पंजाब के लुधियाना में आज CBI की टीम पहुंची। टीम ने थाना दुगरी का रिकार्ड खंगाला और कर्मचारियों से पूछताछ की। 7 साल पहले थाना दुगरी की पुलिस ने एक युवती को हिरासत में लिया था। उस युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस केस में हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामला CBI के समक्ष पहुंचा। पता चला है कि टीम ने युवती के मंगेतर मुकुल गर्ग की अगुआई में घटना स्थल का सीन री-क्रिएट किया है। टीम के अधिकारियों ने घटना स्थल पर मौजूद उस समय के पुलिस कर्मचारियों की स्टेटमेंट भी दर्ज की है। सूत्रों मुताबिक पता चला है कि इस मामले में बड़ा एक्शन आने वाले समय में हो सकता है। थाना में आधा घंटा रुकी CBI की टीम CBI की टीम ने उन सभी जगहों को चैक किया है जहां युवती रमनदीप की मौत हुई थी। जिस लौकअप में मंगेतर मुकुल को बंद किया था उसके हालात भी टीम ने देखे। थाना में टीम करीब आधा घंटा रुकी। घटना स्थल की वीडियोग्राफी भी करवाई गई। CBI के अधिकारी ने पुलिस की कहानी और पीड़ित के बयान दोनों को क्रास चैक किया ताकि पता चल सके कि घटना वाली रात की सच्चाई पता चल सके। थाना दुगरी के एसएचओ गुरप्रीत सिंह ने कहा कि सुबह टीम आई थी। रमनदीप कौर मामले में उस समय के अधिकारियों से पूछताछ कर चले गए। अब विस्तार से जानिए महिला के सुसाइड का पूरा मामला… 4 अगस्त 2017 को बाथरूम में लगाई फांसी थाना दुगरी पुलिस ने महिला रमनदीप कौर और उसके पति को गिरफ्तार किया था। रमनदीप और उसका पति अलग-अलग बैरक में थे। 4 अगस्त 2017 को रमनदीप ने बाथरूम में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जब ये वारदात हुई, तब रमनदीप की सुरक्षा के लिए महिला कॉन्स्टेबल राजविंदर कौर और अमनदीप कौर तैनात थीं। दोनों की मौजूदगी में रमनदीप ने सुसाइड किया। पुलिस के अनुसार, रमनदीप कौर क्रेडिट कार्ड इत्यादि से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह में शामिल थी। उस पर मोहाली व अन्य जगह कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसे लेकर लुधियाना सिटी पुलिस ने 3 अगस्त 2017 को IPC की धारा 379, 420, 465, 467, 468, 471, 201, 120-बी और IT एक्ट में केस दर्ज किया था। घटना के 2 साल बाद पुलिस ने दर्ज किया मामला कस्टडी के दौरान रमनदीप के साथ पुलिस के अधिकारियों पर बुरा सलूक करने का आरोप लगा। इससे रमनदीप काफी परेशान हो गई थी। घटना के 2 साल बाद 13 जून 2019 में पंजाब पुलिस ने FIR दर्ज की थी। मुकुल ने याचिका में आरोप लगाए की पंजाब पुलिस इस केस में गड़बड़ी कर सकती है। इस कारण CBI जांच करवाई जाए। IPS अफसर नीरजा की देखरेख में बनाई गई थी SIT इसके बाद पंजाब पुलिस द्वारा IPS अफसर नीरजा (तत्कालीन रोपड़ रेंज IG), ओपिंदरजीत सिंह घुम्मण (तत्कालीन बटाला SP) की देखरेख में एसआईटी बनाई गई थी। याचिकाकर्ता ने SIT रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े किए। याचिकाकर्ता ने कहा था कि पंजाब पुलिस की जांच में कई लूप होल हैं। जिसके बाद मुकुल हाईकोर्ट पहुंच गया। क्योंकि जब रमनदीप कौर को अस्पताल पहुंचाया गया तो डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट में साफ लिखा था कि रमनदीप के हाथ पर चाकू के घाव थे पुलिस कस्टडी में उसके पास चाकू कैसे पहुंचा। इस बारे में कोई भी अधिकारी जवाब नहीं दे पाया। सभी तथ्यों को देखते हुए जज पंकज जैन ने मामले में सीबीआई को केस दर्ज करने के आदेश दिए। पंजाब के लुधियाना में आज CBI की टीम पहुंची। टीम ने थाना दुगरी का रिकार्ड खंगाला और कर्मचारियों से पूछताछ की। 7 साल पहले थाना दुगरी की पुलिस ने एक युवती को हिरासत में लिया था। उस युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस केस में हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामला CBI के समक्ष पहुंचा। पता चला है कि टीम ने युवती के मंगेतर मुकुल गर्ग की अगुआई में घटना स्थल का सीन री-क्रिएट किया है। टीम के अधिकारियों ने घटना स्थल पर मौजूद उस समय के पुलिस कर्मचारियों की स्टेटमेंट भी दर्ज की है। सूत्रों मुताबिक पता चला है कि इस मामले में बड़ा एक्शन आने वाले समय में हो सकता है। थाना में आधा घंटा रुकी CBI की टीम CBI की टीम ने उन सभी जगहों को चैक किया है जहां युवती रमनदीप की मौत हुई थी। जिस लौकअप में मंगेतर मुकुल को बंद किया था उसके हालात भी टीम ने देखे। थाना में टीम करीब आधा घंटा रुकी। घटना स्थल की वीडियोग्राफी भी करवाई गई। CBI के अधिकारी ने पुलिस की कहानी और पीड़ित के बयान दोनों को क्रास चैक किया ताकि पता चल सके कि घटना वाली रात की सच्चाई पता चल सके। थाना दुगरी के एसएचओ गुरप्रीत सिंह ने कहा कि सुबह टीम आई थी। रमनदीप कौर मामले में उस समय के अधिकारियों से पूछताछ कर चले गए। अब विस्तार से जानिए महिला के सुसाइड का पूरा मामला… 4 अगस्त 2017 को बाथरूम में लगाई फांसी थाना दुगरी पुलिस ने महिला रमनदीप कौर और उसके पति को गिरफ्तार किया था। रमनदीप और उसका पति अलग-अलग बैरक में थे। 4 अगस्त 2017 को रमनदीप ने बाथरूम में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जब ये वारदात हुई, तब रमनदीप की सुरक्षा के लिए महिला कॉन्स्टेबल राजविंदर कौर और अमनदीप कौर तैनात थीं। दोनों की मौजूदगी में रमनदीप ने सुसाइड किया। पुलिस के अनुसार, रमनदीप कौर क्रेडिट कार्ड इत्यादि से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह में शामिल थी। उस पर मोहाली व अन्य जगह कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसे लेकर लुधियाना सिटी पुलिस ने 3 अगस्त 2017 को IPC की धारा 379, 420, 465, 467, 468, 471, 201, 120-बी और IT एक्ट में केस दर्ज किया था। घटना के 2 साल बाद पुलिस ने दर्ज किया मामला कस्टडी के दौरान रमनदीप के साथ पुलिस के अधिकारियों पर बुरा सलूक करने का आरोप लगा। इससे रमनदीप काफी परेशान हो गई थी। घटना के 2 साल बाद 13 जून 2019 में पंजाब पुलिस ने FIR दर्ज की थी। मुकुल ने याचिका में आरोप लगाए की पंजाब पुलिस इस केस में गड़बड़ी कर सकती है। इस कारण CBI जांच करवाई जाए। IPS अफसर नीरजा की देखरेख में बनाई गई थी SIT इसके बाद पंजाब पुलिस द्वारा IPS अफसर नीरजा (तत्कालीन रोपड़ रेंज IG), ओपिंदरजीत सिंह घुम्मण (तत्कालीन बटाला SP) की देखरेख में एसआईटी बनाई गई थी। याचिकाकर्ता ने SIT रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े किए। याचिकाकर्ता ने कहा था कि पंजाब पुलिस की जांच में कई लूप होल हैं। जिसके बाद मुकुल हाईकोर्ट पहुंच गया। क्योंकि जब रमनदीप कौर को अस्पताल पहुंचाया गया तो डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट में साफ लिखा था कि रमनदीप के हाथ पर चाकू के घाव थे पुलिस कस्टडी में उसके पास चाकू कैसे पहुंचा। इस बारे में कोई भी अधिकारी जवाब नहीं दे पाया। सभी तथ्यों को देखते हुए जज पंकज जैन ने मामले में सीबीआई को केस दर्ज करने के आदेश दिए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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