<p style=”text-align: justify;”><strong>Farmers Protest:</strong> लुधियाना में संयुक्त किसान मोर्चा की आपात बैठक बुलाई गई. बैठक में एसकेएम ने कई फैसले लिए. किसान नेता हरविंदर सिंह लाखोवाल ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 10 मार्च को आम आदमी पार्टी के विधायकों के घरों के बाहर धरना दिया जाएगा. किसानों ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को 15 मार्च को खुली बहस की चुनौती दी. उन्होंने बताया कि ओपन डिबेट में पांच किसान बैठेंगे और साबित करेंगे कि किसानों मांगें पंजाब सरकार से संबंधित हैं या नहीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>किसान नेताओं ने कहा कि 10 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक आम आदमी पार्टी के विधायकों के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन करेगा. 15 मार्च के बाद पंजाब सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई जाएगी. हरविंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि किसानों को न तो सड़कें रोकनी चाहिए थीं और न ही ट्रेनें. बूटा सिंह बुर्जगल ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान बीजेपी की बी टीम के रूप में काम कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> संयुक्त किसान मोर्चा की आपात बैठक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि किसानों की 18 सूत्री मांगें में ज्यादातर पंजाब से संबंधित थीं. आलू, गोभी, मूंग, बासमती का एमएसपी और वन टाइम सेटलमेंट स्कीम जैसी मांगों को मुख्यमंत्री ने सुना नहीं और किसान नेताओं को धक्का देते हुए हिरासत में ले लिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>15 मार्च के बाद बनाई जाएगी रणनीति</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बूटा सिंह बुर्जग ने कहा, “चंडीगढ़ कूच को नाकाम करने के लिए मोहाली बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दी गई. 3 मार्च को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बैठक में कहा था कि किसानों की अधिकांश मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं. हालांकि 18 सूत्री मांगें में ज्यादातर पंजाब से संबंधित थीं.” किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन की रूपरेखा 15 मार्च के बाद बनाई जाएगी. बैठक में सरकार के खिलाफ आर पार की लड़ाई का फैसला होगा. </p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/qKHCvVCMOxU?si=rg09A74p1Nba6SR8″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”अरविंद केजरीवाल के काफिले पर पंजाब AAP चीफ अमन अरोड़ा बोले, ‘सुरक्षा देने में क्या गलत है'” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/aap-aman-arora-reaction-on-punjab-govt-detained-farmers-leaders-and-arvind-kejriwal-security-convoy-2897850″ target=”_self”>अरविंद केजरीवाल के काफिले पर पंजाब AAP चीफ अमन अरोड़ा बोले, ‘सुरक्षा देने में क्या गलत है'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Farmers Protest:</strong> लुधियाना में संयुक्त किसान मोर्चा की आपात बैठक बुलाई गई. बैठक में एसकेएम ने कई फैसले लिए. किसान नेता हरविंदर सिंह लाखोवाल ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 10 मार्च को आम आदमी पार्टी के विधायकों के घरों के बाहर धरना दिया जाएगा. किसानों ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को 15 मार्च को खुली बहस की चुनौती दी. उन्होंने बताया कि ओपन डिबेट में पांच किसान बैठेंगे और साबित करेंगे कि किसानों मांगें पंजाब सरकार से संबंधित हैं या नहीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>किसान नेताओं ने कहा कि 10 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक आम आदमी पार्टी के विधायकों के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन करेगा. 15 मार्च के बाद पंजाब सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई जाएगी. हरविंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि किसानों को न तो सड़कें रोकनी चाहिए थीं और न ही ट्रेनें. बूटा सिंह बुर्जगल ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान बीजेपी की बी टीम के रूप में काम कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> संयुक्त किसान मोर्चा की आपात बैठक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि किसानों की 18 सूत्री मांगें में ज्यादातर पंजाब से संबंधित थीं. आलू, गोभी, मूंग, बासमती का एमएसपी और वन टाइम सेटलमेंट स्कीम जैसी मांगों को मुख्यमंत्री ने सुना नहीं और किसान नेताओं को धक्का देते हुए हिरासत में ले लिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>15 मार्च के बाद बनाई जाएगी रणनीति</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बूटा सिंह बुर्जग ने कहा, “चंडीगढ़ कूच को नाकाम करने के लिए मोहाली बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दी गई. 3 मार्च को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बैठक में कहा था कि किसानों की अधिकांश मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं. हालांकि 18 सूत्री मांगें में ज्यादातर पंजाब से संबंधित थीं.” किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन की रूपरेखा 15 मार्च के बाद बनाई जाएगी. बैठक में सरकार के खिलाफ आर पार की लड़ाई का फैसला होगा. </p>
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