चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) में सुरक्षा गार्ड और विद्यार्थियों के बीच हुआ विवाद बढ़ता जा रहा है। आज इनसो ( इंडियन नेशनल स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन) ने पूरे हरियाणा में यूनिवर्सिटी-कॉलेज बंद करने का आह्वान किया है। वहीं इसी बीच एचएयू ने दावा किया है कि उनके द्वारा सोमवार को ली जाने वाली परीक्षा में 50 से अधिक छात्रों ने परीक्षा दी है और 100 से ज्यादा एमएससी और पीएचडी छात्रों ने अपने विभागों में जाकर हाजिरी लगाई है। एचएयू प्रशासन का कहना है कि स्ट्राइक कर रहे छात्रों द्वारा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से परीक्षा में बाधा डालने की भी कोशिश की गई थी। विश्वविद्यालय द्वारा आंदोलनरत छात्रों के समाधान के लिए गठित की गई कमेटी के अध्यक्ष व अनुसंधान निदेशक डॉ राजबीर गर्ग ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन आंदोलन कर रहे छात्रों से एक बार पुनः अनुरोध करता है कि आज (मंगलवार) होने वाली परीक्षा में शामिल हों और स्ट्राइक पर बैठे छात्रों को आगाह भी करता हैं कि किसी भी छात्र को परीक्षा देने से ना रोका जाएं। परीक्षा देना छात्रों का मौलिक अधिकार है उनको जबरदस्ती रोकना गैर कानूनी भी है। एचएयू प्रशासन ने कहा-छात्रों की मांगें मानी
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा था कि छात्रों की सारी मांगे मान ली हैं अब स्ट्राइक का कोई भी औचित्य नहीं बनता है। फिर भी कोई बात कहनी है तो आएं बात करें किसी भी समस्या का समाधान बातचीत के द्वारा ही निकाला जा सकता है। विद्यार्थी कमेटी के समक्ष खुले मन से आएं तो समस्या का समाधान निकलेगा। छात्रों का आंदोलन राजनीतिक हाथों में गया
धरनारत विद्यार्थियों के समर्थन में इनसो ने आज पूरे हरियाणा के विश्वविद्यालय और कालेज बंद में हड़ताल का ऐलान किया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी सामने आए हैं। हुड्डा ने कहा कि जिस तरह जायज मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों पर लाठियां बरसाई गईं, वह बर्दाश्त से बाहर है। इस पूरे मामले में लाठी बरसाने वाले स्टाफ के साथ-साथ कुलपति की भी जवाबदेही तय होनी चाहिए। हुड्डा ने कहा कि छात्रवृत्ति कटौती के विरोध में शांतिपूर्ण धरना दे रहे छात्रों की मांगों को कांग्रेस पूर्ण समर्थन देती है। इससे पहले इनेलो और जजपा नेता भी धरने पर आकर छात्रों का समर्थन कर चुके हैं। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) में सुरक्षा गार्ड और विद्यार्थियों के बीच हुआ विवाद बढ़ता जा रहा है। आज इनसो ( इंडियन नेशनल स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन) ने पूरे हरियाणा में यूनिवर्सिटी-कॉलेज बंद करने का आह्वान किया है। वहीं इसी बीच एचएयू ने दावा किया है कि उनके द्वारा सोमवार को ली जाने वाली परीक्षा में 50 से अधिक छात्रों ने परीक्षा दी है और 100 से ज्यादा एमएससी और पीएचडी छात्रों ने अपने विभागों में जाकर हाजिरी लगाई है। एचएयू प्रशासन का कहना है कि स्ट्राइक कर रहे छात्रों द्वारा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से परीक्षा में बाधा डालने की भी कोशिश की गई थी। विश्वविद्यालय द्वारा आंदोलनरत छात्रों के समाधान के लिए गठित की गई कमेटी के अध्यक्ष व अनुसंधान निदेशक डॉ राजबीर गर्ग ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन आंदोलन कर रहे छात्रों से एक बार पुनः अनुरोध करता है कि आज (मंगलवार) होने वाली परीक्षा में शामिल हों और स्ट्राइक पर बैठे छात्रों को आगाह भी करता हैं कि किसी भी छात्र को परीक्षा देने से ना रोका जाएं। परीक्षा देना छात्रों का मौलिक अधिकार है उनको जबरदस्ती रोकना गैर कानूनी भी है। एचएयू प्रशासन ने कहा-छात्रों की मांगें मानी
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा था कि छात्रों की सारी मांगे मान ली हैं अब स्ट्राइक का कोई भी औचित्य नहीं बनता है। फिर भी कोई बात कहनी है तो आएं बात करें किसी भी समस्या का समाधान बातचीत के द्वारा ही निकाला जा सकता है। विद्यार्थी कमेटी के समक्ष खुले मन से आएं तो समस्या का समाधान निकलेगा। छात्रों का आंदोलन राजनीतिक हाथों में गया
धरनारत विद्यार्थियों के समर्थन में इनसो ने आज पूरे हरियाणा के विश्वविद्यालय और कालेज बंद में हड़ताल का ऐलान किया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी सामने आए हैं। हुड्डा ने कहा कि जिस तरह जायज मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों पर लाठियां बरसाई गईं, वह बर्दाश्त से बाहर है। इस पूरे मामले में लाठी बरसाने वाले स्टाफ के साथ-साथ कुलपति की भी जवाबदेही तय होनी चाहिए। हुड्डा ने कहा कि छात्रवृत्ति कटौती के विरोध में शांतिपूर्ण धरना दे रहे छात्रों की मांगों को कांग्रेस पूर्ण समर्थन देती है। इससे पहले इनेलो और जजपा नेता भी धरने पर आकर छात्रों का समर्थन कर चुके हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
