लुधियाना में एक युवक ने अस्पताल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। वह अपनी मां की बीमारी से परेशान था। करीब 1 साल पहले उसके पिता की मौत हो गई थी। मृतक युवक का 7 साल पहले अपनी पत्नी से तलाक हो गया था। इन्हीं मानसिक परेशानियों के चलते उसने मौत को गले लगा लिया। मृतक युवक की पहचान 35 वर्षीय हरिंदर सिंह के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक सराभा नगर स्थित दीपक अस्पताल में शनिवार को युवक ने अपनी मां की बीमारी से परेशान होकर अस्पताल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या की घटना सामने आते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया। खून से लथपथ युवक को इलाज के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी लेकिन उसकी मौत हो गई। आज होगा मृतक का पोस्टमॉर्टम अस्पताल प्रशासन ने थाना डिवीजन नंबर 5 की पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया है। आज रविवार को शव का पोस्टमॉर्टम करवा परिजनों को सौंपा जाएगा। 1 साल पहले हो चुकी पिता की मौत थाना डिवीजन 5 के जांच अधिकारी ASI गुरमेल सिंह ने बताया कि मृतक युवक जमालपुर के इलाके का रहने वाला है। करीब 1 साल पहले उसके पिता की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। वही मृतक का उसकी पत्नी से करीब 7 साल पहले तलाक हो चुका है। पिछले 10 दिनों से अस्पताल में दाखिल है मां मृतक के छोटे भाई वरिंदर ने बताया कि उनकी माता सुखदेव कौर पिछले 10 दिनों से दीपक अस्पताल में बीमारी के चलते भर्ती है। जिसके चलते हरविंदर परेशान रहता था। जिसने शनिवार की दोपहर करीब 2 बजे अस्पताल की छत से छलांग लगा दी। अस्पताल में उसके छलांग लगाने के बाद तुरंत लोगो ने उसे इमरजेंसी में पहुंचाया। जहा डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। लुधियाना में एक युवक ने अस्पताल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। वह अपनी मां की बीमारी से परेशान था। करीब 1 साल पहले उसके पिता की मौत हो गई थी। मृतक युवक का 7 साल पहले अपनी पत्नी से तलाक हो गया था। इन्हीं मानसिक परेशानियों के चलते उसने मौत को गले लगा लिया। मृतक युवक की पहचान 35 वर्षीय हरिंदर सिंह के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक सराभा नगर स्थित दीपक अस्पताल में शनिवार को युवक ने अपनी मां की बीमारी से परेशान होकर अस्पताल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या की घटना सामने आते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया। खून से लथपथ युवक को इलाज के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी लेकिन उसकी मौत हो गई। आज होगा मृतक का पोस्टमॉर्टम अस्पताल प्रशासन ने थाना डिवीजन नंबर 5 की पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया है। आज रविवार को शव का पोस्टमॉर्टम करवा परिजनों को सौंपा जाएगा। 1 साल पहले हो चुकी पिता की मौत थाना डिवीजन 5 के जांच अधिकारी ASI गुरमेल सिंह ने बताया कि मृतक युवक जमालपुर के इलाके का रहने वाला है। करीब 1 साल पहले उसके पिता की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। वही मृतक का उसकी पत्नी से करीब 7 साल पहले तलाक हो चुका है। पिछले 10 दिनों से अस्पताल में दाखिल है मां मृतक के छोटे भाई वरिंदर ने बताया कि उनकी माता सुखदेव कौर पिछले 10 दिनों से दीपक अस्पताल में बीमारी के चलते भर्ती है। जिसके चलते हरविंदर परेशान रहता था। जिसने शनिवार की दोपहर करीब 2 बजे अस्पताल की छत से छलांग लगा दी। अस्पताल में उसके छलांग लगाने के बाद तुरंत लोगो ने उसे इमरजेंसी में पहुंचाया। जहा डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
मोगा में नशा तस्कर की प्रॉपर्टी सीज:20 लाख कीमत के मकान पर चिपकाया नोटिस, 10 साल के लिए जेल में बंद
मोगा में नशा तस्कर की प्रॉपर्टी सीज:20 लाख कीमत के मकान पर चिपकाया नोटिस, 10 साल के लिए जेल में बंद मोगा पुलिस ने आज एक नशा तस्कर खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी करीब बीस लाख रुपए कीमत की प्रॉपर्टी को सीज करने की कार्रवाई की है। आरोपी मोगा जिले के गांव फाथेगढ पंजतूर का रहने वाला गुरदियाल सिंह है, जो एनडीपीसी एक्ट के तहत दस साल की सजा काट रहा है। जानकारी देते हुए एसपी डी ने बताया कि नशा तस्करों के खिलाफ शिकंजा कसा जा रहा है। किसी भी कीमत पर नशा तस्करो को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, अब उनकी नशा बेचकर कमाई गई प्रॉपर्टी भी सरकार जब्त कर रही है। मोगा पुलिस ने कस्बा फाथेगढ़ पंजतुर के गुददयाल सिंह की प्रापर्टी को सीज कर दिया है। सीज की गई संपति की कीमत करीब 20 लाख रुपए है। गुरदयाल सिंह नशा तस्करी के आरोप में जेल में दस साल की सजा काट रहा है। संपति सीज करने की कार्रवाई मोगा के एसपी डी डाक्टर बाल कृष्ण सिंगला ने पुलिस पार्टी के साथ मिलकर की। उन्होंने गुरदयाल सिंह के मकान के बाहर संपति सीज किए जाने का नोटिस चस्पा किया।
लुधियाना में पूर्व मंत्री दर्शन बराड़ कांग्रेस से निष्कासित:प्रधान वड़िंग के खिलाफ बेटे ने लड़ा था चुनाव, दूसरी बार पार्टी से बाहर
लुधियाना में पूर्व मंत्री दर्शन बराड़ कांग्रेस से निष्कासित:प्रधान वड़िंग के खिलाफ बेटे ने लड़ा था चुनाव, दूसरी बार पार्टी से बाहर पंजाब के कांग्रेस प्रदेश प्रधान और लुधियाना से नव नियुक्त सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग एक्शन मोड में आ गए हैं। प्रदेश कांग्रेस ने वडिंग के खिलाफ आजाद चुनाव लड़ने वाले कमलजीत सिंह बराड़ के पिता पूर्व मंत्री दर्शन सिंह बराड़ को पार्टी के खिलाफ काम करने को लेकर बाहर कर दिया गया। दर्शन बराड़ ने पहली बार 1992 में लड़ा चुनाव दर्शन सिंह बराड़ पहली बार जगराओं में 1992 में चुनाव लड़े थे और भाजपा के आयोध्या प्रकाश को 5541 वोट से हरा कर चुनाव जीता था जिसके बाद दर्शन सिंह बराड़ की कांग्रेस पार्टी में काफी पकड़ बन गई थी। उसके बाद दर्शन बराड़ ने 1997 में चुनाव लड़ा लेकिन वह अकालीदल से चुनाव हार गए जिसके बाद दर्शन सिंह बराड़ को 2002 में कांग्रेस ने झटका देते हुए उनकी टिकट काट डाली तो वह पार्टी के खिलाफ आजाद चुनाव लड़े तो कांग्रेस पार्टी ने दर्शन बराड़ को पार्टी से बाहर कर दिया। लेकिन इस दौरान उन्होंने चुनावों में आजाद उम्मीदवार होने पर भी 30595 वोट हासिल कर कांग्रेस पार्टी की जमानत जब्त करवा डाली हालाकि वह खुद मात्र 1557 वोट से अकाली दल से हार गए। आजाद तौर पर इतनी ज्यादा वोट लेने के बाद कांग्रेस पार्टी को उन्हें मजबूरन पार्टी में वापस लेना पड़ा था जिसके बाद 2007 में उन्होंने जगराओं को छोड़ते हुए बाघापुराना से चुनाव लड़ा था। इस के बावजूद भी उन्होंने जगराओं में अपना दबदबा बनाए रखा। वह जगराओं में अपने हर किसी वर्कर के खुख दुख में आते रहे इसी का फायदा अब लोकसभा चुनावों में दर्शन सिंह बराड़ के बेटे कमलजीत सिंह बराड़ को मिला। बराड़ को करीब 42211 वोट लोकसभा चुनाव में पड़ी।
सड़कों पर पशु छोड़ने वालों पर होगा एक्शन
सड़कों पर पशु छोड़ने वालों पर होगा एक्शन जालंधर | जब पशु दूध देना बंद कर देते हैं तो इनके मालिक इन्हें सड़कों पर बेसहारा छोड़ देते हैं। ये जानवर सड़कों पर हादसों की वजह बन जाते हैं। शुक्रवार को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मेजर डॉ. अमित महाजन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 अधीन प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किए हैं कि जिला जालंधर (देहाती) की सीमा में कोई भी व्यक्ति अपने पशुओं को सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर नहीं छोड़ेगा। आदेश 8 नवंबर तक लागू रहेगा। जिक्रयोग है कि पहले भारतीय दंड संहिता के तहत धारा 143 के तहत कार्रवाई की जाती थी, लेकिन अब बदले कानून के अनुसार आदेश दिए गए हैं।