पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के सेवानिवृत्त कर्मचारी को ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठने के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपी 1.12 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी में शामिल पाए गए। खुद को टाटा स्टील का कर्मचारी बता रहे आरोपियों ने फर्जी जमीन सौदा करके शहर के एक प्रॉपर्टी डीलर को ठगा। आरोपियों ने दावा किया कि वे टाटा स्टील की नई इकाई के लिए जमीन की तलाश कर रहे थे और उन्होंने पीड़ित जगदीश लाल को आकर्षक मुनाफे का वादा करके लालच दिया। आरोपियों की पहचान ओल्ड सिविल अस्पताल रोड निवासी सतिंदर सिंह, उनके भाई परमिंदर सिंह, पीएसपीसीएल के पूर्व जूनियर इंजीनियर दलेर सिंह निवासी गुलमोहर नगर अमलोह, बाबा जसवंत सिंह निवासी तंगराला अमलोह, अनिल सिंह सैनी, बिलाल अहमद और देहरादून, उत्तराखंड के आशुतोष गुप्ता और उत्तराखंड के ही राम सिंह थापा के रूप में हुई है। 2023 का है मामला बसंत एवेन्यू, दुगरी में रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर जगदीश लाल ने बताया कि 2023 में एक परिचित के जरिए अमलोह निवासी बाबा जसवंत सिंह ने उनसे संपर्क किया था। जसवंत सिंह ने टाटा स्टील के वरिष्ठ अधिकारियों से अपने संबंध होने का दावा किया और एक आकर्षक सौदे का प्रस्ताव रखा। बाद में उसने दलेर सिंह से परिचय कराया, जिसने आगे बताया कि टाटा स्टील लुधियाना-राजपुरा क्षेत्र में एक बड़ी इकाई स्थापित करना चाहता है और इस परियोजना के लिए काफी जमीन की जरूरत है। आरोपियों ने टाटा स्टील के लिए जमीन खरीदने में मदद करने पर जगदीश को भारी कमीशन देने का वादा किया और दावा किया कि सौदे का मुनाफा करोड़ों में होगा। इस संभावना से आकर्षित होकर जगदीश जमीन खरीदने में मदद करने के लिए तैयार हो गया और आरोपियों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा। जाली दस्तावेज और नकली मुहर बनवाई अपने दावों को विश्वसनीय बनाने के लिए आरोपियों ने टाटा स्टील के कथित तौर पर जाली दस्तावेज और नकली मुहर पेश कीं। उन्होंने जगदीश को उनकी प्रामाणिकता का दावा करते हुए मुहर लगे कागज भी सौंपे। समय के साथ, जगदीश ने उन्हें कई संपत्तियां दिखाईं और कुछ पर समझौते को अंतिम रूप दिया। आरोपियों ने उच्च मूल्य के दस्तावेज तैयार करने के लिए 8 लाख रुपए की मांग की। इसके बाद, उन्होंने अतिरिक्त खर्च के बहाने और पैसे ऐंठ लिए, आखिरकार जगदीश से 1.12 करोड़ रुपए ठग लिए। 3 दिसंबर 2023 को की थी पुलिस से शिकायत जगदीश ने बताया कि 2023 में तथाकथित डील के बाद आरोपी लगातार मामले को टालते रहे और पैसे लौटाने से कतराते रहे। पैसे लौटाने के लिए बार-बार कहने पर भी आरोपी ने पैसे लौटाने से मना कर दिया। 3 दिसंबर 2024 को जगदीश ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज कराई। कई सप्ताह की जांच के बाद दुगरी पुलिस ने 8 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले की जांच कर रहे एएसआई सुनील कुमार ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 506 और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। कुछ आरोपी पहले से ही आपराधिक मामले में संलिप्त होने के कारण जेल में बंद हैं, जबकि कुछ फरार हैं। हनीट्रैप मामले में हो चकी गिरफ्तारी पीएसपीसीएल के जेई दलेर सिंह, उनके सहयोगी ब्राउन रोड निवासी सतिंदर सिंह उर्फ सोनू, राम सिंह थापा और थापा की बेटी मिशेल थापा को डिवीजन नंबर 7 थाने की पुलिस ने 6 दिसंबर को लाइनमैन को हनी ट्रैप में फंसाने और उसका अश्लील वीडियो बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। बाद में आरोपी ने उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया और उससे 65.45 लाख रुपये नकद ऐंठ लिए। पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के सेवानिवृत्त कर्मचारी को ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठने के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपी 1.12 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी में शामिल पाए गए। खुद को टाटा स्टील का कर्मचारी बता रहे आरोपियों ने फर्जी जमीन सौदा करके शहर के एक प्रॉपर्टी डीलर को ठगा। आरोपियों ने दावा किया कि वे टाटा स्टील की नई इकाई के लिए जमीन की तलाश कर रहे थे और उन्होंने पीड़ित जगदीश लाल को आकर्षक मुनाफे का वादा करके लालच दिया। आरोपियों की पहचान ओल्ड सिविल अस्पताल रोड निवासी सतिंदर सिंह, उनके भाई परमिंदर सिंह, पीएसपीसीएल के पूर्व जूनियर इंजीनियर दलेर सिंह निवासी गुलमोहर नगर अमलोह, बाबा जसवंत सिंह निवासी तंगराला अमलोह, अनिल सिंह सैनी, बिलाल अहमद और देहरादून, उत्तराखंड के आशुतोष गुप्ता और उत्तराखंड के ही राम सिंह थापा के रूप में हुई है। 2023 का है मामला बसंत एवेन्यू, दुगरी में रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर जगदीश लाल ने बताया कि 2023 में एक परिचित के जरिए अमलोह निवासी बाबा जसवंत सिंह ने उनसे संपर्क किया था। जसवंत सिंह ने टाटा स्टील के वरिष्ठ अधिकारियों से अपने संबंध होने का दावा किया और एक आकर्षक सौदे का प्रस्ताव रखा। बाद में उसने दलेर सिंह से परिचय कराया, जिसने आगे बताया कि टाटा स्टील लुधियाना-राजपुरा क्षेत्र में एक बड़ी इकाई स्थापित करना चाहता है और इस परियोजना के लिए काफी जमीन की जरूरत है। आरोपियों ने टाटा स्टील के लिए जमीन खरीदने में मदद करने पर जगदीश को भारी कमीशन देने का वादा किया और दावा किया कि सौदे का मुनाफा करोड़ों में होगा। इस संभावना से आकर्षित होकर जगदीश जमीन खरीदने में मदद करने के लिए तैयार हो गया और आरोपियों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा। जाली दस्तावेज और नकली मुहर बनवाई अपने दावों को विश्वसनीय बनाने के लिए आरोपियों ने टाटा स्टील के कथित तौर पर जाली दस्तावेज और नकली मुहर पेश कीं। उन्होंने जगदीश को उनकी प्रामाणिकता का दावा करते हुए मुहर लगे कागज भी सौंपे। समय के साथ, जगदीश ने उन्हें कई संपत्तियां दिखाईं और कुछ पर समझौते को अंतिम रूप दिया। आरोपियों ने उच्च मूल्य के दस्तावेज तैयार करने के लिए 8 लाख रुपए की मांग की। इसके बाद, उन्होंने अतिरिक्त खर्च के बहाने और पैसे ऐंठ लिए, आखिरकार जगदीश से 1.12 करोड़ रुपए ठग लिए। 3 दिसंबर 2023 को की थी पुलिस से शिकायत जगदीश ने बताया कि 2023 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