई समाज का तीर्थ स्थान है।
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हरियाणा-दिल्ली में दहशत फैलाने वाला गैंगस्टर खैरमपुरिया कौन:मां को तंग करने पर मामा पर की थी फायरिंग, पैरोल पर आने के बाद 4 कत्ल हरियाणा के सोनीपत शहर के फेमस मातूराम हलवाई की शॉप के बाहर एक के बाद एक 30 राउंड गोलियां चली। एक गोली दूध बेचने वाले शख्स को भी लगी। फायरिंग करने वाले शूटर दुकान पर एक पर्ची फेंक गए, जिसमें 2 करोड़ रुपए की फिरौती और हरियाणा के गैंगस्टर हिमांशु भाऊ के साथ काला खैरमपुरिया के नाम का जिक्र था। यहीं वो दिन था, जब काला राणा का नाम अपराध की दुनिया में लाइमलाइट में आया। हिसार शहर में नामी महिंद्रा कंपनी के शोरूम में रूटीन की तरह पूरा स्टाफ अपने काम में लगा हुआ था। दोपहर के समय एक बाइक पर तीन शूटर पहुंचे। शूटर्स ने अंधाधुंध 35 से ज्यादा राउंड फायरिंग की और 5 करोड़ रुपए की फिरौती से संबंधित एक पर्ची फेंक कर फरार हो गए। इस पर्ची में भी हिमांशु भाऊ के साथ काला खैरमपुरिया के नाम का जिक्र था। इसके बाद तो पुलिस के लिए काला राणा एक तरह से टारगेट बन गया। हरियाणा की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने राकेश उर्फ काला को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। हिसार के गांव खैरमपुर के रहने वाले राकेश को क्राइम की दुनिया में काला खैरमपुरिया के नाम से जाना जाता हैं। महज 22 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रख सनसनी फैलाने वाले इस सनकी मिजाज काला राणा ने पिछले एक लाल में हरियाणा ही नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस के सामने भी कई बार चुनौती पेश की। ये बात भी सामने आई कि पिता की मौत के बाद काला की मां को मामा परेशान कर रहे थे। इस पर उसने साथियों के साथ मिलकर मामा पर फायरिंग करवा दी थी। हालांकि उसमें मामा बच गया था। 2024 में पहली वारदात, सजा के बाद देश छोड़ भागा
STF से मिली जानकारी के मुताबिक, काला खैरमपुरिया का पहली बार नाम 2014 में हिसार जिले में हुई एक लूट की वारदात में सामने आया। इस केस में जेल चला गया। यहां उसकी कुछ लोकल बदमाशों से दोस्ती हो गई। जेल से छूटने के बाद उसने इलाके में कई अन्य वारदातें की, लेकिन 2015 में उसने राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एक शख्स की हत्या कर सबसे बड़ी वारदात को अंजाम दिया। राजस्थान पुलिस ने कुछ समय बाद उसे पकड़ भी लिया और वह हनुमानगढ़ जेल में बंद रहा। 2018 में उसे इसी कत्ल केस में हनुमानगढ़ की अदालत से उम्रकैद की सजा हो गई। हनुमानगढ़ जेल में रहते हुए उसके संपर्क उत्तर भारत में एक्टिव कई बड़े गैंगस्टर से हो गए। सजा के 2 साल बाद उसे 2020 में कोर्ट से पैरोल मिल गई, लेकिन काला खैरमपुरिया वापस जेल जाने की बजाए फरार हो गए। इसके बाद तो उसने ऐसा आतंक मचाया कि टारगेट किलिंग, हत्या का प्रयास, लूट, फिरौती, रंगदारी जैसे 14 वारदातों को या तो खुद अंजाम दिया या फिर विदेश में बैठकर अपने गुर्गो के जरिए अंजाम दिलवाया। उसने 2021 में फतेहाबाद जिले के गांव दरौली में एक शख्स की हत्या की। इसके साथ ही हनुमानगढ़, सिरसा, हिसार में कई जगह गोलियां चलाकर फिरौती मांगी। जब वह पुलिस के लिए सिरदर्द बनने लगा तो वह कुछ समय के लिए शांत बैठ गया। 2023 में उसने फर्जी पते पर फर्जी पासपोर्ट तैयार कराया और फिर पहले यूएई, आर्मीनिया के बाद थाईलैंड पहुंच गया। गैंगस्टर भाऊ और नीरज के संपर्क में आया
यहां पहुंचने के बाद काला राणा गैंगस्टर हिमांशु भाऊ और नीरज फरीदपुरिया के संपर्क में आया। इन दोनों बड़े गैंगस्टर के साथ मिलकर अपनी गैंग को दिल्ली-हरियाणा में एक्टिव कर दिया। गैंग के गुर्गों के जरिए उसने सोनीपत में मातूराम हलवाई के यहां फिरौती के लिए फायरिंग कराई। इसके बाद सोनीपत में ही शराब कारोबारी सुंदर मलिक का कत्ल करा दिया। यही नहीं काला खैरमपुरिया ने दिल्ली के तिलक नगर में एक नामी शोरूम पर फायरिंग कराकर 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी। उसके बाद 18 जून को दिल्ली के राजौरी गार्डन में अमन जून नाम के शख्स की गैंगवारी में हत्या करा दी। 24 जून को उसने हिसार में इनेलो नेता रामभगत के बेटे के शोरूम पर फायरिंग कराकर 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी। एक बाद एक काला खैरमपुरिया का नाम पुलिस के रोजनामचे में चढ़ता गया। हिसार की घटना के बाद पुलिस के साथ-साथ सरकार की भी काफी किरकिरी हुई। इसी के चलते एसटीएफ ने कमान संभाली और फिर सबसे पहले पुलिस ने उस पते को ढूंढ निकाला, जिसके जरिए काला फर्जी पासपोर्ट बनवाकर देश छोड़कर भागा था। पुलिस ने उसी पते के आधार पर काला की ट्रैवलिंग रूट की हिस्ट्री खंगाली और फिर उसका पुख्ता ठिकाना पता लगने के बाद पासपोर्ट रद्द करवाकर उसे अरेस्ट कर लिया।