लखनऊ में कोरोना का 6वां केस मिला है। गोमती नगर निवासी 34 साल के युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। युवक को बीते एक सप्ताह से बुखार आ रहा था। परिजनों ने युवक को स्थानीय डॉक्टर को दिखाया। दवा से कोई लाभ नहीं पहुंचा तो डॉक्टर की सलाह पर कोविड जांच कराई। निजी लैब से आई रिपोर्ट में युवक में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके अलावा त्रिवेणी नगर सद्भावना विहार सीतापुर रोड निवासी मरीज (56) भी कोरोना संक्रमित मिला है। मरीज पिछले 8 साल से हार्ट पेशेंट है। मरीज की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। 31 मई से उन्हें लगातार बुखार की शिकायत थी। जुकाम के लक्षण भी थे। निजी पैथोलॉजी में जांच करने के बाद सोमवार देर रात उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। फिलहाल उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है। लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले में लगातार इजाफा हो रहा है। बावजूद इसके राजधानी के लगभग सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में कोरोना के RT-PCR जांच शुरू नहीं की जा रही है। अस्पतालों में अभी तक कोरोना से जांच को लेकर कोई ठोस तैयारी नहीं है। ऐसे में लोगों को मजबूरन निजी पैथोलॉजी का रुख करना पड़ रहा है। इन पैथोलॉजी में कोरोना की जांच के लिए मोटी रकम वसूली जा रही है। हालांकि, लखनऊ सीएमओ ने दावा किया कि सोमवार शाम तक सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना की जांच के लिए एंटीजन किट पहुंचा दी गई। दैनिक भास्कर टीम लखनऊ के 4 बड़े सरकारी अस्पतालों में गई। उनमें कोरोना की जांच की स्थिति और तैयारियों को परखा। पढ़िए ये रिपोर्ट… पहले देखिए 2 तस्वीरें… जांच के लिए KGMU भेजा जा रहा लखनऊ के राजनारायण लोकबंधु संयुक्त अस्पताल में कोविड जांच की सुविधा नहीं है। कोरोना की जांच के लिए मरीजों को निराशा हाथ लग रही है। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव दीक्षित ने बताया कि फिलहाल कोरोना की जांच नहीं हो रही है। ऐसा कोई मरीज आता है तो उनको KGMU या SGPGI में जांच के लिए भेजा जाता है। बाहर से आने वाले मरीजों की जांच नहीं बलरामपुर अस्पताल में भी सामान्य मरीजों की कोरोना जांच नहीं हो रही है। अस्पताल प्रशासन की मानें तो केवल SARI और ILI मरीजों की जांच हो रही है। इसके अलावा अन्य मरीजों की जांच के लिए मनाही है। अस्पताल के निदेशक डॉ. दिनेश कुमार ने कहा कि सामान्य जुकाम-बुखार के मरीजों को आरटी-पीसीआर जांच की हिदायत नहीं दी जा रही है। जो मरीज पहले से गंभीर सांस के रोगी हैं या जिन्हें रेस्पिरेटरी परेशानी है, उनकी ही जांच कराई जा रही है। बाहर से आने वाले मरीजों के लिए भी जांच की सुविधा नहीं है। सिविल अस्पताल में भी जांच की सुविधा नहीं डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में भी कोरोना जांच की कोई सुविधा नहीं है। यहां एंटीजन जांच किट भी फिलहाल मौजूद नहीं है। ऐसे में कोरोना के मरीजों को जांच के लिए निजी पैथोलॉजी का ही सहारा लेना पड़ रहा है। अस्पताल के निदेशक डॉ. सुनील भारती ने बताया कि फिलहाल कोरोना की कोई जांच नहीं हो पा रही है। ऐसे मरीज भी नहीं आ रहे हैं। जरूरत पड़ने पर एंटीजन किट मंगवाकर इन मरीजों की जांच की जाएगी। डालीगंज में एक और कोरोना संक्रमित मिला त्रिवेणी नगर में सोमवार को कोरोना का नया मरीज मिला है। मरीज को बुखार, सांस लेने में तकलीफ, सीने में संक्रमण शिकायत थी। तीमारदारों ने निजी लैब से जांच कराई तो रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई है। मरीज होम आइसोलेशन में है। सीएमओ कार्यालय के अफसरों ने कोई भी नया मामला मिलने से इनकार किया है। अब तक कुल 5 मरीज मिल चुके हैं। 56 साल के पुरुष को 31 मई बुखार था। सांस लेने में दिक्कत, सीने में संक्रमण की शिकायत थी। उन्होंने निजी डॉक्टर से दवा ली, लेकिन फायदा नहीं हुआ। निजी लैब की जांच में मरीज को कोविड की पुष्टि हुई। डॉक्टरों के मुताबिक मरीज 2017 से हार्ट पेशेंट है। लारी से उनका इलाज चलता है। सात दिन में छह कोरोना मरीज मिले CHC पर भी एंटीजन किट से होगी जांच कोरोना के नए मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कोविड जांच तेज करने की कवायद शुरू कर दी है। सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की सीएचसी पर एंटीजन किट (कार्ड टेस्ट) से कोविड की जांच की जाएगी। फिलहाल अभी स्वास्थ्य विभाग ने KGMU से कार्ड टेस्ट किट ली है। जल्द ही नई कंपनी को ऑर्डर देकर एंटीजन कार्ड किट मंगवाई जाएगी। एमओ के अधीन 20 से अधिक सीएचसी और बीएमसी हैं। सभी सीएचसी पर अभी तक कोरोना की जांच की सुविधा नहीं थी। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि यदि कार्ड टेस्ट में कोई मरीज संदिग्ध मिलता है तो उसकी RT-PCR जांच करवाई जाएगी। एंटीजन किट जल्द उपलब्ध हो जाएगी। लखनऊ में कोरोना का 6वां केस मिला है। गोमती नगर निवासी 34 साल के युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। युवक को बीते एक सप्ताह से बुखार आ रहा था। परिजनों ने युवक को स्थानीय डॉक्टर को दिखाया। दवा से कोई लाभ नहीं पहुंचा तो डॉक्टर की सलाह पर कोविड जांच कराई। निजी लैब से आई रिपोर्ट में युवक में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके अलावा त्रिवेणी नगर सद्भावना विहार सीतापुर रोड निवासी मरीज (56) भी कोरोना संक्रमित मिला है। मरीज पिछले 8 साल से हार्ट पेशेंट है। मरीज की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। 31 मई से उन्हें लगातार बुखार की शिकायत थी। जुकाम के लक्षण भी थे। निजी पैथोलॉजी में जांच करने के बाद सोमवार देर रात उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। फिलहाल उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है। लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले में लगातार इजाफा हो रहा है। बावजूद इसके राजधानी के लगभग सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में कोरोना के RT-PCR जांच शुरू नहीं की जा रही है। अस्पतालों में अभी तक कोरोना से जांच को लेकर कोई ठोस तैयारी नहीं है। ऐसे में लोगों को मजबूरन निजी पैथोलॉजी का रुख करना पड़ रहा है। इन पैथोलॉजी में कोरोना की जांच के लिए मोटी रकम वसूली जा रही है। हालांकि, लखनऊ सीएमओ ने दावा किया कि सोमवार शाम तक सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना की जांच के लिए एंटीजन किट पहुंचा दी गई। दैनिक भास्कर टीम लखनऊ के 4 बड़े सरकारी अस्पतालों में गई। उनमें कोरोना की जांच की स्थिति और तैयारियों को परखा। पढ़िए ये रिपोर्ट… पहले देखिए 2 तस्वीरें… जांच के लिए KGMU भेजा जा रहा लखनऊ के राजनारायण लोकबंधु संयुक्त अस्पताल में कोविड जांच की सुविधा नहीं है। कोरोना की जांच के लिए मरीजों को निराशा हाथ लग रही है। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव दीक्षित ने बताया कि फिलहाल कोरोना की जांच नहीं हो रही है। ऐसा कोई मरीज आता है तो उनको KGMU या SGPGI में जांच के लिए भेजा जाता है। बाहर से आने वाले मरीजों की जांच नहीं बलरामपुर अस्पताल में भी सामान्य मरीजों की कोरोना जांच नहीं हो रही है। अस्पताल प्रशासन की मानें तो केवल SARI और ILI मरीजों की जांच हो रही है। इसके अलावा अन्य मरीजों की जांच के लिए मनाही है। अस्पताल के निदेशक डॉ. दिनेश कुमार ने कहा कि सामान्य जुकाम-बुखार के मरीजों को आरटी-पीसीआर जांच की हिदायत नहीं दी जा रही है। जो मरीज पहले से गंभीर सांस के रोगी हैं या जिन्हें रेस्पिरेटरी परेशानी है, उनकी ही जांच कराई जा रही है। बाहर से आने वाले मरीजों के लिए भी जांच की सुविधा नहीं है। सिविल अस्पताल में भी जांच की सुविधा नहीं डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में भी कोरोना जांच की कोई सुविधा नहीं है। यहां एंटीजन जांच किट भी फिलहाल मौजूद नहीं है। ऐसे में कोरोना के मरीजों को जांच के लिए निजी पैथोलॉजी का ही सहारा लेना पड़ रहा है। अस्पताल के निदेशक डॉ. सुनील भारती ने बताया कि फिलहाल कोरोना की कोई जांच नहीं हो पा रही है। ऐसे मरीज भी नहीं आ रहे हैं। जरूरत पड़ने पर एंटीजन किट मंगवाकर इन मरीजों की जांच की जाएगी। डालीगंज में एक और कोरोना संक्रमित मिला त्रिवेणी नगर में सोमवार को कोरोना का नया मरीज मिला है। मरीज को बुखार, सांस लेने में तकलीफ, सीने में संक्रमण शिकायत थी। तीमारदारों ने निजी लैब से जांच कराई तो रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई है। मरीज होम आइसोलेशन में है। सीएमओ कार्यालय के अफसरों ने कोई भी नया मामला मिलने से इनकार किया है। अब तक कुल 5 मरीज मिल चुके हैं। 56 साल के पुरुष को 31 मई बुखार था। सांस लेने में दिक्कत, सीने में संक्रमण की शिकायत थी। उन्होंने निजी डॉक्टर से दवा ली, लेकिन फायदा नहीं हुआ। निजी लैब की जांच में मरीज को कोविड की पुष्टि हुई। डॉक्टरों के मुताबिक मरीज 2017 से हार्ट पेशेंट है। लारी से उनका इलाज चलता है। सात दिन में छह कोरोना मरीज मिले CHC पर भी एंटीजन किट से होगी जांच कोरोना के नए मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कोविड जांच तेज करने की कवायद शुरू कर दी है। सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की सीएचसी पर एंटीजन किट (कार्ड टेस्ट) से कोविड की जांच की जाएगी। फिलहाल अभी स्वास्थ्य विभाग ने KGMU से कार्ड टेस्ट किट ली है। जल्द ही नई कंपनी को ऑर्डर देकर एंटीजन कार्ड किट मंगवाई जाएगी। एमओ के अधीन 20 से अधिक सीएचसी और बीएमसी हैं। सभी सीएचसी पर अभी तक कोरोना की जांच की सुविधा नहीं थी। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि यदि कार्ड टेस्ट में कोई मरीज संदिग्ध मिलता है तो उसकी RT-PCR जांच करवाई जाएगी। एंटीजन किट जल्द उपलब्ध हो जाएगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
लखनऊ में कोरोना का 6वां मरीज मिला:कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं, सरकारी अस्पतालों में नहीं हो रही कोविड जांच
