लखनऊ में बाघ को पकड़ने के लिए खोदा गया गड्ढा:पैरों के नए निशान मिले; 12 से अधिक गांवों में स्कूल और कोचिंग बंद

लखनऊ में बाघ को पकड़ने के लिए खोदा गया गड्ढा:पैरों के नए निशान मिले; 12 से अधिक गांवों में स्कूल और कोचिंग बंद

लखनऊ में बाघ की दहशत बनी हुई है। बाघ रहमानखेड़ा में बने मचान के पास कई बार पहुंचा और शिकार किया, लेकिन वन विभाग की सारी प्लानिंग फेल साबित हुई है। अब वन विभाग बाघ को पकड़ने के लिए गड्ढे खोद रहा है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह ने बताया, जोन-1 में पिट फॉल तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें जेसीबी से गड्ढा खोदकर बाघ को उसमें गिराने की प्लानिंग है। इस क्षेत्र में लाइव सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। वहीं बाघ के डर से करीब 12 गांवों में स्कूल और कोचिंग बंद कर दिए गए हैं। बाघ को गड्ढे में गिराने के ऑपरेशन की कमान बाराबंकी के डीएफओ आकाश बधावन संभालेंगे। कर्तनिया से आए डॉक्टर दीपक भी टीम में शामिल हो गए हैं। जोन-3 में मिला पैरों का निशान गुरुवार सुबह ट्रैकिंग टीम को जोन-3 में बाघ के ताजा पदचिह्न भी मिले हैं। बाघ के पैरों के निशान राज्य कृषि प्रबंध संस्थान के जंगल और उलरापुर गांव क्षेत्र की ओर जाते हुए देखा गया है। इससे पहले बाघ का मूवमेंट हलुवापुर गांव के आम के बाग में मिले थे। ये पदचिह्न बेहता नाला की दिशा में जाते हुए देखे गए। स्कूल-कोचिंग बंद करने के आदेश सुरक्षा को देखते हुए जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने बाघ प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल बंद करने का आदेश दिया है। डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय ने बताया कि उलरापुर, मीठे नगर, फतेह नगर, किठाई पारा, दुगौली, रहमत नगर समेत 12 से अधिक गांवों में सभी निजी, सरकारी स्कूल और कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। इस दौरान ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। आदेश में कहा गया है कि जब तक बाघ को पकड़ नहीं लिया जाता स्कूल औऱ कोचिंग बंद ही रहेंगे। वन विभाग के अनुसार, बाघ का मूवमेंट मीठे नगर की तरफ भी देखा गया है, जहां उसने पहले पड़वा का शिकार किया था। वहीं बुधवार को नए पदचिन्ह मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने जाल लगाकर घेराबंदी की, लेकिन बाघ नहीं मिला। डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय के मुताबिक, मीठे नगर गांव में शिकार वाले स्थान के आस-पास तीन नए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और तीन दिशाओं में जाल लगाकर निगरानी की जा रही है। बेहतर निगरानी के लिए सभी सीसीटीवी कैमरों को जियो इंटरनेट से जोड़ा गया है। डीएफओ ने बताया कि केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) परिसर में बने मचान से डॉक्टर्स 24 घंटे बाघ की निगरानी कर रहे हैं। जोन-2 में मचान के पास और कई स्थानों पर जाल लगाकर बाघ को ट्रेंक्यूलाइज करने का प्रयास किया जा रहा है। थर्मल ड्रोन, लाइव सीसीटीवी कैमरा और कैमरा ट्रैप के माध्यम से बाघ की लोकेशन का पता लगाया जा रहा है। बुधवार को बाघ ने फिर से पडवे का शिकार कर वन विभाग की मुस्तैदी की पोल खोल दी। बाघ को घेरने के लिए वन विभाग ने मीठे नगर की तरफ जंगल में बने मचान के नीचे पड़वा बांधा था । जिसका बाघ ने शिकार कर लिया। मचान के नीचे बंधे इस पडवे का शिकार करने के बाद बाघ का यह 14 वा शिकार है। शिकार करने के बाद बाघ ने थोड़ा खा कर भाग गया। लखनऊ में बाघ की दहशत बनी हुई है। बाघ रहमानखेड़ा में बने मचान के पास कई बार पहुंचा और शिकार किया, लेकिन वन विभाग की सारी प्लानिंग फेल साबित हुई है। अब वन विभाग बाघ को पकड़ने के लिए गड्ढे खोद रहा है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह ने बताया, जोन-1 में पिट फॉल तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें जेसीबी से गड्ढा खोदकर बाघ को उसमें गिराने की प्लानिंग है। इस क्षेत्र में लाइव सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। वहीं बाघ के डर से करीब 12 गांवों में स्कूल और कोचिंग बंद कर दिए गए हैं। बाघ को गड्ढे में गिराने के ऑपरेशन की कमान बाराबंकी के डीएफओ आकाश बधावन संभालेंगे। कर्तनिया से आए डॉक्टर दीपक भी टीम में शामिल हो गए हैं। जोन-3 में मिला पैरों का निशान गुरुवार सुबह ट्रैकिंग टीम को जोन-3 में बाघ के ताजा पदचिह्न भी मिले हैं। बाघ के पैरों के निशान राज्य कृषि प्रबंध संस्थान के जंगल और उलरापुर गांव क्षेत्र की ओर जाते हुए देखा गया है। इससे पहले बाघ का मूवमेंट हलुवापुर गांव के आम के बाग में मिले थे। ये पदचिह्न बेहता नाला की दिशा में जाते हुए देखे गए। स्कूल-कोचिंग बंद करने के आदेश सुरक्षा को देखते हुए जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने बाघ प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल बंद करने का आदेश दिया है। डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय ने बताया कि उलरापुर, मीठे नगर, फतेह नगर, किठाई पारा, दुगौली, रहमत नगर समेत 12 से अधिक गांवों में सभी निजी, सरकारी स्कूल और कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। इस दौरान ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। आदेश में कहा गया है कि जब तक बाघ को पकड़ नहीं लिया जाता स्कूल औऱ कोचिंग बंद ही रहेंगे। वन विभाग के अनुसार, बाघ का मूवमेंट मीठे नगर की तरफ भी देखा गया है, जहां उसने पहले पड़वा का शिकार किया था। वहीं बुधवार को नए पदचिन्ह मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने जाल लगाकर घेराबंदी की, लेकिन बाघ नहीं मिला। डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय के मुताबिक, मीठे नगर गांव में शिकार वाले स्थान के आस-पास तीन नए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और तीन दिशाओं में जाल लगाकर निगरानी की जा रही है। बेहतर निगरानी के लिए सभी सीसीटीवी कैमरों को जियो इंटरनेट से जोड़ा गया है। डीएफओ ने बताया कि केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) परिसर में बने मचान से डॉक्टर्स 24 घंटे बाघ की निगरानी कर रहे हैं। जोन-2 में मचान के पास और कई स्थानों पर जाल लगाकर बाघ को ट्रेंक्यूलाइज करने का प्रयास किया जा रहा है। थर्मल ड्रोन, लाइव सीसीटीवी कैमरा और कैमरा ट्रैप के माध्यम से बाघ की लोकेशन का पता लगाया जा रहा है। बुधवार को बाघ ने फिर से पडवे का शिकार कर वन विभाग की मुस्तैदी की पोल खोल दी। बाघ को घेरने के लिए वन विभाग ने मीठे नगर की तरफ जंगल में बने मचान के नीचे पड़वा बांधा था । जिसका बाघ ने शिकार कर लिया। मचान के नीचे बंधे इस पडवे का शिकार करने के बाद बाघ का यह 14 वा शिकार है। शिकार करने के बाद बाघ ने थोड़ा खा कर भाग गया।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर