आम के शौकीनों के लिए राजधानी लखनऊ किसी रोमांचक डेस्टिनेशन से कम नहीं। इस खूबी को और निखारने की कोशिश में है नवाबों का शहर। दशहरी आम का सबसे बड़ा उत्पादक, एक और मायने में खास बनने जा रहा है। आम्रपाली, अम्बिका, दशहरी और चौसा जैसी 108 किरणों को बड़े ही आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए मिशन अमृत 2.0 तैयार है। लखनऊ के कल्ली पश्चिम में बन रहा मैंगो पार्क राजधानी लखनऊ के कल्ली पश्चिम में करीब 15 एकड़ में मैंगो पार्क विकसित किया जा रहा है । लखनऊ नगर निगम रायबरेली रोड पर किसान पथ के नजदीक लगभग 18 करोड़ की लागत से इस पार्क को निर्माण में जुट गया है। यहां आम की 100 प्रजातियों को 2000 पौधों का रोपण किया जाएगा। इसके साथ ही पार्क में 400 स्क्वेयर मीटर के क्षेत्र में अनूठा मैगी म्यूजियम बनाए जाने की भी योजना है। आम देखने और खाने के साथ-साथ आम के बारे में जानने के लिए भी उपयुक्त होगी। यहां एक साथ पूरे देश में पैदा होने वाली आम की 775 प्रजातियों के बारे में डिजिटल माध्यम से विवरण प्रस्तुत किया जाएगा। म्यूजियन के अलावा मैंगो हाट का भी निर्माण किया जाएगा। जहां आम के उत्पाद का प्रदर्शन कर फल की बिक्री को बढ़ावा देने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए उद्यान विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार एवं केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमान खेड़ा की भी मदद ली जाएगी। आवश्यकतानुसार यहां पर मैगी क्योस्क भी लगाए जाएंगे, जहां से लोग बम और आम से बने उत्पादों का लुत्फ चढ़ा सकेंगे।इतना ही नहीं जाम पार्क होते हुए भी यह अपने ही अंदाज में बेहद खास होने वाला है। आम की प्रजातियों पर रखा जाएगा रास्ते का नाम इस विशाल पार्क के अंदर के रास्तों का नाम भी आम की प्रजातियों पर रखा जाएगा, यहां तक कि पार्क को रौशन करने वाली लाइट्स भी आम के आकार की ही होंगी। प्रवेश द्वार पर पत्थर से बना भव्य आम आगन्तुकों का स्वागत करेगा। पार्क में चार मैंगो म्यूरल एवं एक ट्री मयूरल बनाने की भी योजना है। 1930 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र में तालाब बनाया जाएगा जिसमें वॉटर लिली और कमल जैसे पौधे लगाकर मैंगो पार्क की कोमा में चार चांद लगाए जाएंगे। आम के साथ-साथ 18,828 विभिन्न पौधों का रोपण कर इसे बायोडाइवर्सिटी पार्क का भी रूप दिया जाएगा। वार्क की बाउन्ड्री वॉल के चारों तरफ बरगद अमलतास गुलमोहर और पीपल जैसे छायादार पौधे भी लगाए जाएंगे। पार्क में मियालाकी पद्धति के तहत आम, अमरूद, अविला, जामुन मौलश्री, शीशम, अशोक, गुड़हल किन्नों, पीपल गूलर, काज बहेड़ा, नींबू और करौदा आदि 20 प्रजातियों के 1200 पौधे भी लगवाए जाएंगे। बच्चों को इस आकर्षक पार्क में बुलाने के भी पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं। यहां बच्चों के खेलने के लिए 17 झूले लगाए जाने की योजना है। बैठने के लिए बैच की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। मैगी पार्क बनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को आम के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ इसके आयुर्वेदिक महत्व को भी समझाना है। 15 अगस्त, 2024 को माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा पार्क में भय पौधारोपण कराए जाने की योजना है। आम के शौकीनों के लिए राजधानी लखनऊ किसी रोमांचक डेस्टिनेशन से कम नहीं। इस खूबी को और निखारने की कोशिश में है नवाबों का शहर। दशहरी आम का सबसे बड़ा उत्पादक, एक और मायने में खास बनने जा रहा है। आम्रपाली, अम्बिका, दशहरी और चौसा जैसी 108 किरणों को बड़े ही आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए मिशन अमृत 2.0 तैयार है। लखनऊ के कल्ली पश्चिम में बन रहा मैंगो पार्क राजधानी लखनऊ के कल्ली पश्चिम में करीब 15 एकड़ में मैंगो पार्क विकसित किया जा रहा है । लखनऊ नगर निगम रायबरेली रोड पर किसान पथ के नजदीक लगभग 18 करोड़ की लागत से इस पार्क को निर्माण में जुट गया है। यहां आम की 100 प्रजातियों को 2000 पौधों का रोपण किया जाएगा। इसके साथ ही पार्क में 400 स्क्वेयर मीटर के क्षेत्र में अनूठा मैगी म्यूजियम बनाए जाने की भी योजना है। आम देखने और खाने के साथ-साथ आम के बारे में जानने के लिए भी उपयुक्त होगी। यहां एक साथ पूरे देश में पैदा होने वाली आम की 775 प्रजातियों के बारे में डिजिटल माध्यम से विवरण प्रस्तुत किया जाएगा। म्यूजियन के अलावा मैंगो हाट का भी निर्माण किया जाएगा। जहां आम के उत्पाद का प्रदर्शन कर फल की बिक्री को बढ़ावा देने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए उद्यान विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार एवं केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमान खेड़ा की भी मदद ली जाएगी। आवश्यकतानुसार यहां पर मैगी क्योस्क भी लगाए जाएंगे, जहां से लोग बम और आम से बने उत्पादों का लुत्फ चढ़ा सकेंगे।इतना ही नहीं जाम पार्क होते हुए भी यह अपने ही अंदाज में बेहद खास होने वाला है। आम की प्रजातियों पर रखा जाएगा रास्ते का नाम इस विशाल पार्क के अंदर के रास्तों का नाम भी आम की प्रजातियों पर रखा जाएगा, यहां तक कि पार्क को रौशन करने वाली लाइट्स भी आम के आकार की ही होंगी। प्रवेश द्वार पर पत्थर से बना भव्य आम आगन्तुकों का स्वागत करेगा। पार्क में चार मैंगो म्यूरल एवं एक ट्री मयूरल बनाने की भी योजना है। 1930 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र में तालाब बनाया जाएगा जिसमें वॉटर लिली और कमल जैसे पौधे लगाकर मैंगो पार्क की कोमा में चार चांद लगाए जाएंगे। आम के साथ-साथ 18,828 विभिन्न पौधों का रोपण कर इसे बायोडाइवर्सिटी पार्क का भी रूप दिया जाएगा। वार्क की बाउन्ड्री वॉल के चारों तरफ बरगद अमलतास गुलमोहर और पीपल जैसे छायादार पौधे भी लगाए जाएंगे। पार्क में मियालाकी पद्धति के तहत आम, अमरूद, अविला, जामुन मौलश्री, शीशम, अशोक, गुड़हल किन्नों, पीपल गूलर, काज बहेड़ा, नींबू और करौदा आदि 20 प्रजातियों के 1200 पौधे भी लगवाए जाएंगे। बच्चों को इस आकर्षक पार्क में बुलाने के भी पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं। यहां बच्चों के खेलने के लिए 17 झूले लगाए जाने की योजना है। बैठने के लिए बैच की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। मैगी पार्क बनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को आम के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ इसके आयुर्वेदिक महत्व को भी समझाना है। 15 अगस्त, 2024 को माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा पार्क में भय पौधारोपण कराए जाने की योजना है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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<p style=”text-align: justify;”>धरनीधर के अलावा शैलेंद्र मंडल ने भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली. उन्हें असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने सदस्यता दिलाई. धरनीधर सिंदरी विधानसभा सीट से तीन बार के विधायक रहे फूलचंद मंडल के बेटे हैं. फूलचंद महतो ने 2000 और 2009, 2014 में विधानसभा का चुनाव जीता था.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | Ranchi: JMM leaders Dharni Dhar Mandal and Sailendra Mandal join BJP in the presence of Assam CM and Jharkhand BJP co-in-charge Himanta Biswa Sarma. <a href=”https://t.co/ganJ9wPvIW”>pic.twitter.com/ganJ9wPvIW</a></p>
— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1854895031716618677?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 8, 2024</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिंदरी में हावी रहा परिवारवाद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>झारखंड में जेएमएम इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है. सिंदरी की सीट सीपीआई-माले को दी गई है. हालांकि टिकट बंटवारे में परिवारवाद ही हावी रहा. माले ने चार बार के विधायक आनंद महतो के बेटे चंद्रदेव महतो को टिकट दिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पिता ने 2014 में की थी बीजेपी में वापसी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि धरनीधर से पहले उनके पिता फूलचंद मंडल भी 2014 में बीजेपी में आ गए थे. उन्हें टिकट मिला और वह विधायक बने लेकिन 2019 उन्होंने बेटे धरनीधर के लिए टिकट मांगा, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला था जिसके बाद फूलचंद नाराज हो गए. उन्होंने जेएमएम में वापसी कर ली. 2019 में जेएमएम से फूलचंद मंडल ने चुनाव लड़ा था लेकिन बीजेपी के इंद्रजीत महतो ने उन्हें हरा दिया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि इसके पहले हेमंत सोरेन के प्रस्तावक मंडल मुर्मू ने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. जिसके बाद उन्हें सोशल मीडिया पर धमकी दी गई थी. इस संबंध में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”‘बेईमान सरकार के खिलाफ खड़ी हैं झारखंड की बेटियां’, JMM पर शिवराज सिंह चौहान का हमला” href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/jharkhand-election-2024-shivraj-singh-chouhan-cornered-jmm-on-illegal-bangladeshi-migrants-issue-2819109″ target=”_self”>’बेईमान सरकार के खिलाफ खड़ी हैं झारखंड की बेटियां’, JMM पर शिवराज सिंह चौहान का हमला</a></strong></p>
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गुरदासपुर के युवक ने नशे पर बर्बाद किए 60 लाख:घर, सोना और सबकुछ बेचा, अब बहन की खातिर पहुंचा नशा मुक्ति केंद्र एक तरफ पंजाब सरकार नशे की सप्लाई चेन तोड़ने के बड़े-बड़े दावे करती है, वहीं दूसरी तरफ नशा किस तरह युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर रहा है, इसकी उदहारण नशा मुक्ति केंद्र गुरदासपुर में दाखिल एक युवक से मिलती है। युवक ने 7 साल में 60 लाख का नशा पी लिया। नशे की लत को पूरा करने के लिए उसने घर, सोना आदि भी बेच दिया। युवक के पिता सुनार थे, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। युवक खुद भी सुनार का काम करता है। युवक के पिता और मां की मौत हो चुकी है। अब युवक अपनी बहन की खातिर नशा छोड़ने के लिए गुरदासपुर के नशा मुक्ति केंद्र में पहुंचा है। युवक ने बताया कि उसने 2016 में नशा करना शुरू किया था। पहले तो उसने शौकिया तौर पर नशा करना शुरू किया। उसे क्या पता था कि यह लत उनके लिए काल बन जाएगी। वह कब नशे की चपेट में आ गया, उसे खुद भी पता ही नहीं चला। पहले तो उसके दोस्त उसे नशा करवाते थे, लेकिन बाद में वे पैसे मांगने लगे। जिससे वह खुद के पैसे खर्च कर नशा करने लगा। माता पिता की हो चुकी मौत युवक ने बताया कि उसके पिता सुनार का काम करते थे। उसके माता-पिता की मौत हो चुकी है। अब एक बहन ही उनके साथ है। युवक ने बताया कि वह 2016 से अब तक 60 से 65 लाख नशा कर चुका है। नशा करने के लिए उसने अपना घर, सोना और सब कुछ बेच दिया। अब युवक अपनी बहन की खातिर नशा छोड़ने के लिए गुरदासपुर के नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल हो गया है और अब नशा छोड़कर बेहतर जिंदगी जीना चाहता है। नौजवान ने युवाओं से अपील की है कि नशा कभी खत्म नहीं हो सकता, नशा तभी खत्म होगा जब हम नशा करना बंद कर देंगे। नशा मुक्ति केंद्र के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रोमेश महाजन ने कहा कि पंजाब में जो नशा बिक रहा है, उसमें केमिकल होने से युवाओं की मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि नशे पर रोक लगाने के लिए प्रशासन की ओर से कई पहल की जा रही हैं, जो सराहनीय हैं, लेकिन युवाओं को अपनी इच्छा शक्ति से नशा छोड़ने का प्रयास करना चाहिए।