रोहतक पीजीआई के डॉक्टर पिछले करीब 6 दिनों से हड़ताल पर हैं। जो कोलकाता में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या मामले में उचित कार्रवाई व न्याय की मांग कर रहे हैं। साथ ही रोहतक पीजीआई में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की जा रही है। रोहतक पीजीआई के रेजिडेंस डॉक्टरों ने कोलकाता की घटना के बाद हड़ताल करने का फैसला लिया। जिसके कारण रोहतक पीजीआई में आने वाले मरीजों को भी समय पर उपचार नहीं मिल पाता। वहीं इलाज के लिए भटकना पड़ता है। वहीं रेजिडेंस डॉक्टरों ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक वे हड़ताल पर रहेंगे। पीजीआई में भी बढ़ाएं सुरक्षा
पीजीआईएमएस की ओपीडी में रेजिडेंट डॉक्टर्स, इंटर्न्स व विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया। जिसमें कोलकाता हत्याकांड को लेकर लोगों को बताया। वहीं OPD में मानव श्रृंखला बनाकर अपनी एकजुटता का संदेश दिया। वहीं लोगों से भी आह्वान किया कि वे भी इसमें उनके साथ आएं। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को सुरक्षा दी जाए। रोहतक पीजीआई में भी सुरक्षा का अभाव है। इसलिए पीजीआई में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। वहीं पुलिस सुरक्षा भी उपलब्ध करवाई जाए। क्योंकि रात के समय भी महिला चिकित्सकों को आना-जाना पड़ता है। रोहतक पीजीआई के डॉक्टर पिछले करीब 6 दिनों से हड़ताल पर हैं। जो कोलकाता में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या मामले में उचित कार्रवाई व न्याय की मांग कर रहे हैं। साथ ही रोहतक पीजीआई में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की जा रही है। रोहतक पीजीआई के रेजिडेंस डॉक्टरों ने कोलकाता की घटना के बाद हड़ताल करने का फैसला लिया। जिसके कारण रोहतक पीजीआई में आने वाले मरीजों को भी समय पर उपचार नहीं मिल पाता। वहीं इलाज के लिए भटकना पड़ता है। वहीं रेजिडेंस डॉक्टरों ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक वे हड़ताल पर रहेंगे। पीजीआई में भी बढ़ाएं सुरक्षा
पीजीआईएमएस की ओपीडी में रेजिडेंट डॉक्टर्स, इंटर्न्स व विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया। जिसमें कोलकाता हत्याकांड को लेकर लोगों को बताया। वहीं OPD में मानव श्रृंखला बनाकर अपनी एकजुटता का संदेश दिया। वहीं लोगों से भी आह्वान किया कि वे भी इसमें उनके साथ आएं। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को सुरक्षा दी जाए। रोहतक पीजीआई में भी सुरक्षा का अभाव है। इसलिए पीजीआई में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। वहीं पुलिस सुरक्षा भी उपलब्ध करवाई जाए। क्योंकि रात के समय भी महिला चिकित्सकों को आना-जाना पड़ता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर