लखनऊ में एक युवती के साथ पांच युवकों ने रात में छेड़खानी की। लड़की विरोध की तो सभी उसके साथ मारपीट करने लगे। पहले बाल पकड़कर सड़क पर घसीटा। उसको चप्पलों से पीटा। दो-तीन थप्पड़ भी जड़े। युवती का दोस्त बचाने आया तो उसकी भी हॉकी से पिटाई की गई। घटना गाजीपुर थाना क्षेत्र की है। युवती शहर की प्राइवेट कंपनी में जॉब करती है। घटना के दौरान उसने महिला हेल्पलाइन 1090 पर फोन की। जैसे ही उनको पता चला की पुलिस बुला रही है वैसे ही आरोपियों ने मोबाइल छीनकर तोड़ दिया। बगल में किराए से रहते हैं आरोपी युवती का कहना है कि वह गाजीपुर इलाके में किराए के घर में रहती है। मारपीट करने वाले युवक भी इसी मकान में किराए से रहते हैं। घटना 14 अगस्त की रात 11.30 बजे की है। ऑफिस से घर छोड़ने उसका दोस्त आया था। गला दबाकर हत्या की कोशिश गाड़ी से उतरकर रूम जा रही थी तभी एक युवक रोका। वह अश्लील हरकत करने लगा। किसी तरह उससे बचकर कमरे की तरफ भागी। दोस्त को फोन कर घटना की जानकारी दी। दोस्त जब युवकों का विरोध किया तो आरोपी और उसके चार दोस्तों ने पहले हॉकी से पिटाई की फिर गला दबाकर हत्या की कोशिश की। पुलिस पहुंचने से पहले आरोपी हुए फरार मनचलों की शिकायत करने के लिए जब 1090 पर कॉल की तो एक आरोपी मोबाइल छीनकर तोड़ दिया। पुलिस के पहुंचने से पहले सभी आरोपी मौके से फरार हो गए। मामले में एसएचओ गाजीपुर विकास राय का कहना है कि पीड़िता की तहरीर मिली है। पांच आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है। जल्द सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। लखनऊ में एक युवती के साथ पांच युवकों ने रात में छेड़खानी की। लड़की विरोध की तो सभी उसके साथ मारपीट करने लगे। पहले बाल पकड़कर सड़क पर घसीटा। उसको चप्पलों से पीटा। दो-तीन थप्पड़ भी जड़े। युवती का दोस्त बचाने आया तो उसकी भी हॉकी से पिटाई की गई। घटना गाजीपुर थाना क्षेत्र की है। युवती शहर की प्राइवेट कंपनी में जॉब करती है। घटना के दौरान उसने महिला हेल्पलाइन 1090 पर फोन की। जैसे ही उनको पता चला की पुलिस बुला रही है वैसे ही आरोपियों ने मोबाइल छीनकर तोड़ दिया। बगल में किराए से रहते हैं आरोपी युवती का कहना है कि वह गाजीपुर इलाके में किराए के घर में रहती है। मारपीट करने वाले युवक भी इसी मकान में किराए से रहते हैं। घटना 14 अगस्त की रात 11.30 बजे की है। ऑफिस से घर छोड़ने उसका दोस्त आया था। गला दबाकर हत्या की कोशिश गाड़ी से उतरकर रूम जा रही थी तभी एक युवक रोका। वह अश्लील हरकत करने लगा। किसी तरह उससे बचकर कमरे की तरफ भागी। दोस्त को फोन कर घटना की जानकारी दी। दोस्त जब युवकों का विरोध किया तो आरोपी और उसके चार दोस्तों ने पहले हॉकी से पिटाई की फिर गला दबाकर हत्या की कोशिश की। पुलिस पहुंचने से पहले आरोपी हुए फरार मनचलों की शिकायत करने के लिए जब 1090 पर कॉल की तो एक आरोपी मोबाइल छीनकर तोड़ दिया। पुलिस के पहुंचने से पहले सभी आरोपी मौके से फरार हो गए। मामले में एसएचओ गाजीपुर विकास राय का कहना है कि पीड़िता की तहरीर मिली है। पांच आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है। जल्द सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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New Criminal Law: नए कानून के लिए जागरूकता अभियान शुरू, ADG बोले- ‘महिलाओं को तत्काल न्याय दिलाने में बनेगा सहारा’
New Criminal Law: नए कानून के लिए जागरूकता अभियान शुरू, ADG बोले- ‘महिलाओं को तत्काल न्याय दिलाने में बनेगा सहारा’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News:</strong> एक जुलाई से देश भर में नया कानून लागू हो गया है. नए कानून के लागू होते ही अब लगातार जागरूकता अभियान शुरू हो चुके हैं. इसको लेकर आगरा जोन एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ अलीगढ़ पहुंचे. अलीगढ़ पहुंचने के बाद थाना स्तर व कॉलेज में जाकर लोगों को नए कानून की जानकारी दी. इसी अभियान के अंतर्गत कोतवाली इगलास में अनुपम कुलश्रेष्ठ के द्वारा लोगों को जागरुक किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ का कहना है कि पुराने कानून अंग्रेजों के कानून थे. बड़े गौरव की बात है अब हम देश में अपने कानून से न्याय पाएंगे, मौजूदा समय में आजादी के बाद से ही अंग्रेजों के कानून के सहारे कानून की लड़ाई लड़ी जाती थी लेकिन अब देश ने अपने कानून बना लिए हैं, देश ने अंग्रेजों से दो कदम आगे बढ़ते हुए अपने कानून बनाकर लोगों को विश्व स्तर पर नई पहचान दिलाने के लिए जो पहल की है उससे नए कानून की जो धारा है उनके साथ-साथ अलग-अलग प्रावधान भी किए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नए कानून को लेकर एडीजी ने क्या कहा? </strong><br />नए कानून में मुकदमा दर्ज होने के बाद तत्काल बाद डॉक्टरी व 7 दिन में रिपोर्ट डॉक्टर को भी प्रेषित करनी होगी. तत्काल कार्रवाई पुलिस के द्वारा की जाएगी. समान कानून महिला और पुरुषों के लिए किए गए हैं जिसमें 18 वर्ष से कम उम्र के बालक या बालिका एक ही श्रेणी में कानून के तहत आएंगे. महिलाओं को लेकर भी जो लोग ढाल बनाकर आगे करते हैं उनको लेकर भी इस कानून में बड़े प्रावधान किए गए हैं. देश के कानून देश की रक्षा के लिए बनाए गए हैं जिसे आम जनता को समान व्यवहार वह समान अधिकार मिल सके. इसको लेकर इन कानून का पालन करने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एडीजी जोन के द्वारा ऑपरेशन जागृति फेस-2 अभियान के तहत थाना इगलास के कस्बे में स्थित शिवदान सिंह इंटर कॉलेज इगलास में ऑपरेशन जागृति अभियान के तहत गोष्टी कर बीडीओ, विघालय निरीक्षक कॉर्डिनेटर, सीएचसी डाक्टर,आशा कर्मी, आगंनबाडी कार्यकर्ता, समुह चलाने वाली महिलाए, विधिक सेवा प्राधिकरण, यूनिसेफ, पुलिस बीट कॉस्टेबल, तहसील के कर्मचारी, ग्राम प्रधान ,एनआरएलएम महिलाए,पत्रकार बंधु के साथ गोष्ठी कर जागरुक किया गया . महिलाओं और बालिकाओं के प्रति अपराधों में कमी लाने एवं महिलाओं में सामाजिक जागरूकता पैदा करने के उद्देश से जोन के समस्त जनपदों में यह अभियान चलाया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एडीजी का कहना है महिलाओं के साथ हर पल पुलिस है . पुलिस पूरी तरह से हर समय आप लोगों के साथ है. झूठे प्रकरण दर्ज नहीं होने चाहिए. इससे कानून का दुरुपयोग होता है . आशा कार्यकर्ताओं और कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन के लिए मुख्य संदेश दिया कि समुदाय को हिंसा के विरुद्ध एकजुट होने के लिए प्रोत्साहित करें. साथ ही महिलाओं की सुरक्षा हेतु बनाए गए कानूनों के दुरुपयोग ना करें व झूठे मुकदमे को दर्ज ना कराएं, लव रिलेशनशिप के प्रति परिवारों किशोर व किशोरियों को सचेत करते हुए उनको जागरूक करने की आवश्यकता है, इस मौके पर आईजी अलीगढ़ सलभ माथुर व एसएसपी अलीगढ़ संजीव सुमन व एसपी ग्रामीण पलाश बंसल व क्षेत्राधिकारी अकमल खान सहित कोतवाल इगलास देवेंद्र सिंह,व मो0 परवेज एसआई व अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहे.</p>
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शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा:SC ने कमेटी बनाई, ये ट्रैक्टर हटाने के लिए किसानों से बात करेगी; कहा- मुद्दों का राजनीतीकरण नहीं हो
शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा:SC ने कमेटी बनाई, ये ट्रैक्टर हटाने के लिए किसानों से बात करेगी; कहा- मुद्दों का राजनीतीकरण नहीं हो हरियाणा-पंजाब का शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा। सोमवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम हाईपावर कमेटी गठित कर रहे हैं, लेकिन कोई मुद्दे तय नहीं कर रहे हैं। यह अधिकार कमेटी को दे रहे हैं। इस कमेटी में पंजाब और हरियाणा के अधिकारी भी शामिल हैं। हाईपावर कमेटी को आंदोलनकारी किसानों के बीच पहुंचकर अपने ट्रैक्टर हटाने का अनुरोध करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी नसीहत दी कि इस मामले का राजनीतिकरण न किया जाए। मुद्दे बहुत संवेदनशील होते हैं, इसलिए संतुलित रुख अपनाना चाहिए। पिछली 2 सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को आंशिक तौर पर यानी एक लेन खोलने को कहा था। इस मामले में किसानों की पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों से मीटिंग भी हुई यह बेनतीजा रहीं। हरियाणा पुलिस का कहना था कि किसान दिल्ली जाएं, लेकिन ट्रैक्टर लेकर न जाएं। किसान ट्रैक्टर समेत जाने पर अड़े रहे। कोर्ट रूम लाइव पढ़ें… एएजी पंजाब: हमने वह मुद्दा दे दिया है, जिस पर किसान फैसला चाहते हैं।
जस्टिस कांत: कृपया इन मुद्दों का राजनीतीकरण न करें, हमें आज इससे ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है। जस्टिस कांत: हम समिति का गठन कर रहे हैं, हम मुद्दे तैयार नहीं कर रहे हैं। हम समिति से ऐसा करने के लिए कह रहे हैं। जस्टिस कांत ने आदेश पढ़ते हुए कहा कि समिति किसानों के मुद्दों को हल करने के तौर-तरीकों पर गौर करेगी। जस्टिस कांत: हम शुरू में कह सकते हैं कि पंजाब व हरियाणा राज्य द्वारा सुझाए गए नाम उच्च निष्ठा वाले व्यक्ति हैं, जो कृषि में अनुभवी हैं। हम यह कहने में जल्दबाजी कर सकते हैं कि किसान वर्गों की एक बड़ी आबादी है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। जस्टिस कांत: हमें लगता है कि मुद्दों को तैयार करने के लिए हाईकोर्ट समिति से अनुरोध करना अधिक उचित होगा। पीठ का कहना है कि सदस्य सचिव मुद्दों का सूत्रीकरण हाईपावर कमेटी को दे सकते हैं। जस्टिस कांत: हमें आशा और विश्वास है कि मुद्दों पर गौर करने के लिए एक तटस्थ समिति प्रदान करने की किसानों की आकांक्षा का गठन किया जाएगा। जस्टिस कांत: किसान अपने शांतिपूर्ण आंदोलन को ऐसे आवंटित स्थलों पर स्थनांतरित करने के लिए स्वतंत्र होंगे। जस्टिस कांत: जो लोग दोनों राज्यों की जमीनी हकीकत से वाकिफ हैं, हमने एक संतुलित संरचना बनाने की कोशिश की है, किसानों के मुद्दे वास्तविक हैं, उन्हें एक तटस्थ निकाय द्वारा निपटाया जाना चाहिए, लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी और को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। बेंच ने हाईकोर्ट कमेटी के सदस्य सचिव को अगली सुनवाई पर अग्रिम स्थिति रिपोर्ट रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया। एजी पंजाब: माय लॉर्ड्स ने बहुत अच्छी तरह से नोट किया कि इसका राजनीतीकरण नहीं किया जाना चाहिए।
जस्टिस कांत: मुद्दे बेहद संवेदनशील होते हैं, इसलिए संतुलन का रुख अपनाना चाहिए। शंभू बॉर्डर खोलने के लिए 2 मीटिंग विफल रहीं
शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों को मनाने के लिए 25 अगस्त को रखी गई पंजाब और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों की बैठक विफल रही। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 5 दिन में दूसरी बार पुलिस अधिकारियों ने किसानों के साथ बैठक की थी, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं। किसान इस बात पर अड़े रहे कि वे अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को नहीं छोड़ेंगे और इन्हीं से दिल्ली कूच करेंगे। एक घंटे तक चली इस बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई। पुलिस लाइन में एडीजीपी (इंटेलिजेंस) जसकरण सिंह और एआईजी संदीप गर्ग के अलावा पटियाला के डीसी व एसएसपी और हरियाणा के अंबाला जिले के एसपी और एसडीएम किसानों से बैठक करने के लिए पहुंचे थे। कोर्ट ने आंशिक तौर पर बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे
12 अगस्त को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि सह हाईवेज पार्किंग की जगह नहीं हैं। एक हफ्ते के भीतर एंबुलेंस, सीनियर सिटीजंस, महिलाओं, छात्रों, आदि के लिए हाईवे की एक लेन खोली जाए। फरवरी से चल रहा संघर्ष
फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के अंबाला के पास शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। जानिए, किसान आंदोलन में अभी तक क्या हुआ