लखनऊ के पॉलिटेक्निक चौराहे पर ज्वलनशील केमिकल (एथनॉल) से भरा टैंकर पलट गया। पूरा केमिकल चौराहे पर फैल गया। रील बनाने वाले युवकों द्वारा टैंकर की स्टेयरिंग खींचने की वजह से हादसा हुआ। वाकया मेट्रो लाइन के ठीक नीचे हुआ, जिसकी वजह से वहां अफरातफरी मच गई। पुलिस को सूचना दी गई और मौके पर पहुंची क्रेन से ट्रक को उठाया गया। पहले देखते हैं घटना से जुड़ी कुछ तस्वीरें… रील बना रहे युवकों ने गुस्से में खींची स्टेयरिंग ड्राइवर अभिषेक ने बताया, बलरामपुर शुगर मिल से यह ट्रक अमौसी एयरपोर्ट जा रहा था। रात करीब 1 बजे जब वह पॉलिटेक्निक चौराहे के पास पहुंचा तो वहां पर दो-तीन लड़के मोबाइल से रील बना रहे थे। मैंने हॉर्न बजाया तो लड़के भड़क गए और उन्होंने अचानक से टैंकर की स्टेयरिंग खींच दी, जिससे टैंकर अनियंत्रित होकर वहीं पलट गया। फायर ब्रिगेड की 8 गाड़ियों ने सड़क से साफ किया केमिकल सूचना मिलते ही मौके पर फायर ब्रिगेड की 8 गाड़ियां और 5 क्रेन पहुंची और पानी डालकर केमिकल हटाने का काम किया गया। पुलिस ने बैरिकेडिंग करके वहां जाने से लोगों को रोक दिया और वाहनों को रूट डायवर्ट करके दूसरे रास्तों से निकाला गया। मेट्रो स्टेशन के ठीक नीचे हुई घटना, बड़ा हादसा टला पॉलिटेक्निक चौराहे के पास जहां टैंकर पलटा, वह मेट्रो स्टेशन के ठीक नीचे का एरिया है। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने बताया कि अच्छा हुआ जो आग नहीं लगी, ऐसा होता तो हादसा बड़ा हो सकता था। फिलहाल सड़क पर फैले केमिकल को पानी डालकर बहा दिया गया है। यह भी पढ़ें लखनऊ में कपड़ा व्यापारी से दबंगों ने की मारपीट:दुकान में की तोड़फोड़, नकदी सहित चेन छीन कर हुए फरार लखनऊ में दबंगों ने एक दुकानदार से रंगदारी न देने पर दुकान में घुसकर तोड़फोड़ और जमकर मारपीट की है। मामला सुशांत गोल्फ सिटी कोतवाली क्षेत्र है। दुकानदार का आरोप है कि गले में पहनी चेन छीनने के साथ ही काउंटर में रखे 50 हजार रूपए लूट लिया है। लोगों के जुटने पर जान से मारने की धमकी देते हुए दबंग भाग निकला। पीड़ित ने सुशांत गोल्फ सिटी कोतवाली पुलिस को नामजद तहरीर दी है। पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी हैं। पढ़ें पूरी खबर… लखनऊ के पॉलिटेक्निक चौराहे पर ज्वलनशील केमिकल (एथनॉल) से भरा टैंकर पलट गया। पूरा केमिकल चौराहे पर फैल गया। रील बनाने वाले युवकों द्वारा टैंकर की स्टेयरिंग खींचने की वजह से हादसा हुआ। वाकया मेट्रो लाइन के ठीक नीचे हुआ, जिसकी वजह से वहां अफरातफरी मच गई। पुलिस को सूचना दी गई और मौके पर पहुंची क्रेन से ट्रक को उठाया गया। पहले देखते हैं घटना से जुड़ी कुछ तस्वीरें… रील बना रहे युवकों ने गुस्से में खींची स्टेयरिंग ड्राइवर अभिषेक ने बताया, बलरामपुर शुगर मिल से यह ट्रक अमौसी एयरपोर्ट जा रहा था। रात करीब 1 बजे जब वह पॉलिटेक्निक चौराहे के पास पहुंचा तो वहां पर दो-तीन लड़के मोबाइल से रील बना रहे थे। मैंने हॉर्न बजाया तो लड़के भड़क गए और उन्होंने अचानक से टैंकर की स्टेयरिंग खींच दी, जिससे टैंकर अनियंत्रित होकर वहीं पलट गया। फायर ब्रिगेड की 8 गाड़ियों ने सड़क से साफ किया केमिकल सूचना मिलते ही मौके पर फायर ब्रिगेड की 8 गाड़ियां और 5 क्रेन पहुंची और पानी डालकर केमिकल हटाने का काम किया गया। पुलिस ने बैरिकेडिंग करके वहां जाने से लोगों को रोक दिया और वाहनों को रूट डायवर्ट करके दूसरे रास्तों से निकाला गया। मेट्रो स्टेशन के ठीक नीचे हुई घटना, बड़ा हादसा टला पॉलिटेक्निक चौराहे के पास जहां टैंकर पलटा, वह मेट्रो स्टेशन के ठीक नीचे का एरिया है। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने बताया कि अच्छा हुआ जो आग नहीं लगी, ऐसा होता तो हादसा बड़ा हो सकता था। फिलहाल सड़क पर फैले केमिकल को पानी डालकर बहा दिया गया है। यह भी पढ़ें लखनऊ में कपड़ा व्यापारी से दबंगों ने की मारपीट:दुकान में की तोड़फोड़, नकदी सहित चेन छीन कर हुए फरार लखनऊ में दबंगों ने एक दुकानदार से रंगदारी न देने पर दुकान में घुसकर तोड़फोड़ और जमकर मारपीट की है। मामला सुशांत गोल्फ सिटी कोतवाली क्षेत्र है। दुकानदार का आरोप है कि गले में पहनी चेन छीनने के साथ ही काउंटर में रखे 50 हजार रूपए लूट लिया है। लोगों के जुटने पर जान से मारने की धमकी देते हुए दबंग भाग निकला। पीड़ित ने सुशांत गोल्फ सिटी कोतवाली पुलिस को नामजद तहरीर दी है। पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी हैं। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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2015 में बना किन्नर अखाड़ा..9 साल बाद भी मान्यता नहीं:किन्नर संत कहते- वो उपदेव हैं, उन्हें रोक नहीं सकते; प्रयागराज में बनेगा अर्धनारीश्वर धाम
2015 में बना किन्नर अखाड़ा..9 साल बाद भी मान्यता नहीं:किन्नर संत कहते- वो उपदेव हैं, उन्हें रोक नहीं सकते; प्रयागराज में बनेगा अर्धनारीश्वर धाम प्रयागराज में जनवरी, 2025 में महाकुंभ होना है। इसके लिए आम लोगों से लेकर अखाड़ों तक की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच निर्मोही अखाड़े की किन्नर महामंडलेश्वर स्वामी हिमांगी सखी ने किन्नर समाज के लिए अलग अर्धनारीश्वर धाम बनाने का ऐलान किया है। यह किन्नर अखाड़े से अलग होगा। हिमांगी सखी ने वंचित किन्नर संतों को मंडलेश्वर और महामंडलेश्वर पद का अभिषेक कराने का भी ऐलान किया है। ऐसे में, एक बार फिर किन्नर अखाड़ों और संतों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। किन्नर समाज के इतिहास से लेकर उनका अखाड़ा बनने तक की पूरी कहानी भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए- कब हुई किन्नर अखाड़े की शुरुआत?
साल 2015 में एक्टिविस्ट और किन्नरों की लीडर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने किन्नर अखाड़े की स्थापना की। उन्होंने अपने साथियों के साथ किन्नर समाज को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए इसे शुरू किया। किन्नर अखाड़ा बनाने के पीछे वो तर्क देती हैं, किन्नरों को समाज में सम्मान दिलाने के लिए इसकी शुरुआत की। एक इंटरव्यू में वो कहती हैं, कानून बन जाने के बाद भी जब तक समाज न स्वीकार करे, तब तक जीत अधूरी है। धर्म उसे समाज से जोड़ने का जरिया है। वो कहती हैं कि धर्म के जरिए सीधे लोगों से जुड़ा जा सकता है, जो एक्टिविजम से नहीं हो पाएगा। LGBTQ समुदाय के एक्टिविस्ट सिर्फ आपस के अपने समूहों से जुड़े होते हैं। यह एक इको चैंबर जैसा है। पहली बार किन्नर अखाड़ा कब कुंभ में शामिल हुआ?
किन्नर अखाड़ा सबसे पहले 2016 में उज्जैन कुंभ में शामिल हुआ था। उसके बाद 2019 में प्रयागराज के कुंभ मेले में शामिल हुआ। तब इस अखाड़े के टेंट में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी। अखाड़ों के इतिहास में यह पहली बार था, जब किन्नर समूह का एक अलग अखाड़ा बना था। किन्नर अखाड़ा, जूना अखाड़ा के साथ ही जुड़ा है। कुंभ 2019 में किन्नर अखाड़े ने देवत्व यात्रा यानी पेशवाई निकाली थी। इसमें अखाड़े की महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के अलावा पीठाधीश्वर प्रभारी उज्जैन की पवित्रा माई, उत्तर भारत की महामंडलेश्वर भवानी मां और महामंडलेश्वर डॉ. राज राजेश्वरी भी पहुंची थीं। किन्नर अखाड़े को आज भी अलग अखाड़े की मान्यता नहीं
किन्नर अखाड़ा शुरू हुए 9 साल बीत गए हैं। वो प्रयागराज से लेकर उज्जैन तक के धार्मिक आयोजनों में शामिल हो चुका है। इसके बावजूद अखाड़ों को मान्यता देने वाली संस्था ‘अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद’ की तरफ से किन्नर अखाड़े को आज तक मान्यता नहीं मिली है। जब इस अखाड़े की शुरुआत की गई, तब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इसका विरोध किया था। ऐसे में, आधिकारिक रूप से 2019 के प्रयागराज के कुंभ में किन्नर अखाड़े के पास शामिल होने की इजाजत नहीं थी। तब किन्नर अखाड़े ने यह कहते हुए महाकुंभ में शिरकत की कि वे उप देवता हैं। इसलिए उन्हें किसी मान्यता की जरूरत नहीं। यही वजह है, आज भी यह अखाड़ा जूना अखाड़े के तहत आता है। इसे अलग अखाड़े की मान्यता नहीं दी गई है। अब जानिए भारत में किन्नरों का इतिहास- रामायण में राम के सच्चे भक्त के रूप में किन्नर समूह का जिक्र
किन्नर समूह की प्राचीनता को वेद से लेकर रामायण काल तक ले जाया जाता है। यानी आज से करीब 3 हजार साल पहले रामायण में इन्हें लेकर एक प्रसंग का जिक्र आता है। इसके मुताबिक जब भगवान राम अयोध्या से वनवास के लिए जा रहे थे, तब पूरा राज्य उनके पीछे-पीछे चलने लगा। लोग उनके पीछे-पीछे राज्य से निकलकर जंगलों तक पहुंच गए। तब भगवान राम रुके और मुड़कर कहा कि सभी स्त्री-पुरुष आंसू पोंछें और अपने-अपने घर जाएं। अपने भगवान के आग्रह पर लोग अपने घरों को वापस चले गए। लेकिन, इस बीच कुछ लोगों का समूह वहीं रुका रहा। वो जंगल के किनारों पर खड़े रहे। वापस नहीं गए, क्योंकि न तो पुरुष थे न ही स्त्री। वो भगवान राम के 14 साल के वनवास के लौटने तक वहीं जंगलों में रहे। श्रीराम की वापसी के साथ ही उनकी भी राज्य में वापसी हुई। रामायण के इसी प्रसंग के आधार पर कहा जाता है कि ये किन्नर थे। महाभारत में भी किन्नरों का जिक्र मिलता है। इसमें उन्हें अर्ध-मानव और अर्ध-अश्व कहा गया। इससे भी पहले वेदों में तीन तरह व्यक्तियों का जिक्र मिलता है। यह प्रकार उनकी प्रकृति के आधार पर निर्धारित की गई है। कामसूत्र में भी किन्नरों का जिक्र मिलता है। मुगलकाल में किन्नर हरम की रखवाली से लेकर सेना में शामिल होते
मुगलकाल में किन्नर समूह का पहले की तुलना में विस्तृत रूप से जिक्र मिलता है। मुगलकाल के कई लेखकों ने इनकी कहानियों को अपनी रचना में जगह दी। तभी ‘हिजड़ा’ शब्द चलन में आया। यह उर्दू भाषा का शब्द है। मुगल दरबारों में हरम की देख-रेख और रखवाली के काम का पूरा जिम्मा किन्नर समूह के पास होता था। यह दिल्ली सल्तनत के समय से ही चला आ रहा था। उसी को मुगलों ने भी अपनाया। इसके अलावा भी सेना से लेकर दरबार में नृत्य-संगीत तक का जिम्मा संभालते थे। इसमें भी अकबर के समय में किन्नर समूह का सबसे ज्यादा जिक्र मिलता है। एक डच मर्चेंट फ्रांसिस्को पेल्सर्ट पहली बार मुगल दरबार में अपने अनुभव का जिक्र करते हुए बताया कि 17वीं सदी में जब वो वहां पहुंचा तो ये उसके लिए ये आश्चर्यजनक था कि थर्ड जेंडर को इतना सम्मान और शक्ति मिली थी। समलैंगिकता को अपराध बताने वाली धारा- 377 अंग्रेजों की देन थी
साल 2018 सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध बताने वाले कानून धारा- 377 को खत्म कर दिया। लेकिन, इसकी शुरुआत जाती है साल 1864 में। अंग्रेजों ने तब समलैंगिकता को अपराध बताने वाले ब्रिटेन के बुगेरी एक्ट 1533 को भारत में भी लागू कर दिया था। ऐसे में, किन्नरों को सिर्फ उनके किन्नर होने के आधार पर अपराधी माना जाने लगा। भारत में अंग्रेजी हुकूमत उन्हें गंदगी, बीमारी, संक्रमण फैलाने वाले कहने लगी। उनसे छुआछूत किया जाने लगा। भारत में ब्रिटिश अधिकारी उन्हें सामाजिक नैतिकता का दुश्मन मानने लगे। उनसे ब्रिटिश हुकूमत को खतरा तक बता दिया। —————— ये भी पढ़ें… महाकुंभ में अब ‘शाही’ नहीं, ‘राजसी स्नान’ होगा, प्रयागराज में 8 अखाड़ों का फैसला; कहा- स्नान करने वाले भी आधार कार्ड लेकर आएं प्रयागराज में महाकुंभ स्नान इस बार बहुत खास होगा। 8 अखाड़ों के संतों ने मिलकर स्नान को सुरक्षित बनाने के लिए अहम फैसले किए। सबसे बड़ा फैसला हुआ कि महाकुंभ में शाही स्नान नहीं होंगे। इन्हें अब राजसी स्नान कहा जाएगा। महाकुंभ में शामिल होने वाले संतों को भी ID कार्ड दिए जाएंगे। जो लोग कुंभ में स्नान करने देश-विदेश से पहुंचते हैं, उन्हें भी आधार कार्ड लेकर आना होगा। पढ़ें पूरी खबर
NEET रिजल्ट को लेकर कानपुर में भयंकर बवाल, छात्रों ने कहा- ‘720 में 720 नंबर भला कैसे संभव’
NEET रिजल्ट को लेकर कानपुर में भयंकर बवाल, छात्रों ने कहा- ‘720 में 720 नंबर भला कैसे संभव’ <p style=”text-align: justify;”><strong>NEET UG Exam Result 2024 Controversy:</strong> नीट परीक्षा के परिणाम चार जून को आया था, लेकिन आज इस परिणाम को लेकर कानपुर में हंगामा शुरू हो गया है. दरअसल परीक्षा में पास होने वाले छात्रों के अंक पर संदेह और संशय जाहिर कर कानपुर में सैकड़ों नीट<span class=”Apple-converted-space”> </span>की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स ने बीच सड़क पर हंगामा कर दिया. छात्रों का आरोप था कि इस परीक्षा में 720 अंक के पेपर में 720 नंबर लाने वाले 69 स्टूडेंट्स थे. ऐसा कैसे संभव है कि पूरे में पूरे नंबर कैसे आ सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>2024 में हुए नीट परीक्षा में एनटीए ने 4 जून को परिणाम घोषित किए थे, लेकिन कानपुर में कोचिंग संस्थान संचालित करने वाले कोचिंग हब काकादेव में सैकड़ों छात्रों ने इस बात को लेकर हंगामा काट दिया कि इस परीक्षा में एक बड़ी संख्या में परीक्षा देने वाले छात्रों के 720 नंबर पेपर में 720 अंक आए हैं, जोकि संभव नहीं है. छात्रों ने कहा की दोबारा पेपर होना चाहिए और जिस तरह से 2016 में हमने परीक्षा पुनः करा ली थी इस बार भी ऐसी स्थिति में हम दोबारा परीक्षा करा लेंगे और इस परीक्षा को पुनः कारण पड़ेगा वरना आंदोलन चलता रहेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छात्रों को शांत कराने पहुंची पुलिस</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इस घटना के बाबत काकादेव पुलिस और अधिकारी मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने हंगामा काट रहे छात्रों को शांत करने का प्रयास किया लेकिन छात्र अपनी मांग पर अड़े रहे और गुस्से को प्रदर्शन के रूप में दिखाते थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फिलहाल इस मामले में पुलिस अधिकारी डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम ने बताया की सभी छात्र छात्राओं को समझाकर शांत करा दिया गया है. जो उनकी मांग थी उसे अलाधकारियों के माध्यम से ऊपर भेजा जाएगा. वहीं स्टूडेंट्स को ये भी भरोसा दिलाया गया है कि उनकी बात पर विचार होगा. फिलहाल मामला शांत कराकर सभी छात्रों को वापस भेज दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”इटावा-कन्नौज हारने के बाद भी औरैया BJP कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने बांटी मिठाई, जानें वजह” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-lok-sabha-election-results-2024-etawah-kannauj-lost-ever-after-workers-distributed-sweets-in-auraiya-bjp-office-ann-2709975″ target=”_self”>इटावा-कन्नौज हारने के बाद भी औरैया BJP कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने बांटी मिठाई, जानें वजह</a></strong></p>
रोहतक में ग्रामीण की हत्या:लाठी-डंडों से किया हमला, पीजीआई लेकर जाते समय भी रास्ता रोककर अटैक, बेटा और भाई घायल
रोहतक में ग्रामीण की हत्या:लाठी-डंडों से किया हमला, पीजीआई लेकर जाते समय भी रास्ता रोककर अटैक, बेटा और भाई घायल रोहतक के गांव कबूलपुर में एक व्यक्ति की हत्या करने का मामला सामने आया है। जिस पर गांव के लोगों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। वहीं बीच बचाव में आए उसके बेटे और भाई को भी चोट मारी गई, जिस कारण वह भी घायल हो गए। घायलों को रोहतक पीजीआई में लेकर जाते समय बीच रास्ते में आरोपियों ने रास्ता रोककर भी हमला किया और जान से मारने की धमकी दी। रोहतक के गांव कबूलपुर निवासी हरीश ने शिवाजी कॉलोनी थाने में शिकायत दी। शिकायत में बताया कि वह मानेसर मारुति कंपनी में अपरेंटिस करता है। शुक्रवार की रात को गांव की एक दुकान के सामने गली में झगड़े का शोर सुनाई दिया। शोर सुनकर वह दुकान के पास पहुंचा तो उसके पिता रामबीर के साथ गांव का ही एक बिजय नामक व्यक्ति मारपीट कर रहा था। लाठी-डंडों से किया हमला वह अपने पिता को छुड़ाने लगा तो गली से ईंट उठाकर आरोपी ने उसके सिर पर मारी और वहां से चला गया। फिर उसके पास ताऊ रामनिवास भी आ गया। इसके बाद आरोपी अपने परिवार वालों के साथ लाठी व जेली लेकर आया। जिन्होंने तीनों पर हमला कर दिया। इस झगड़े में तीनों को काफी चोटे आई। सभी मौके से अपने हथियारों सहित भाग गए। फिर परिवार वाले उन्हें इलाज के लिए रोहतक सिविल अस्पताल ले आए। PGI लेकर जाते समय हमला जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार करके हरीश व उसके पिता रामबीर को PGI रेफर कर दिया। दोनों को PGI लेकर जाते समय मेडिकल मोड़ पर आरोपियों ने उनकी गाड़ी के सामने अपनी गाड़ी अड़ा दी और करीब 10 लोगों ने लाठी-डंडों हमला कर दिया। गाड़ी के शीशे तोड़ दिए और जान से मारने की धमकी दी। इन चोटों के कारण उसके पिता रामबीर की मौत हो गई।