लखनऊ का केडी सिंह बाबू स्टेडियम ऐतिहासिक मुकाबले का गवाह बनने जा रहा है। सीएम योगी ने फुटबॉल को कीक ऑफ कर मुख्यमंत्री कप की शुरुआत की। देश की दो दिग्गज फुटबॉल टीमें ईस्ट बंगाल और मोहन बागान पहली बार लखनऊ की सरजमीं पर मुख्यमंत्री कप के लिए खेल रही हैं। सीएम योगी ने कहा- हम अलग-अलग खिलाड़ियों को भी स्पोर्टस कॉलेज सहित अन्य जगहों पर नियुक्ति दे रहे हैं। यूपी फुटबाल संघ बेहतरीन टीम देने में सफल होगी। आज मैं मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के खिलाड़ियों का शुभकामनाएं देता हूं। मैच देखने के लिए बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे पहुंचे हैं। मैच को लेकर बच्चों में जोश हाई है। प्रैक्टिस करने पहुंची दोनों टीम का ताली बजाकर स्वागत किया गया। लखनऊ का केडी सिंह बाबू स्टेडियम ऐतिहासिक मुकाबले का गवाह बनने जा रहा है। सीएम योगी ने फुटबॉल को कीक ऑफ कर मुख्यमंत्री कप की शुरुआत की। देश की दो दिग्गज फुटबॉल टीमें ईस्ट बंगाल और मोहन बागान पहली बार लखनऊ की सरजमीं पर मुख्यमंत्री कप के लिए खेल रही हैं। सीएम योगी ने कहा- हम अलग-अलग खिलाड़ियों को भी स्पोर्टस कॉलेज सहित अन्य जगहों पर नियुक्ति दे रहे हैं। यूपी फुटबाल संघ बेहतरीन टीम देने में सफल होगी। आज मैं मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के खिलाड़ियों का शुभकामनाएं देता हूं। मैच देखने के लिए बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे पहुंचे हैं। मैच को लेकर बच्चों में जोश हाई है। प्रैक्टिस करने पहुंची दोनों टीम का ताली बजाकर स्वागत किया गया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में नए मंत्रिमंडल के लिए 15 MLA शॉर्टलिस्ट:केंद्रीय नेतृत्व ने प्रोफाइल मंगाई; इनमें 7 मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर रह चुके
हरियाणा में नए मंत्रिमंडल के लिए 15 MLA शॉर्टलिस्ट:केंद्रीय नेतृत्व ने प्रोफाइल मंगाई; इनमें 7 मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर रह चुके हरियाणा में नई सरकार के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने कवायद शुरू कर दी है। मंत्रिमंडल के लिए 15 विधायकों के नाम शॉर्ट लिस्ट किए गए हैं। इनमें 7 मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने नाम फाइनल करने से पहले विधायकों की प्रोफाइल मंगाई है। जो चेहरे शॉर्ट लिस्ट किए गए हैं, उनमें नायब सैनी, अनिल विज, राव नरबीर सिंह, विपुल गोयल, मूलचंद शर्मा, कृष्णा गहलावत, कृष्णलाल पंवार, हरविंदर कल्याण, रणबीर गंगवा, महिपाल ढांडा, बिमला चौधरी, लक्ष्मण यादव, घनश्याम सर्राफ, आरती राव और श्रुति चौधरी शामिल हैं। 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया था। भाजपा ने 48, कांग्रेस ने 37, इनेलो ने 2 और 3 निर्दलीयों ने जीत दर्ज की। तीनों निर्दलीय विधायक भाजपा को समर्थन दे चुके हैं। जिसके बाद भाजपा के पास विधायकों की संख्या 51 हो गई है। कल पंचकूला में विधायक दल की मीटिंग होगी। मीटिंग में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ऑब्जर्वर के तौर पर मौजूद रहेंगे। सिलसिलेवार ढंग से जानिए, किसकी दावेदारी क्यों मजबूत…. 1. राव नरबीर सिंह : बादशाहपुर सीट से चुनाव जीते राव नरबीर सिंह अहीरवाल बेल्ट के बड़े नेता कहे जाने वाले राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी रहे हैं। पूरे इलाके में राव नरबीर ही इकलौते ऐसे नेता हैं, जिन्होंने अपने दम पर न केवल हाईकमान से सीधे टिकट हासिल की, बल्कि इस इलाके में सबसे बड़ी जीत भी दर्ज की है। नरबीर सिंह 2014 में मनोहर लाल खट्टर की सरकार में पावरफुल कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। उनके सीधे हाईकमान से अच्छे संबंध है। उनकी कैबिनेट मंत्री के पद पर दावेदारी काफी मजबूत है। इसकी दूसरी वजह उनका राव इंद्रजीत सिंह का विरोधी होना भी है। 10 विधायकों में राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी में इकलौते राव नरबीर ही है। भाजपा नरबीर को मंत्री बनाकर इलाके में राव इंद्रजीत सिंह के बराबर नेता खड़ा कर सकती है। 2. बिमला चौधरी : बिमला चौधरी ने पटौदी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। वह 2014 में भी इसी सीट से विधायक बनी थीं। 2019 में भाजपा ने उनका टिकट काट दिया था। वह राव इंद्रजीत सिंह की करीबी हैं। बिमला चौधरी की दावेदारी 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श्रुति चौधरी कैबिनेट में मंत्रीपद के मजबूत दावेदारी मानी जा रही है। 10. हरविंदर कल्याण: ये रोड़ समाज से आते हैं। प्रदेश की घरौंडा सीट से इन्होंने जीत दर्ज की है। 2019 में भी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था। मनोहर लाल खट्टर के बाद नायब सैनी के कार्यकाल में भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो पाए थे, इस बार इस समाज को बीजेपी नई सरकार में प्रतिनिधित्व देना चाहती है, इसलिए दावेदारी मजबूत है। ये पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं। 11. कृष्ण लाल पंवार: बतौर राज्यसभा सांसद रहते हुए इसराना से विधानसभा चुनाव लड़ा। अब तक 6 बार के विधायक रह चुके हैं। सीनियोरिटी के हिसाब से बीजेपी में दूसरे नंबर पर आते हैं। इनसे पहले अनिल विज सात बार के विधायक बन चुके हैं। दलित समाज से आते हैं। इस चुनाव में दलितों के समर्थन मिलने के बाद बीजेपी में पंवार की मजबूत दावेदारी है। इसके साथ ही पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के भी काफी करीबी हैं। 12. रणबीर गंगवा: संसदीय मामलों के अच्छे जानकार हैं। मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी की सरकार में डिप्टी स्पीकर 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हिमाचल विधानसभा पहुंचे बेरोजगार युवा:बोले- केवल कागजों में मिला रोजगार, दो साल में नहीं हुई कोई नई भर्ती; आंकड़े सार्वजनिक करने की मांग
हिमाचल विधानसभा पहुंचे बेरोजगार युवा:बोले- केवल कागजों में मिला रोजगार, दो साल में नहीं हुई कोई नई भर्ती; आंकड़े सार्वजनिक करने की मांग हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार युवाओं ने प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सरकार द्वारा दो साल में रोजगार देने को लेकर किए जा रहे दावों पर बेरोजगारों ने सवाल खड़े कर दिए है। विधानसभा मानसून सत्र के दौरान शिमला पहुंचे बेरोजगार युवाओं ने कहा कि सरकार 28 हजार सरकारी नौकरियों का गलत आंकड़ा पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार में पिछले दो सालों से कोई नया रोजगार नहीं दिया गया है। जिसके कारण युवाओं को “युवा मांगे रोजगार” का गठन करना पड़ा हैं। युवाओं ने ऐलान करते हुए कहा सरकार यदि जल्द नए पदों का सृजन नहीं करती तो प्रदेश का युवा वर्ग सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करेंगे। 30 हजार रोजगार केवल कागजों में मिला, नहीं हुई कोई नई भर्ती- ललित हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दसवें दिन प्रदेश के युवा बेरोजगार चौड़ा मैदान में एकत्रित हुए। इस दौरान युवा मांगे रोजगार संघ के अध्यक्ष ललित शर्मा ने बताया कि सरकार ने तीस हजार रोजगार केवल कागजों में दिया हैं। दो सालों में एक भी नई भर्ती नहीं निकली हैं। ये सरकार आउटसोर्स से भर्तियों की बात कर रही है जो बेरोजगारों के साथ धोखा हैं। आउटसोर्स पर कम पढ़े लिखे लोगों को लगाया जा रहा है। बेरोजगारी की वजह से पढ़ा लिखा युवा सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। सरकार आउटसोर्स भर्तियों पर रोक लगाई जानी चाहिए। सरकार तीस हजार का आंकड़ा बता रही हैं। नौकरियां आंकड़े सार्वजनिक करे सरकार उन्होंने कहा कि सरकार दो सालों में तीस हजार रोजगार आंकड़ा बता रही हैं। ललित ने कहा कि यह नोकरियाँ कहां दी गई सरकार इसके आंकड़े सार्वजनिक करें । उन्होंने कहा कि सरकार रिटायर्ड लोगों को दोबारा रोजगार दिया जा रहा हैं जिससे उनकी तैयारी का कोई मतलब नहीं रह जाता हैं। सरकार नई भर्ती करे या युवा को मार दे गोली भर्तियां ना आने से परेशान युवक ने कहां कि सरकार या तो नई भर्तियां कराए या उन्हें गोली मार दे। इसी मांग को लेकर वो आज शिमला में इकट्ठे हुए है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के सामने भर्तियां निकालने की मांग कर रहे है लेकिन अगर सरकार भर्तियां नही निकालती तो आगामी समय में प्रदेश का युवा शिमला में सचिवालय का घेराव कर चक्का जाम कर देंगे।