लखनऊ में 7 होटलों में बदली तदूंर भट्ठियां:पूरे शहर में चलेगा अभियान, अब तक शहर में 30 से ज्यादा जगहों पर गैस भट्ठियां लगाई गई

लखनऊ में 7 होटलों में बदली तदूंर भट्ठियां:पूरे शहर में चलेगा अभियान, अब तक शहर में 30 से ज्यादा जगहों पर गैस भट्ठियां लगाई गई

कोयले से चलने वाली 7 भट्ठियों को शनिवार को बदलने का काम किया गया। नगर निगम और ऊर्जा और संसाधन संस्थान (टेरी) के सहयोग से अभियान चलाया गया। जोन एक और जोन तीन में शुरू हुए इस अभियान में पहले 200 लोगों के यहां फ्री में भट्ठियां बदली जानी है। इस दौरान गैस चलित तंदूर को लगवाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। मौजूदा समय एक तंदूर भट्टी की कीमत 9000 रुपए आ रही है। जोन तीन में रविवार को पर्यावरण संरक्षण के लिए 13 छोटे-बड़े होटल व प्रतिष्ठानों के यहां जागरूकता अभियान चलाया गया और सात तंदूर लगवाए गए। इससे पहले लालबाग में सरदार जी छोले-बटूरे और आस-पास के दुकानों पर गैस चलित तंदूर लगवाई गई थी। जोन तीन के जोनल अधिकारी अंलकार अग्निहोत्री के नेतृत्व में अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया कि नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह की पहल पर शहर से प्रदूषण स्तर कम करने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। कोल भट्ठी में गैस वाले की तुलना में काफी ज्यादा प्रदूषण निकलता है। ऐसे में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए नगर निगम ने यह फैसला लिया है। धीरे-धीरे पूरे शहर में चलेगा अभियान कोल भट्टी हटाने के नियम को धीरे-धीरे पूरे शहर में अनिवार्य कर दिया जाएगा। हालांकि अभी यह अनिवार्य नहीं है। रविवार को 13 होटल व प्रतिष्ठानों से संपर्क किया गया। इनमें से सात ने गैस चलित तंदूर लगवाया है। असल में होटल और रेस्टोरेंट में पारंपरिक या कोयला आधारित तंदूर का उपयोग किया जाता है। इसकी वजह से धुआं उत्पन्न होता है, जिससे वायु प्रदूषण होता है। नगर निगम को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार तंदूर में इस्तेमाल होने वाले कोयला और लकड़ी के धुएं से प्रदूषण तो फैलता ही है, साथ ही तंदूर की रोटियों मे कार्बन डॉइअक्साइड मात्रा भी ज्यादा होती है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है लिहाजा तंदूर के बजाय अब इलेक्ट्रिक या एलपीजी आधारित गैस का उपयोग किया जाना जरूरी है। होटल और रेस्टोरेंट में पारंपरिक कोयले से चलने वाले तंदूर के लिए शहर के लालबाग और सेंट्रल स्कूल क्षेत्र को बेसलाइन सर्वेक्षण करने के लिए चुना गया है। 200 जगहों पर फ्री में बदला जाएगा तंदूर टेरी संस्था की ओर से प्रारंभिक चरण में 200 होटल व रेस्टोरेंट को निशुल्क गैस व इलेक्ट्रिक आधारित तंदूर का वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा फैजुल्लागंज प्रथम में मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए घर-घर दस्तक दी गई। चूना व ब्लीचिंग का छिड़काव किया गया लोगों को जागरूक किया गया। कोयले से चलने वाली 7 भट्ठियों को शनिवार को बदलने का काम किया गया। नगर निगम और ऊर्जा और संसाधन संस्थान (टेरी) के सहयोग से अभियान चलाया गया। जोन एक और जोन तीन में शुरू हुए इस अभियान में पहले 200 लोगों के यहां फ्री में भट्ठियां बदली जानी है। इस दौरान गैस चलित तंदूर को लगवाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। मौजूदा समय एक तंदूर भट्टी की कीमत 9000 रुपए आ रही है। जोन तीन में रविवार को पर्यावरण संरक्षण के लिए 13 छोटे-बड़े होटल व प्रतिष्ठानों के यहां जागरूकता अभियान चलाया गया और सात तंदूर लगवाए गए। इससे पहले लालबाग में सरदार जी छोले-बटूरे और आस-पास के दुकानों पर गैस चलित तंदूर लगवाई गई थी। जोन तीन के जोनल अधिकारी अंलकार अग्निहोत्री के नेतृत्व में अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया कि नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह की पहल पर शहर से प्रदूषण स्तर कम करने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। कोल भट्ठी में गैस वाले की तुलना में काफी ज्यादा प्रदूषण निकलता है। ऐसे में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए नगर निगम ने यह फैसला लिया है। धीरे-धीरे पूरे शहर में चलेगा अभियान कोल भट्टी हटाने के नियम को धीरे-धीरे पूरे शहर में अनिवार्य कर दिया जाएगा। हालांकि अभी यह अनिवार्य नहीं है। रविवार को 13 होटल व प्रतिष्ठानों से संपर्क किया गया। इनमें से सात ने गैस चलित तंदूर लगवाया है। असल में होटल और रेस्टोरेंट में पारंपरिक या कोयला आधारित तंदूर का उपयोग किया जाता है। इसकी वजह से धुआं उत्पन्न होता है, जिससे वायु प्रदूषण होता है। नगर निगम को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार तंदूर में इस्तेमाल होने वाले कोयला और लकड़ी के धुएं से प्रदूषण तो फैलता ही है, साथ ही तंदूर की रोटियों मे कार्बन डॉइअक्साइड मात्रा भी ज्यादा होती है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है लिहाजा तंदूर के बजाय अब इलेक्ट्रिक या एलपीजी आधारित गैस का उपयोग किया जाना जरूरी है। होटल और रेस्टोरेंट में पारंपरिक कोयले से चलने वाले तंदूर के लिए शहर के लालबाग और सेंट्रल स्कूल क्षेत्र को बेसलाइन सर्वेक्षण करने के लिए चुना गया है। 200 जगहों पर फ्री में बदला जाएगा तंदूर टेरी संस्था की ओर से प्रारंभिक चरण में 200 होटल व रेस्टोरेंट को निशुल्क गैस व इलेक्ट्रिक आधारित तंदूर का वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा फैजुल्लागंज प्रथम में मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए घर-घर दस्तक दी गई। चूना व ब्लीचिंग का छिड़काव किया गया लोगों को जागरूक किया गया।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर