लखनऊ के जन औषधि केंद्र बंद:मरीजों की परेशानी में इजाफा, नई कंपनी को संचालन की मिली हैं जिम्मेदारी

लखनऊ के जन औषधि केंद्र बंद:मरीजों की परेशानी में इजाफा, नई कंपनी को संचालन की मिली हैं जिम्मेदारी

राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में खुले जन औषधि केंद्र फिर से बंद हो गए हैं। केंद्र बंद होने से मरीजों को सस्ती दवाएं नहीं मिल पा रही है। मरीज निजी मेडिकल स्टोर से महंगी दवाएं खरीद रहे हैं। करीब हफ्ते भर से केंद्र बंद हैं। नए अनुबंध बाद वेंडर ने दवा आपूर्ति का लाइसेंस नहीं लिया था। इसे लेकर ड्रग विभाग ने आपत्ति लगाते हुए दवाओं की ब्रिकी पर रोक लगाई है। लखनऊ के इन अस्पतालों में जन औषधि केंद्र शहर के 12 सरकारी अस्पतालों में जन औषधि केंद्र का संचालन हो रहा है। इसमें बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु, बीआरडी महानगर, रामसागर मिश्रा संयुक्त चिकित्सालय, KGMU, लोहिया संस्थान, रानीलक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय, मोहनलालगंज व गोसाईगंज सीएचसी में जनऔषधि केंद्र हैं। सरकारी अस्पतालों में औषधि केंद्रों के संचालन के लिए सरकार ने बीते साल दिसंबर माह में नए वेंडर से करार किया था। नई कंपनी को मिली जिम्मेदारी इस बार नई कंपनी को केंद्र संचालन की जिम्मेदारी मिली थी। पुराना टेंडर खत्म होने बाद सभी केंद्र बंद हो गए थे। जनवरी माह के दूसरे हफ्ते बाद केंद्र दोबारा खुलना शुरू हुए थे। जहां से मरीजों को सस्ती दर पर दवाएं मिल रही थी। नए वेंडर जरिए दवा आपूर्ति का लाइसेंस नहीं लिया गया था। पुराने टेंडर के लाइसेंस पर दवा की आपूर्ति कर रहे थे। ड्रग विभाग ने पुराना लाइसेंस निरस्त कर दिया। नए लाइसेंस का आवेदन निजी वेंडर ने किया है। ड्रग विभाग से नया लाइसेंस मिलने बाद ही अब जन औषधि केंद्र खुलेंगे। लाइसेंस की प्रक्रिया जल्द होगी पूरी सहायक मंडल आयुक्त ब्रजेश के मुताबिक, वेंडर ने नए लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। जिसकी प्रक्रिया पूरी कराई जा रही हैं,जल्द ही लाइसेंस जारी किया जाएगा। बहुत जल्द संचालन शुरू होने की उम्मीद डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल की तरफ से सब कुछ फॉर्मेलिटी पूरी कर दी गई हैं। कही कोई समस्या नहीं हैं, उम्मीद हैं कि बहुत जल्द फिर से संचालन शुरू हो जाएगा। राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में खुले जन औषधि केंद्र फिर से बंद हो गए हैं। केंद्र बंद होने से मरीजों को सस्ती दवाएं नहीं मिल पा रही है। मरीज निजी मेडिकल स्टोर से महंगी दवाएं खरीद रहे हैं। करीब हफ्ते भर से केंद्र बंद हैं। नए अनुबंध बाद वेंडर ने दवा आपूर्ति का लाइसेंस नहीं लिया था। इसे लेकर ड्रग विभाग ने आपत्ति लगाते हुए दवाओं की ब्रिकी पर रोक लगाई है। लखनऊ के इन अस्पतालों में जन औषधि केंद्र शहर के 12 सरकारी अस्पतालों में जन औषधि केंद्र का संचालन हो रहा है। इसमें बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु, बीआरडी महानगर, रामसागर मिश्रा संयुक्त चिकित्सालय, KGMU, लोहिया संस्थान, रानीलक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय, मोहनलालगंज व गोसाईगंज सीएचसी में जनऔषधि केंद्र हैं। सरकारी अस्पतालों में औषधि केंद्रों के संचालन के लिए सरकार ने बीते साल दिसंबर माह में नए वेंडर से करार किया था। नई कंपनी को मिली जिम्मेदारी इस बार नई कंपनी को केंद्र संचालन की जिम्मेदारी मिली थी। पुराना टेंडर खत्म होने बाद सभी केंद्र बंद हो गए थे। जनवरी माह के दूसरे हफ्ते बाद केंद्र दोबारा खुलना शुरू हुए थे। जहां से मरीजों को सस्ती दर पर दवाएं मिल रही थी। नए वेंडर जरिए दवा आपूर्ति का लाइसेंस नहीं लिया गया था। पुराने टेंडर के लाइसेंस पर दवा की आपूर्ति कर रहे थे। ड्रग विभाग ने पुराना लाइसेंस निरस्त कर दिया। नए लाइसेंस का आवेदन निजी वेंडर ने किया है। ड्रग विभाग से नया लाइसेंस मिलने बाद ही अब जन औषधि केंद्र खुलेंगे। लाइसेंस की प्रक्रिया जल्द होगी पूरी सहायक मंडल आयुक्त ब्रजेश के मुताबिक, वेंडर ने नए लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। जिसकी प्रक्रिया पूरी कराई जा रही हैं,जल्द ही लाइसेंस जारी किया जाएगा। बहुत जल्द संचालन शुरू होने की उम्मीद डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल की तरफ से सब कुछ फॉर्मेलिटी पूरी कर दी गई हैं। कही कोई समस्या नहीं हैं, उम्मीद हैं कि बहुत जल्द फिर से संचालन शुरू हो जाएगा।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर