लखनऊ के शुभांशु शुक्ला जल्द ही अंतरिक्ष की उड़ान भरेंगे। भारत-अमेरिका संयुक्त मिशन पर उड़ान भरने वाले वो पहले भारतीय होंगे। शुभांशु की सफलता पर परिवार खुश है। माता-पिता कहते हैं- हमें गर्व है कि बेटा दुनिया में देश और परिवार का नाम रोशन करेगा। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में शुभांशु के माता-पिता ने कहा- ऐसा बेटे भगवान हर किसी को दे। जब बेटे ने NDA का फॉर्म भरा तो हमें इसकी जानकारी भी नहीं थी। हमने सोचा था कि IAS बनेगा, लेकिन उसने शुरुआत से ही NDA में जाने का फैसला कर लिया था। पिता कहते हैं- शुभांशु बचपन से ही होनहार था। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा उसने 90% अंकों के साथ पास की थी। उसमें देश के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा है। वह आध्यात्मिक है। गीता के कई अध्याय भी उसे याद हैं। पहले पढ़िए पिता ने जो बताया NDA में सिलेक्शन के बारे में बताया था
शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ल बताते हैं- मेरी नौकरी सचिवालय प्रशासन में थी। मैं IAS की ताकत जानता था। चाहता था, बेटा सिविल सेवा में करियर बनाए। लेकिन शुभांशु का मन NDA में जाने का था। उसने अप्लाई कर दिया। परीक्षा भी क्वालिफाई कर ली। लेकिन मेरे डर की वजह से घर में किसी को यह बात नहीं बताई। बेटे के दोस्त ने रिजल्ट आने के बाद बताया। हम सब उसके फैसले के साथ थे। उससे कहा कि जिस भी सेक्टर में चाहो अपना करियर बनाओ, हम तुम्हारे साथ हैं। 2022 में शुरू की तैयारी
शंभू दयाल ने बताया- साल 2022 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक उड़ान के लिए शुभांशु ने तैयारी शुरू की। एक साल भारत में रहा। उसके बाद 18 महीने तक रशिया में स्पेशल ट्रेनिंग ली। यह जानकारी किसी के साथ साझा नहीं की जा सकती थी। इसलिए हमने किसी और को नहीं बताया। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिवेंद्रम में इसका ऐलान किया, तब सभी को पता चला। संयुक्त मिशन के लिए उड़ान भरने वाले देश के पहले पायलट
वह बताते हैं- शुभांशु पहले गगनयान मिशन के साथ जाने वाले थे, लेकिन वह प्रोजेक्ट थोड़ा लेट हुआ है। ऐसे में भारत-अमेरिका के संयुक्त मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरेंगे। वह देश के पहले पायलट होंगे, जो उड़ान भरेंगे। हालांकि अंतरिक्ष पर जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। राष्ट्रीय मिशन असाइनमेंट बोर्ड ने शुभांशु शुक्ला और प्रशांत बालाकृष्णन नायर को प्रमुख और बैकअप मिशन पायलट के रूप में सिफारिश की है। अब पढ़िए शुभांशु की मां ने हमें जो बताया नासा में शुरू होगी ट्रेनिंग
शुभांशु की मां आशा शुक्ला कहती हैं- ऐसा बेटा भगवान सभी को दे, यही कामना है। शुभांशु अमेरिका के लिए निकल गए हैं, नासा जाएंगे। वहां वह करीब 6 महीने की स्पेशल ट्रेनिंग लेंगे। बड़ी बात है कि इस दौरान हम लोग भी साथ रहेंगे। हालांकि अभी उनकी पत्नी साथ नहीं गई है। वह 2 महीने बाद जाएंगी। मेरे हाथ की बनी मठरी बहुत पसंद है
मां कहती हैं- शुभांशु को अच्छे खानों का बहुत शौक है। जब भी लखनऊ (घर) आता है, तो बता देता है कि मां मठरी बना देना। हर बार बेटा कहता है कि मुझे तुम्हारे हाथ की बनी मठरी बहुत पसंद है। वहीं खेल में उसे क्रिकेट के अलावा फुटबाल भी बहुत पसंद है। नासा जाकर बेटे को देखना चाहती हैं मां
शुभांशु की मां चाहती हैं कि वहां होने वाली पूरी प्रक्रिया को जाकर नजदीक से देखे लेकिन यह संभव नहीं है। हालांकि जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी घोषणा की थी उस दिन पूरा परिवार शुभांशु के साथ था। अब शुभांशु से जुड़ी कुछ और बातें… CMS अलीगंज से किया है 12वीं
शुभांशु ने अपनी पढ़ाई अलीगंज (O) ब्लॉक स्थित CMS से की। वो तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। शुभांशु की बड़ी बहन नोएडा में रहती हैं, जबकि छोटी बहन लखनऊ में टीचर हैं। गीता और अध्यात्म पसंद है
शुभांशु का मन आध्यात्म में भी बहुत लगता है। गीता के कई अध्याय उन्हें याद हैं। जब घर आते हैं, तो गीता के बारे में परिवारवालों से खूब बात करते हैं। हालांकि मूर्ति पूजा में अधिक समय नहीं देते। शुभांशु का नाम भी मां और पिता दोनों के नाम को जोड़कर बना है। रशिया के साथ जाने की बात थी
घरवाले बताते हैं- पहले शुभांशु को रशिया-भारत के संयुक्त अभियान पर काम करना था। युद्ध की वजह से वह प्रोजेक्ट सक्सेस नहीं हो पाया। बताया जा रहा है कि वापस आने के बाद शुभांशु एक बार फिर गगनयान को लेकर जाएंगे। ऐसे में अंतरिक्ष में उनकी दो यात्राएं होंगी। शुभांशु का सफर यह खबरें भी पढ़ें… अयोध्या गैंगरेप…आरोपी सपा नेता की बेकरी को पूरा ढहाया:पीड़ित बच्ची से मिलकर योगी के मंत्री फूट-फूटकर रोए; मायावती बोलीं- बुलडोजर एक्शन उचित ताजमहल में घुसकर 2 युवकों ने मकबरे पर गंगाजल चढ़ाया:ओम का स्टीकर चिपकाया, दावा-ये तेजोमहालय शिव मंदिर है पापा हाईस्कूल पास, बेटी बनी IPS:वाराणसी की आरफा ने UPSC में पाई 111वीं रैंक, मां बोलीं- मेरा सपना बेटी ने किया पूरा लखनऊ के शुभांशु शुक्ला जल्द ही अंतरिक्ष की उड़ान भरेंगे। भारत-अमेरिका संयुक्त मिशन पर उड़ान भरने वाले वो पहले भारतीय होंगे। शुभांशु की सफलता पर परिवार खुश है। माता-पिता कहते हैं- हमें गर्व है कि बेटा दुनिया में देश और परिवार का नाम रोशन करेगा। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में शुभांशु के माता-पिता ने कहा- ऐसा बेटे भगवान हर किसी को दे। जब बेटे ने NDA का फॉर्म भरा तो हमें इसकी जानकारी भी नहीं थी। हमने सोचा था कि IAS बनेगा, लेकिन उसने शुरुआत से ही NDA में जाने का फैसला कर लिया था। पिता कहते हैं- शुभांशु बचपन से ही होनहार था। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा उसने 90% अंकों के साथ पास की थी। उसमें देश के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा है। वह आध्यात्मिक है। गीता के कई अध्याय भी उसे याद हैं। पहले पढ़िए पिता ने जो बताया NDA में सिलेक्शन के बारे में बताया था
शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ल बताते हैं- मेरी नौकरी सचिवालय प्रशासन में थी। मैं IAS की ताकत जानता था। चाहता था, बेटा सिविल सेवा में करियर बनाए। लेकिन शुभांशु का मन NDA में जाने का था। उसने अप्लाई कर दिया। परीक्षा भी क्वालिफाई कर ली। लेकिन मेरे डर की वजह से घर में किसी को यह बात नहीं बताई। बेटे के दोस्त ने रिजल्ट आने के बाद बताया। हम सब उसके फैसले के साथ थे। उससे कहा कि जिस भी सेक्टर में चाहो अपना करियर बनाओ, हम तुम्हारे साथ हैं। 2022 में शुरू की तैयारी
शंभू दयाल ने बताया- साल 2022 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक उड़ान के लिए शुभांशु ने तैयारी शुरू की। एक साल भारत में रहा। उसके बाद 18 महीने तक रशिया में स्पेशल ट्रेनिंग ली। यह जानकारी किसी के साथ साझा नहीं की जा सकती थी। इसलिए हमने किसी और को नहीं बताया। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिवेंद्रम में इसका ऐलान किया, तब सभी को पता चला। संयुक्त मिशन के लिए उड़ान भरने वाले देश के पहले पायलट
वह बताते हैं- शुभांशु पहले गगनयान मिशन के साथ जाने वाले थे, लेकिन वह प्रोजेक्ट थोड़ा लेट हुआ है। ऐसे में भारत-अमेरिका के संयुक्त मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरेंगे। वह देश के पहले पायलट होंगे, जो उड़ान भरेंगे। हालांकि अंतरिक्ष पर जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। राष्ट्रीय मिशन असाइनमेंट बोर्ड ने शुभांशु शुक्ला और प्रशांत बालाकृष्णन नायर को प्रमुख और बैकअप मिशन पायलट के रूप में सिफारिश की है। अब पढ़िए शुभांशु की मां ने हमें जो बताया नासा में शुरू होगी ट्रेनिंग
शुभांशु की मां आशा शुक्ला कहती हैं- ऐसा बेटा भगवान सभी को दे, यही कामना है। शुभांशु अमेरिका के लिए निकल गए हैं, नासा जाएंगे। वहां वह करीब 6 महीने की स्पेशल ट्रेनिंग लेंगे। बड़ी बात है कि इस दौरान हम लोग भी साथ रहेंगे। हालांकि अभी उनकी पत्नी साथ नहीं गई है। वह 2 महीने बाद जाएंगी। मेरे हाथ की बनी मठरी बहुत पसंद है
मां कहती हैं- शुभांशु को अच्छे खानों का बहुत शौक है। जब भी लखनऊ (घर) आता है, तो बता देता है कि मां मठरी बना देना। हर बार बेटा कहता है कि मुझे तुम्हारे हाथ की बनी मठरी बहुत पसंद है। वहीं खेल में उसे क्रिकेट के अलावा फुटबाल भी बहुत पसंद है। नासा जाकर बेटे को देखना चाहती हैं मां
शुभांशु की मां चाहती हैं कि वहां होने वाली पूरी प्रक्रिया को जाकर नजदीक से देखे लेकिन यह संभव नहीं है। हालांकि जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी घोषणा की थी उस दिन पूरा परिवार शुभांशु के साथ था। अब शुभांशु से जुड़ी कुछ और बातें… CMS अलीगंज से किया है 12वीं
शुभांशु ने अपनी पढ़ाई अलीगंज (O) ब्लॉक स्थित CMS से की। वो तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। शुभांशु की बड़ी बहन नोएडा में रहती हैं, जबकि छोटी बहन लखनऊ में टीचर हैं। गीता और अध्यात्म पसंद है
शुभांशु का मन आध्यात्म में भी बहुत लगता है। गीता के कई अध्याय उन्हें याद हैं। जब घर आते हैं, तो गीता के बारे में परिवारवालों से खूब बात करते हैं। हालांकि मूर्ति पूजा में अधिक समय नहीं देते। शुभांशु का नाम भी मां और पिता दोनों के नाम को जोड़कर बना है। रशिया के साथ जाने की बात थी
घरवाले बताते हैं- पहले शुभांशु को रशिया-भारत के संयुक्त अभियान पर काम करना था। युद्ध की वजह से वह प्रोजेक्ट सक्सेस नहीं हो पाया। बताया जा रहा है कि वापस आने के बाद शुभांशु एक बार फिर गगनयान को लेकर जाएंगे। ऐसे में अंतरिक्ष में उनकी दो यात्राएं होंगी। शुभांशु का सफर यह खबरें भी पढ़ें… अयोध्या गैंगरेप…आरोपी सपा नेता की बेकरी को पूरा ढहाया:पीड़ित बच्ची से मिलकर योगी के मंत्री फूट-फूटकर रोए; मायावती बोलीं- बुलडोजर एक्शन उचित ताजमहल में घुसकर 2 युवकों ने मकबरे पर गंगाजल चढ़ाया:ओम का स्टीकर चिपकाया, दावा-ये तेजोमहालय शिव मंदिर है पापा हाईस्कूल पास, बेटी बनी IPS:वाराणसी की आरफा ने UPSC में पाई 111वीं रैंक, मां बोलीं- मेरा सपना बेटी ने किया पूरा उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर