बारावफात के मौके पर आज यानी सोमवार को सरकारी अस्पतालों की OPD का संचालन दोपहर 12 बजे तक होगा। SGPGI व लोहिया संस्थान जैसे चिकित्सा संस्थान में अवकाश रहेगा। इनमें OPD का संचालन नहीं होगा। सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों की इमरजेंसी में मरीजों को 24 घंटे इलाज मिल सकेगा। सरकारी अस्पतालों में सिविल, बलरामपुर, लोकबंधु, बीआरड़ी महानगर, ठाकुरगंज टीबी संयुक्त अस्पताल, बीकेटी रामसागर मिश्र अस्पताल, रानी लक्ष्मीबाई डफरिन, झलकारीबाई समेत सभी अस्पतालों और CHC-PHC में दोपहर 12 बजे तक ओपीडी का संचालन होगा। खून की जांच, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड भी हो सकेगा। चिकित्सा संस्थानों की इमरजेंसी में मिलेगा इलाज वहीं, SGPGI, KGMU, लोहिया संस्थान, कैंसर संस्थान, 200 बेड मातृ एवं शिशु रेफरल अस्पताल की OPD का संचालन नहीं होगा। न ही मरीजों की किसी प्रकार की जांच हो सकेगी। हालांकि इन संस्थानों में 24 घंटे इमरजेंसी में मरीजों को इलाज मिलने का दावा किया जाता हैं। रेजिडेंट डॉक्टर करेंगे प्रदर्शन कोलकाता की घटना को लेकर यूपी रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की आहवाहन पर आज प्रदेश भर के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर दोपहर 12 बजे से 1 घंटे के लिए विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान घंटे भर के लिए पेन डाउन के साथ ब्लैक रिबन बांधकर विरोध प्रदर्शन के साथ प्रोटेस्ट मार्च निकाला जाएगा। बारावफात के मौके पर आज यानी सोमवार को सरकारी अस्पतालों की OPD का संचालन दोपहर 12 बजे तक होगा। SGPGI व लोहिया संस्थान जैसे चिकित्सा संस्थान में अवकाश रहेगा। इनमें OPD का संचालन नहीं होगा। सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों की इमरजेंसी में मरीजों को 24 घंटे इलाज मिल सकेगा। सरकारी अस्पतालों में सिविल, बलरामपुर, लोकबंधु, बीआरड़ी महानगर, ठाकुरगंज टीबी संयुक्त अस्पताल, बीकेटी रामसागर मिश्र अस्पताल, रानी लक्ष्मीबाई डफरिन, झलकारीबाई समेत सभी अस्पतालों और CHC-PHC में दोपहर 12 बजे तक ओपीडी का संचालन होगा। खून की जांच, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड भी हो सकेगा। चिकित्सा संस्थानों की इमरजेंसी में मिलेगा इलाज वहीं, SGPGI, KGMU, लोहिया संस्थान, कैंसर संस्थान, 200 बेड मातृ एवं शिशु रेफरल अस्पताल की OPD का संचालन नहीं होगा। न ही मरीजों की किसी प्रकार की जांच हो सकेगी। हालांकि इन संस्थानों में 24 घंटे इमरजेंसी में मरीजों को इलाज मिलने का दावा किया जाता हैं। रेजिडेंट डॉक्टर करेंगे प्रदर्शन कोलकाता की घटना को लेकर यूपी रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की आहवाहन पर आज प्रदेश भर के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर दोपहर 12 बजे से 1 घंटे के लिए विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान घंटे भर के लिए पेन डाउन के साथ ब्लैक रिबन बांधकर विरोध प्रदर्शन के साथ प्रोटेस्ट मार्च निकाला जाएगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हिसार में आदमपुर का नगरपालिका दर्जा होगा समाप्त:कुलदीप खेमे ने सर्वे को औपचारिक बताया, बोले- सिसाय गांव का भी इसी तरह हटा
हिसार में आदमपुर का नगरपालिका दर्जा होगा समाप्त:कुलदीप खेमे ने सर्वे को औपचारिक बताया, बोले- सिसाय गांव का भी इसी तरह हटा हिसार की आदमपुर नगर पालिका के दर्जे को लेकर विरोधियों ने कुलदीप बिश्नोई को घेरना शुरू कर दिया है। वहीं, कुलदीप के बचाव में उनके समर्थक खड़े हो गए हैं। कुलदीप के खेमे का कहना है कि आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म करने के लिए ही सर्वे करवाया जा रहा है। यह एक कानूनी प्रक्रिया है जिसका पालन सभी को करना होता है। आपको बता दें कि 2 साल पहले 2022 में सिसाय नगर पालिका का दर्जा भी सर्वे के आधार पर खत्म किया गया था। इस सर्वे में 5011 लोगों के सुझाव लिए गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर लोगों ने सिसाय को फिर से पंचायत बनाने के लिए अपनी राय दी थी। सरकार की ओर से नगर पालिका शुरू करने और खत्म करने दोनों ही मामलों में सर्वे करवाया जाता है, ताकि कोई इसे कोर्ट में चुनौती न दे सके। आदमपुर में भी ऐसा ही सर्वे करवाया जा रहा है। इस सर्वे में भी 5000 से ज्यादा लोगों की राय ली जाएगी। इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म किया जाएगा। हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1973 (1973 का 24) की धारा 8 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए हरियाणा के राज्यपाल द्वारा इस नगर पालिका को समाप्त किया जाता है। ऐसे खत्म हुआ सिसई गांव का दर्जा सिसई गांव में दो पंचायतें हैं। एक पंचायत को सिसई कालीरामण और दूसरी पंचायत को सिसई बोलान के नाम से जाना जाता है। लंबे समय से गांव का एक पक्ष सिसई को नगर पालिका बनाने के पक्ष में था, जबकि दूसरा पक्ष नगर पालिका के विरोध में था। जिसके चलते विभाग की ओर से गांव का सर्वे कराया गया। सर्वे के दौरान लोगों के सुझावों की रिपोर्ट को मिलाकर डीसी को दिया गया। यह रिपोर्ट सरकार को भेजी गई। सर्वे के दौरान 5011 लोगों के सुझाव लिए गए। रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर लोगों ने सिसई को फिर से पंचायत बनाने के लिए अपनी राय दी। भाजपा सरकार के दौरान 20 फरवरी 2019 को सिसई को नगर पालिका बनाने की अधिसूचना जारी की गई।
इसलिए सरकार देती है नगर पालिका का दर्जा दरअसल, सरकार सर्वे के आधार पर बड़ी आबादी वाले गांवों को नगर पालिका का दर्जा देती है। नगर पालिका को ग्राम पंचायत से ज्यादा अनुदान मिलता है, जिससे गांव में विकास कार्य होते हैं। गांव में शहरी तर्ज पर सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। नगर पालिका जलापूर्ति, साफ-सफाई, सड़क, रोशनी, बाजार स्थल का निर्माण, गलियों का नामकरण, मकानों की गिनती, जन्म-मृत्यु पंजीकरण और महामारी नियंत्रण जैसे काम करती है। इसके बदले में लोगों से टैक्स वसूला जाता है। सरकार इसी टैक्स के पैसे से इलाके का विकास करती है। सिसाय की तरह आदमपुर का दर्जा भी खत्म हो जाएगा दरअसल, आदमपुर को भाजपा सरकार ने 29 जून 2021 को नगर पालिका का दर्जा दिया था। इस दौरान सर्वे में लोगों ने नगर पालिका के लिए सहमति जताई थी। लेकिन जब लोगों को प्रॉपर्टी टैक्स और नक्शे के अनुसार मकान न बनाने के नोटिस मिलने लगे तो धीरे-धीरे विरोध बढ़ने लगा। इसके बाद करीब 40 दिन तक विरोध जारी रहा। कुलदीप बिश्नोई धरने पर पहुंचे और आश्वासन दिया कि वह सरकार से मिलकर नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाएंगे। कुलदीप बिश्नोई तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिले थे। मनोहर लाल ने आश्वासन दिया था कि नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाया जाएगा। करीब 2 साल पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि आदमपुर गांव को नगर पालिका से हटाया जाएगा। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई विधायक बेटे भव्य बिश्नोई के साथ 6 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिले और मामले को जल्द सुलझाने को कहा। इसके बाद सरकार ने एक्शन लेते हुए फाइल को आगे बढ़ाया। ऐसे होगा सर्वे ग्राम पंचायत का दर्जा बहाल को लेकर जनता की राय जानने के लिए सर्वे कराया जाता है। डीसी ने एसडीएम हिसार को सर्वे के आदेश दिए हैं। एसडीएम अपने कार्यालय में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक कर जिम्मेदारी सौंपेंगे। आदमपुर नगर पालिका के प्रत्येक वार्ड में एक सर्वे टीम भेजी जाएगी जो घर-घर जाकर लोगों की इस संबंध में राय लेगी। सर्वे की निगरानी के लिए सर्वे टीम में एक पर्यवेक्षक अधिकारी भी नियुक्त किया गया है। सर्वे 5 दिन में पूरा कर लिया जाएगा और सर्वे की संकलित रिपोर्ट डीसी को सौंपी जाएगी। इसके बाद डीसी सर्वे रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजेंगे। फिर सरकार नगर पालिका का दर्जा खत्म करने की घोषणा करेगी। जल्दबाजी दिखाने पर घिरे कुलदीप बिश्नोई दरअसल, जब सरकार द्वारा नगर पालिका को हटाने से संबंधित फाइल डीसी कार्यालय पहुंची तो कुलदीप बिश्नोई और उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर यह बात फैला दी कि सरकार ने आदमपुर नगर पालिका का दर्जा हटाने की फाइल पास करके डीसी को भेज दी है और अब नगर पालिका का दर्जा हटा दिया जाएगा। इसके बाद आदमपुर नगर पालिका को हटाने के लिए संघर्ष कर रही कमेटी को डीसी से मिलने के लिए भेजा गया, लेकिन जब डीसी ने बताया कि अभी दर्जा नहीं हटाया गया है, इसके लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ताकि सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती न दी जा सके। इसके लिए सर्वे कराया जाएगा। इसके बाद विरोधियों ने कुलदीप को घेरना शुरू कर दिया।
पति ने रील बनाने से मना किया..पत्नी का सुसाइड:7 महीने पहले हुई थी शादी, ट्रेन के सामने कूदकर दी जान
पति ने रील बनाने से मना किया..पत्नी का सुसाइड:7 महीने पहले हुई थी शादी, ट्रेन के सामने कूदकर दी जान महोबा में रील बनाने की सनक ने एक नवविवाहिता की जिंदगी छीन ली। पति के मना करने पर नवविवाहिता ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना शहर कोतवाली क्षेत्र के जुखा इलाके की है। जहां सात महीने पहले शादी के बाद खुशहाल जिंदगी जी रहे इस दंपति के बीच इंस्टाग्राम पर रील बनाने को लेकर विवाद हो गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है। क्या है पूरा मामला? कुलपहाड़ कोतवाली क्षेत्र के लाड़पुर गांव के रहने वाले शफीक का विवाह 20 वर्षीय जुलैखा से सात महीने पहले हुआ था। शादी के बाद से दोनों महोबा के जुखा इलाके में किराए के मकान में रहते थे। शफीक अंडे का ठेला लगाकर परिवार का पालन-पोषण करता था। लेकिन शादी के कुछ समय बाद जुलैखा का रील बनाने का शौक दोनों के रिश्ते में दरार पैदा करने लगा। रील बनाने पर हुआ विवाद शफीक ने बताया कि बीती रात जब वह काम से घर लौटा, तो पत्नी खाना बनाने की बजाय इंस्टाग्राम पर रील बना रही थी। इस पर उसने उसे मना किया, लेकिन दोनों के बीच बहस हो गई। रात में खाना खाने के बाद दोनों सोने चले गए, लेकिन आधी रात को जुलैखा अचानक घर से गायब हो गई। सुबह हुआ खुलासा सुबह तक जुलैखा का कुछ पता नहीं चला, तो शफीक ने पुलिस को सूचना दी। खोजबीन के दौरान जुलैखा का शव महोबा-खजुराहो रेलवे ट्रैक पर क्षत-विक्षत हालत में मिला। पति का कहना है कि रील बनाने से मना करने के बाद जुलैखा ने यह कदम उठाया। शहर कोतवाल अर्जुन सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मामले की जांच की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद परिवार में शोक का माहौल है।
पानीपत पहुंचे एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्टीय अध्यक्ष:वीरेश शांडिल्य बोले- खालिस्तानी अमृतपाल को नहीं लेने देंगे शपथ, चुनाव आयोग को देंगे ज्ञापन
पानीपत पहुंचे एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्टीय अध्यक्ष:वीरेश शांडिल्य बोले- खालिस्तानी अमृतपाल को नहीं लेने देंगे शपथ, चुनाव आयोग को देंगे ज्ञापन एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्टीय अध्यक्ष एवं विश्व हिन्दू तख्त के अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख वीरेश शांडिल्य शनिवार को पानीपत पहुंचे। शांडिल्य ने मदन भारद्वाज को विश्व हिन्दू तख्त का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया। वीरेश शांडिल्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार ने या लोकसभा स्पीकर ने खालिस्तानी और आईएसआई के एजेंट अमृतपाल सिंह को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ दिलाई तो उनका संगठन केंद्र सरकार का विरोध करेगा। शांडिल्य ने घोषणा की कि यदि अमृतपाल सिंह डिबरूगढ़ जेल से दिल्ली शपथ लेने आएगा तो एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के सदस्य उसे काले झंडे दिखाएंगे व उसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। यदि अमृतपाल सिंह को किसी अदालत ने भी लोकसभा सदस्यता की शपथ के लिए इजाजत दी तो वह उस राज्य के हाईकोर्ट में उस आदेश को एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया की तरफ से चुनौती देंगे। अमृतपाल के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर वह दिल्ली संसद भवन का मुआयना भी कर चुके है। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि अमृतपाल सिंह को वोट देने वाले कट्टरपंथी हैं। जो पंजाब में खालिस्तान चाहते हैं। लेकिन किसी कीमत पर भी पंजाब में खालिस्तानी मुहिम को सिर उठाने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2022 में सबसे पहले उनके संगठन एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को ज्ञापन देकर अमृतपाल सिंह को आईएसआई का एजेंट बताया था और उसे देशद्रोह में गिरफ्तार करने की मांग की थी। लगातार पंजाब में अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब में प्रदर्शन किए थे। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि संविधान को, तिरंगे को, कानून को चेतावनी देने वाला भले ही अमृतपाल सांसद बन गया लेकिन उस खालिस्तानी को जो पंजाब में फिर जरनैल सिंह भिंडरावाला की तरह तबाही मचाना चाहता था उसे लोकसभा सदस्य के रूप में एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया शपथ नहीं लेने देगी। इसके लिए चाहे उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा या अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़े। वे पीछे नहीं हटेंगे। केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपेंगे ज्ञापन वीरेश शांडिल्य ने कहा कि वे पिछले 25 साल से पाकिस्तानी आतंकवाद, बब्बर खालसा के आतंकवादियों सहित जरनैल सिंह भिंडरावाला के साहित्य व खालिस्तानी मुहिम का हाईकोर्ट से लेकर सड़कों तक विरोध कर रहे हैं। शांडिल्य ने चुनाव आयोग से मांग की कि एनएसए के तहत जेल में बंद आतंकी अमृतपाल के साथी पंजाब में उप चुनाव लड़ने का एलान कर चुके है। ऐसे आतंकी विचारधारा के देशद्रोहियों को किसी कीमत पर चुनाव लड़ने की इजाजत ना दी जाए। उन्होंने कहा इसके लिए वह केंद्रीय चुनाव आयुक्त को ज्ञापन भी सौंपेंगे। अमृतपाल संसद की दहलीज पर मत्था टेककर मांगे माफी वीरेश शांडिल्य ने कहा कि यदि अमृतपाल सिंह लोकसभा की सदस्यता लेना चाहता है तो वह भारतीय संसद की दहलीज पर माथा टेक कर माफी मांगे और कहे कि उसे तिरंगा व संविधान प्यारा है। अमृतपाल सिंह कभी जीवन में जरनैल सिंह भिंडरावाला या खालिस्तानी मुहिम नहीं चलाएगा। तो उनका संगठन अमृतपाल सिंह का सम्मान खुद करेगा।