संगम की रेत पर पहली बार आम जनता के लिए सूचना के महाकुम्भ का आयोजन किया जा रहा है। सदन में जो सवाल सांसद और विधायक पूछते हैं, वही शासन प्रशासन से आप भी पूछ सकते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर लगातार भ्रष्टाचार पर प्रहार किया जा रहा है। इसी क्रम में जनता को सूचना के अधिकार से जुड़े हर पहलू की हर जानकारी देने सभी सूचना आयुक्त महाकुम्भ जा रहे हैं। सबसे खास बात ये है कि महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को अधिकार पाने के डिजिटल तरीके सिखाए जाएंगे। पहली बार महाकुंभ का डिजिटलीकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार महाकुम्भ का इतने बड़े स्तर पर डिजिटलीकरण कर रहे हैं। पीएम और सीएम के इस अभियान को उत्तर प्रदेश के सूचना आयोग ने आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इसी योजना के अंतर्गत सभी सूचना आयुक्त चाहते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में डिजिटल माध्यम से भी लड़ाई लड़ी जाए। तभी भ्रष्टाचारियों पर जीत हासिल करने में सुविधा होगी। इसके लिए डिजिटल माध्यम को हथियार बनाए जाने की जरूरत है। सूचना आयोग की ओर से एक कैंप लगाया जाएगा। इसमें डिजिटल एक्सपर्ट श्रद्धालुओं को गूगल, फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और वॉट्सएप के माध्यम से सूचना अधिकार मिलने में होने वाली सुविधा के बारे में विस्तार से बताएंगे। दिव्य और भव्य महाकुंभ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार के महाकुम्भ को पिछले सभी कुम्भ से ज्यादा दिव्य और भव्य बनाना चाहते हैं। देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए उन्होंने सुरक्षा, स्वच्छता और डिजिटल महाकुम्भ की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए महत्वपूर्ण अफसरों की बड़ी टीम यहां महाकुम्भ नगर में तैनात की है। उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त वीरेंद्र वत्स कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त माहौल बनाया जाए। आम जनता के अधिकारों का हनन कोई न करने पाए। इसके तहत महाकुम्भ में भी आने वाले श्रद्धालुओं को जागरूक करने की तैयारी की जा रही है। वीरेंद्र वत्स ने कहा कि यह पहला मौका रहेगा, जब महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को उनके अधिकारों की इतने वृहद जानकारी दी जाएगी। संगम की रेत पर पहली बार जनता को सूचना का अधिकार मिलने जा रहा है। यहां आए हुए लोग जानेंगे कि किस प्रकार से अपने अधिकारों का प्रयोग किया जाए। साथ ही किसी भी तरह से होने वाले अन्याय के खिलाफ जनता के साथ सरकार मुस्तैदी से खड़ी है, इसकी भी उन्हें जानकारी दी जाएगी। यहां जनता को सूचना के अधिकार से जुड़े हर पहलू की जानकारी मिलेगी। महाकुम्भ नगर में जागरूकता के इस कार्यक्रम में सभी सूचना आयुक्त जनता के साथ मिल बैठकर मंथन करेंगे। इसी के साथ आम आदमी की राय भी ली जाएगी। सूचना अधिकार के और बेहतर इस्तेमाल के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं, इस बारे में भी मुख्य सूचना आयुक्त के साथ सभी सूचना आयुक्त श्रद्धालुओं से मशविरा करेंगे। किताबों के माध्यम से जगाई जाएगी रुचि महाकुम्भ दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन बनने जा रहा है। इसमें देश दुनिया ब्रांड यूपी का चमत्कार देखेगी। इसके लिए श्रद्धालुओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए राज्य सूचना आयोग की तरफ से अभियान चलाया जाएगा। जिसमें किताबों के माध्यम से लोगों की रुचि जगाई जाएगी। बड़े पैमाने पर लोगों को आरटीआई के तहत मोटिवेट किए जाने की तैयारी है। संगम की रेत पर पहली बार आम जनता के लिए सूचना के महाकुम्भ का आयोजन किया जा रहा है। सदन में जो सवाल सांसद और विधायक पूछते हैं, वही शासन प्रशासन से आप भी पूछ सकते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर लगातार भ्रष्टाचार पर प्रहार किया जा रहा है। इसी क्रम में जनता को सूचना के अधिकार से जुड़े हर पहलू की हर जानकारी देने सभी सूचना आयुक्त महाकुम्भ जा रहे हैं। सबसे खास बात ये है कि महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को अधिकार पाने के डिजिटल तरीके सिखाए जाएंगे। पहली बार महाकुंभ का डिजिटलीकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार महाकुम्भ का इतने बड़े स्तर पर डिजिटलीकरण कर रहे हैं। पीएम और सीएम के इस अभियान को उत्तर प्रदेश के सूचना आयोग ने आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इसी योजना के अंतर्गत सभी सूचना आयुक्त चाहते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में डिजिटल माध्यम से भी लड़ाई लड़ी जाए। तभी भ्रष्टाचारियों पर जीत हासिल करने में सुविधा होगी। इसके लिए डिजिटल माध्यम को हथियार बनाए जाने की जरूरत है। सूचना आयोग की ओर से एक कैंप लगाया जाएगा। इसमें डिजिटल एक्सपर्ट श्रद्धालुओं को गूगल, फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और वॉट्सएप के माध्यम से सूचना अधिकार मिलने में होने वाली सुविधा के बारे में विस्तार से बताएंगे। दिव्य और भव्य महाकुंभ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार के महाकुम्भ को पिछले सभी कुम्भ से ज्यादा दिव्य और भव्य बनाना चाहते हैं। देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए उन्होंने सुरक्षा, स्वच्छता और डिजिटल महाकुम्भ की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए महत्वपूर्ण अफसरों की बड़ी टीम यहां महाकुम्भ नगर में तैनात की है। उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त वीरेंद्र वत्स कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त माहौल बनाया जाए। आम जनता के अधिकारों का हनन कोई न करने पाए। इसके तहत महाकुम्भ में भी आने वाले श्रद्धालुओं को जागरूक करने की तैयारी की जा रही है। वीरेंद्र वत्स ने कहा कि यह पहला मौका रहेगा, जब महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को उनके अधिकारों की इतने वृहद जानकारी दी जाएगी। संगम की रेत पर पहली बार जनता को सूचना का अधिकार मिलने जा रहा है। यहां आए हुए लोग जानेंगे कि किस प्रकार से अपने अधिकारों का प्रयोग किया जाए। साथ ही किसी भी तरह से होने वाले अन्याय के खिलाफ जनता के साथ सरकार मुस्तैदी से खड़ी है, इसकी भी उन्हें जानकारी दी जाएगी। यहां जनता को सूचना के अधिकार से जुड़े हर पहलू की जानकारी मिलेगी। महाकुम्भ नगर में जागरूकता के इस कार्यक्रम में सभी सूचना आयुक्त जनता के साथ मिल बैठकर मंथन करेंगे। इसी के साथ आम आदमी की राय भी ली जाएगी। सूचना अधिकार के और बेहतर इस्तेमाल के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं, इस बारे में भी मुख्य सूचना आयुक्त के साथ सभी सूचना आयुक्त श्रद्धालुओं से मशविरा करेंगे। किताबों के माध्यम से जगाई जाएगी रुचि महाकुम्भ दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन बनने जा रहा है। इसमें देश दुनिया ब्रांड यूपी का चमत्कार देखेगी। इसके लिए श्रद्धालुओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए राज्य सूचना आयोग की तरफ से अभियान चलाया जाएगा। जिसमें किताबों के माध्यम से लोगों की रुचि जगाई जाएगी। बड़े पैमाने पर लोगों को आरटीआई के तहत मोटिवेट किए जाने की तैयारी है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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<p style=”text-align: justify;”>विजेंद्र यादव की ओबीसी, पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति जन जाति पर काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है. इनके वोटिंग से कुछ दिन पहले इस्तीफा देने से इसका असर देखने को मिलेगा. <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> की घोषणा के बाद एनडीए के कार्यक्रमों में वे काफी सक्रिय रहते थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राजद का थाम सकते हैं दामन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसी संभावना है कि सोमवार को आरा के जगदीशपुर में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की सभा में विजेंद्र यादव राजद का दामन थाम सकते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि अभी कुछ और लोग पार्टी छोड़ने वाले हैं. बता दें कि विजेंद्र यादव इससे पूर्व करीब तीन दशक से भी अधिक समय तक राजद से जुड़े रहे थे. जुलाई 2020 में वे जदयू के प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री नीरज कुमार के समक्ष जदयू की सदस्यता ली थी. 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर संदेश से चुनाव भी लड़े थे, लेकिन, उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लगाया गंभीर आरोप</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, पूर्व विधायक विजेंद्र यादव ने जदयू में नेताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया है और कहा कि जदयू में अब कोई अनुशासन नहीं रह गया है. पार्टी अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तबीयत खराब है उसका नाजायज फायदा पार्टी के कुछ लोग उठा रहे है. जो नीतीश कुमार को रात दिन गाली देते थे चिराग पासवान उनकी पार्टी से अपने परिवार के लोगों को टिकट दिलवा कर ये लोग अपना प्रचार कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आगे उन्होंने कहा कि हमारे साथ करीब करीब 50 लोग इस्तीफा दिए हैं जो कि पार्टी के पद वाले लोग हैं. जिसमें दो प्रखंड अध्यक्ष, जिला के पदाधिकारी, प्रदेश के पदाधिकारी इस्तीफा दिए हैं. तीन चार पैक्स अध्यक्ष भी इस्तीफा दिए हैं. लगातार टीम बनाकर के जदयू से इस्तीफा का सिलसिला चुनाव तक जारी रहेगा. इस दल में कोई रहना नहीं चाहता है. मेरे इस्तीफा देने का कितना असर पड़ेगा यह आपको 4 तारीख को दिखाई देगा.</p>
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लवी मेले के लिए दो दिन होगा कलाकारों का ऑडिशन:4 सांस्कृतिक संध्या कराई जाएगी, 140 लोक कलाकार देते हैं प्रस्तुति
लवी मेले के लिए दो दिन होगा कलाकारों का ऑडिशन:4 सांस्कृतिक संध्या कराई जाएगी, 140 लोक कलाकार देते हैं प्रस्तुति शिमला के रामपुर में 11 से 14 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में सांस्कृतिक संध्याओं में प्रदेश के विभिन्न कलाकार भाग लेते हैं। इन कलाकारों के चयन को लेकर 6 से 8 नवंबर तक ऑडिशन प्रक्रिया होगी। अंतरराष्ट्रीय लवी मेला कमेटी के सचिव एवं एसडीएम निशांत तोमर ने बताया कि 11 से 14 नवंबर तक आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में सांस्कृतिक संध्याओं में प्रस्तुतियां देने वाले कलाकारों के लिए 6 से 8 नवंबर तक ऑडिशन प्रक्रिया आयोजित की जा रही है। जिला भाषा अधिकारी की अगुवाई वाली कमेटी कलाकारों के कमेटी ऑड़िशन लेगी। इसके बाद कमेटी द्वारा चयनित कलाकार अंतरराष्ट्रीय लवी मेले की सांस्कृतिक संध्याओं में अपनी प्रस्तुतियां देंगे। 150 से अधिक लोक कलाकार देते हैं प्रस्तुतियां बता दें कि, लवी मेले की चार सांस्कृतिक संध्याओं में करीब 140 लोक कलाकार प्रस्तुतियां देते हैं। विभिन्न जिलों के कलाकार अपने क्षेत्र और जिले से जुड़ी कलाओं को मंच के माध्यम से लोगों तक पहुंचाते हैं। सांस्कृतिक संध्याओं में से एक संध्या नगर परिषद द्वारा करवाई जाती है। इसके अलावा तीन संध्याओं में ऑडिशन कमेटी द्वारा चयनित कलाकारों को अपनी प्रस्तुतियां देने का मौका मिलता है।