लुधियाना पुलिस कमिश्नरेट की सदर पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर और तकनीकी सहायता प्रदाता बनकर अमेरिकी नागरिकों को ठग रहे थे। आरोपी पीड़ितों को यह विश्वास दिलाते थे कि उनके कंप्यूटर या लैपटॉप हैक होने का खतरा बना है। इस कारण संभावित रूप से उनके पैसे का नुकसान हो सकता है। बदमाश पीड़ितों को अपने बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने और डर पैदा करते थे। वह उन्हें पैसे वापस लौटाने का झूठा भरोसा देते थे। चार लैपटॉप, 24 सीपीयू और 6 हेडफोन जब्त पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनमें मॉडल हाउस के रतिंदर सिंह उर्फ रिंकू, न्यू हरगोबिंद नगर के सुखप्रीत सिंह, जनकपुरी के सुमंत महाजन, दुर्गापुरी के मयंक जोशी, प्रताप सिंह वाला के आदित्य चौहान, लोहारा रोड के इशांत सिंह राणा, न्यू जनता नगर के दिलप्रीत सिंह, गुरु अर्जुन देव नगर के संदीप कुमार और हंब्रान रोड स्थित गोल्फ लिंक अपार्टमेंट के समीर बेरी शामिल हैं। पुलिस ने उनके कब्जे से चार लैपटॉप, 24 सीपीयू और 6 हेडफोन जब्त किए हैं। रतिंदर सिंह उर्फ रिंकू है ऑपरेशन का सरगना पुलिस के अनुसार रतिंदर सिंह उर्फ रिंकू इस ऑपरेशन का सरगना है। सदर पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंस्पेक्टर हर्षवीर सिंह ने बताया कि आरोपी धांदरा रोड पर शहीद भगत सिंह नगर में “सक्सेस सॉल्यूशंस केयर” नाम से कॉल सेंटर चला रहे थे। आरोपी ग्राहकों से अंग्रेजी में बात करते थे। अधिकतर ये ठग अमेरिकी नागरिकों को कॉल करते थे और तकनीकी सहायता कर्मी बनकर उन्हें चेतावनी देते थे कि उनके सिस्टम को हैक किए जाने का खतरा है। फिर वे पीड़ितों को डॉलर में अपने बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए राजी करते थे। इस आश्वासन के साथ कि खतरा खत्म होने के बाद पैसे वापस कर दिए जाएंगे। पुलिस ने सूचना मिलने के बाद कॉल सेंटर पर छापा मारा और संदिग्ध लोगों को सफलतापूर्वक पकड़ लिया। यूएसए में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है आरोपी की बहन इंस्पेक्टर ने कहा कि रतिंदर सिंह इस घोटाले के पीछे का मास्टरमाइंड था। रतिंदर की बहन ने उसे ठगी इस तरह से करने का आइडिया दिया। जो यूएसए में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करती है और अमेरिकी नागरिकों को वैध ऑनलाइन सहायता प्रदान करती है। इस ज्ञान का उपयोग करके, रतिंदर ने एक साजिश रची और फर्जी कॉल सेंटर शुरू किया। 2015 से चला रहा फर्जी कॉल सेंटर SHO ने कहा की जांच में यह भी पता चला कि आरोपी 2015 से विभिन्न स्थानों पर कॉल सेंटर चला रहे हैं। उन्होंने हाल ही में वर्तमान स्थान पर अपना कार्यालय खोला था। जांच के दौरान, यह पता चला कि रतिंदर ने यूएसए में एक स्थानीय विक्रेता से अमेरिकी नागरिकों के लिए संपर्क जानकारी प्राप्त की, जिससे उनकी धोखाधड़ी की गतिविधियों में और मदद मिली। आरोपियों से पूछताछ के बाद कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है। लुधियाना पुलिस कमिश्नरेट की सदर पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर और तकनीकी सहायता प्रदाता बनकर अमेरिकी नागरिकों को ठग रहे थे। आरोपी पीड़ितों को यह विश्वास दिलाते थे कि उनके कंप्यूटर या लैपटॉप हैक होने का खतरा बना है। इस कारण संभावित रूप से उनके पैसे का नुकसान हो सकता है। बदमाश पीड़ितों को अपने बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने और डर पैदा करते थे। वह उन्हें पैसे वापस लौटाने का झूठा भरोसा देते थे। चार लैपटॉप, 24 सीपीयू और 6 हेडफोन जब्त पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनमें मॉडल हाउस के रतिंदर सिंह उर्फ रिंकू, न्यू हरगोबिंद नगर के सुखप्रीत सिंह, जनकपुरी के सुमंत महाजन, दुर्गापुरी के मयंक जोशी, प्रताप सिंह वाला के आदित्य चौहान, लोहारा रोड के इशांत सिंह राणा, न्यू जनता नगर के दिलप्रीत सिंह, गुरु अर्जुन देव नगर के संदीप कुमार और हंब्रान रोड स्थित गोल्फ लिंक अपार्टमेंट के समीर बेरी शामिल हैं। पुलिस ने उनके कब्जे से चार लैपटॉप, 24 सीपीयू और 6 हेडफोन जब्त किए हैं। रतिंदर सिंह उर्फ रिंकू है ऑपरेशन का सरगना पुलिस के अनुसार रतिंदर सिंह उर्फ रिंकू इस ऑपरेशन का सरगना है। सदर पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंस्पेक्टर हर्षवीर सिंह ने बताया कि आरोपी धांदरा रोड पर शहीद भगत सिंह नगर में “सक्सेस सॉल्यूशंस केयर” नाम से कॉल सेंटर चला रहे थे। आरोपी ग्राहकों से अंग्रेजी में बात करते थे। अधिकतर ये ठग अमेरिकी नागरिकों को कॉल करते थे और तकनीकी सहायता कर्मी बनकर उन्हें चेतावनी देते थे कि उनके सिस्टम को हैक किए जाने का खतरा है। फिर वे पीड़ितों को डॉलर में अपने बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए राजी करते थे। इस आश्वासन के साथ कि खतरा खत्म होने के बाद पैसे वापस कर दिए जाएंगे। पुलिस ने सूचना मिलने के बाद कॉल सेंटर पर छापा मारा और संदिग्ध लोगों को सफलतापूर्वक पकड़ लिया। यूएसए में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है आरोपी की बहन इंस्पेक्टर ने कहा कि रतिंदर सिंह इस घोटाले के पीछे का मास्टरमाइंड था। रतिंदर की बहन ने उसे ठगी इस तरह से करने का आइडिया दिया। जो यूएसए में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करती है और अमेरिकी नागरिकों को वैध ऑनलाइन सहायता प्रदान करती है। इस ज्ञान का उपयोग करके, रतिंदर ने एक साजिश रची और फर्जी कॉल सेंटर शुरू किया। 2015 से चला रहा फर्जी कॉल सेंटर SHO ने कहा की जांच में यह भी पता चला कि आरोपी 2015 से विभिन्न स्थानों पर कॉल सेंटर चला रहे हैं। उन्होंने हाल ही में वर्तमान स्थान पर अपना कार्यालय खोला था। जांच के दौरान, यह पता चला कि रतिंदर ने यूएसए में एक स्थानीय विक्रेता से अमेरिकी नागरिकों के लिए संपर्क जानकारी प्राप्त की, जिससे उनकी धोखाधड़ी की गतिविधियों में और मदद मिली। आरोपियों से पूछताछ के बाद कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है। पंजाब | दैनिक भास्कर
