लखनऊ में हुसैनगंज थाना परिसर में लगा डेढ़ सौ साल पुराना पीपल का पेड़ गिर गया। पेड़ गिरने से 6 घंटे ट्रैफिक जाम रहा। नगर निगम के 12 कर्मचारी मौके पर पहुंचे हैं। वह पेड़ को काटने में और रास्ते से हटाने में जुटे हुए हैं। दुकानदार बबलू साहू ने बताया कि पेड़ दोपहर लगभग 3 बजे गिरा है। पेड़ के गिरने से थाने की बाउंड्री वॉल समेत 6 मकान इसकी चपेट में आ गए। हालांकि किसी प्रकार की कोई हानि नहीं हुई है। जो मकान चपेट में आए हैं वह ज्यादा क्षतिग्रस्त नहीं हुए हैं। किसी भी राहगीर को कोई चोट नहीं आई है। बबलू साहू ने बताया कि लंबे समय से इस पेड़ की छटाई नहीं हुई थी। इसके कारण पेड़ की शाखाएं काफी फैल गई थी। उनका वजन भी बढ़ गया था। 1984 में आखरी बार पेड़ की शाखाएं छांटी गई थी। अगर समय से वन विभाग या नगर निगम के द्वारा इसकी छटाई की जाती तो शायद पेड़ गिरने से बच जाता। नगर निगम के 12 कर्मचारी पेड़ हटाने में जुटे क्षेत्रीय पार्षद आशीष हितैषी ने बताया कि पेड़ गिरने की जब सूचना मिली तत्काल नगर निगम और वन विभाग को इसकी सूचना दी गई। मौके पर नगर निगम के 12 कर्मचारी पहुंचे। पेड़ को काटने और रास्ते से हटाने में लगातार जुटे हुए हैं। वन विभाग का कोई भी कर्मचारी नहीं आया है। पेड़ गिरने से कई बिजली के तार इसकी चपेट में आ गए थे। इसलिए संबंधित क्षेत्र की लाइट कटवा दी गई है। पेड़ को रास्ते से हटवाकर आवागमन सुचारू करने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। लखनऊ में हुसैनगंज थाना परिसर में लगा डेढ़ सौ साल पुराना पीपल का पेड़ गिर गया। पेड़ गिरने से 6 घंटे ट्रैफिक जाम रहा। नगर निगम के 12 कर्मचारी मौके पर पहुंचे हैं। वह पेड़ को काटने में और रास्ते से हटाने में जुटे हुए हैं। दुकानदार बबलू साहू ने बताया कि पेड़ दोपहर लगभग 3 बजे गिरा है। पेड़ के गिरने से थाने की बाउंड्री वॉल समेत 6 मकान इसकी चपेट में आ गए। हालांकि किसी प्रकार की कोई हानि नहीं हुई है। जो मकान चपेट में आए हैं वह ज्यादा क्षतिग्रस्त नहीं हुए हैं। किसी भी राहगीर को कोई चोट नहीं आई है। बबलू साहू ने बताया कि लंबे समय से इस पेड़ की छटाई नहीं हुई थी। इसके कारण पेड़ की शाखाएं काफी फैल गई थी। उनका वजन भी बढ़ गया था। 1984 में आखरी बार पेड़ की शाखाएं छांटी गई थी। अगर समय से वन विभाग या नगर निगम के द्वारा इसकी छटाई की जाती तो शायद पेड़ गिरने से बच जाता। नगर निगम के 12 कर्मचारी पेड़ हटाने में जुटे क्षेत्रीय पार्षद आशीष हितैषी ने बताया कि पेड़ गिरने की जब सूचना मिली तत्काल नगर निगम और वन विभाग को इसकी सूचना दी गई। मौके पर नगर निगम के 12 कर्मचारी पहुंचे। पेड़ को काटने और रास्ते से हटाने में लगातार जुटे हुए हैं। वन विभाग का कोई भी कर्मचारी नहीं आया है। पेड़ गिरने से कई बिजली के तार इसकी चपेट में आ गए थे। इसलिए संबंधित क्षेत्र की लाइट कटवा दी गई है। पेड़ को रास्ते से हटवाकर आवागमन सुचारू करने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हिमाचल: 100 घंटे बाद भी 46 लोगों का सुराग नहीं:कोल-डेम में मिला एक महिला का शव, श्रीखंड के रास्ते में भी 2 व्यक्ति लापता हिमाचल प्रदेश में 100 घंटे बाद भी लापता 46 लोगों का सुराग नहीं लग पाया है। शिमला जिला के रामपुर के समेज में सबसे ज्यादा 36 लोग बुधवार आधी रात से लापता है। कुल्लू के बागीपुल में 5, श्रीखंड के रास्ते सिंघगाड़ में 2 और मंडी की चौहारघाटी में भी 2 लोग लापता है। श्रीखंड में 2 लोगों के लापता होने की रविवार को ही पुष्टि हुई है, जोकि श्रीखंड यात्रा के पहले पड़ाव सिंघगाड में ठहरे हुए थे। बादल फटने के बाद यहां पर 2 लोग बाढ़ की चपेट में आ गए। सेना और एनडीआरएफ का रेस्क्यू दल गुमशुदा लोगों की तलाश लाइव डिटेक्टर डिवाइस और खोजी कुत्तों के साथ सर्च कर रहा है। खोजी कुत्ते जहां लोगों के दबे होने का संकेत दे रहे है, वहां पर जेसीबी और एलएनटी मशीनों से खुदाई की जा रही है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सीआईएफ, पुलिस और होमगार्ड के जवान लोगों की तलाश में जुटे हैं। मगर चार दिन से सर्च ऑपरेशन में खासकर समेज में कोई सफलता नहीं मिल पाई। स्थानीय लोग महिला मंडल, युवक मंडल के सदस्य भी रेस्क्यू में मदद कर रहे हैं। बागी पुल में 5 लोग अभी भी लापता कुल्लू के बागी पुल में भी एक ही परिवार के 5 सदस्य सहित 7 लोग लापता हो गए थे। इनमें एक महिला व एक पुरुष का शव मिल चुका हैं, जबकि 5 अभी भी लापता हैं। इनमें 2 नेपाली मूल के व्यक्ति भी शामिल है। अच्छी बात यह है कि पिछले तीन दिन से ज्यादातर इलाकों में बारिश नहीं हुई। जिस कारण खतरनाक हो चुके नदी-नालों का जलस्तर कम हो रहा है। समेज में 301 जवान रेस्क्यू में जुटे रामपुर के समेज में एनडीआरएफ, पुलिस, सेना, एसडीआरएफ, होमगार्ड, सीआईएफ के 301 जवान रेस्क्यू कार्य में जुटे हुए है। कुल्लू के बागीपुल में 38 जवान और मंडी के राजबन में भी 70 जवान रेस्क्यू में लगे हुए हैं।
यूपी में श्मशान घाट में बंट रहा था सरकारी राशन, मामला बढ़ता देख सुपरवाइजर ने बताई पूरी कहानी
यूपी में श्मशान घाट में बंट रहा था सरकारी राशन, मामला बढ़ता देख सुपरवाइजर ने बताई पूरी कहानी <p style=”text-align: justify;”><strong>Basti News:</strong> उत्तर प्रदेश के अफसरों के कारनामे ऐसे हैं कि सुन लीजिए तो यकीनन आप अपने दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाएंगे. बस्ती जिले में श्मशान घाट का प्रयोग करने के तरीके ने सारी हदों को पार कर दिया है. क्या आप कभी सुने हैं कि जहां मुर्दे जलाए जाते है, वहां राशन बांटा जाए. श्मशान घाट के अंदर अफसरों ने अपना मजमा लगाया और गांव के लोगों को बुलाकर उन्हें सरकार से मिलने वाला राशन बांटा. इस पूरी घटना का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा तो जिले में बैठे अधिकारियों के हाथ पांव फूलने लगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल यह पूरा मामला गौर ब्लॉक के कोठवा गांव के श्मशान घाट का है, जहां पर बैठकर सुपरवाइजर गीता सिंह आंगनबाड़ी का राशन ग्रामीणों को बुलाकर बांट रही थीं. इस दौरान जब संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा उनके गांव में आंगनबाड़ी कक्ष नहीं है, कोटेदार ने उन्हें राशन दिया और कहा आप श्मशान घाट में बैठकर पात्र ग्रामीणों को दे दीजिए. एक जागरूक ग्रामीण ने जब इस मामले का वीडियो बनाया तो सुपरवाइजर गीता सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि उनके पास कोई जगह नहीं है जहां आंगनबाड़ी का राशन बांटा जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है नियम </strong><br />आंगनवाड़ी में रजिस्ट्रेशन वाले बच्चों के परिवार को सरकार से कई प्रकार का राशन मिलता है. गांव में आंगनबाड़ी केंद्र या प्राथमिक स्कूल में सरकार ने आंगनबाड़ी कक्ष बनाए जाने की व्यवस्था की है. मगर गौर ब्लॉक के कोठवा गांव में आज तक कहीं भी आंगनबाड़ी कक्ष नही बन सका. जिस वजह से हालत ही है कि श्मशान घाट के अंदर बैठकर ग्रामीण राशन लेने को मजबूर हो रहे है. इस योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्र में रजिस्टर्ड बच्चों के परिजनों को चावल गेहूं दाल दलिया सहित रिफाइंड दिए जाने का नियम है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोली गौर ब्लॉक की सीडीपीओ</strong><br />गौर ब्लॉक की सीडीपीओ गीता सिंह से जब श्मशान घाट के अंदर राशन बांटने की बात पूछी तो उन्होंने कहा उनका प्राइमरी स्कूल के टीचर से बवाल हो गया था. इसलिए वो राशन लेकर श्मशान घाट में पहुंच गई, मगर उन्हें इस बात की तनिक जानकारी नहीं थी कि वो जहां राशन बांट रही है वो श्मशान घाट है. उन्हें भी ऐसी जगहों में जाने से डर लगता है, जैसे ही जगह के बारे में उन्हें जानकारी हुई तो वो तुरंत प्राइमरी स्कूल पर जाकर राशन का वितरण किया. इस मामले पर सीडीओ सीएस जयदेव से बात करने का काफी प्रयास किया मगर उनसे बात नहीं हो पाई.</p>
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31 अक्टूबर या 1 नवंबर, कब है असली दिवाली? गोवर्धन पूजा और भाई दूज की भी जानें सही तारीख
31 अक्टूबर या 1 नवंबर, कब है असली दिवाली? गोवर्धन पूजा और भाई दूज की भी जानें सही तारीख <p style=”text-align: justify;”><strong>Diwali 2024 Right Date:</strong> प्रकाश पर्व दीपावली नजदीक है, पूरे उत्साह और उमंग के साथ देश भर में इसकी तैयारियां जारी हैं. इस बार दीपावली से जुड़े पांच पर्व की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति भी रही है. देशभर के विद्वान और ज्योतिषाचार्य ने दीपावली पर्व के निर्धारित तिथि को लेकर अपने विचार भी व्यक्त किए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में दीपावली पर्व 29 अक्टूबर धनतेरस से प्रारंभ होकर 3 नवंबर भैया दूज तक मनाया जाएगा. इसको लेकर एबीपी न्यूज़ ने काशी के धर्माचार्यों से बातचीत की. दीपावली को लेकर एबीपी न्यूज़ ने काशी के धर्माचार्य पंडित संजय उपाध्याय से बातचीत की तो इस दौरान उन्होंने बताया कि प्रकाश पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है और 29 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि इस दिन सोने-चांदी आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, बर्तन झाडू की खरीदारी की जाती है, जिससे माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा होती है. धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी गणेश और कुबेर जी के पूजा करने की मान्यता है. इसके ठीक बाद कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है, जिसे हम सभी छोटी दीपावली भी कहते हैं. इसी दिन हनुमान जयंती भी धूमधाम से मनाई जाती है और इस बार छोटी दीपावली 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>31 अक्टूबर को मनाई जाएगी दीपावली </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>काशी के धर्माचार्य ने बताया कि प्रदेश में 31 अक्टूबर गुरुवार के दिन दीपावली मनाए जाने की तिथि है. दीपावली कार्तिक माह के अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. प्रदोष काल के बाद की तिथि 31 अक्टूबर को शाम लगभग 4:00 बजे से लेकर 6:15 तक है. इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है. घरों और अपने नगर को दीपक-लाइट से भव्य रूप से सजाया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पंडित संजय चतुर्वेदी ने बताया कि इस बार 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा मनाया जाएगा. गोवर्धन पूजा में भगवान श्री कृष्ण के लीलाओं से जुड़े पूजन को पूर्ण किया जाता है. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>3 नवंबर को मनाया जाएगा भाई दूज </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>5 दिन के दीपावली पर्व में अंतिम दिन भाई दूज मनाने की परंपरा है. इस बार उत्तर प्रदेश में 3 नवंबर को भाई दूज मनाई जाएगी. इस दिन बहनों द्वारा अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए उन्हें अपने घर पर भोजन कराने की परंपरा है. इस दिन मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को परास्त करने के बाद अपनी बहन सुभद्रा से मिलने के लिए पहुंचे थे और तभी से दीपावली पर्व के अंतिम दिन को भाई दूज के रूप में मनाने की परंपरा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/khair-bypoll-election-2024-samajwadi-party-not-win-this-seat-bjp-asp-bsp-candidates-target-caste-politics-ann-2811608″>यूपी की इस सीट पर आज तक नहीं दौड़ी अखिलेश की साइकिल, जानें उपचुनाव में क्या है समीकरण</a></strong></p>