रोहतक में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पंजाबी मंच रोहतक शहरी अध्यक्ष जतिन बत्रा ने कहा कि 2026 में हरियाणा में हलकों का फिर से गठन होने जा रहा है। कई हलके टूटेंगे तो कई जुड़ेंगे। लेकिन सोचने वाली बात है कि पंजाबी समाज की आवाज को मजबूती से उठाने वाला और सरकार के समक्ष मामला रखने वाला कौन है। मौजूदा विधायक बीबी बत्रा समाज की आवाज को मजबूती से उठाने में विफल रहे हैं। वह शहर की कॉलोनियों में जाकर पानी में खड़े होकर या गंदे पेयजल की समस्या को लेकर धरना देने की बात कहकर गायब हो गए। लेकिन वह न तो धरने पर बैठे और न ही आवाज उठाई। जिससे वह एक विफल विधायक साबित हुए। एक समय था जब 16 पंजाबी विधायक थे, लेकिन आज नाममात्र के विधायक हैं। भाजपा के पास करीब 7 से 8 पंजाबी विधायक हैं। क्या कारण है कि पंजाबी समाज का रुझान बदल गया। रोहतक पंजाबी सीट है, कुछ साल पहले विधायक बीबी बत्रा के पिता के कार्यकाल में कलानौर को रिजर्व सीट घोषित किया गया था। अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब ये लोग रोहतक को भी आरक्षित करवा देंगे और आपकी आवाज दबा दी जाएगी। 25 को होगा पंजाबी महासम्मेलन इस समय आपको ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो समस्याओं की आवाज को पूरी ताकत से सरकार तक पहुंचा सके। उन्होंने कहा कि कृष्ण लाल छाबड़ा 2016 से 2021 तक गांव बैंसी के सरपंच रहे और गांव का विकास करवाया। रोहतक विधानसभा के 170 बूथों पर 2500 से ज्यादा सदस्य जोड़े गए हैं, जो जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। कृष्ण लाल छाबड़ा ने कांग्रेस हाईकमान के समक्ष अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है। जिसके चलते 25 अगस्त को सुभाष नगर में पंजाबी महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें अधिक से अधिक पंजाबी परिवारों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा और अपने समाज की आवाज को बुलंद किया जाएगा। इसमें महामंडलेश्वर बाबा कपिल पुरी और कृष्ण लाल छाबड़ा मुख्य अतिथि होंगे। रोहतक में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पंजाबी मंच रोहतक शहरी अध्यक्ष जतिन बत्रा ने कहा कि 2026 में हरियाणा में हलकों का फिर से गठन होने जा रहा है। कई हलके टूटेंगे तो कई जुड़ेंगे। लेकिन सोचने वाली बात है कि पंजाबी समाज की आवाज को मजबूती से उठाने वाला और सरकार के समक्ष मामला रखने वाला कौन है। मौजूदा विधायक बीबी बत्रा समाज की आवाज को मजबूती से उठाने में विफल रहे हैं। वह शहर की कॉलोनियों में जाकर पानी में खड़े होकर या गंदे पेयजल की समस्या को लेकर धरना देने की बात कहकर गायब हो गए। लेकिन वह न तो धरने पर बैठे और न ही आवाज उठाई। जिससे वह एक विफल विधायक साबित हुए। एक समय था जब 16 पंजाबी विधायक थे, लेकिन आज नाममात्र के विधायक हैं। भाजपा के पास करीब 7 से 8 पंजाबी विधायक हैं। क्या कारण है कि पंजाबी समाज का रुझान बदल गया। रोहतक पंजाबी सीट है, कुछ साल पहले विधायक बीबी बत्रा के पिता के कार्यकाल में कलानौर को रिजर्व सीट घोषित किया गया था। अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब ये लोग रोहतक को भी आरक्षित करवा देंगे और आपकी आवाज दबा दी जाएगी। 25 को होगा पंजाबी महासम्मेलन इस समय आपको ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो समस्याओं की आवाज को पूरी ताकत से सरकार तक पहुंचा सके। उन्होंने कहा कि कृष्ण लाल छाबड़ा 2016 से 2021 तक गांव बैंसी के सरपंच रहे और गांव का विकास करवाया। रोहतक विधानसभा के 170 बूथों पर 2500 से ज्यादा सदस्य जोड़े गए हैं, जो जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। कृष्ण लाल छाबड़ा ने कांग्रेस हाईकमान के समक्ष अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है। जिसके चलते 25 अगस्त को सुभाष नगर में पंजाबी महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें अधिक से अधिक पंजाबी परिवारों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा और अपने समाज की आवाज को बुलंद किया जाएगा। इसमें महामंडलेश्वर बाबा कपिल पुरी और कृष्ण लाल छाबड़ा मुख्य अतिथि होंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में कांग्रेस को टिकट बंटवारे से बगावत-भगदड़ का डर:बागी बिगाड़ सकते हैं गणित, इन्हें रोकने के लिए हुड्डा-सैलजा-सुरजेवाला को 3 टास्क हरियाणा में टिकट बंटवारे से पहले ही कांग्रेस डर गई है। टिकट देने के बाद होने वाली बगावत को रोकने के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने प्लानिंग शुरू कर दी है। केंद्रीय नेतृत्व ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला को इसके लिए 3 टास्क दिए हैं। दरअसल, पार्टी की टॉप लीडरशिप को लग रहा है कि जिन नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा वह चुनाव में पार्टी के खिलाफ बगावत करेंगे। यह भी डर बना हुआ है कि ऐसे बागी नेता निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े होकर पार्टी उम्मीदवार को हराने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इसको लेकर कांग्रेस के आलाकमान ने दिल्ली में मंथन शुरू कर दिया है। राहुल गांधी और खड़गे ने इसकी जिम्मेदारी केसी वेणुगोपाल को दी है। इसके बाद वह लगातार हरियाणा के बड़े नेताओं से वन टू वन मीटिंग कर रहे हैं। 2556 नेताओं ने मांगी टिकट
90 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के 2556 नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया है। इसके मुताबिक एक-एक सीट पर कांग्रेस के करीब 28 नेताओं ने अपनी दावेदारी ठोकी है। कई ऐसी सीटें भी हैं, जिन पर दावेदारों की संख्या 40 से भी ज्यादा है। टिकट एक नेता को ही मिलना है। ऐसे में जिन्हें टिकट नहीं मिलेगी वह बागी हो सकते हैं। इसलिए लिस्ट जारी करने से पहले केसी वेणुगोपाल के साथ हरियाणा स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। हुड्डा-उदयभान, सैलजा-रणदीप से हो चुकी मीटिंग
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेशाध्यक्ष उदयभान के साथ पहले ही बैठक हो चुकी है। इसके अलावा दिल्ली में अजय माकन, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला से अलग-अलग बैठक कर चुके हैं। माकन ने दोनों नेताओं से उनके जिलों में टिकटों के लिए दावा करने वाले नेताओं के बारे में फीडबैक लिया। सुरजेवाला का कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र और जींद, जबकि कुमारी सैलजा का हिसार, सिरसा और अंबाला में प्रभाव है। इन नेताओं के साथ मीटिंग करने से पहले माकन ने पार्टी के पांचों सांसदों और लोकसभा चुनाव हारे उम्मीदवारों के साथ भी बैठक की। सितंबर के पहले हफ्ते जारी हो सकती है लिस्ट
हरियाणा में टिकटों को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग शुरू हो चुकी है। चार दिन मंथन के बाद आखिर में लिस्ट पर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली में मंथन करेंगे। इसके बाद हरियाणा के नेताओं के साथ चर्चा के बाद लिस्ट जारी की जाएगी। संभावना है कि इस प्रक्रिया में अभी लगभग 5 दिन और लग जाएंगे। जिसके बाद सितंबर के पहले हफ्ते में कांग्रेस अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकती है। जाट चेहरों के टिकट काटेगी कांग्रेस
हरियाणा कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में टिकटों पर मंथन के बीच विधानसभा सीटों का गुणा-गणित तैयार कर लिया है। इस बार कांग्रेस बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए गैर जाट वोट बैंक पर ज्यादा फोकस करेगी। यही वजह है कि कांग्रेस इस बार टिकट आवंटन में जाट कोटे के चेहरों की टिकट भी काटेगी। इसके अलावा 2019 के विधानसभा चुनाव में जमानत नहीं बचा पाने वाले उम्मीदवार भी पैनल से बाहर किए जाएंगे। साथ ही ब्राह्मण, पंजाबी, वैश्य और राजपूत के टिकट कोटे में इजाफा करेगी। कांग्रेस ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 27 हलकों में अपनी जमानत जब्त करवाई थी। इसके अलावा 15 प्रत्याशी ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने लगातार 2 हार अपने खाते में दर्ज करवा ली हैं। इनमें कई के नाम ये दोनों ही रिकाॅर्ड दर्ज हैं।