पंजाब के लुधियाना में आज पटाखा कारोबारी पुलिस कमिश्नर दफ्तर मिलने पहुंचे। पटाखा कारोबारियों ने खुलासा किया है कि इस बार दाना मंडी में जिन लोगों की दुकानें ड्रा के जरिए निकली है उन लोगों को पटाखे बेचने या खरीदने या सुरक्षा कैसे करनी है इस बात का कोई ज्ञान नहीं है। कई लोग तो अब ड्रा द्वारा निकली दुकानों को आगे 4 से 5 लाख रुपए में बेच रहे हैं। सरेआम दाना मंडी में पटाखों की दुकानों की ब्लेकसेलिंग हो रही है। जानकारी देते हुए पटाखा कारोबारी अशोक थापर ने कहा कि लुधियाना फायर वर्कर एसोसिएशन के द्वारा 2016 में 66 दुकानें लगी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद पूरे पंजाब में 20 प्रतिशत दुकानें कर दिया था। 2022 में हाईकोर्ट में रिट लगाई थी जिसके बाद कोर्ट का आदेश था कि सिर्फ दाना मंडी लुधियाना में डीएम को आर्डर किया था कि 50 दुकानें लग सकती है। 2016 में 100 फाइल लगाई गई थी। 2022 में 350 फाइलें लगी थी। अब 2024 में 750 फाइलों का आवेदन हुआ। 4 से 5 लाख रुपए में दुकान आगे देने की तैयारी कुल 38 से 40 लोग एसोसिएशन के हैं जो करीब 40 साल से पटाखे का कारोबार करते हैं। जिन 40 लोगों का अब ड्रा निकला है, वह ब्लेकमेलिंग करते हुए 4 से 5 लाख रुपए में दुकान आगे देने की तैयारी में है। एसोसिएशन के सदस्यों ने जनवरी महीने में माल खरीदा हुआ है। प्रशासन से मांग है कि जो पक्के 40 दुकानदार हैं उन्हें काम करने दिया जाए। बाकी जिनकी ड्रा से दुकानें निकली है उन्हें सख्त तौर पर हिदायत दी जानी चाहिए कि जिसकी दुकान है वही काम करें। DCP शुभम अग्रवाल बोले… उधर, DCP शुभम अग्रवाल ने कहा कि सरकार की पालिसी के मुताबिक कोई भी व्यक्ति पटाखे बेचने के लिए अपना लाइसेंस अप्लाई कर सकता है। जो फाइलें विभाग में जमा होती है उनकी टर्म और कंडीशन चैक होती है। पारदर्शी तरीके से ड्रा निकाला जाता है। जिस दुकानदार का ड्रा निकला है वहीं दुकान चलाए। यदि किसी ने आगे किसी को दुकान बेची तो उस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। समय-समय पर चेकिंग की जाएगी। दुकानों में लाइसेंस लगाना भी जरूरी है। सुबह 7 से रात 10 बजे तक ही बेच सकेंगे पटाखे डीसीपी शुभम अग्रवाल ने ये भी बताया कि पटाखा व्यापारियों को सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखा बेचने की हिदायतें दी गयी हैं। जो भी व्यक्ति रात 10 बजे के बाद पटाखा बेचता पाया गया तो सख्त कारवाई होगी। इसके अलावा पटाखा स्थल पर दमकल विभाग की गाडिया भी खडी रहेंगी ताकि किसी भी आगजनी जैसी घटना से तुरंत निपटा जा सके। पंजाब के लुधियाना में आज पटाखा कारोबारी पुलिस कमिश्नर दफ्तर मिलने पहुंचे। पटाखा कारोबारियों ने खुलासा किया है कि इस बार दाना मंडी में जिन लोगों की दुकानें ड्रा के जरिए निकली है उन लोगों को पटाखे बेचने या खरीदने या सुरक्षा कैसे करनी है इस बात का कोई ज्ञान नहीं है। कई लोग तो अब ड्रा द्वारा निकली दुकानों को आगे 4 से 5 लाख रुपए में बेच रहे हैं। सरेआम दाना मंडी में पटाखों की दुकानों की ब्लेकसेलिंग हो रही है। जानकारी देते हुए पटाखा कारोबारी अशोक थापर ने कहा कि लुधियाना फायर वर्कर एसोसिएशन के द्वारा 2016 में 66 दुकानें लगी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद पूरे पंजाब में 20 प्रतिशत दुकानें कर दिया था। 2022 में हाईकोर्ट में रिट लगाई थी जिसके बाद कोर्ट का आदेश था कि सिर्फ दाना मंडी लुधियाना में डीएम को आर्डर किया था कि 50 दुकानें लग सकती है। 2016 में 100 फाइल लगाई गई थी। 2022 में 350 फाइलें लगी थी। अब 2024 में 750 फाइलों का आवेदन हुआ। 4 से 5 लाख रुपए में दुकान आगे देने की तैयारी कुल 38 से 40 लोग एसोसिएशन के हैं जो करीब 40 साल से पटाखे का कारोबार करते हैं। जिन 40 लोगों का अब ड्रा निकला है, वह ब्लेकमेलिंग करते हुए 4 से 5 लाख रुपए में दुकान आगे देने की तैयारी में है। एसोसिएशन के सदस्यों ने जनवरी महीने में माल खरीदा हुआ है। प्रशासन से मांग है कि जो पक्के 40 दुकानदार हैं उन्हें काम करने दिया जाए। बाकी जिनकी ड्रा से दुकानें निकली है उन्हें सख्त तौर पर हिदायत दी जानी चाहिए कि जिसकी दुकान है वही काम करें। DCP शुभम अग्रवाल बोले… उधर, DCP शुभम अग्रवाल ने कहा कि सरकार की पालिसी के मुताबिक कोई भी व्यक्ति पटाखे बेचने के लिए अपना लाइसेंस अप्लाई कर सकता है। जो फाइलें विभाग में जमा होती है उनकी टर्म और कंडीशन चैक होती है। पारदर्शी तरीके से ड्रा निकाला जाता है। जिस दुकानदार का ड्रा निकला है वहीं दुकान चलाए। यदि किसी ने आगे किसी को दुकान बेची तो उस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। समय-समय पर चेकिंग की जाएगी। दुकानों में लाइसेंस लगाना भी जरूरी है। सुबह 7 से रात 10 बजे तक ही बेच सकेंगे पटाखे डीसीपी शुभम अग्रवाल ने ये भी बताया कि पटाखा व्यापारियों को सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखा बेचने की हिदायतें दी गयी हैं। जो भी व्यक्ति रात 10 बजे के बाद पटाखा बेचता पाया गया तो सख्त कारवाई होगी। इसके अलावा पटाखा स्थल पर दमकल विभाग की गाडिया भी खडी रहेंगी ताकि किसी भी आगजनी जैसी घटना से तुरंत निपटा जा सके। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
लुधियाना में ऑटो पलटा, एक की मौत:4 युवक गंभीर रूप से घायल; सतलुज में दुर्गा मूर्ति विसर्जन कर लौट रहे थे दोस्त
लुधियाना में ऑटो पलटा, एक की मौत:4 युवक गंभीर रूप से घायल; सतलुज में दुर्गा मूर्ति विसर्जन कर लौट रहे थे दोस्त पंजाब के लुधियाना में सोमवार देर शाम को दुर्गा मूर्ति विसर्जन से लौट रहे लोगों की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया। इसमें एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को सिविल अस्पताल में दाखिल कराया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है। दुर्घटना के PHOTOS… सतलुज दरिया से विसर्जन कर लौट रहे थे लोग
अस्पताल में सतविंदर सिंह और परवीन ने बताया कि सोमवार देर शाम को मनोज कुमार, राजू, रमेश समेत 5 लोग सतलुज में दुर्गा मूर्ति विसर्जन करने गए थे। विसर्जन के बाद सभी दोस्त ऑटो में सवार होकर घर लौट रहे थे कि लुधियाना-जालंधर बाईपास मेट्रो के पास ऑटो अचानक बेकाबू होकर पलट गया। ऑटो पलटने से सवार मनोज कुमार (26) की मौत हो गई। वह लुधियाना का रहने वाला था। जबकि, बाकी 4 लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल भेजा गया। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची। जांच अधिकारी हरविंदर कुमार ने कहा कि घायल के बयान लिए जा रहे हैं। जांच के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।
मेरिटोरियस स्कूल में दाखिले के लिए होगी चौथी काउंसिलिंग:23 जिलों में बनाए गए केंद्र, जल्द घोषित होगा मेरिट व शेड्यूल
मेरिटोरियस स्कूल में दाखिले के लिए होगी चौथी काउंसिलिंग:23 जिलों में बनाए गए केंद्र, जल्द घोषित होगा मेरिट व शेड्यूल पंजाब के मेरिटोरियस स्कूलों में 11वीं कक्षा में दाखिले के लिए चौथी काउंसलिंग 5 जून को होगी। काउंसलिंग राज्य के 23 जिलों में बनाए गए केंद्रों पर होगी। हालांकि, विभाग ने अभी मेरिट लिस्ट और शेड्यूल जारी नहीं किया है। विभाग का दावा है कि जल्द ही शेड्यूल घोषित कर दिया जाएगा ताकि योग्य छात्रों को मौका मिल सके। 60 फीसदी सीटें लड़कों के लिए राज्य के तलवाड़ा, अमृतसर, बठिंडा, फिरोजपुर, गुरदासपुर, जालंधर, मोहाली, पटियाला, संगरूर में केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन स्कूलों में 4600 सीटों के लिए दाखिले की प्रोसेस चल रही है। अब तक तीन बार इन सीटों के लिए काउंसलिंग की जा चुकी है। तीसरी काउंसलिंग 29 और 30 मई को संपन्न हुई थीं। इसमें 1736 लड़कों और 931 लड़कियों को बुलाया गया था। हालांकि इसके बाद भी कुछ सीटें रह गई थी। बता दें कि 60 फीसदी सीटें लड़कों व 40 फीसदी सीटें लड़कियों के लिए तय की गई हैं। मार्च से चल रही है प्रक्रिया मेरिटोरियस स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया में मार्च माह से चल रही है। इसके लिए पहले परीक्षा आयोजित की थी। इसके बाद मई माह में तीन बार काउंसिलिंग हुई। हालांकि काउंसिलिंग को लेकर नियम काफी सख्त है। जो शेड्यूल विभाग द्वारा जारी किया जाता है, उसके मुताबिक ही स्कूल में पहुंचना होता है। इसके अलावा सीट अलॉट होने पर दो दिनों के भीतर अलॉट होने वाले स्कूल में रिपोर्ट करनी होती है। वहीं, काउंसिलिंग में आने वाले मतलब यह नहीं है कि आपका दाखिला तय है।
राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा
राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी। राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा। हाईकोर्ट के फैसले पर डेरा सच्चा सौदा ने कहा कि हमें न्यायपालिका पर हमेशा पूर्ण विश्वास रहा है और माननीय न्यायालय से हमें न्याय मिला है। 22 साल पहले हत्या, 19 साल बाद हुई थी सजा, 3 साल बाद बरी
कुरुक्षेत्र के रहने वाले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसकी पुलिस जांच हुई, लेकिन डेरे को क्लीन चिट दे दी गई। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की थी। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच CBI को सौंपी गई। फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को शामिल किया गया। इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे। 19 साल के बाद अक्टूबर 2021 में डेरा मुखी समेत 5 आरोपियों को दोषी करार दिया गया। जिसके बाद CBI ने इन्हें उम्रकैद की सजा दे दी। सजा मिलने के तीन साल बाद राम रहीम हाईकोर्ट से बरी हो गया। रणजीत का पूरा परिवार डेरे से जुड़ा था, चिट्ठी के बाद इस्तीफा दिया
साल 2002 में रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर थे। रणजीत सिंह कुरुक्षेत्र के रहने वाले थे। उनका पूरा परिवार भी डेरे से जुड़ा हुआ था। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक एक गुमनाम चिठ्ठी की वजह से डेरा सच्चा सौदा में हंगामा खड़ा हो गया था। उस गुमनाम खत में एक साध्वी का यौन शोषण किए जाने का खुलासा था। चिठ्ठी सामने आते ही डेरा सच्चा सौदा पर सवाल उठने लगे। डेरे में यौन शोषण के आरोप सामने आने के बाद रणजीत सिंह आहत हो गए। इसी बात को लेकर उन्होंने डेरे के मैनेजर पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ परिवार के लोग भी डेरे से अलग हो गए। गुमनाम चिट्ठी के शक में मारी गई थी गोली
रणजीत सिंह की हत्या का मामला गुमनाम चिट्ठी से जुड़ा हुआ है, जिसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। ये वह चिट्ठी थी, जो तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गई थी। CBI ने दावा किया था कि डेरे को शक था कि रणजीत ने ही अपनी बहन से साध्वियों के यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है। CBI ने जांच के बाद कोर्ट में कहा था कि राम रहीम को शक था कि गुमनाम चिट्ठी के पीछे रणजीत का हाथ है। इस चिट्ठी में रणजीत की बहन का भी जिक्र था। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद रणजीत को डेरे में बुलाया गया। जहां उसे गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, रणजीत ने कहा कि इस चिट्ठी के पीछे उसकी कोई भूमिका नहीं है। जिसके बाद उसकी हत्या हो गई। यह चिट्ठी बाद में सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में छापी थी। इसके बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को 24 अक्टूबर को गोली मारी गई थी। इसके बाद उसे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 21 नवंबर को उनकी मौत हो गई थी। छत्रपति की हत्या के केस में भी राम रहीम उम्रकैद काट रहा है। ये खबरें भी पढ़ें… वह गुमनाम चिट्ठी, जिसके बाद रणजीत का मर्डर हुआ:इसी केस में राम रहीम बरी हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के साम्राज्य को एक गुमनाम चिट्ठी ने तबाह किया था। यह चिट्ठी डेरे में साध्वियों के यौन शोषणा से जुड़ी हुई थी। यह चिट्ठी 13 मई 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को संबोधित कर लिखी गई थी।इस चिट्ठी के सामने आने के बाद पहले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह का मर्डर हुआ (पूरी खबर पढ़ें) गुरमीत के राम रहीम बनने की पूरी कहानी:17 की उम्र में शादी, 23 में संन्यासी बना; एक पोशाक से हिंसा फैली, रेप-मर्डर में सजा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 22 साल पुराने रणजीत सिंह मर्डर केस में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। राम रहीम अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। वह जेल से बाहर नहीं आएगा। एक सामान्य इंसान से डेरा सच्चा का प्रमुख बनने तक राम रहीम की कहानी दिलचस्प है। राम रहीम का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की गुरुसर मोडिया गांव में जट सिख परिवार में हुआ। वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता मघर सिंह गांव के जमींदार थे। माता का नाम नसीब कौर है। (पूरी खबर पढ़ें) रणजीत का परिवार जाएगा सुप्रीम कोर्ट:राम रहीम को बरी किए जाने से परिवार मायूस, बेटा और जीजा बोले-मरते दम तक लड़ेंगे लड़ाई हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह के मर्डर केस में हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख को बरी कर दिया है। इस फैसले से रणजीत सिंह का परिवार मायूस है। परिवार का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इसके लिए वकीलों से राय ली जा रही है। जल्द ही इसके लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू करेंगे। (पूरी खबर पढ़ें)