सऊदी अरब के जेद्दाह में IPL मेगा ऑक्शन चल रहा है। लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) ने विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को 27 करोड़ रुपए में खरीदा है। वह IPL इतिहास के सबसे महंगे क्रिकेटर बन गए हैं। LSG के कैप्टन रहे केएल राहुल को दिल्ली ने 14 करोड़ में खरीदा है। दूसरी मार्की लिस्ट से कैप्ड प्लेयर मोहम्मद शमी को हैदराबाद ने 10 करोड़ रुपए में खरीदा। उनका बेस प्राइस 2 करोड़ रुपए था। यानी अपने बेस प्राइस से 5 गुना कीमत पर शमी खरीदे गए। पिछले सीजन में इंडियन पेसर शमी इंजरी की वजह से नहीं खेले थे। इससे पहले 2023 में गुजरात के लिए खेला था। मेन पॉइंट सऊदी अरब के जेद्दाह में IPL मेगा ऑक्शन चल रहा है। लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) ने विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को 27 करोड़ रुपए में खरीदा है। वह IPL इतिहास के सबसे महंगे क्रिकेटर बन गए हैं। LSG के कैप्टन रहे केएल राहुल को दिल्ली ने 14 करोड़ में खरीदा है। दूसरी मार्की लिस्ट से कैप्ड प्लेयर मोहम्मद शमी को हैदराबाद ने 10 करोड़ रुपए में खरीदा। उनका बेस प्राइस 2 करोड़ रुपए था। यानी अपने बेस प्राइस से 5 गुना कीमत पर शमी खरीदे गए। पिछले सीजन में इंडियन पेसर शमी इंजरी की वजह से नहीं खेले थे। इससे पहले 2023 में गुजरात के लिए खेला था। मेन पॉइंट उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में 86 दिन से बिना संगठन के सत्तारूढ़ कांग्रेस:पार्टी मुख्यालय में पसरा सन्नाटा, वर्कर मायूस, खड़गे ने भंग कर रखी सभी कार्यकारिणी
हिमाचल में 86 दिन से बिना संगठन के सत्तारूढ़ कांग्रेस:पार्टी मुख्यालय में पसरा सन्नाटा, वर्कर मायूस, खड़गे ने भंग कर रखी सभी कार्यकारिणी हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस पौने तीन महीने से बिना संगठन के चल रही है। प्रदेश की राज्य, जिला और ब्लॉक सभी कमेटियां राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भंग कर रखी है। नए संगठन को लेकर अभी कोई हलचल नजर नहीं आ रही। 86 दिन संगठन की एक्टिविटी नहीं हो रही। कांग्रेस मुख्यालय में सन्नाटा पसरा है। इससे पार्टी वर्कर मायूस हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के बावजूद यहां इकलौती पदाधिकारी प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बची है। इसके विपरीत बीजेपी ने 18 लाख नए सदस्य बनाने के साथ साथ नए ब्लॉक और जिला अध्यक्ष चुन लिए है। नई ऊर्जा से लबरेज बीजेपी कांग्रेस सरकार पर हर मुद्दे पर जोरदार ढंग से घेर रही है। मगर सरकार को डिफेंड करने के लिए कांग्रेस के पास कोई पदाधिकारी नहीं बचा। हाईकमान ने ऑब्जर्वर भी भेजे, मगर कार्यकारिणी नहीं बनी राज्य, जिला और ब्लॉक कांग्रेस के साथ साथ महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस कार्यकारिणी भी पार्टी हाईकमान ने भंग कर रखी है। अब नए कार्यकारिणी का गठन किया जाना है। हाईकमान ने इसके लिए नवंबर में ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) सचिव एवं प्रदेश कांग्रेस सह प्रभारी विदित चौधरी और चेतन चौहान को ऑब्जर्वर बनाकर हिमाचल भेजा। इसी तरह चारों संसदीय क्षेत्र व जिला स्तर पर भी पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए। सभी ऑब्जर्वर फील्ड में जाकर कांग्रेस नेताओं से वन टू वन बात करके हाईकमान को रिपोर्ट सौंप चुके है। फिर भी नई कार्यकारिणी का गठन नहीं हो सका। खड़गे भंग की थी कार्यकारिणी मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी कार्यकारिणी बीते साल 6 नवंबर को भंग की थी। तब दावा किया जा रहा था कि नए साल से पहले नई कार्यकारिणी बना दी जाएगी। सभी नए संगठन के इंतजार में है। ऑब्जर्वर बोले- दिल्ली चुनाव की वजह से देरी हो रही इसे लेकर जब ऑब्जर्वर विदित चौधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दिल्ली चुनाव की वजह से थोड़ी देरी हो रही है। नई कार्यकारिणी लगभग फाइनल हो गई। जल्दी फाइनल कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्टेट और जिला कार्यकारिणी बनाएंगे। बाद में ब्लॉक कार्यकारिणी बनाएंगे। नई कार्यकारिणी का फॉर्मूला बदला प्रदेश में पहली बार कांग्रेस ने कार्यकारिणी के गठन को ऑब्जर्वर भेजे है, जो फील्ड में जाकर पार्टी नेताओं से फीडबैक ले चुके हैं। इनकी रिपोर्ट के आधार पर नेताओं की ताजपोशी करने के पार्टी दावे कर रही है। जाहिर है कि इससे प्रदेश अध्यक्ष को इस बार फ्री-हैंड नहीं मिलेगा। प्रदेश अध्यक्ष अपनी मर्जी से टीम नहीं बना पाएगी। पूर्व में हाईकमान अध्यक्ष की ताजपोशी करती थी। इसके बाद राज्य, जिला व ब्लाक स्तर पर अध्यक्ष अपने हिसाब से टीम बनाते थे। मगर इस बार हाईकमान ऑब्जर्वर की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए संगठन में ताजपोशी करेगा। AICC ने इन्हें लगाया ऑब्जर्वर हाईकमान ने कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र का पर्यवेक्षक शांतनु चौहान, हमीरपुर लोकसभा का गुरप्रीत, शिमला का ओमवीर यादव और मंडी संसदीय क्षेत्र का गौरव भाटिया को पर्यवेक्षक बना रखा है। इसी तरह शिमला जिला का ऑब्जर्वर राजीव वर्मा, सिरमौर का चरणजीत सिंह निक्कू, सोलन का प्रवीण चौधरी, मंडी का मुजफ्फर गुर्जर, कुल्लू का पुरुषोतम नागर, किन्नौर का शिवराम बाल्मीकि, लाहौल स्पीति का मनोज कौशिक, कांगड़ा का रवि ठाकुर, चंबा का अखिलेश, ऊना का रूद्र प्रताप, बिलासपुर का दीपक और हमीरपुर जिला का प्रभाकर झा को ऑब्जर्वर बनाया है। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की सिफारिश पर बदलाव सूत्र बताते हैं कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार के बावजूद लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार भी संगठन में बदलाव की बड़ी वजह बना है, क्योंकि कांग्रेस की लोकसभा चुनाव में चार-जीरो से करारी हार हुई है। इस हार के कारण जानने आई पूर्व सांसद पीएल पूनिया और सांसद रजनी पाटिल की अगुआई वाली फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने भी प्रदेश में कांग्रेस में गुटबाजी देखी। इसके बाद कमेटी ने भी प्रदेश के संगठन में बदलाव की सिफारिश की थी। कमेटी की सिफारिशों को भी ध्यान में रखकर भी यह फैसला हुआ है।
हिमाचल CM ने की केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात:आपदा राहत राशि शीघ्र जारी करने का आग्रह, मंडी-रामपुर और नालागढ़ में परिसर निर्माण का अनुरोध
हिमाचल CM ने की केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात:आपदा राहत राशि शीघ्र जारी करने का आग्रह, मंडी-रामपुर और नालागढ़ में परिसर निर्माण का अनुरोध मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को प्राकृतिक आपदाओं के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश की संवेदनशीलता से अवगत करवाते हुए प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए मंत्रालय के पास लम्बित धनराशि को शीघ्र जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्य आपदा-2023 के दौरान केंद्रीय टीम द्वारा किए गए आपदा उपरांत आकलन के अंतर्गत 9042 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता जारी करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह मामला अभी भी मंत्रालय के पास लम्बित है तथा इस वर्ष बरसात का मौसम शुरू होने के दृष्टिगत राज्य को इस धनराशि की तत्काल आवश्यकता है। 2019-20 में 61.07 करोड़ रुपये की राशि लम्बित सीएम सुक्खू ने यह भी बताया कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्य को राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि (एसडीआरएफ) के अंतर्गत मिलने वाली 61.07 करोड़ रुपये की राशि लम्बित है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार पहाड़ी राज्यों में भू-स्खलन तथा भूकम्प के प्रभावी प्रबंधन के लिए प्रदेश को वित्तीय वर्ष 2021-2026 के लिए 200 करोड़ रुपये की राशि मिलनी है। एनडीआरएफ के अंतर्गत लम्बित 60.10 करोड़ जारी करने का आग्रह उन्होंने एनडीआरएफ के अंतर्गत लम्बित 60.10 करोड़ रुपये शीघ्र जारी करने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण निधि के अंतर्गत मंत्रालय को प्रस्तुत 125.84 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने राज्य में एनडीआरएफ परिसरों की स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया तथा मंडी, रामपुर और नालागढ़ में परिसरों का निर्माण कार्य आरंभ करने का अनुरोध किया। उन्होंने लाहौल-स्पीति में अंतरराज्यीय सीमा पर सरचू और शिंकुला में सरकारी भूमि पर अनाधिकृत कब्जे पर उचित कार्रवाई की भी मांग की। इस अवसर पर प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती भी उपस्थित थीं।
गैंगस्टर लॉरेंस इंटरव्यू केस की HC में सुनवाई:बर्खास्त डीएसपी ने गैंगस्टरों का बताया खतरा; SIT के लिए मांगे अधिकारियों के नाम
गैंगस्टर लॉरेंस इंटरव्यू केस की HC में सुनवाई:बर्खास्त डीएसपी ने गैंगस्टरों का बताया खतरा; SIT के लिए मांगे अधिकारियों के नाम गैंगस्टर लॉरेंस के पंजाब पुलिस की कस्टडी में हुए इंटरव्यू मामले की आज (28 जनवरी) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत में बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह संधू की तरफ से वकील के माध्यम से अर्जी दाखिल की गई। साथ ही दावा किया कि गैंगस्टरों से उनके परिवार को खतरा है। पहले ही उन्हें दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है। जो बिल्कुल गलत है। हालांकि अदालत ने इस विषय को सुनने से इनकार कर दिया। एसआईटी के लिए मांगे नाम दूसरी तरफ अदालत ने इंटरव्यू केस की सुनवाई करते हुए पूछा कि क्या इस मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख प्रबोध कुमार इस मामले की जांच को आगे जारी रख सकते हैं। क्योंकि वह इस महीने ही रिटायर हो रहे हैं। साथ ही पूछा कि पंजाब पुलिस के पास कितने डीजीपी है। अदालत ने अगली सुनवाई पर पुलिस को एडीजीपी और डीजीपी स्तर के नाम देने के लिए कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई तीस जनवरी को होगी। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली
लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत
लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाते हैं।