लुधियाना स्थित एक दवा कंपनी को कथित तौर पर अपने ही कर्मचारियों द्वारा किए गए आंतरिक घोटाले के कारण 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। जांच के बाद मामला प्रकाश में आया, जिसके बाद कंपनी के स्टोर कीपर सहित सात आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। कंपनी प्रबंधक राकेश बहल द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, धोखाधड़ी को मौजूदा 6 कर्मचारियों ने पूर्व मेडिकल प्रतिनिधि हरप्रीत सिंह के साथ मिलकर कई वर्षों तक अंजाम दिया, जिन्होंने तीन साल पहले कंपनी छोड़ दी थी। आरोपियों ने कथित तौर पर स्टोर कीपर राजीव कुमार के साथ मिलकर कंपनी के प्रोटोकॉल और रिकॉर्ड को दरकिनार करते हुए बाजार में अवैध रूप से दवाएं बेचीं। 7 साल से कंपनी के साथ थे आरोपी जुड़े अन्य आरोपियों की पहचान गोपाल नगर के अश्वनी कुमार (एरिया सेल्समैन), चरण नगर के दीपक कुमार, भाई हिम्मत सिंह नगर की डिंपल कालड़ा, इस्लामगंज के जसपाल सिंह (बिजनेस एग्जीक्यूटिव) और सुखदेव एन्क्लेव के अजय शर्मा (सेल्स एग्जीक्यूटिव) के रूप में हुई है। सभी पिछले सात वर्षों से कंपनी से जुड़े हुए थे। बहल ने कहा कि कंपनी की इन्वेंट्री में विसंगतियों और संदिग्ध बिक्री रुझानों के कारण जांच शुरू हुई। दवाइयों का स्टॉक बाजार में बेचा जांच के दौरान प्रबंधन को पता चला कि कर्मचारी हरप्रीत सिंह की मदद से दवाइयों का स्टॉक बाजार में बेच रहे थे, जिससे अवैध मुनाफा कमाया जा रहा था। आरोपियों के मोबाइल फोन की जांच से उनकी संलिप्तता के महत्वपूर्ण सबूत मिले। 20 मार्च को दर्ज करवाई शिकायत बहल ने 20 मार्च को पुलिस में औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मोती नगर पुलिस ने सभी सात आरोपियों के खिलाफ धारा 408 (क्लर्क या नौकर द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना), 120-बी (आपराधिक साजिश) आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया। जांच अधिकारी अनिल कुमार ने पुष्टि की कि आरोपियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि “हम ठोस सुरागों पर काम कर रहे हैं और जल्द ही गिरफ्तारियां करने की उम्मीद है। लुधियाना स्थित एक दवा कंपनी को कथित तौर पर अपने ही कर्मचारियों द्वारा किए गए आंतरिक घोटाले के कारण 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। जांच के बाद मामला प्रकाश में आया, जिसके बाद कंपनी के स्टोर कीपर सहित सात आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। कंपनी प्रबंधक राकेश बहल द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, धोखाधड़ी को मौजूदा 6 कर्मचारियों ने पूर्व मेडिकल प्रतिनिधि हरप्रीत सिंह के साथ मिलकर कई वर्षों तक अंजाम दिया, जिन्होंने तीन साल पहले कंपनी छोड़ दी थी। आरोपियों ने कथित तौर पर स्टोर कीपर राजीव कुमार के साथ मिलकर कंपनी के प्रोटोकॉल और रिकॉर्ड को दरकिनार करते हुए बाजार में अवैध रूप से दवाएं बेचीं। 7 साल से कंपनी के साथ थे आरोपी जुड़े अन्य आरोपियों की पहचान गोपाल नगर के अश्वनी कुमार (एरिया सेल्समैन), चरण नगर के दीपक कुमार, भाई हिम्मत सिंह नगर की डिंपल कालड़ा, इस्लामगंज के जसपाल सिंह (बिजनेस एग्जीक्यूटिव) और सुखदेव एन्क्लेव के अजय शर्मा (सेल्स एग्जीक्यूटिव) के रूप में हुई है। सभी पिछले सात वर्षों से कंपनी से जुड़े हुए थे। बहल ने कहा कि कंपनी की इन्वेंट्री में विसंगतियों और संदिग्ध बिक्री रुझानों के कारण जांच शुरू हुई। दवाइयों का स्टॉक बाजार में बेचा जांच के दौरान प्रबंधन को पता चला कि कर्मचारी हरप्रीत सिंह की मदद से दवाइयों का स्टॉक बाजार में बेच रहे थे, जिससे अवैध मुनाफा कमाया जा रहा था। आरोपियों के मोबाइल फोन की जांच से उनकी संलिप्तता के महत्वपूर्ण सबूत मिले। 20 मार्च को दर्ज करवाई शिकायत बहल ने 20 मार्च को पुलिस में औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के बाद मोती नगर पुलिस ने सभी सात आरोपियों के खिलाफ धारा 408 (क्लर्क या नौकर द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना), 120-बी (आपराधिक साजिश) आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया। जांच अधिकारी अनिल कुमार ने पुष्टि की कि आरोपियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि “हम ठोस सुरागों पर काम कर रहे हैं और जल्द ही गिरफ्तारियां करने की उम्मीद है। पंजाब | दैनिक भास्कर
