‘मेरी इमेज पर कई आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन मुझे उनकी कोई चिंता नहीं। जो सही है, उसे किसी को तो बोलना पड़ेगा।’ ये कहना है यूपी की नगीना सीट से आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर पर गंभीर आरोप लगाने वाली रोहिणी घावरी का। स्विटजरलैंड में रह रही रोहिणी पर पॉलिटिकल स्टंट के आरोप क्यों लग रहे? मायावती और आकाश आनंद से जुड़ी उनकी पोस्ट के मायने क्या हैं? क्या वह बसपा में जाना चाहती हैं? एनडीए नेताओं के साथ भी उनकी फोटो आती रही हैं? क्या रोहिणी का पॉलिटिकल कनेक्शन चंद्रशेखर से दूरी की वजह बना? इन सवालों के जवाब संडे बिग स्टोरी में पढ़िए… हमने रोहिणी से पूछा लोग आरोप लगा रहे हैं कि आप नगीना सांसद पर जो आरोप लगा रहीं हैं। क्या वह पॉलिटिकल स्टंट है? रोहिणी कहती हैं कि मुझ पर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन मुझे उनकी कोई चिंता नहीं। कोई इसे प्रूफ कर दे कि यह सब पॉलिटिकल स्टंट है। मेरे जैसी लड़की, जो 8 घंटे नौकरी कर पैसा कमा रही है, वह पॉलिटिकल स्टंट क्यों करेगी? मुझे क्या करना है पॉलिटिकल स्टंट करके? मेरा राजनीति में कोई करियर नहीं, मैं अपना एनजीओ चला रही हूं। अगर मैं सबूत दे रही हूं, तो वो लोग भी सबूत दें। मायावती-आकाश आनंद से जुड़ी पोस्ट क्या?
दरअसल, 7 जून को रोहिणी ने अपनी पोस्ट में लिखा था- जिस उम्र में मायावती समाज के लिए संघर्ष कर रही थीं, उस उम्र में यह घटिया आदमी औरतें बदल रहा था। अब काम बहनजी की राजनीति खत्म करने के लिए करता है। किस मुंह से यह हमारे महापुरुषों के आंदोलन की बात करता है। बहुजन समाज की हर स्वाभिमानी औरत को खत्म करने का प्रयास करने वाला महिला विरोधी है। आकाश आनंद को बताया चंद्रशेखर से ज्यादा हैंडसम
रोहिणी ने मायावती के साथ आकाश आनंद की भी तारीफ की थी। एक पोस्ट में लिखा था- लोग अगर जाटव राजनीति या बहुजन आंदोलन के दुश्मन होते तो फिर क्यों आज तक भाई आकाश आनंद पर किसी लड़की ने शोषण का केस नहीं किया? वो इससे ज्यादा हैंडसम, यंग और डायनामिक छवि के हैं। महापुरुषों के बहुजन आंदोलन को ईमानदारी से चलाने के लिए आज सबसे योग्य बेदाग छवि के भाई आकाश आनंद हैं। रोहिणी ने इस पोस्ट के साथ मायावती और आकाश की तस्वीर भी साझा की। उन्होंने लिखा कि चरित्र पर सवाल उसी पर उठते हैं जो चरित्रहीन होता है। चंद्रशेखर खुद रो-रो कर कुंवारी और जवान लड़कियों के जीवन में घुसता है। उन्हें यूज करता है। फिर आंदोलन के बहाने से डिप्रेशन में मरने के लिए छोड़ देता है। जब लड़की कुछ बोलती है, तो समाज के लोग उसे ब्लैकमेलिंग का नाम दे देते हैं। अन्याय सहते रहे तब तक सब अच्छा, लेकिन अगर अन्याय के खिलाफ खड़े हो जाओ तो दुश्मन। राजनीति से समाज का भला नहीं होने वाला
हमने रोहिणी से बसपा सुप्रीमो मायावती और उनके भतीजे आकाश आनंद से जुड़ी पोस्ट के बारे में पूछा। कहा क्या बसपा जॉइन करने का इरादा है? रोहिणी कहती हैं- मेरा किसी भी पॉलिटिकल पार्टी से संबंध नहीं। मैं कोई पार्टी जॉइन नहीं कर रही हूं। मैंने पॉलिटिकल पार्टी देख ली हैं, राजनीति से हमारे समाज का भला होना भी नहीं। हालांकि, रोहिणी पर बीजेपी की एजेंट होने का भी आरोप लगता है। चंद्रशेखर को डर था मैं कॉम्पिटिटर बन जाती
हमने रोहिणी से पूछा कि चंद्रशेखर से दूरी बढ़ने की वजह क्या रही? रोहिणी बताती हैं- हो सकता है कि मैं भविष्य में चंद्रशेखर की सबसे बड़ी कॉम्पिटिटर बन जाती। मैं वाल्मीकि समाज से आती हूं, अच्छी पढ़ी-लिखी हूं। पीएचडी स्कॉलर हूं, यूनाइटेड नेशन में रिप्रजेंट कर चुकी हूं। इस तरह के एलीगेशन लगाए जाते हैं कि मैं बीजेपी की एजेंट हूं। मैं दावोस जाती हूं, वहां इंडियन गवर्नमेंट के मिनिस्टर भी आते हैं। रोहिणी का कहना है कि मुझे गलत लगता तो फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट क्यों करती? मैं तो कहती हूं कि आप प्रूफ लेकर आइए। चंद्रशेखर प्रूफ लेकर आएं कि मैं बीजेपी के साथ काम कर रही हूं। वो मेरी गलती बता दें। मैं तो उनके बोलने का इंतजार कर रही हूं, कोई एक आरोप तो लगाए। राजनीति के जानकार भी मानते हैं कि रोहिणी में राजनीतिक कौशल कम नहीं है। 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान वह चंद्रशेखर आजाद के साथ रहीं। 2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान चंद्रशेखर आजाद और हनुमान बेनीवाल के गठबंधन में भी बड़ी भूमिका निभाई। चंद्रशेखर पर हुए जानलेवा हमले के दौरान भी रोहिणी ने ही स्विटजरलैंड से ही मोर्चा संभाला था। युवाओं का भविष्य कैसे बर्बाद किया
रोहिणी का कहना है कि चंद्रशेखर समाज के बच्चों को भड़काता है, मेरी लड़ाई इसी बात की थी। अब तो कम से कम गंभीर हो जाओ। जिस समाज से राजनीति कर रहे हो, उसका नुकसान कर रहे हो। मैं उत्तराखंड, यूपी, एमपी, राजस्थान, दिल्ली गई। हर जगह युवा शिकायत लेकर आ रहे थे कि दीदी हमारा कितना नुकसान किया? रोहिणी का कहना है कि मेरा यही गुस्सा था कि अपनी राजनीति चमकाने के लिए कितने नौजवानों का भविष्य बर्बाद किया है? कितने घरों की रोटियां खराब की हैं? वह बहुजन युवा कैसे अपनी शादी करेंगे, हमारे समाज की नस्ल बर्बाद की है। जो 16-18 साल के बच्चे इनके कहने पर आंदोलन कर रहे हैं, अभी मुजफ्फरनगर में टोल आंदोलन में 70 लड़कों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। उससे पहले 28 युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। एक बार एफआईआर दर्ज होने का मतलब है कि सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। रोहिणी का कहना है कि कोई प्रतियोगी परीक्षा में नहीं बैठ सकते, फिर ये लड़के क्या करेंगे। जय भीम-जय भीम करते हुए आंदोलन में उतरेंगे, समाज का गला काटेंगे, दलाल बनेंगे। यह तो समाज की बर्बादी है न। जिस उम्र में एजुकेशन करनी चाहिए, उस उम्र में अपनी राजनीति में उन्हें आंदोलन के लिए बाहर निकाल रहे हैं। रुपए से भरे थैला का क्या मामला?
रोहिणी बताती हैं कि चंद्रशेखर के पास कहीं से रुपए आए थे। उनके किसी करीबी ने मुझे उसकी फोटो भेजी। मैंने उस पर तुरंत रिएक्ट किया कि पैसा कहां से आया? अगर मैं लालची होती, तो हम आराम से ऐश करते और समाज बिकता रहता। मैंने कितने तीखे लहजे में कहा था कि तुम समाज को बेच रहे हो। तुम्हें शर्म नहीं आ रही है, तुम्हें कौन-सा लालच है। मैं तुम्हें जेल भिजवाऊंगी, बाबा साहब के नाम पर ऐसा कर रहो हो। चंड़ीगढ़ में ऐश करने वाला मामला क्या?
रोहिणी ने बताया कि उस समय ग्वालियर के दलित लोग आंदोलन कर रहे थे। जबकि चंद्रशेखर चंड़ीगढ़ के होटल में आराम कर रहे थे। जकोजी और सारी चीजें चल रही थीं, मैंने वह देखा। मुझे तकलीफ हुई कि गरीबों की बात करते-करते ये क्या कर रहे हो? ग्वालियर में हमारे समाज का नौजवान लाठी खा रहा था। तब वीडियो पोस्ट किया था कि अगर समाज के एक भी युवक पर मुकदमा दर्ज होता है, इसका जिम्मेदार चंद्रशेखर होगा। जानिए क्या है पूरा विवाद
मध्यप्रदेश के इंदौर की रहने वाली पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने यूपी की नगीना लोकसभा सीट से सांसद और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद पर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया। डॉ. रोहिणी घावरी इंदौर के बीमा अस्पताल में काम करने वाली सफाईकर्मी की बेटी हैं। वह 2019 में हायर एजुकेशन के लिए स्विट्जरलैंड गई थीं। पढ़ाई के दौरान ही वह और चंद्रशेखर एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। डॉ. रोहिणी घावरी स्विट्जरलैंड में जॉब कर रही हैं और एनजीओ भी चला रही हैं। ———————– ये खबर भी पढ़ें… चंद्रशेखर कहते छोड़कर गई तो सुसाइड कर लूंगा, रोते-रोते आंखें सूज जाती; रोहिणी-सांसद की लवस्टोरी नगीना सीट से आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर पर आरोप लगाने वाली रोहिणी का कहना है कि चंद्रशेखर से मेरी पहली मुलाकात 25 अक्टूबर, 2021 को दिल्ली में हुई। मैं स्विटजरलैंड से दिल्ली आई थी। दिल्ली में करीब दो-तीन दिन हम लोग साथ रहे। उसके बाद चंद्रशेखर मुझे छोड़ने इंदौर तक गए। फिर मुलाकातों का सिलसिला बढ़ता गया। हम रिलेशनशिप में आ गए। मेरे पास हर चीज का प्रूफ है, कोर्ट मांगेगा तो हर सबूत दूंगी। पढ़ें पूरी खबर ‘मेरी इमेज पर कई आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन मुझे उनकी कोई चिंता नहीं। जो सही है, उसे किसी को तो बोलना पड़ेगा।’ ये कहना है यूपी की नगीना सीट से आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर पर गंभीर आरोप लगाने वाली रोहिणी घावरी का। स्विटजरलैंड में रह रही रोहिणी पर पॉलिटिकल स्टंट के आरोप क्यों लग रहे? मायावती और आकाश आनंद से जुड़ी उनकी पोस्ट के मायने क्या हैं? क्या वह बसपा में जाना चाहती हैं? एनडीए नेताओं के साथ भी उनकी फोटो आती रही हैं? क्या रोहिणी का पॉलिटिकल कनेक्शन चंद्रशेखर से दूरी की वजह बना? इन सवालों के जवाब संडे बिग स्टोरी में पढ़िए… हमने रोहिणी से पूछा लोग आरोप लगा रहे हैं कि आप नगीना सांसद पर जो आरोप लगा रहीं हैं। क्या वह पॉलिटिकल स्टंट है? रोहिणी कहती हैं कि मुझ पर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन मुझे उनकी कोई चिंता नहीं। कोई इसे प्रूफ कर दे कि यह सब पॉलिटिकल स्टंट है। मेरे जैसी लड़की, जो 8 घंटे नौकरी कर पैसा कमा रही है, वह पॉलिटिकल स्टंट क्यों करेगी? मुझे क्या करना है पॉलिटिकल स्टंट करके? मेरा राजनीति में कोई करियर नहीं, मैं अपना एनजीओ चला रही हूं। अगर मैं सबूत दे रही हूं, तो वो लोग भी सबूत दें। मायावती-आकाश आनंद से जुड़ी पोस्ट क्या?
दरअसल, 7 जून को रोहिणी ने अपनी पोस्ट में लिखा था- जिस उम्र में मायावती समाज के लिए संघर्ष कर रही थीं, उस उम्र में यह घटिया आदमी औरतें बदल रहा था। अब काम बहनजी की राजनीति खत्म करने के लिए करता है। किस मुंह से यह हमारे महापुरुषों के आंदोलन की बात करता है। बहुजन समाज की हर स्वाभिमानी औरत को खत्म करने का प्रयास करने वाला महिला विरोधी है। आकाश आनंद को बताया चंद्रशेखर से ज्यादा हैंडसम
रोहिणी ने मायावती के साथ आकाश आनंद की भी तारीफ की थी। एक पोस्ट में लिखा था- लोग अगर जाटव राजनीति या बहुजन आंदोलन के दुश्मन होते तो फिर क्यों आज तक भाई आकाश आनंद पर किसी लड़की ने शोषण का केस नहीं किया? वो इससे ज्यादा हैंडसम, यंग और डायनामिक छवि के हैं। महापुरुषों के बहुजन आंदोलन को ईमानदारी से चलाने के लिए आज सबसे योग्य बेदाग छवि के भाई आकाश आनंद हैं। रोहिणी ने इस पोस्ट के साथ मायावती और आकाश की तस्वीर भी साझा की। उन्होंने लिखा कि चरित्र पर सवाल उसी पर उठते हैं जो चरित्रहीन होता है। चंद्रशेखर खुद रो-रो कर कुंवारी और जवान लड़कियों के जीवन में घुसता है। उन्हें यूज करता है। फिर आंदोलन के बहाने से डिप्रेशन में मरने के लिए छोड़ देता है। जब लड़की कुछ बोलती है, तो समाज के लोग उसे ब्लैकमेलिंग का नाम दे देते हैं। अन्याय सहते रहे तब तक सब अच्छा, लेकिन अगर अन्याय के खिलाफ खड़े हो जाओ तो दुश्मन। राजनीति से समाज का भला नहीं होने वाला
हमने रोहिणी से बसपा सुप्रीमो मायावती और उनके भतीजे आकाश आनंद से जुड़ी पोस्ट के बारे में पूछा। कहा क्या बसपा जॉइन करने का इरादा है? रोहिणी कहती हैं- मेरा किसी भी पॉलिटिकल पार्टी से संबंध नहीं। मैं कोई पार्टी जॉइन नहीं कर रही हूं। मैंने पॉलिटिकल पार्टी देख ली हैं, राजनीति से हमारे समाज का भला होना भी नहीं। हालांकि, रोहिणी पर बीजेपी की एजेंट होने का भी आरोप लगता है। चंद्रशेखर को डर था मैं कॉम्पिटिटर बन जाती
हमने रोहिणी से पूछा कि चंद्रशेखर से दूरी बढ़ने की वजह क्या रही? रोहिणी बताती हैं- हो सकता है कि मैं भविष्य में चंद्रशेखर की सबसे बड़ी कॉम्पिटिटर बन जाती। मैं वाल्मीकि समाज से आती हूं, अच्छी पढ़ी-लिखी हूं। पीएचडी स्कॉलर हूं, यूनाइटेड नेशन में रिप्रजेंट कर चुकी हूं। इस तरह के एलीगेशन लगाए जाते हैं कि मैं बीजेपी की एजेंट हूं। मैं दावोस जाती हूं, वहां इंडियन गवर्नमेंट के मिनिस्टर भी आते हैं। रोहिणी का कहना है कि मुझे गलत लगता तो फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट क्यों करती? मैं तो कहती हूं कि आप प्रूफ लेकर आइए। चंद्रशेखर प्रूफ लेकर आएं कि मैं बीजेपी के साथ काम कर रही हूं। वो मेरी गलती बता दें। मैं तो उनके बोलने का इंतजार कर रही हूं, कोई एक आरोप तो लगाए। राजनीति के जानकार भी मानते हैं कि रोहिणी में राजनीतिक कौशल कम नहीं है। 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान वह चंद्रशेखर आजाद के साथ रहीं। 2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान चंद्रशेखर आजाद और हनुमान बेनीवाल के गठबंधन में भी बड़ी भूमिका निभाई। चंद्रशेखर पर हुए जानलेवा हमले के दौरान भी रोहिणी ने ही स्विटजरलैंड से ही मोर्चा संभाला था। युवाओं का भविष्य कैसे बर्बाद किया
रोहिणी का कहना है कि चंद्रशेखर समाज के बच्चों को भड़काता है, मेरी लड़ाई इसी बात की थी। अब तो कम से कम गंभीर हो जाओ। जिस समाज से राजनीति कर रहे हो, उसका नुकसान कर रहे हो। मैं उत्तराखंड, यूपी, एमपी, राजस्थान, दिल्ली गई। हर जगह युवा शिकायत लेकर आ रहे थे कि दीदी हमारा कितना नुकसान किया? रोहिणी का कहना है कि मेरा यही गुस्सा था कि अपनी राजनीति चमकाने के लिए कितने नौजवानों का भविष्य बर्बाद किया है? कितने घरों की रोटियां खराब की हैं? वह बहुजन युवा कैसे अपनी शादी करेंगे, हमारे समाज की नस्ल बर्बाद की है। जो 16-18 साल के बच्चे इनके कहने पर आंदोलन कर रहे हैं, अभी मुजफ्फरनगर में टोल आंदोलन में 70 लड़कों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। उससे पहले 28 युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। एक बार एफआईआर दर्ज होने का मतलब है कि सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। रोहिणी का कहना है कि कोई प्रतियोगी परीक्षा में नहीं बैठ सकते, फिर ये लड़के क्या करेंगे। जय भीम-जय भीम करते हुए आंदोलन में उतरेंगे, समाज का गला काटेंगे, दलाल बनेंगे। यह तो समाज की बर्बादी है न। जिस उम्र में एजुकेशन करनी चाहिए, उस उम्र में अपनी राजनीति में उन्हें आंदोलन के लिए बाहर निकाल रहे हैं। रुपए से भरे थैला का क्या मामला?
रोहिणी बताती हैं कि चंद्रशेखर के पास कहीं से रुपए आए थे। उनके किसी करीबी ने मुझे उसकी फोटो भेजी। मैंने उस पर तुरंत रिएक्ट किया कि पैसा कहां से आया? अगर मैं लालची होती, तो हम आराम से ऐश करते और समाज बिकता रहता। मैंने कितने तीखे लहजे में कहा था कि तुम समाज को बेच रहे हो। तुम्हें शर्म नहीं आ रही है, तुम्हें कौन-सा लालच है। मैं तुम्हें जेल भिजवाऊंगी, बाबा साहब के नाम पर ऐसा कर रहो हो। चंड़ीगढ़ में ऐश करने वाला मामला क्या?
रोहिणी ने बताया कि उस समय ग्वालियर के दलित लोग आंदोलन कर रहे थे। जबकि चंद्रशेखर चंड़ीगढ़ के होटल में आराम कर रहे थे। जकोजी और सारी चीजें चल रही थीं, मैंने वह देखा। मुझे तकलीफ हुई कि गरीबों की बात करते-करते ये क्या कर रहे हो? ग्वालियर में हमारे समाज का नौजवान लाठी खा रहा था। तब वीडियो पोस्ट किया था कि अगर समाज के एक भी युवक पर मुकदमा दर्ज होता है, इसका जिम्मेदार चंद्रशेखर होगा। जानिए क्या है पूरा विवाद
मध्यप्रदेश के इंदौर की रहने वाली पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने यूपी की नगीना लोकसभा सीट से सांसद और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद पर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया। डॉ. रोहिणी घावरी इंदौर के बीमा अस्पताल में काम करने वाली सफाईकर्मी की बेटी हैं। वह 2019 में हायर एजुकेशन के लिए स्विट्जरलैंड गई थीं। पढ़ाई के दौरान ही वह और चंद्रशेखर एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। डॉ. रोहिणी घावरी स्विट्जरलैंड में जॉब कर रही हैं और एनजीओ भी चला रही हैं। ———————– ये खबर भी पढ़ें… चंद्रशेखर कहते छोड़कर गई तो सुसाइड कर लूंगा, रोते-रोते आंखें सूज जाती; रोहिणी-सांसद की लवस्टोरी नगीना सीट से आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर पर आरोप लगाने वाली रोहिणी का कहना है कि चंद्रशेखर से मेरी पहली मुलाकात 25 अक्टूबर, 2021 को दिल्ली में हुई। मैं स्विटजरलैंड से दिल्ली आई थी। दिल्ली में करीब दो-तीन दिन हम लोग साथ रहे। उसके बाद चंद्रशेखर मुझे छोड़ने इंदौर तक गए। फिर मुलाकातों का सिलसिला बढ़ता गया। हम रिलेशनशिप में आ गए। मेरे पास हर चीज का प्रूफ है, कोर्ट मांगेगा तो हर सबूत दूंगी। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
रोहिणी क्या पॉलिटिकल स्टंट कर रहीं?:मायावती-आकाश की तारीफ; भाजपा नेताओं के साथ फोटो, सांसद चंद्रशेखर से इतनी नाराजगी क्यों
