रोहतक में ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन पिछले 3 साल 2 महीने से पानी को दूषित होने से बचाने में लगा हुआ है। जिसकी शुरुआत सितंबर 2021 में हुई थी। एक व्यक्ति द्वारा शुरू की गई मुहिम से अब लोग जुड़ रहे हैं। फिलहाल 100 से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं, जो नहरों को साफ रखने की इस मुहिम में सक्रिय हैं। ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन के तहत नहरों में फेंके जाने वाले सामान, प्लास्टिक की थैलियां, टूटी मूर्तियां, पूजा सामग्री व अन्य सामान से पानी बचाने का काम किया जाता है। खासकर त्योहारी सीजन में ज्यादा सक्रिय रहना पड़ता है। मिशन के मुख्य संरक्षक डॉ. जसमेर हुड्डा ने बताया कि 2021 में वह दिल्ली बाईपास के पास स्थित जेएलएल व बीएसपी नहर पुल के ऊपर से गुजर रहे थे। इस दौरान उन्होंने देखा कि हर कोई नहर में प्लास्टिक की थैलियां फेंक रहा है। जिसे देखकर लगता है कि हम अपनी नहरों को गंदा कर रहे हैं। इसके बाद निर्णय लिया कि नहरों की सफाई के लिए काम किया जाए। ‘सुनो नहरों की पुकार’ के 100 से ज्यादा सदस्य इसलिए उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने कहा कि यह उनकी आस्था है। इसके बाद उन्होंने रोजाना सुबह-शाम डेढ़-दो घंटे नहर पर खड़े होकर लोगों को जागरूक करना शुरू किया। शुरुआत में वे ज्यादा समय नहीं दे पाते थे। लेकिन अब उनके साथ कई लोग जुड़ गए हैं। ‘सुनो नहरों की पुकार’ के 100 से ज्यादा सदस्य हैं, जिनमें से 50-60 सदस्य सक्रिय हैं। जो अब रोजाना नहरों पर जाकर लोगों को जागरूक करते हैं कि वे नहरों में कोई भी सामग्री न डालें। अब लोग भी उनकी बात से सहमत हो रहे हैं। नहर के पानी को शुद्ध रखने के लिए तैयार किया विकल्प ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन के महासचिव मुकेश नैनकवाल ने बताया कि लोगों की आस्था को देखते हुए वे नहरों के पास गड्ढा खोदते हैं। वे लोगों से अपील करते हैं कि वे अपनी आस्था की वस्तुएं इस गड्ढे में डालें। इसके बाद गड्ढे में गंगाजल डालकर ऊपर से मिट्टी डाल दी जाती है। जो खंडित मूर्तियां आती हैं, उन्हें एकत्र करके जींद जिले के दातौली धाम ले जाया जाता है। वहां पूर्णिमा के दिन हवन यज्ञ के बाद मूर्तियों को कुचलकर उनसे ईंटें बनाई जाती हैं। इन ईंटों का इस्तेमाल देश में कहीं भी बनने वाले मंदिरों में किया जाता है। इससे न तो लोगों की आस्था को ठेस पहुंचती है और न ही नहर का पानी प्रदूषित होता है। लोग पेड़-पौधों की जड़ों में भी डाल रहे सामग्री डॉ. जसमेर हुड्डा ने बताया कि इस अभियान के बाद लोगों में काफी बदलाव आया है। लोग अब पूजा सामग्री जलाकर उसकी राख को अपने घर में लगे पेड़ों की जड़ों में या पार्क में लगे पेड़-पौधों में डाल देते हैं। साथ ही मुट्ठी भर सामग्री लेकर नहरों में जाकर विसर्जित कर देते हैं। पहले लोग पूरी सामग्री नहरों में प्रवाहित करने आते थे। अब नहरों पर खड़े होकर ही नहीं बल्कि स्कूलों आदि में जाकर भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। रोहतक में ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन पिछले 3 साल 2 महीने से पानी को दूषित होने से बचाने में लगा हुआ है। जिसकी शुरुआत सितंबर 2021 में हुई थी। एक व्यक्ति द्वारा शुरू की गई मुहिम से अब लोग जुड़ रहे हैं। फिलहाल 100 से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं, जो नहरों को साफ रखने की इस मुहिम में सक्रिय हैं। ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन के तहत नहरों में फेंके जाने वाले सामान, प्लास्टिक की थैलियां, टूटी मूर्तियां, पूजा सामग्री व अन्य सामान से पानी बचाने का काम किया जाता है। खासकर त्योहारी सीजन में ज्यादा सक्रिय रहना पड़ता है। मिशन के मुख्य संरक्षक डॉ. जसमेर हुड्डा ने बताया कि 2021 में वह दिल्ली बाईपास के पास स्थित जेएलएल व बीएसपी नहर पुल के ऊपर से गुजर रहे थे। इस दौरान उन्होंने देखा कि हर कोई नहर में प्लास्टिक की थैलियां फेंक रहा है। जिसे देखकर लगता है कि हम अपनी नहरों को गंदा कर रहे हैं। इसके बाद निर्णय लिया कि नहरों की सफाई के लिए काम किया जाए। ‘सुनो नहरों की पुकार’ के 100 से ज्यादा सदस्य इसलिए उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने कहा कि यह उनकी आस्था है। इसके बाद उन्होंने रोजाना सुबह-शाम डेढ़-दो घंटे नहर पर खड़े होकर लोगों को जागरूक करना शुरू किया। शुरुआत में वे ज्यादा समय नहीं दे पाते थे। लेकिन अब उनके साथ कई लोग जुड़ गए हैं। ‘सुनो नहरों की पुकार’ के 100 से ज्यादा सदस्य हैं, जिनमें से 50-60 सदस्य सक्रिय हैं। जो अब रोजाना नहरों पर जाकर लोगों को जागरूक करते हैं कि वे नहरों में कोई भी सामग्री न डालें। अब लोग भी उनकी बात से सहमत हो रहे हैं। नहर के पानी को शुद्ध रखने के लिए तैयार किया विकल्प ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन के महासचिव मुकेश नैनकवाल ने बताया कि लोगों की आस्था को देखते हुए वे नहरों के पास गड्ढा खोदते हैं। वे लोगों से अपील करते हैं कि वे अपनी आस्था की वस्तुएं इस गड्ढे में डालें। इसके बाद गड्ढे में गंगाजल डालकर ऊपर से मिट्टी डाल दी जाती है। जो खंडित मूर्तियां आती हैं, उन्हें एकत्र करके जींद जिले के दातौली धाम ले जाया जाता है। वहां पूर्णिमा के दिन हवन यज्ञ के बाद मूर्तियों को कुचलकर उनसे ईंटें बनाई जाती हैं। इन ईंटों का इस्तेमाल देश में कहीं भी बनने वाले मंदिरों में किया जाता है। इससे न तो लोगों की आस्था को ठेस पहुंचती है और न ही नहर का पानी प्रदूषित होता है। लोग पेड़-पौधों की जड़ों में भी डाल रहे सामग्री डॉ. जसमेर हुड्डा ने बताया कि इस अभियान के बाद लोगों में काफी बदलाव आया है। लोग अब पूजा सामग्री जलाकर उसकी राख को अपने घर में लगे पेड़ों की जड़ों में या पार्क में लगे पेड़-पौधों में डाल देते हैं। साथ ही मुट्ठी भर सामग्री लेकर नहरों में जाकर विसर्जित कर देते हैं। पहले लोग पूरी सामग्री नहरों में प्रवाहित करने आते थे। अब नहरों पर खड़े होकर ही नहीं बल्कि स्कूलों आदि में जाकर भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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3 कृषि कानूनों के बयान पर कंगना रनोट का यू-टर्न:बोली- मैंने किसी को डिसअपॉइंट किया तो खेद है; BJP ने किनारा किया था
3 कृषि कानूनों के बयान पर कंगना रनोट का यू-टर्न:बोली- मैंने किसी को डिसअपॉइंट किया तो खेद है; BJP ने किनारा किया था हिमाचल प्रदेश से BJP सांसद एक्ट्रेस कंगना रनोट ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने को लेकर दिए के बयान पर बैकफुट पर आ गई हैं। उन्होंने एक वीडियो जारी कर अपना बयान वापस लिया है। कहा है- यदि मैंने अपने बयान से किसी को डिसअपॉइंट किया हो तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। कंगना ने अपने बयान पर सफाई तब दी है जब उनके बयान को लेकर विपक्ष BJP को घेरने में लगा था। हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच आए कंगना के बयान से भाजपा ने भी कि किनारा कर लिया था। BJP प्रवक्ता गौरव भाटिया ने वीडियो जारी कर कहा था कि कंगना को 3 कृषि कानूनों पर बोलने का हक नहीं है। कंगना ने वीडियो में क्या कहा
कंगना ने आज X पर वीडियो जारी कर कहा, ‘बीते कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे फार्मर्स लॉ (कृषि कानून) पर कुछ सवाल किए। और मैंने यह सुझाव दिया कि किसानों को फार्मर्स लॉ लाने का प्रधानमंत्री जी से निवेदन करना चाहिए। मेरी इस बात से बहुत सारे लोग निराश हैं, और डिसअपॉइंटेड हैं। जब फार्मर्स लॉ प्रपोज (प्रस्तावित) हुए थे तो काफी सारे लोगों ने इनका समर्थन किया था। लेकिन, बड़ी ही संवेदनशीलता से और सहानुभूति से हमारे प्रधानमंत्री जी ने वे लॉ वापस ले लिए थे। और हम सब कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम उनके शब्दों की गरिमा रखें। मुझे भी यह बात अब ध्यान में रखनी होगी कि मैं अब केवल एक कलाकार नहीं, भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता भी हूं। और मेरे ओपिनियन (राय) मेरे नहीं होने चाहिए। वह पार्टी का स्टैंड होना चाहिए। तो अगर मैंने अपने शब्दों से और अपनी सोच से किसी को डिसअपॉइंट किया हो तो मुझे खेद रहेगा। आई टेक माय वर्ड्स बैक (मैं अपने शब्द वापस लेती हूं)।’ भाजपा क्या कह चुकी
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कंगना के बयान पर कहा, ‘सोशल मीडिया पर भाजपा सांसद कंगना रनोट का 3 कृषि कानूनों का लेकर दिया बयान चल रहा है। ये कानून पहले ही वापस लिए जा चुके हैं। मैं बिल्कुल स्पष्ट कहना चाहता हूं कि यह बयान कंगना रनोट का व्यक्तिगत है। BJP की ओर से कंगना ऐसा कोई बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं, और न ही उनका बयान पार्टी की सोच है। इसलिए, उस बयान का हम खंडन करते हैं।’ 2 दिन पहले ही हिमाचल में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए कंगना ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने को कहा था। कंगना ने कहा था कि किसानों को खुद ये कानून लागू करने की मांग करनी चाहिए। बता दें कि नवंबर 2021 में केंद्र सरकार ने 14 महीने के किसान आंदोलन के बाद ये कानून वापस लिए थे। विपक्ष ने घेरना शुरू किया तो भाजपा ने पल्ला झाड़ा
कंगना के बयान से भाजपा ने तब किनारा किया है, जब विपक्ष ने पार्टी को घेरना शुरू कर दिया था। पंजाब से अकाली दल के प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर ने तो भाजपा से कंगना को पार्टी से निकालने और उन पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाने की मांग की थी। इसके साथ ही हरियाणा कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया। कहा कि भाजपा फिर से 3 कृषि कानून वापस लाने का प्लान बना रही है। कांग्रेस किसानों के साथ है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितना भी जोर लगा लें, ये कानून लागू नहीं होने दिए जाएंगे। वहीं, पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा था कि भाजपा अपने किसान विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कंगना का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने सरकार से तत्काल स्पष्टीकरण देने की मांग रखी थी। इसके अलावा एक चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मंच से कंगना को चुनौती दी है। उन्होंने कहा, ‘BJP की सांसद कंगना रनोट का कहना है कि 3 कृषि कानून को लागू करने का समय आ गया है। हरियाणा में BJP की सरकार बनी तो ये 3 काले कानून लागू करेंगे। मैं चुनौती देता हूं, हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी और कोई ताकत नहीं है जो 3 काले कानूनों को फिर से लागू करवा सके।’ कंगना के बयान के बाद हरियाणा कांग्रेस की ओर से किया गया पोस्ट… कंगना के बयान से दूसरी बार भाजपा ने मुंह फेरा
3 कृषि कानूनों पर कंगना का ये तीसरा बयान था। हिमाचल प्रदेश के मंडी में दिए गए बयान से पहले भी कंगना 2 बार कृषि कानूनों पर बोल चुकी हैं, और सांसद बनने के बाद यह उनका दूसरा बयान है। वहीं, सांसद बनने के बाद आए उनके बयान से भाजपा पहले भी पल्ला झाड़ चुकी है। 26 अगस्त को भाजपा को बयान जारी करना पड़ा था। उसमें लिखा था- पार्टी कंगना के बयान से असहमत है। उन्हें पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं है। वह पार्टी की तरफ से बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। भाजपा ने कंगना को हिदायत दी है कि वे इस मुद्दे पर आगे कोई बयान न दें। कंगना ने अपने बयान में कहीं 2 अहम बातें… 1. किसानों के हितकारी कानून वापस आने चाहिए
कंगना ने कहा कि किसानों के जो लॉ हैं, जो रोक दिए गए, वे वापस लाने चाहिए। किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए। हमारे किसानों की समृद्धि में ब्रेक न लगे। 2. हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ
ब्यूरोक्रेसी, हमारे लीडर, हर 3-3 महीने में इलेक्शन करवाते हैं। वन नेशन, वन इलेक्शन देश के विकास में जरूरी है। ऐसे ही हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ (मजबूती के स्तंभ) हैं। वे खुद अपील करें कि हमारे तीनों कानूनों को लागू किया जाए। हमारे कुछ राज्यों ने इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी, उनसे हाथ जोड़ विनती करती हूं कि इन्हें वापस लाएं। किसानों को लेकर 2 बार बयान दे चुकीं कंगना… पहला बयान- महिला किसान पर टिप्पणी
किसान आंदोलन के बीच कंगना रनोट ने 27 नवंबर 2020 को रात 10 बजे फोटो पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई महिला वही मशहूर बिलकिस दादी है, जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी। जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध है। हालांकि, बाद में कंगना ने पोस्ट डिलीट कर दिया था, लेकिन कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पोस्ट को खूब शेयर किया था। इससे एक्ट्रेस विवादों में घिर गई थी। दूसरा बयान- किसान आंदोलन में रेप-मर्डर हुए
अगस्त में भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। किसान बिल को वापस ले लिया गया, वरना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। 2020 में लाए गए थे 3 कृषि कानून
5 जून 2020 को केंद्र सरकार एक अध्यादेश के जरिए 3 कृषि बिल लेकर आई थी। सितंबर 2020 को केंद्र सरकार लोकसभा और राज्यसभा में फार्म बिल 2020 लेकर आई। दोनों सदनों से यह बिल पास पास हो गए, लेकिन किसानों को यह बिल मंजूर नहीं थे। किसानों को आशंका थी कि नए बिल से मंडियां खत्म हो जाएंगी। MSP सिस्टम खत्म हो जाएगा। बड़ी कंपनियां फसलों की कीमतें तय करने लगेंगी। वे इसके विरोध में उतर आए। पंजाब के किसान रेल की पटरियों पर बैठ गए, लेकिन सरकार ने उन्हें वहां से हटा दिया। 19 नवंबर 2021 को कृषि कानून वापस लिए
किसान आंदोलन के दौरान अप्रैल-मई 2021 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव हुए। असम में BJP सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन उसे 11 सीटों का नुकसान हुआ। पुडुचेरी में वह गठबंधन की सरकार बनाने में कामयाब रही। जबकि केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में BJP को हार का सामना करना पड़ा। इन चुनावों में विपक्ष ने प्रधानमंत्री और BJP को खूब घेरा था। किसान नेता राकेश टिकैत ने पश्चिम बंगाल में BJP के खिलाफ प्रचार किया था। इसके बाद BJP की इंटरनल रिपोर्ट, सेना में नाराजगी, उप-चुनावों में मिली हार और 5 राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए PM मोदी ने 19 नवंबर 2021 को तीनों कृषि कानून वापस ले लिए। आखिरकार 14 महीने की तकरार के बाद 29 नवंबर को लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों से बिना किसी चर्चा के ध्वनिमत से कृषि कानून वापस ले लिया गया। 11 दिसंबर को किसानों ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया और दिल्ली बॉर्डर पर विजय दिवस मनाया।
हरियाणा CM आज कुरुक्षेत्र में करेंगे ध्वजारोहण:नायब सैनी पहले शहीदी स्मारक पहुंचेंगे, कार्यक्रम स्थल पर PCR-चीता राइडर तैनात
हरियाणा CM आज कुरुक्षेत्र में करेंगे ध्वजारोहण:नायब सैनी पहले शहीदी स्मारक पहुंचेंगे, कार्यक्रम स्थल पर PCR-चीता राइडर तैनात हरियाणा के CM नायब सैनी आज स्वतंत्रता दिवस पर कुरुक्षेत्र में ध्वजारोहण करेंगे। यह कार्यक्रम पुलिस लाइन में होगा। जिसको लेकर प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पहले शहीदी स्मारक पर शहीदों को नमन करेंगे। इसके बाद पिपली स्थित पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचेंगे। DC सुशील सारवान ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह में हर व्यक्ति को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि 15 अगस्त को सभी अधिकारी समय पर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना सुनिश्चित करें और अपनी-अपनी डयूटी को ईमानदारी के साथ पूरा करें। स्कूली बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। पुलिस, होमगार्ड, प्रजातंत्र के प्रहरी, गर्ल गाइड व एनसीसी की टुकड़ियां द्वारा शानदार मार्च पास्ट का प्रदर्शन भी किया जाएगा। स्वतंत्रता दिवस समारोह को मनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों की टीमों का चयन कर लिया गया है। पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए
स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने के आदेश दिए गए हैं। आयोजन स्थल के आसपास की सुरक्षा के लिए पीसीआर व चीता राइडरों को तैनात किया गया है। प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। SP जशनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि सभी थाना प्रबंधक और चौकी इंचार्ज को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में अजनबी लोगों को चेक करने के आदेश जारी किए गए हैं। पुलिस अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में होटल, रेस्टोरेंट व रेस्ट हाउस के मालिकों से मीटिंग करके उन्हें आगुन्तक व्यक्तियों का पूरा ब्यौरा रखने तथा उनके फोटों, पहचान-पत्र आदि का रिकॉर्ड रखने बारे निर्देश दिए गए हैं। वाहनों को पार्किग स्थल पर ही पार्क करें
उन्होंने बताया कि यातायात पुलिस प्रभारी को आदेश दिए गए हैं कि सभी वाहनों को पार्किग स्थल पर ही पार्क करवाया जाए। किसी भी वाहन को रास्ते में और भीड़ के पास खड़ न करने दिया जाए। थाना प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में पीसीआर, मोटरसाइकिल राइडर व नाकों की जांच करेंगे।
अटेली पर बाहरी उम्मीदवार थोपकर किया मतदाताओं का अपमान : ठाकुर अतरलाल
अटेली पर बाहरी उम्मीदवार थोपकर किया मतदाताओं का अपमान : ठाकुर अतरलाल भास्कर न्यूज | महेंद्रगढ़ अटेली हलके से बहुजन समाज पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल के संयुक्त प्रत्याशी अतरलाल ने विभिन्न गांवों में आशीर्वाद सभा की। इसी कड़ी में गांव खेड़ी और नीरपुर में पहुंचने पर ग्रामवासियों द्वारा अतरलाल का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर अतरलाल ने कहा कि अटेली हलके का व्यक्ति ही अटेली विधानसभा का विकास करवा सकता हैं। बाहर से आए नेता ना तो हलके की समस्याओं से वाकिफ हैं ना ही उनके समाधान के लिए उनके पास कोई विजन है। अतरलाल ने कहा कि अटेली हलके के विकास के लिए उनके पास पुख्ता कार्य योजना है। उन्होंने कहा कि विभिन्न पार्टियों ने बाहरी प्रत्याशियों को अटेली पर थोपकर अटेली के मतदाताओं का अपमान किया है। इस बार विधानसभा में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलेगा । इस अवसर पर थानेदार शेर सिंह यादव, भागसिंह चेयरमैन, राव रघुबीर सिंह बोहरा, राजेन्द्र यादव पंच सिहोर, संजय शर्मा रसूलपुर, प्रधान दान सिंह , नरपत कमांडो ग्रामीण मौजूद रहे।