लखनऊ वन विभाग पटाखा जलाकर भगा रहा बाघ:नहीं मिले नए फुट प्रिंट, 3 दिन से बदला ठिकाना; SDO बोले- सर्च ऑपरेशन से भड़का है

लखनऊ वन विभाग पटाखा जलाकर भगा रहा बाघ:नहीं मिले नए फुट प्रिंट, 3 दिन से बदला ठिकाना; SDO बोले- सर्च ऑपरेशन से भड़का है

लखनऊ के रहमानखेड़ा में बाघ को भगाने के लिए अब पटाखे बांटे जा रहे हैं। तीन दिन से बाघ की कोई मूवमेंट नहीं मिली है। नए फुट प्रिंट भी नहीं दिखे हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि बाघ ने अपनी लोकेशन चेंज कर ली है। रहमानखेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) परिसर में बुधवार को वन विभाग टीम ने कॉम्बिंग की, लेकिन बाघ के नए पग चिह्न नहीं मिले। आखिरी बार मंगलवार को कटौली गांव में टाइगर के पग चिह्न मिले थे। वन विभाग ने दावा किया है कि बाघ इलाके से निकल चुका है। गांव वालों में बांटे गए पटाखे और सुतली बम इलाके से बाघ को निकालने के लिए पटाखे
बुधवार को रहमान खेड़ा इलाके के ग्रामीणों को 20 पैकेट पटाखे बांटे गए। इसमें सुतली बम और बुलेट बम शामिल है। यह तेज आवाज करता है। विभाग का मानना है कि इसे जलाने से बाघ गांवों की तरफ नहीं आएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकारियों ने सुबह-शाम एक दो पटाखे जलाने की बात कही है। इधर, विशेषज्ञों की मानें तो पटाखा जलाने से बाघ भाग जाएगा। हालांकि ग्रामीणों का सवाल है कि क्या वन विभाग के पास अब यही उपाय बचा है? बाघ की मूवमेंट नहीं हुई ट्रेस
SDO हरिलाल ने बताया कि वनकर्मियों ने सुबह CISH परिसर की कॉम्बिंग की है। नए पग चिह्न नहीं मिले हैं। आशंका है कि सर्च ऑपरेशन की गतिविधियों से बाघ भड़क गया है। उसने यह जगह ही छोड़ दी है। यह भी कहा जा सकता है, उसने इंसानी गतिविधियों को भांप लिया है। WTI के एक्सपर्ट वापस गए
बाघ पकड़ने के लिए WTI एक्सपर्ट टीम को बुलाया लगाया गया था। टीम रविवार को CISH पहुंची थी। अब दोनों विशेषज्ञ वापस चले गए हैं। इससे पहले उन्होंने ऑपरेशन की गतिविधियों को देखा। बाघ को ट्रेस करने में जुटे रहे, लेकिन सफलता नहीं मिली। अब टीम में एक फील्ड सहायक और पीआरटी ( Primary Response Team) सदस्य काम कर रहे हैं। सूत्रों से पता चला है, कि गुरुवार को एक विशेषज्ञ को संस्थान में फिर से वापस बुलाया जाएगा, ताकि बाघ की मूवमेंट को कैप्चर किया जा सके। कटौली गांव में मिले थे पग चिह्न
रहमानखेड़ा से 4 किमी दूर कटौली गांव में बाघ के पैरों के निशान मिले थे। बाघ ने सोमवार को हलुवापुर में शिकार की गई नील गाय का कुछ हिस्सा भी खाया था। कटौली गांव के लोगों ने बताया था कि सुबह खेत में काम कर रहे थे, तभी बाघ को देखा। बाघ देखे जाने की सूचना पर वन विभाग की टीम, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह, DFO सितांशु पांडे, एक्सपर्ट टीम के साथ कटौली गांव में जाकर पैरों के निशान का निरीक्षण किया था। थर्मल ड्रोन कैमरे को उड़ाकर आसपास के जंगलों में सर्च करने की कोशिश शुरू की थी। 20 किमी एरिया में घूम रहा बाघ
बाघ की तस्वीर आने के बाद 20 किलोमीटर के रेंज में दहशत का माहौल है। वन विभाग की तीन टीमें बाघ को ट्रेस करने में लगी हैं। मूवमेंट कैप्चर करने के लिए 15 ट्रैप कैमरे लगे हैं। पकड़ने के लिए 2 कैटिंच केज लगे हैं। बुधवार को कैचिंग केज की लोकेशन चेंज की गई और उसमें बकरी की जगह भैंस का बच्चा बांधा गया है। वन विभाग का सर्च ऑपरेशन जारी
अवध वन प्रभाग के DFO सितांशु पांडे के नेतृत्व में वन विभाग की तीन टीम लगातार इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है। थर्मल ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जा रही है। वन विभाग की टीमें पूरे इलाके में गश्त कर रही हैं। ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। रात में बाहर न जाने, बच्चों और मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए अलर्ट किया गया है। गांव वाले भी अपने स्तर पर निगरानी में लगे हैं। नाइट विजन कैमरे लगाए गए
वन विभाग की टीम और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया मिलकर बाघ को ट्रैक कर रहे हैं। बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और नाइट विजन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। बाघ दिखा लेकिन पकड़ा नहीं जा सका है। जंगल और इससे सटे गांवों में वन विभाग ने पर्च बांटे हैं। इसमें बाघ से बचाव की जानकारी दी गई है। विशेषज्ञ बोले- भटक गया है बाघ
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों के सिमटने और शहरीकरण के कारण वन्यजीव भटककर मानव बस्तियों में आ रहे हैं। यह बाघ पास के जंगल से भटककर रहमान खेड़ा और उसके आसपास के इलाकों में पहुंचा है। लोगों में दहशत, बच्चे नहीं जा रहे स्कूल
वहीं, वन विभाग ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि बाघ को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। DFO लखनऊ ने कहा कि टीम पूरी तरह सतर्क है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है। रहमानखेड़ा के किसान रामगोपाल ने बताया कि बाघ की वजह से किसान खेतों में नहीं रुक रहे है। इससे जंगली जानवर फसलों को बर्बाद कर रहे है। उलरापुर गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय दुगौली में बच्चे बाघ के डर से पढ़ने नहीं जा रहे हैं। यहां छात्र-छात्राओं की उपस्थिति काफी कम हो गई है। …………… यह खबर भी पढ़ें लखनऊ के रहमानखेड़ा से 4 किमी दूर दिखा बाघ:कटौली गांव में मिले पैरों के निशान; ग्रामीण बोले- झोपड़ी में छिपकर बचाई जान लखनऊ के रहमानखेड़ा से 4 किमी दूर कटौली गांव में बाघ के पैरों के निशान मिले हैं। वहीं बाघ ने सोमवार को हलुवापुर में शिकार की गई नीलगाय का आंशिक हिस्सा भी खा गया। कटौली गांव के लोगों ने बताया कि सुबह खेत में काम कर रहे थे, तभी बाघ को देखा। यहां पढ़ें पूरी खबर लखनऊ के रहमानखेड़ा में बाघ को भगाने के लिए अब पटाखे बांटे जा रहे हैं। तीन दिन से बाघ की कोई मूवमेंट नहीं मिली है। नए फुट प्रिंट भी नहीं दिखे हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि बाघ ने अपनी लोकेशन चेंज कर ली है। रहमानखेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) परिसर में बुधवार को वन विभाग टीम ने कॉम्बिंग की, लेकिन बाघ के नए पग चिह्न नहीं मिले। आखिरी बार मंगलवार को कटौली गांव में टाइगर के पग चिह्न मिले थे। वन विभाग ने दावा किया है कि बाघ इलाके से निकल चुका है। गांव वालों में बांटे गए पटाखे और सुतली बम इलाके से बाघ को निकालने के लिए पटाखे
बुधवार को रहमान खेड़ा इलाके के ग्रामीणों को 20 पैकेट पटाखे बांटे गए। इसमें सुतली बम और बुलेट बम शामिल है। यह तेज आवाज करता है। विभाग का मानना है कि इसे जलाने से बाघ गांवों की तरफ नहीं आएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकारियों ने सुबह-शाम एक दो पटाखे जलाने की बात कही है। इधर, विशेषज्ञों की मानें तो पटाखा जलाने से बाघ भाग जाएगा। हालांकि ग्रामीणों का सवाल है कि क्या वन विभाग के पास अब यही उपाय बचा है? बाघ की मूवमेंट नहीं हुई ट्रेस
SDO हरिलाल ने बताया कि वनकर्मियों ने सुबह CISH परिसर की कॉम्बिंग की है। नए पग चिह्न नहीं मिले हैं। आशंका है कि सर्च ऑपरेशन की गतिविधियों से बाघ भड़क गया है। उसने यह जगह ही छोड़ दी है। यह भी कहा जा सकता है, उसने इंसानी गतिविधियों को भांप लिया है। WTI के एक्सपर्ट वापस गए
बाघ पकड़ने के लिए WTI एक्सपर्ट टीम को बुलाया लगाया गया था। टीम रविवार को CISH पहुंची थी। अब दोनों विशेषज्ञ वापस चले गए हैं। इससे पहले उन्होंने ऑपरेशन की गतिविधियों को देखा। बाघ को ट्रेस करने में जुटे रहे, लेकिन सफलता नहीं मिली। अब टीम में एक फील्ड सहायक और पीआरटी ( Primary Response Team) सदस्य काम कर रहे हैं। सूत्रों से पता चला है, कि गुरुवार को एक विशेषज्ञ को संस्थान में फिर से वापस बुलाया जाएगा, ताकि बाघ की मूवमेंट को कैप्चर किया जा सके। कटौली गांव में मिले थे पग चिह्न
रहमानखेड़ा से 4 किमी दूर कटौली गांव में बाघ के पैरों के निशान मिले थे। बाघ ने सोमवार को हलुवापुर में शिकार की गई नील गाय का कुछ हिस्सा भी खाया था। कटौली गांव के लोगों ने बताया था कि सुबह खेत में काम कर रहे थे, तभी बाघ को देखा। बाघ देखे जाने की सूचना पर वन विभाग की टीम, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह, DFO सितांशु पांडे, एक्सपर्ट टीम के साथ कटौली गांव में जाकर पैरों के निशान का निरीक्षण किया था। थर्मल ड्रोन कैमरे को उड़ाकर आसपास के जंगलों में सर्च करने की कोशिश शुरू की थी। 20 किमी एरिया में घूम रहा बाघ
बाघ की तस्वीर आने के बाद 20 किलोमीटर के रेंज में दहशत का माहौल है। वन विभाग की तीन टीमें बाघ को ट्रेस करने में लगी हैं। मूवमेंट कैप्चर करने के लिए 15 ट्रैप कैमरे लगे हैं। पकड़ने के लिए 2 कैटिंच केज लगे हैं। बुधवार को कैचिंग केज की लोकेशन चेंज की गई और उसमें बकरी की जगह भैंस का बच्चा बांधा गया है। वन विभाग का सर्च ऑपरेशन जारी
अवध वन प्रभाग के DFO सितांशु पांडे के नेतृत्व में वन विभाग की तीन टीम लगातार इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है। थर्मल ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जा रही है। वन विभाग की टीमें पूरे इलाके में गश्त कर रही हैं। ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। रात में बाहर न जाने, बच्चों और मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए अलर्ट किया गया है। गांव वाले भी अपने स्तर पर निगरानी में लगे हैं। नाइट विजन कैमरे लगाए गए
वन विभाग की टीम और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया मिलकर बाघ को ट्रैक कर रहे हैं। बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और नाइट विजन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। बाघ दिखा लेकिन पकड़ा नहीं जा सका है। जंगल और इससे सटे गांवों में वन विभाग ने पर्च बांटे हैं। इसमें बाघ से बचाव की जानकारी दी गई है। विशेषज्ञ बोले- भटक गया है बाघ
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों के सिमटने और शहरीकरण के कारण वन्यजीव भटककर मानव बस्तियों में आ रहे हैं। यह बाघ पास के जंगल से भटककर रहमान खेड़ा और उसके आसपास के इलाकों में पहुंचा है। लोगों में दहशत, बच्चे नहीं जा रहे स्कूल
वहीं, वन विभाग ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि बाघ को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। DFO लखनऊ ने कहा कि टीम पूरी तरह सतर्क है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है। रहमानखेड़ा के किसान रामगोपाल ने बताया कि बाघ की वजह से किसान खेतों में नहीं रुक रहे है। इससे जंगली जानवर फसलों को बर्बाद कर रहे है। उलरापुर गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय दुगौली में बच्चे बाघ के डर से पढ़ने नहीं जा रहे हैं। यहां छात्र-छात्राओं की उपस्थिति काफी कम हो गई है। …………… यह खबर भी पढ़ें लखनऊ के रहमानखेड़ा से 4 किमी दूर दिखा बाघ:कटौली गांव में मिले पैरों के निशान; ग्रामीण बोले- झोपड़ी में छिपकर बचाई जान लखनऊ के रहमानखेड़ा से 4 किमी दूर कटौली गांव में बाघ के पैरों के निशान मिले हैं। वहीं बाघ ने सोमवार को हलुवापुर में शिकार की गई नीलगाय का आंशिक हिस्सा भी खा गया। कटौली गांव के लोगों ने बताया कि सुबह खेत में काम कर रहे थे, तभी बाघ को देखा। यहां पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर