अयोध्या में तैनात अपर जिलाधिकारी कानून-व्यवस्था सुरजीत सिंह की मौत उन्ही के सरकारी आवास गुरुवार पर हुई थी। वें 58 वर्ष के थे। सिविल लाइन स्थित सुरसरि कॉलोनी में उनका शव कमरे में फर्श पर मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत के सही कारणों का पता चला है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, सुरजीत सिंह का निधन लिवर सिरोसिस की बीमारी के कारण हुई है। पोस्टमार्टम में सम्मिलित डॉक्टरों का कहना है कि अत्यधिक रक्तस्राव के कारण पेट की नशे फट गई थी, इसलिए उन्हें खून की उल्टी हुई, और उनकी मृत्यु हो गई। प्रोन्नति के बाद पहली बार अपर जिलाधिकारी (कानून व्यवस्था) के पद पर सुरजीत सिंह की तैनाती जिले में हुई। संयोग देखिये 24 अक्टूबर 2023 में इसके लिए जिले में योगदान दिया। ठीक एक वर्ष बाद 24 अक्टूबर को निधन हो गया। सुरसरि कालोनी के अपने सरकारी आवास में मृत मिले। आवास में अकेले रहते थे। दिसंबर 2025 को वह सेवानिवृत्त हो जाते। सरकारी सेवा में 14 महीने बचे थे। कानपुर नगर के गणेशनगर मैं परिवार रहता है। मूल जिला फर्रुखाबाद रहा। राम मंदिर विवाद के चलते शासन एडीएम (कानून व्यवस्था) व मंदिर मजिस्ट्रेट का पद सृजन किया था। सिर्फ राम मंदिर क्षेत्र के कानून व्यवस्था के प्रति उनकी जवाबदेही रही। कलेक्ट्रेट में इसे साइड की पोस्टिंग माने जाने के बावजूद वह सरकारी सेवा की अंतिम पारी में अयोध्या में तैनाती से बहुत खुश थे। वह अपनी तैनाती को रामकाज के लिए सौभाग्यशाली बताते थे। एडीएम पद पर प्रोन्नति से पहले वह प्रतापगढ़ जिले में डिप्टी कलेक्टर रहे। एडीएम विशेष भूमि अध्याप्ति अरुणमणि तिवारी के साथ एक ही कक्ष में बैठते थे। तिवारी कहते हैं कि किसी प्रकार का उनमें लोभ- लालच नहीं रहा। प्रशासनिक हनक दिखाने के भी वह कायल नहीं रहे। कमरे, वॉश बेसिन में पड़ी थी उल्टी पुलिस के अनुसार “एडीएम के कमरे में उल्टी पड़ी थी, जिसमें रक्त भी था। वॉश बेसिन में भी यही स्थिति थी। पोस्टमार्टम के मुताबिक अत्यधिक रक्तस्राव के कारण पेट की नशे फट गई थी, इसलिए उन्हें खून की उल्टी हुई, और उनकी मृत्यु हो गई। लिवर सिरोसिस के चलते लिवर ख़राब हो गया था, इसके चलते वह फट गया, और खून की उल्टी होने लगी। इसके आलावा अत्यधिक सिगरेट पीने से फेफड़े में भी बीमारी के संकेत भी मिले है। अयोध्या में तैनात अपर जिलाधिकारी कानून-व्यवस्था सुरजीत सिंह की मौत उन्ही के सरकारी आवास गुरुवार पर हुई थी। वें 58 वर्ष के थे। सिविल लाइन स्थित सुरसरि कॉलोनी में उनका शव कमरे में फर्श पर मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत के सही कारणों का पता चला है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, सुरजीत सिंह का निधन लिवर सिरोसिस की बीमारी के कारण हुई है। पोस्टमार्टम में सम्मिलित डॉक्टरों का कहना है कि अत्यधिक रक्तस्राव के कारण पेट की नशे फट गई थी, इसलिए उन्हें खून की उल्टी हुई, और उनकी मृत्यु हो गई। प्रोन्नति के बाद पहली बार अपर जिलाधिकारी (कानून व्यवस्था) के पद पर सुरजीत सिंह की तैनाती जिले में हुई। संयोग देखिये 24 अक्टूबर 2023 में इसके लिए जिले में योगदान दिया। ठीक एक वर्ष बाद 24 अक्टूबर को निधन हो गया। सुरसरि कालोनी के अपने सरकारी आवास में मृत मिले। आवास में अकेले रहते थे। दिसंबर 2025 को वह सेवानिवृत्त हो जाते। सरकारी सेवा में 14 महीने बचे थे। कानपुर नगर के गणेशनगर मैं परिवार रहता है। मूल जिला फर्रुखाबाद रहा। राम मंदिर विवाद के चलते शासन एडीएम (कानून व्यवस्था) व मंदिर मजिस्ट्रेट का पद सृजन किया था। सिर्फ राम मंदिर क्षेत्र के कानून व्यवस्था के प्रति उनकी जवाबदेही रही। कलेक्ट्रेट में इसे साइड की पोस्टिंग माने जाने के बावजूद वह सरकारी सेवा की अंतिम पारी में अयोध्या में तैनाती से बहुत खुश थे। वह अपनी तैनाती को रामकाज के लिए सौभाग्यशाली बताते थे। एडीएम पद पर प्रोन्नति से पहले वह प्रतापगढ़ जिले में डिप्टी कलेक्टर रहे। एडीएम विशेष भूमि अध्याप्ति अरुणमणि तिवारी के साथ एक ही कक्ष में बैठते थे। तिवारी कहते हैं कि किसी प्रकार का उनमें लोभ- लालच नहीं रहा। प्रशासनिक हनक दिखाने के भी वह कायल नहीं रहे। कमरे, वॉश बेसिन में पड़ी थी उल्टी पुलिस के अनुसार “एडीएम के कमरे में उल्टी पड़ी थी, जिसमें रक्त भी था। वॉश बेसिन में भी यही स्थिति थी। पोस्टमार्टम के मुताबिक अत्यधिक रक्तस्राव के कारण पेट की नशे फट गई थी, इसलिए उन्हें खून की उल्टी हुई, और उनकी मृत्यु हो गई। लिवर सिरोसिस के चलते लिवर ख़राब हो गया था, इसके चलते वह फट गया, और खून की उल्टी होने लगी। इसके आलावा अत्यधिक सिगरेट पीने से फेफड़े में भी बीमारी के संकेत भी मिले है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Bihar News: बिहार में धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन, चावल मिलों की संख्या बढ़ी, किसानों के लिए क्या बोले CM? <p style=”text-align: justify;”><strong>Paddy Procurement In Bihar:</strong> मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार (1 नवंबर) को एक अन्ने मार्ग स्थित ‘संकल्प’ भवन में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में धान अधिप्राप्ति को लेकर समीक्षात्मक बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव डॉ एन. सरवन कुमार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के अन्तर्गत धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य, धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि एवं धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिहार में चावल मिलों की संख्या अब बढ़कर 360</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि इस बार सामान्य ग्रेड के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है. धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि एक नवंबर 2024 से 15 फरवरी 2025 तक रखा गया है. चरणबद्ध तरीके से धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है और इस साल धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन रखा गया है. राज्य में उसना चावल मिलों की संख्या अब बढ़कर 360 हो गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक में सहकारिता विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह ने भी धान अधिप्राप्ति की कार्य योजना के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के 19 जिलों में आज से धान अधिप्राप्ति शुरू कर दी गई है, जबकि बाकी बचे जिलों में 15 नवम्बर से धान अधिप्राप्ति का कार्य शुरू कर दी जाएगी. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की हरसंभव सहायता के लिये तत्पर रहती है. कृषि कार्य से जुड़े हुए लोगों को धान अधिप्राप्ति में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसका विशेष ध्यान रखें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अधिप्राप्ति कार्य में गड़बड़ करने वालों पर रहेगाी नजर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि धान के अनुमानित उत्पादन के अनुसार ही धान अधिप्राप्ति का जिलावार लक्ष्य निर्धारित करें. धान अधिप्राप्ति कार्य में गड़बड़ करनेवालों पर भी नजर रखें. धान अधिप्राप्ति का कार्य तेजी से और बेहतर ढंग से करें ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/dm-chandrashekhar-and-ssp-rajiv-mishra-inspected-chhath-ghats-in-patna-for-chhath-2024-in-bihar-ann-2814821″>Chhath 2024: दिवाली खत्म होते ही बिहार में छठ की तैयारी तेज, DM-SSP ने लिया घाटों का जायजा</a></strong></p>