104 साल पुराने लखनऊ विश्वविद्यालय में पहलगाम आतंकी हमले के बाद अचानक से बड़ा विवाद छिड़ गया। विश्वविद्यालय के लिंग्विस्टिक डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी पाकिस्तान में तेजी से वायरल होने लगीं। उनके बयान से पाकिस्तान से भारतीयों के लिए नसीहतें दी जाने लगीं। मामले ने तूल पकड़ा तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार को असिस्टेंट प्रोफेसर को शो-कॉज नोटिस जारी कर 5 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा। नोटिस की मियाद पूरी होने के बावजूद मामले में विश्वविद्यालय की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसको लेकर विश्वविद्यालय के छात्रों में जबरदस्त आक्रोश है। वहीं, विश्वविद्यालय के दूसरे विवादित असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सौरव बनर्जी के अमर्यादित सोशल मीडिया पोस्ट भी वायरल हुए। उनके खिलाफ भी विश्वविद्यालय के कुलसचिव की तरफ से शो-कॉज नोटिस जारी कर खानापूर्ति की गई। बहरहाल, अब तक पूरे मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी बेहद हैरान करने वाली है। दैनिक भास्कर को मिली जानकारी के अनुसार, डॉ. माद्री काकोटी ने रजिस्ट्रार की नोटिस का जवाब दे दिया है, पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है। विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़ा हर कोई इस पर मसले पर बोलने से बच रहा है। शनिवार दोपहर बाद LUTA की होगी अहम बैठक लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (LUTA) के अध्यक्ष आरबी सिंह मून ने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी के मामले में हम लगातार नजर रखे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से निष्पक्ष कार्रवाई की जानी चाहिए। नोटिस देने के बाद आगे विश्वविद्यालय प्रशासन का क्या रुख है। इसकी अभी तक जानकारी नहीं मिल पाई है। शनिवार को दोपहर बाद 3 बजे LUTA की बैठक होगी। उसमें इस विषय पर चर्चा होगी। नोटिस देकर कुलसचिव ने की खानापूर्ति रिसर्च स्कॉलर प्रत्यूष पांडेय कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले में लीपापोती करना चाह रहा है। सिर्फ नोटिस देकर खानापूर्ति की जा रही है। अब तक कार्रवाई न होना पूरे विश्वविद्यालय प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर रहा है। देश में रहकर देश को ही कर रहीं खोखला LU के बीएससी स्टूडेंट यशराज शुक्ला कहते हैं कि बाहरी आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक देश में छुपे हुए आतंकवादी हैं। ये देश में रहकर देश को ही खोखला कर रहे हैं। इनकी मानसिकता से कोई-न-कोई जरूर प्रेरित हो रहा होता है। शनिवार सुबह आएगा बड़ा अपडेट लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रोफेसर दुर्गेश कहते हैं कि फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। शनिवार सुबह तक संभव है कि कोई बड़ा अपडेट सामने आए। इनके ढीले रवैये पर उठ रहे सवाल एकेडमिक और राष्ट्रवादी मामलों में अक्सर बड़े दावे करने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय पहलगाम आतंकवादी हमले जैसे बेहद संवेदनशील मुद्दे पर विवादित टिप्पणी करने वाले इन प्रोफेसर पर बेहद ढीला रवैया अपना रहा है। स्टूडेंट्स तो कह रहे हैं कि कुलसचिव विद्या नंद त्रिपाठी की तरफ से नोटिस जारी कर कोरम पूरा किया गया। जबकि 5 दिन बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। डॉ. सौरव बनर्जी ने खुलेआम अमर्यादित और बेहद आपत्तिजनक पोस्ट किया था। उनके निशाने पर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के अलावा भाजपा और संघ भी थे। छात्र संगठनों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन से उम्मीद थी कि ऐसे प्रोफेसरों के खिलाफ न सिर्फ शो-कॉज नोटिस जारी होगा, बल्कि बिना देर किए वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी। कुलसचिव ने भी नोटिस दिया। उनके ढुलमुल रवैये पर भी अब कुछ करना पड़ेगा। उच्च शिक्षा मंत्री ने अब तक नहीं लिया संज्ञान यूपी के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय की तरफ से भी अब तक इस बेहद गंभीर मामले का संज्ञान न लिया जाना बेहद अचरज भरा है। जानकार कहते हैं कि खुद उच्च शिक्षा मंत्री की तरफ से इस मामले में ठोस कार्रवाई के निर्देश आ जाने चाहिए थे। उनकी तरफ से सही कार्रवाई के निर्देश न मिलने के कारण है विश्वविद्यालय प्रशासन सुस्त रवैया अपनाए है। हालांकि, कयास लगाए जा रहे हैं कि होम मिनिस्टर को टारगेट करके लिखे गए पोस्ट को लेकर बहुत जल्द डॉ. सौरव बनर्जी पर कार्रवाई की जा सकती है। पढ़िए अब तक मामले में क्या-क्या हुआ डॉ. माद्री काकोटी पर देशद्रोह की धारा भी लगी लखनऊ विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी के विरोध में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। छात्रों का कहना है- प्रोफेसर मैडम अपनी पोस्ट में कहती हैं कि उन्हें आजादी चाहिए। अब हमें भी ऐसी मैडम से आजादी चाहिए। मैडम इस समय पाकिस्तान और भारत विरोधी ताकतों की माउथपीस बन गई हैं। भारत विरोधी ताकतों से मैडम का कनेक्शन है। वह फर्स्ट ईयर के छात्रों का ब्रेनवॉश कर रही हैं। अब उन्होंने देश को आहत करना शुरू कर दिया है। छात्र पिछले दो दिनों से लिंग्विस्टिक्स विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। 28 अप्रैल को ABVP से जुड़े छात्रों की शिकायत पर हसनगंज थाने में प्रोफेसर के खिलाफ देशद्रोह समेत कुल 7 धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। इसके अलावा, विश्वविद्यालय प्रशासन ने 28 को ही उन्हें शो-कॉज नोटिस जारी कर 5 दिन के अंदर जवाब मांगा। दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रोफेसर ने कहा था- धर्म पूछकर बुलडोजर चलाना आतंकवाद है। असली आतंकवाद को पहचानो। अगर सरकार इन सबकी जिम्मेदार नहीं है तो वह करती क्या है? दैनिक भास्कर ने विश्वविद्यालय कैंपस में असिस्टेंट प्रोफेसर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बात कर उनके विरोध का कारण जाना..क्या कहते हैं छात्र, पढ़िए रिपोर्ट…। भारत विरोधी ताकतों से मैडम का कनेक्शन ABVP के इकाई अध्यक्ष और रिसर्च स्टूडेंट प्रत्युष पांडेय कहते हैं कि लखनऊ विश्वविद्यालय की लिंग्विस्टिक डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर मैडम काकोटी भारत को डी-स्टेबलाइज यानी अस्थिर करने वाली एजेंसी का मुखपत्र बनकर काम कर रही हैं। पहलगाम हमले के बाद से वो पाकिस्तान का माउथ-पीस बन चुकी है। जॉर्ज सोरोज और भारत विरोधी गतिविधियों को फंडिंग करने वाली तमाम NGO’s से जरूर उनका कनेक्शन है। क्लासरूम में आने वाले 16-17 साल के फर्स्ट ईयर के बच्चों का वह ब्रेनवॉश करती हैं। उनको देश के विरुद्ध भड़काती हैं। सैफरन टेररिस्ट यानी भगवा आतंकवादी जैसे शब्दों का ये प्रयोग करती हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी इन्होंने की है। मैडम के सटायर से पहले हिंदू अब देश टारगेट पर ग्रेजुएशन स्टूडेंट जतिन शुक्ला कहते हैं कि मैडम काकोटी के सटायर बेहद गंदे और भद्दे होते हैं, जिससे पूरा हिंदू समाज आहत होता रहा है। अब इनके टारगेट पर देश है। पहले भी न्यायपालिका पर भी इन्होंने बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की है। इनके सोशल मीडिया अकाउंट पर दिवाली पर पटाखों से लेकर कई विषयों पर एक वर्ग ही टारगेट पर रहा है। ऐसे में इनकी निष्पक्षता सवालों के घेरे में है। ऐसे शिक्षकों से हमें चाहिए आजादी LU अर्पित शुक्ला कहते हैं कि पहले भी मैडम से जुड़े कई प्रकरण सामने आए थे, पर इस तरह उनका विरोध इसलिए नहीं किया गया क्योंकि बात देश और सुरक्षा से जुड़ी नहीं थी। पहले ये मनुवाद से आजादी, ब्राह्मणवाद से आजादी, जैसे पोस्ट करती थीं। हमने उसे सहन किया, पर अब जब देश पर इतना बड़ा आतंकवादी हमला हुआ है। तब ऐसे पोस्ट और उनकी ऐसी सोच बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इनको हमारी संस्कृति से आजादी चाहिए, हमारे राष्ट्र से आजादी चाहिए, तो हमको भी ऐसे शिक्षकों से आजादी चाहिए। लखनऊ विश्वविद्यालय के दूसरे प्रोफेसर क्या कहते हैं… लखनऊ विश्वविद्यालय के पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार कहते हैं कि जब हमारा देश युद्ध जैसी परिस्थिति में हो, राष्ट्रीय सुरक्षा पर गैर जिम्मेदाराना बयान जारी करना, कुतर्क प्रस्तुत करना, अपनी ही सरकार और व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को लेकर बेहद तार्किक मानते हैं और उनकी बातों को गंभीरता से लेते हैं। यहां तक कि कई बार राजनेताओं से भी ज्यादा गौर से उनकी बात सुनी जाती है। ऐसे में कोई ऐसा बयान देना, जिससे शत्रु देश को बल मिले, समझ से परे है। शिक्षक संगठन इस मामले में क्या बोले… अब जानिए अब तक क्या-क्या हुआ इस मामले में प्रोफेसर का पोस्ट वायरल हुआ लखनऊ यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी का पोस्ट पाकिस्तान में वायरल हो गया। उनका पोस्ट पाकिस्तानी हैंडल्स से शेयर किया जाने लगा। इसके बाद छात्र संगठनों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। थाने में तहरीर दी गई। लखनऊ यूनिवर्सिटी ने भी सोमवार को कारण बताओ नोटिस भेज दिया। प्रोफेसर से पूछा कि आपके खिलाफ क्यों न कार्रवाई की जाए। 5 दिन के अंदर जवाब देने का आदेश दिया। डॉ. माद्री काकोटी ने पहलगाम हमले के अगले दिन प्रोफेसर ने लिखा था- धर्म देखकर बुलडोजर चलाना भी आतंकवाद। धर्म पूछकर घर न देना भी आतंकवाद। असली आतंकी को पहचानो। प्रोफेसर को यह नोटिस भेजा गया प्रोफेसर बोलीं- तय समय में जवाब देंगे
लखनऊ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विद्या नंद त्रिपाठी ने असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी के खिलाफ शो-कॉज नोटिस जारी किया। जिसमें लिखा- आपने ऐसा पोस्ट किया, जिससे विश्वविद्यालय और देश की छवि धूमिल होने की संभावना है। आज आतंकवाद किसी हिस्से, देश की नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए समस्या है। उस समय में आपने ऐसा पोस्ट किया। आप 5 दिन में सबूत सहित नोटिस का जवाब दें। नोटिस को लेकर दैनिक भास्कर से प्रोफेसर डॉ. माद्री ने कहा- तय समय में इसका जवाब दिया जाएगा। लखनऊ यूनिवर्सिटी में लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन हुआ
सोमवार दोपहर करीब 1 बजे ABVP से जुड़े छात्रों ने लखनऊ यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन किया। स्टूडेंट्स का कहना था कि प्रोफेसर खुलेआम देश विरोधी बयानबाजी कर रही हैं। हमारी मांग है कि उनके खिलाफ FIR दर्ज करके सख्त कार्रवाई की जाए। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय से मिलकर छात्रों ने प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रोफेसर के जिस पोस्ट पर बवाल है, उसे पढ़िए… असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी ने पहलगाम हमले के अगले दिन सोशल मीडिया पर वीडियो के साथ यह पोस्ट लिखा था- वो वीडियो जो पाकिस्तानी हैंडल से शेयर हो रहा… पाकिस्तान के PTI प्रमोशन नाम के X हैंडल से असिस्टेंट प्रोफेसर का वीडियो री-पोस्ट किया गया। जिसमें वह कह रही हैं कि- कश्मीर के पहलगाम में 27 लोग मर गए। इनमें आप जैसे, मुझ जैसे दिखने वाले आम हिंदुस्तानी। 27 लोगों की जान चली गई और मीडिया उनकी लाशों पर टीआरपी बटोरने में लगी है। इसके जिम्मेदारों से कोई वाजिब सवाल नहीं पूछा। इंटरनल सिक्योरिटी में इतनी बड़ी चूक हो गई और होम मिनिस्टर को पता तक नहीं चला। प्रोफेसर बोल रही हैं कि अगर सरकार इन सब की जिम्मेदार नहीं है तो वह करती क्या है? सोशल मीडिया पर भौंकने वाले भारत के कुत्ते जो 2 रुपए पर कमेंट के हिसाब से अपने नफरत की रोटी सेंकते हैं। वो भी इस अटैक को अपनी गंदी राजनीति का एजेंडा बनाने में लगे हैं। दो दिन बाद एक और प्रोफेसर को नोटिस लखनऊ विश्वविद्यालय के एक और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.सौरव बनर्जी को 30 अप्रैल को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया। उन पर PM मोदी समेत BJP-RSS के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। बनर्जी को 5 दिन के अंदर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए गए। इससे पहले सोमवार को डॉ.माद्री काकोटी को नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने पहलगाम घटना के बाद पोस्ट किया था। यह पोस्ट पाकिस्तान में वायरल हो गया था। इसके बाद कुलसचिव ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। पांच दिन के भीतर दो पोस्ट किए लखनऊ विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर (कांट्रेक्चुअल) डॉ.सौरव बनर्जी के सोशल मीडिया अकाउंट पर पहलगाम हमले के बाद से दो पोस्ट किए गए हैं। जिनमें भाजपा, संघ, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर बेहद आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणी की गई है। उनके द्वारा 5 दिन के भीतर ऐसे 2 पोस्ट किये गए है। दोनों में ही बेहद आपत्तिजनक बात लिखी गई हैं। प्रोफेसर का प्रोफाइल खंगाला इस बीच लखनऊ विश्वविद्यालय के लिंग्विस्टिक डिपार्टमेंट की डॉ.माद्री काकोटी के पहलगाम हमले पर किए गए पोस्ट और वीडियो वायरल तेजी से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होने लगे। यहां तक उनके पोस्ट पाकिस्तान के तमाम हैंडल से शेयर किए जाने लगे। तब इस मुद्दे ने तूल पकड़ा, और कैंपस में ABVP से जुड़े छात्र संगठनों ने उनका विरोध शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ने पर उनको नोटिस जारी की गई और देशद्रोह का मुकदमा भी दर्ज हुआ। इस बीच ABVP से जुड़े छात्रों की नजर डॉ.सौरव बनर्जी के प्रोफाइल पर पड़ी तो उसमें सीधे तौर पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी मिली। जिस पर छात्र आक्रोशित हो गए। विवादित सोशल मीडिया पोस्ट.. न्यू कैंपस में छात्रों ने प्रदर्शन किया LU के न्यू कैंपस में बुधवार को ABVP से जुड़े छात्र उनसे मिलने पहुंचे तो डॉ.सौरव बनर्जी मिलने से बचने लगे। इसके बाद छात्रों ने उसी कैंपस में धरना देना शुरू कर दिया। काफी देर तक चले बवाल के बाद चीफ प्रॉक्टर को ज्ञापन सौंप कर छात्रों ने डॉ.सौरव पर कार्रवाई की मांग की। शो कॉज नोटिस जारी किया इस बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी जब डॉक्टर सौरभ बनर्जी से जुड़े पोस्ट को देखा तो हड़कंप मच गया। उनके द्वारा किए गए पोस्ट सीधे तौर पर सरकार और प्रधानमंत्री समेत भाजपा पर टारगेटेड थे। इसके बाद बिना देर किए बुधवार शाम को कुलसचिव विद्यानंद त्रिपाठी ने शो कॉज नोटिस जारी कर 5 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा है। नोटिस की अहम बातें.. नोटिस में लिखा- आज आतंकवाद किसी हिस्से, देश की नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए समस्या है। उस समय में आपने ऐसा पाेस्ट किया। आप 5 दिन में सबूत सहित नोटिस का जवाब दें। नोटिस को लेकर दैनिक भास्कर से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.बनर्जी ने कहा- अब इस विषय पर विश्वविद्यालय प्रशासन से बात होगी, अन्य किसी को कोई बयान नहीं दिया जाएगा। ट्विटर अकाउंट डिलीट किया, फेसबुक को प्राइवेट किया बुधवार देर शाम जानकारी आई कि डॉ.सौरव बनर्जी ने अपने ट्विटर अकाउंट को डिलीट कर दिया है जबकि फेसबुक अकाउंट को प्राइवेट मोड में रखा है। लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन से नोटिस जारी होने के बाद डॉ. सौरव बनर्जी बैकफुट में आते दिख रहे हैं। उनके खिलाफ बहुत जल्द पुलिस भी मामला दर्ज कर सकती है। अब जानिए..लखनऊ विश्वविद्यालय कैंपस में पहलगाम हमले के बाद कैसे शुरू हुआ विवाद… दरअसल, LU के लिंग्विस्टिक डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.माद्री काकोटी ने पहलगाम हमले से जुड़ा सोशल मीडिया पोस्ट पाकिस्तान में वायरल हो गया। यहां तक की कई पाकिस्तानी हैंडल से उन्हें तेजी शेयर किए जाने लगा। पहलगाम आतंकी हमले के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर ने कहा था- धर्म पूछकर बुलडोजर चलाना आतंकवाद है। असली आतंकवाद को पहचानो। अगर सरकार इन सबकी जिम्मेदार नहीं है तो वह क्या कर रही है? इस बयान के खिलाफ सोमवार को ABVP से जुड़े छात्रों ने हसनगंज थाने में देशद्रोह समेत कुल सात धाराओं में FIR दर्ज करवाई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी उन्हें शो-कॉज नोटिस जारी कर 5 दिन के भीतर जवाब मांगा। डॉ.माद्री काकोटी के सुर देशद्रोह के केस के बाद बदल गए हैं। उन्होंने खुद को सच्चा देशभक्त बताया है। X पर लिखा- मैं कल भी अपने देश के साथ खड़ी थी, आज भी हूं और मरते दम तक रहूंगी। 104 साल पुराने लखनऊ विश्वविद्यालय में पहलगाम आतंकी हमले के बाद अचानक से बड़ा विवाद छिड़ गया। विश्वविद्यालय के लिंग्विस्टिक डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी पाकिस्तान में तेजी से वायरल होने लगीं। उनके बयान से पाकिस्तान से भारतीयों के लिए नसीहतें दी जाने लगीं। मामले ने तूल पकड़ा तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार को असिस्टेंट प्रोफेसर को शो-कॉज नोटिस जारी कर 5 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा। नोटिस की मियाद पूरी होने के बावजूद मामले में विश्वविद्यालय की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसको लेकर विश्वविद्यालय के छात्रों में जबरदस्त आक्रोश है। वहीं, विश्वविद्यालय के दूसरे विवादित असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सौरव बनर्जी के अमर्यादित सोशल मीडिया पोस्ट भी वायरल हुए। उनके खिलाफ भी विश्वविद्यालय के कुलसचिव की तरफ से शो-कॉज नोटिस जारी कर खानापूर्ति की गई। बहरहाल, अब तक पूरे मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी बेहद हैरान करने वाली है। दैनिक भास्कर को मिली जानकारी के अनुसार, डॉ. माद्री काकोटी ने रजिस्ट्रार की नोटिस का जवाब दे दिया है, पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है। विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़ा हर कोई इस पर मसले पर बोलने से बच रहा है। शनिवार दोपहर बाद LUTA की होगी अहम बैठक लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (LUTA) के अध्यक्ष आरबी सिंह मून ने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी के मामले में हम लगातार नजर रखे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से निष्पक्ष कार्रवाई की जानी चाहिए। नोटिस देने के बाद आगे विश्वविद्यालय प्रशासन का क्या रुख है। इसकी अभी तक जानकारी नहीं मिल पाई है। शनिवार को दोपहर बाद 3 बजे LUTA की बैठक होगी। उसमें इस विषय पर चर्चा होगी। नोटिस देकर कुलसचिव ने की खानापूर्ति रिसर्च स्कॉलर प्रत्यूष पांडेय कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले में लीपापोती करना चाह रहा है। सिर्फ नोटिस देकर खानापूर्ति की जा रही है। अब तक कार्रवाई न होना पूरे विश्वविद्यालय प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर रहा है। देश में रहकर देश को ही कर रहीं खोखला LU के बीएससी स्टूडेंट यशराज शुक्ला कहते हैं कि बाहरी आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक देश में छुपे हुए आतंकवादी हैं। ये देश में रहकर देश को ही खोखला कर रहे हैं। इनकी मानसिकता से कोई-न-कोई जरूर प्रेरित हो रहा होता है। शनिवार सुबह आएगा बड़ा अपडेट लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रोफेसर दुर्गेश कहते हैं कि फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। शनिवार सुबह तक संभव है कि कोई बड़ा अपडेट सामने आए। इनके ढीले रवैये पर उठ रहे सवाल एकेडमिक और राष्ट्रवादी मामलों में अक्सर बड़े दावे करने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय पहलगाम आतंकवादी हमले जैसे बेहद संवेदनशील मुद्दे पर विवादित टिप्पणी करने वाले इन प्रोफेसर पर बेहद ढीला रवैया अपना रहा है। स्टूडेंट्स तो कह रहे हैं कि कुलसचिव विद्या नंद त्रिपाठी की तरफ से नोटिस जारी कर कोरम पूरा किया गया। जबकि 5 दिन बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। डॉ. सौरव बनर्जी ने खुलेआम अमर्यादित और बेहद आपत्तिजनक पोस्ट किया था। उनके निशाने पर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के अलावा भाजपा और संघ भी थे। छात्र संगठनों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन से उम्मीद थी कि ऐसे प्रोफेसरों के खिलाफ न सिर्फ शो-कॉज नोटिस जारी होगा, बल्कि बिना देर किए वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी। कुलसचिव ने भी नोटिस दिया। उनके ढुलमुल रवैये पर भी अब कुछ करना पड़ेगा। उच्च शिक्षा मंत्री ने अब तक नहीं लिया संज्ञान यूपी के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय की तरफ से भी अब तक इस बेहद गंभीर मामले का संज्ञान न लिया जाना बेहद अचरज भरा है। जानकार कहते हैं कि खुद उच्च शिक्षा मंत्री की तरफ से इस मामले में ठोस कार्रवाई के निर्देश आ जाने चाहिए थे। उनकी तरफ से सही कार्रवाई के निर्देश न मिलने के कारण है विश्वविद्यालय प्रशासन सुस्त रवैया अपनाए है। हालांकि, कयास लगाए जा रहे हैं कि होम मिनिस्टर को टारगेट करके लिखे गए पोस्ट को लेकर बहुत जल्द डॉ. सौरव बनर्जी पर कार्रवाई की जा सकती है। पढ़िए अब तक मामले में क्या-क्या हुआ डॉ. माद्री काकोटी पर देशद्रोह की धारा भी लगी लखनऊ विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी के विरोध में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। छात्रों का कहना है- प्रोफेसर मैडम अपनी पोस्ट में कहती हैं कि उन्हें आजादी चाहिए। अब हमें भी ऐसी मैडम से आजादी चाहिए। मैडम इस समय पाकिस्तान और भारत विरोधी ताकतों की माउथपीस बन गई हैं। भारत विरोधी ताकतों से मैडम का कनेक्शन है। वह फर्स्ट ईयर के छात्रों का ब्रेनवॉश कर रही हैं। अब उन्होंने देश को आहत करना शुरू कर दिया है। छात्र पिछले दो दिनों से लिंग्विस्टिक्स विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। 28 अप्रैल को ABVP से जुड़े छात्रों की शिकायत पर हसनगंज थाने में प्रोफेसर के खिलाफ देशद्रोह समेत कुल 7 धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। इसके अलावा, विश्वविद्यालय प्रशासन ने 28 को ही उन्हें शो-कॉज नोटिस जारी कर 5 दिन के अंदर जवाब मांगा। दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रोफेसर ने कहा था- धर्म पूछकर बुलडोजर चलाना आतंकवाद है। असली आतंकवाद को पहचानो। अगर सरकार इन सबकी जिम्मेदार नहीं है तो वह करती क्या है? दैनिक भास्कर ने विश्वविद्यालय कैंपस में असिस्टेंट प्रोफेसर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बात कर उनके विरोध का कारण जाना..क्या कहते हैं छात्र, पढ़िए रिपोर्ट…। भारत विरोधी ताकतों से मैडम का कनेक्शन ABVP के इकाई अध्यक्ष और रिसर्च स्टूडेंट प्रत्युष पांडेय कहते हैं कि लखनऊ विश्वविद्यालय की लिंग्विस्टिक डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर मैडम काकोटी भारत को डी-स्टेबलाइज यानी अस्थिर करने वाली एजेंसी का मुखपत्र बनकर काम कर रही हैं। पहलगाम हमले के बाद से वो पाकिस्तान का माउथ-पीस बन चुकी है। जॉर्ज सोरोज और भारत विरोधी गतिविधियों को फंडिंग करने वाली तमाम NGO’s से जरूर उनका कनेक्शन है। क्लासरूम में आने वाले 16-17 साल के फर्स्ट ईयर के बच्चों का वह ब्रेनवॉश करती हैं। उनको देश के विरुद्ध भड़काती हैं। सैफरन टेररिस्ट यानी भगवा आतंकवादी जैसे शब्दों का ये प्रयोग करती हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी इन्होंने की है। मैडम के सटायर से पहले हिंदू अब देश टारगेट पर ग्रेजुएशन स्टूडेंट जतिन शुक्ला कहते हैं कि मैडम काकोटी के सटायर बेहद गंदे और भद्दे होते हैं, जिससे पूरा हिंदू समाज आहत होता रहा है। अब इनके टारगेट पर देश है। पहले भी न्यायपालिका पर भी इन्होंने बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की है। इनके सोशल मीडिया अकाउंट पर दिवाली पर पटाखों से लेकर कई विषयों पर एक वर्ग ही टारगेट पर रहा है। ऐसे में इनकी निष्पक्षता सवालों के घेरे में है। ऐसे शिक्षकों से हमें चाहिए आजादी LU अर्पित शुक्ला कहते हैं कि पहले भी मैडम से जुड़े कई प्रकरण सामने आए थे, पर इस तरह उनका विरोध इसलिए नहीं किया गया क्योंकि बात देश और सुरक्षा से जुड़ी नहीं थी। पहले ये मनुवाद से आजादी, ब्राह्मणवाद से आजादी, जैसे पोस्ट करती थीं। हमने उसे सहन किया, पर अब जब देश पर इतना बड़ा आतंकवादी हमला हुआ है। तब ऐसे पोस्ट और उनकी ऐसी सोच बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इनको हमारी संस्कृति से आजादी चाहिए, हमारे राष्ट्र से आजादी चाहिए, तो हमको भी ऐसे शिक्षकों से आजादी चाहिए। लखनऊ विश्वविद्यालय के दूसरे प्रोफेसर क्या कहते हैं… लखनऊ विश्वविद्यालय के पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार कहते हैं कि जब हमारा देश युद्ध जैसी परिस्थिति में हो, राष्ट्रीय सुरक्षा पर गैर जिम्मेदाराना बयान जारी करना, कुतर्क प्रस्तुत करना, अपनी ही सरकार और व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को लेकर बेहद तार्किक मानते हैं और उनकी बातों को गंभीरता से लेते हैं। यहां तक कि कई बार राजनेताओं से भी ज्यादा गौर से उनकी बात सुनी जाती है। ऐसे में कोई ऐसा बयान देना, जिससे शत्रु देश को बल मिले, समझ से परे है। शिक्षक संगठन इस मामले में क्या बोले… अब जानिए अब तक क्या-क्या हुआ इस मामले में प्रोफेसर का पोस्ट वायरल हुआ लखनऊ यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी का पोस्ट पाकिस्तान में वायरल हो गया। उनका पोस्ट पाकिस्तानी हैंडल्स से शेयर किया जाने लगा। इसके बाद छात्र संगठनों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। थाने में तहरीर दी गई। लखनऊ यूनिवर्सिटी ने भी सोमवार को कारण बताओ नोटिस भेज दिया। प्रोफेसर से पूछा कि आपके खिलाफ क्यों न कार्रवाई की जाए। 5 दिन के अंदर जवाब देने का आदेश दिया। डॉ. माद्री काकोटी ने पहलगाम हमले के अगले दिन प्रोफेसर ने लिखा था- धर्म देखकर बुलडोजर चलाना भी आतंकवाद। धर्म पूछकर घर न देना भी आतंकवाद। असली आतंकी को पहचानो। प्रोफेसर को यह नोटिस भेजा गया प्रोफेसर बोलीं- तय समय में जवाब देंगे
लखनऊ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विद्या नंद त्रिपाठी ने असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी के खिलाफ शो-कॉज नोटिस जारी किया। जिसमें लिखा- आपने ऐसा पोस्ट किया, जिससे विश्वविद्यालय और देश की छवि धूमिल होने की संभावना है। आज आतंकवाद किसी हिस्से, देश की नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए समस्या है। उस समय में आपने ऐसा पोस्ट किया। आप 5 दिन में सबूत सहित नोटिस का जवाब दें। नोटिस को लेकर दैनिक भास्कर से प्रोफेसर डॉ. माद्री ने कहा- तय समय में इसका जवाब दिया जाएगा। लखनऊ यूनिवर्सिटी में लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन हुआ
सोमवार दोपहर करीब 1 बजे ABVP से जुड़े छात्रों ने लखनऊ यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन किया। स्टूडेंट्स का कहना था कि प्रोफेसर खुलेआम देश विरोधी बयानबाजी कर रही हैं। हमारी मांग है कि उनके खिलाफ FIR दर्ज करके सख्त कार्रवाई की जाए। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय से मिलकर छात्रों ने प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रोफेसर के जिस पोस्ट पर बवाल है, उसे पढ़िए… असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी ने पहलगाम हमले के अगले दिन सोशल मीडिया पर वीडियो के साथ यह पोस्ट लिखा था- वो वीडियो जो पाकिस्तानी हैंडल से शेयर हो रहा… पाकिस्तान के PTI प्रमोशन नाम के X हैंडल से असिस्टेंट प्रोफेसर का वीडियो री-पोस्ट किया गया। जिसमें वह कह रही हैं कि- कश्मीर के पहलगाम में 27 लोग मर गए। इनमें आप जैसे, मुझ जैसे दिखने वाले आम हिंदुस्तानी। 27 लोगों की जान चली गई और मीडिया उनकी लाशों पर टीआरपी बटोरने में लगी है। इसके जिम्मेदारों से कोई वाजिब सवाल नहीं पूछा। इंटरनल सिक्योरिटी में इतनी बड़ी चूक हो गई और होम मिनिस्टर को पता तक नहीं चला। प्रोफेसर बोल रही हैं कि अगर सरकार इन सब की जिम्मेदार नहीं है तो वह करती क्या है? सोशल मीडिया पर भौंकने वाले भारत के कुत्ते जो 2 रुपए पर कमेंट के हिसाब से अपने नफरत की रोटी सेंकते हैं। वो भी इस अटैक को अपनी गंदी राजनीति का एजेंडा बनाने में लगे हैं। दो दिन बाद एक और प्रोफेसर को नोटिस लखनऊ विश्वविद्यालय के एक और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.सौरव बनर्जी को 30 अप्रैल को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया। उन पर PM मोदी समेत BJP-RSS के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। बनर्जी को 5 दिन के अंदर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए गए। इससे पहले सोमवार को डॉ.माद्री काकोटी को नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने पहलगाम घटना के बाद पोस्ट किया था। यह पोस्ट पाकिस्तान में वायरल हो गया था। इसके बाद कुलसचिव ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। पांच दिन के भीतर दो पोस्ट किए लखनऊ विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर (कांट्रेक्चुअल) डॉ.सौरव बनर्जी के सोशल मीडिया अकाउंट पर पहलगाम हमले के बाद से दो पोस्ट किए गए हैं। जिनमें भाजपा, संघ, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर बेहद आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणी की गई है। उनके द्वारा 5 दिन के भीतर ऐसे 2 पोस्ट किये गए है। दोनों में ही बेहद आपत्तिजनक बात लिखी गई हैं। प्रोफेसर का प्रोफाइल खंगाला इस बीच लखनऊ विश्वविद्यालय के लिंग्विस्टिक डिपार्टमेंट की डॉ.माद्री काकोटी के पहलगाम हमले पर किए गए पोस्ट और वीडियो वायरल तेजी से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होने लगे। यहां तक उनके पोस्ट पाकिस्तान के तमाम हैंडल से शेयर किए जाने लगे। तब इस मुद्दे ने तूल पकड़ा, और कैंपस में ABVP से जुड़े छात्र संगठनों ने उनका विरोध शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ने पर उनको नोटिस जारी की गई और देशद्रोह का मुकदमा भी दर्ज हुआ। इस बीच ABVP से जुड़े छात्रों की नजर डॉ.सौरव बनर्जी के प्रोफाइल पर पड़ी तो उसमें सीधे तौर पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी मिली। जिस पर छात्र आक्रोशित हो गए। विवादित सोशल मीडिया पोस्ट.. न्यू कैंपस में छात्रों ने प्रदर्शन किया LU के न्यू कैंपस में बुधवार को ABVP से जुड़े छात्र उनसे मिलने पहुंचे तो डॉ.सौरव बनर्जी मिलने से बचने लगे। इसके बाद छात्रों ने उसी कैंपस में धरना देना शुरू कर दिया। काफी देर तक चले बवाल के बाद चीफ प्रॉक्टर को ज्ञापन सौंप कर छात्रों ने डॉ.सौरव पर कार्रवाई की मांग की। शो कॉज नोटिस जारी किया इस बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी जब डॉक्टर सौरभ बनर्जी से जुड़े पोस्ट को देखा तो हड़कंप मच गया। उनके द्वारा किए गए पोस्ट सीधे तौर पर सरकार और प्रधानमंत्री समेत भाजपा पर टारगेटेड थे। इसके बाद बिना देर किए बुधवार शाम को कुलसचिव विद्यानंद त्रिपाठी ने शो कॉज नोटिस जारी कर 5 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा है। नोटिस की अहम बातें.. नोटिस में लिखा- आज आतंकवाद किसी हिस्से, देश की नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए समस्या है। उस समय में आपने ऐसा पाेस्ट किया। आप 5 दिन में सबूत सहित नोटिस का जवाब दें। नोटिस को लेकर दैनिक भास्कर से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.बनर्जी ने कहा- अब इस विषय पर विश्वविद्यालय प्रशासन से बात होगी, अन्य किसी को कोई बयान नहीं दिया जाएगा। ट्विटर अकाउंट डिलीट किया, फेसबुक को प्राइवेट किया बुधवार देर शाम जानकारी आई कि डॉ.सौरव बनर्जी ने अपने ट्विटर अकाउंट को डिलीट कर दिया है जबकि फेसबुक अकाउंट को प्राइवेट मोड में रखा है। लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन से नोटिस जारी होने के बाद डॉ. सौरव बनर्जी बैकफुट में आते दिख रहे हैं। उनके खिलाफ बहुत जल्द पुलिस भी मामला दर्ज कर सकती है। अब जानिए..लखनऊ विश्वविद्यालय कैंपस में पहलगाम हमले के बाद कैसे शुरू हुआ विवाद… दरअसल, LU के लिंग्विस्टिक डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.माद्री काकोटी ने पहलगाम हमले से जुड़ा सोशल मीडिया पोस्ट पाकिस्तान में वायरल हो गया। यहां तक की कई पाकिस्तानी हैंडल से उन्हें तेजी शेयर किए जाने लगा। पहलगाम आतंकी हमले के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर ने कहा था- धर्म पूछकर बुलडोजर चलाना आतंकवाद है। असली आतंकवाद को पहचानो। अगर सरकार इन सबकी जिम्मेदार नहीं है तो वह क्या कर रही है? इस बयान के खिलाफ सोमवार को ABVP से जुड़े छात्रों ने हसनगंज थाने में देशद्रोह समेत कुल सात धाराओं में FIR दर्ज करवाई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी उन्हें शो-कॉज नोटिस जारी कर 5 दिन के भीतर जवाब मांगा। डॉ.माद्री काकोटी के सुर देशद्रोह के केस के बाद बदल गए हैं। उन्होंने खुद को सच्चा देशभक्त बताया है। X पर लिखा- मैं कल भी अपने देश के साथ खड़ी थी, आज भी हूं और मरते दम तक रहूंगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
लखनऊ यूनिवर्सिटी की महिला प्रोफेसर माद्री काकोटी विवाद:नोटिस के 5 दिन बीते, अब तक नहीं हुई कार्रवाई; विश्वविद्यालय प्रशासन ने साधी चुप्पी
