लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS) में 25वें वर्ल्ड चीफ जस्टिस कांफ्रेंस के डेलिगेट्स गुरुवार शाम लखनऊ पहुंचे। इस दौरान राजाजीपुरम ब्रांच में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सभी का स्वागत किया। केशव मौर्य ने कहा कि दुनिया के 56 देशों से पधारे न्यायविदों और कानूनविदों की मौजूदगी ने लखनऊ के गौरव को विश्व पटल पर आलोकित किया है। साथ ही दुनिया के देशों को यह संदेश भी दिया है कि एकता और शान्ति का कोई विकल्प नहीं है। स्टूडेंट्स और टीचर्स किया डांडिया नृत्य गुरुवार शाम को विदेशी अतिथियों के आगमन पर स्टूडेंट्स और टीचर्स ने साथ मिलकर डांडिया नृत्य की सामूहिक प्रस्तुति से सभी को आनंद और उल्लास से सराबोर कर दिया, तो वहीं दूसरी ओर विद्यालय के छात्रों ने रंगारंग शिक्षात्मक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुपम छटा बिखेरकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस डांडिया नाइट में विभिन्न देशों से पधारे गणमान्य अतिथियों का उत्साह भी देखते ही बनता था। बैंड बाजे की धुन में स्वागत बैंड-बाजे की धुन और फूल-मालाओं के साथ अतिथियों का भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान CMS की प्रो.गीता किंगडन ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि यह ऐतिहासिक सम्मेलन दुनिया को एकता के सूत्र में पिरोने और विश्व के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को एक नई दिशा देने में सफल साबित होगा। लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS) में 25वें वर्ल्ड चीफ जस्टिस कांफ्रेंस के डेलिगेट्स गुरुवार शाम लखनऊ पहुंचे। इस दौरान राजाजीपुरम ब्रांच में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सभी का स्वागत किया। केशव मौर्य ने कहा कि दुनिया के 56 देशों से पधारे न्यायविदों और कानूनविदों की मौजूदगी ने लखनऊ के गौरव को विश्व पटल पर आलोकित किया है। साथ ही दुनिया के देशों को यह संदेश भी दिया है कि एकता और शान्ति का कोई विकल्प नहीं है। स्टूडेंट्स और टीचर्स किया डांडिया नृत्य गुरुवार शाम को विदेशी अतिथियों के आगमन पर स्टूडेंट्स और टीचर्स ने साथ मिलकर डांडिया नृत्य की सामूहिक प्रस्तुति से सभी को आनंद और उल्लास से सराबोर कर दिया, तो वहीं दूसरी ओर विद्यालय के छात्रों ने रंगारंग शिक्षात्मक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुपम छटा बिखेरकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस डांडिया नाइट में विभिन्न देशों से पधारे गणमान्य अतिथियों का उत्साह भी देखते ही बनता था। बैंड बाजे की धुन में स्वागत बैंड-बाजे की धुन और फूल-मालाओं के साथ अतिथियों का भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान CMS की प्रो.गीता किंगडन ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि यह ऐतिहासिक सम्मेलन दुनिया को एकता के सूत्र में पिरोने और विश्व के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को एक नई दिशा देने में सफल साबित होगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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सुप्रीम कोर्ट में आज पराली मामले पर सुनवाई:पंजाब-हरियाणा सरकार अपने प्रयासों की जानकारी देगी, अफसरों की निष्क्रियता पर हो सकती कार्रवाई आज यानी सोमवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पराली जलाने के मामले की सुनवाई करने जा रहा है। पिछले महीने हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से तीन सप्ताह के भीतर की गई कार्रवाई की रूपरेखा समेत बेहतर अनुपालन हलफनामा दाखिल करने को कहा था। इसके अलावा कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को इसरो से प्राप्त कथित गलत आंकड़ों के संबंध में उचित प्राधिकारी के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाने का निर्देश दिया था। पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के संबंध में कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार द्वारा प्रस्तुत हलफनामों की जांच की थी। जिसमें खेतों में आग लगाने की अधिक घटनाओं का संकेत दिया गया था। कोर्ट ने दोनों राज्यों द्वारा वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) अधिनियम की धारा 14 के तहत दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में अनिच्छा पर असंतोष दोहराया था। राज्यों को अपनी निष्क्रियता स्पष्टीकरण देना चाहिए कोर्ट ने कहा था- आज भी हम सीएक्यूएम अधिनियम की धारा 14 के तहत कार्रवाई करने में दोनों सरकारों की ओर से अनिच्छा देख रहे हैं। आयोग की ओर से पेश हुए विद्वान एएसजी ने कहा कि राज्यों में जिला मजिस्ट्रेटों को धारा 14 की उपधारा (2) के तहत मुकदमा चलाने का अधिकार दिया गया है। हालांकि, पिछले आदेशों में हमने देखा है कि मुकदमा चलाने के बजाय, राज्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने में व्यस्त हैं। हम 3 साल पहले पारित आयोग के आदेश के खुलेआम उल्लंघन की बात कर रहे हैं। राज्यों को अपनी निष्क्रियता के लिए अदालत को स्पष्टीकरण देना चाहिए। हाईकोर्ट ने सुनवाई से किया था इनकार 11 दिसंबर को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पराली जलाने से संबंधित एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने यह तर्क दिया कि इसी मुद्दे पर एक मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है। हाईकोर्ट ने दो अदालतों के बीच परस्पर विरोधाभासी विचारों से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा, “दो अदालतों के बीच मतभेद हो सकते हैं, जिसे टाला जाना चाहिए।” इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अभी विचार चल रहा है। पराली जलाने पर जुर्माना दोगुना किया गया सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना दोगुना कर दिया है। पर्यावरण मंत्रालय ने गुरुवार को अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी। अब 2 एकड़ से कम जमीन पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है। दो से पांच एकड़ जमीन वालों से 10,000 रुपये और पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वालों से 30,000 रुपये का जुर्माना वसूला जा रहा है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली की सरकारें इन नियमों को लागू करने के लिए बाध्य होंगी। 70 फीसदी कम पराली जलाई गई पंजाब सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप इस साल पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखी गई। 2023 में 36,551 घटनाएं दर्ज की गईं, जो 2024 तक घटकर केवल 10,479 रह गईं, जो पिछले साल की तुलना में 70 फीसदी कम है।